वाराणसी में 5 कत्ल करने वाला भतीजा अरेस्ट:28 साल बाद बदला, भिखारी-साधु के भेष में छिपता रहा; आरोपी का कबूलनामा

वाराणसी में 5 कत्ल करने वाला भतीजा अरेस्ट:28 साल बाद बदला, भिखारी-साधु के भेष में छिपता रहा; आरोपी का कबूलनामा

वाराणसी में शराब कारोबारी चाचा-चाची, 2 भाई और बहन का हत्यारा अरेस्ट हो गया है। भतीजा विशाल गुप्ता उर्फ विक्की 3 महीने से फरार था। पुलिस यूपी समेत 5 राज्यों में दबिश दे रही थी। गुरुवार को उसे बीएचयू के पास से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कई खुलासे किए। उसने बताया कि 28 साल पहले चाचा राजेंद्र ने माता-पिता को सोते हुए मार डाला था। बचपन में ही हम बदला लेने की सोचते थे, मगर तब कमजोर थे। 2022 में चाचा ने बुरी तरह से पीटा था। कई दिन कमरे में बंद रखा। तभी से हत्या की प्लानिंग शुरू की। वारदात के बाद विक्की कभी भिखारी तो कभी साधु के भेष में अलग-अलग शहरों में रहा। पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम रखा था।पढ़िए आरोपी का पूरा कबूलनामा… पहले एक नजर में पूरी घटना भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता का 5 मंजिला मकान है। इसी घर में 5 नवंबर की दोपहर राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान में बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली थी। उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं। .32 बोर की पिस्टल से पांचों की हत्या
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखे के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि पांचों हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच की। सामने आया कि राजेंद्र अपने पिता, छोटे भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी और चौकीदार की हत्या में जेल गया था। पुलिस का शक कृष्ण गुप्ता के बेटे विशाल उर्फ विक्की और प्रशांत गुप्ता पर गया। विक्की फरार था। जबकि प्रशांत वाराणसी में ही था। पुलिस ने विक्की की कॉल डिटेल खंगाली। जिसमें विक्की और उसके बहनोई के बीच लगातार बातचीत के सबूत मिले। पुलिस ने विक्की के बहनोई को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने कई राज उगले। आखिरी बार हुई बातचीत में विक्की ने अपने जीजा से कहा था कि दिवाली में चाचा के परिवार को मार डालूंगा। कैसे पकड़ा गया विक्की?
विक्की 3 महीने से फरार चल रहा था। लगातार बाहर रहने के चलते उसके पास पैसे खत्म हो गए थे। पुलिस की सर्विलांस टीम भी उनके पीछे लगी थी, इसलिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे थे। विक्की और प्रशांत की फर्जी गूगल आईडी से बात होती थी। प्रशांत ने विक्की से कहा था कि तुम एक बार काशी आ जाओ। मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा। पुलिस की नजर प्रशांत पर भी बनी हुई थी, इसलिए वह काशी के बाहर नहीं जा सकता था। 6 फरवरी को विक्की वाराणसी पहुंचा। BHU के पास में ही प्रशांत को मिलने बुलाया। पुलिस पहले से प्रशांत पर नजर बनाए हुए थी। यहीं पर पुलिस ने दोनों भाइयों को एक साथ पकड़ लिया। पूछताछ में सामने आया कि विक्की वाराणसी तक वाया दिल्ली होकर आया। वह 20 दिन से वहां पर रह रहा था। पुलिस को विक्की के पास से 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिले। 26,000 रुपए नकद, एक एयरटेल पोर्टेबल वाई-फाई (डोंगल) बरामद हुआ है। अब पढ़िए विक्की का कबूलनामा… पुलिस कस्टडी में दोनों भाई विक्की और प्रशांत गुप्ता से बंद कमरे में पूछताछ हुई। उन्होंने बताया कि राजेंद्र हम लोगों से नफरत करते थे। छोटी-छोटी बातों पर मारते-पीटते थे। नौकरों जैसा व्यवहार करते थे। फिर बीटेक करने के लिए विक्की उर्फ विशाल बेंगलुरु चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद वहीं पर उसकी जॉब भी लग गई। इस दौरान वह बराबर प्रशांत के संपर्क में रहा। एक वक्त ऐसा भी था, जब दोनों सामान्य जिंदगी जीने लगे। मगर इस कहानी में यू-टर्न 2022 में आया। जब विक्की अपने घर आया था। प्रॉपर्टी विवाद को लेकर राजेंद्र ने विशाल को बेरहमी से पीटा था। कई दिन घर में बंद रखा था। यही वो वक्त था, जब विशाल और प्रशांत ने मिलकर तय किया कि राजेंद्र को रास्ते से हटाना ही होगा। इसके बाद विक्की बेंगलुरु वापस चला गया। मगर वह राजेंद्र के मर्डर की प्लानिंग करने लगा। बिहार से खरीदी 2 पिस्टल, दिल्ली से फर्जी सिम
विक्की जहां जॉब करता था, वही पर एक कैंटीन में खाना खाता था। कैंटीन के एक कर्मचारी से एक दिन उसने पूछा कि असलहा कहां मिलेगा? तब उसको बिहार के एक शख्स का मोबाइल नंबर मिला। बात करने के बाद दिसंबर, 2022 को विक्की बिहार गया। वहां से उसने 2 देसी पिस्टल खरीदी। बिहार से वाराणसी आया, यहां अपने कमरे में उसने दोनों पिस्टल छिपा दीं। इसके बारे में प्रशांत को बता दिया था। फिर वह दिल्ली में अपनी बहन के पास चला गया। वहां कुछ दिन रहने के बाद वह बेंगलुरु में अपनी जॉब पर लौट गया। इसके बाद मई, 2024 को वह दोबारा दिल्ली गया। बहन के घर पर ही ठहरा। यहां मार्केट से फर्जी ID पर 2 से 3 सिम इश्यू करवा लिए। ताकि मर्डर के बाद पुलिस उसको पकड़ न सके। 25 अक्टूबर को वाराणसी आया, 4 नवंबर की रात हत्या की
इसके बाद तय हुआ कि दीवाली पर सगे चाचा राजेंद्र गुप्ता को मार डालेंगे। प्लानिंग के तहत 25 अक्टूबर को विक्की वाराणसी आ गया। वह परिवार के लोगों से मिला भी। दादी से बातों ही बातों में कहा कि चाचा को मार डालेंगे। यहां वह परिवार के लोगों की लोकेशन और सोने की जगह को भी देखता रहा। वह उसी मकान में रहता रहा। इसके बाद 4 नवंबर की रात को वह सबसे पहले रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में पहुंचा। यहां चाचा राजेंद्र अपना मकान बनवा रहे थे। वही पर सोते भी थे। यहां उसने राजेंद्र को 2 गोली मारी। एक सिर और दूसरी सीने पर लगी। इसके बाद तो जैसे उसके सिर पर खून सवार हो गया। वह भदैनी इलाके के अपने पुस्तैनी मकान में पहुंचा। यहां राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) अपने कमरे में सो रहे थे। उन्हें भी सोते हुए ही उसने गोली मार दी। इसके बाद वह भाग निकला। पटना, कोलकाता, मुंबई में छिपा
वारदात के बाद मोबाइल ऑफ कर लिया। वारदात के बाद वह सबसे पहले पटना गया और वहां से झारखंड होते हुए कोलकाता पहुंच गया। सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए जब उसे पुलिस टीम के मूवमेंट की खबर पता चली, तो वह मुंबई रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। स्टेशन के आसपास कई दिन घूम कर बताएं और रात में स्टेशन के फुटपाथ को ठिकाना बनाया। फर्जी गूगल ID से चैट करते थे दोनों भाई
पुलिस को गुमराह करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे। भाई प्रशांत से विक्की इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क में रहता था। विक्की ने एक फर्जी गूगल आईडी बनाई थी। जिस पर वीपी गुप्ता के नाम से इंस्टाग्राम आईडी बना रखी थी। दोनों चैटिंग करते रहते थे। प्रशांत को पुलिस ने जब अपनी हिरासत में रखा। ये बात भी विक्की को मालूम थी। वह नेट पर वाराणसी के अखबार भी देखता रहता था कि पुलिस का मूवमेंट क्या है? CCTV से बचता रहा, होटल बदलता रहा
प्रशांत की मदद से वह बचता रहा। 3 महीने पुलिस को गुमराह करता रहा। मर्डर के बाद भागने से पहले विक्की ठीक-ठाक रकम लेकर गया था। इसलिए वह छोटे-छोटे होटल्स और लॉन्ज में रहता रहा। कोशिश करता कि CCTV में उसका चेहरा न आ पाए। ताकि पुलिस ट्रेसिंग से बच सके। दादी का खुलासा, राजेंद्र अपने भतीजे विक्की को धमकाता था
पुलिस पूछताछ में राजेंद्र की 80 साल की मां ने खुलासा किया था कि राजेंद्र और विक्की के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। दिवाली पर विक्की घर आया था। 31 अक्टूबर की रात वह हमारे बेटे को मार देना चाहता था। मगर हमने हाथ जोड़े, उसको रोक लिया। वह अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेना चाहता था। राजेंद्र उससे नाराज रहते थे। यहां तक कह देते थे कि तुम्हारे मां-बाप को मार दिया है, तुमको भी मार देंगे। ये हमको भी समझ नहीं आया फिर भाई दूज पर आया, मिठाई-चना खाया। घर के सब बच्चों को खिलाया। उस वक्त कोई बात नहीं थी, सब प्रेम से थे। राजेंद्र ने ही विक्की और जुगनू को पढ़ाया-लिखाया। यहीं भगवानपुर में ही तो पढ़ता था। विक्की बड़ा है, जुगनू छोटा। —————————- ये भी पढ़ें: शादी-रेप केस में फंसाने वाली महिला वकील पर FIR:बड़े अधिकारियों को प्यार में फंसाती; धमकी देकर पैसे वसूलती, रजिस्ट्रेशन रद्द लखनऊ में पुलिस ने महिला वकील के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया है। महिला अन्य वकीलों के साथ मिलकर गैंग चलाती है। गैंग का सरगना इलाहाबाद कोर्ट में तैनात एक वकील है। महिला एडवोकेट उच्च अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाकर पैसे ऐंठती है…(पढ़ें पूरी खबर) वाराणसी में शराब कारोबारी चाचा-चाची, 2 भाई और बहन का हत्यारा अरेस्ट हो गया है। भतीजा विशाल गुप्ता उर्फ विक्की 3 महीने से फरार था। पुलिस यूपी समेत 5 राज्यों में दबिश दे रही थी। गुरुवार को उसे बीएचयू के पास से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कई खुलासे किए। उसने बताया कि 28 साल पहले चाचा राजेंद्र ने माता-पिता को सोते हुए मार डाला था। बचपन में ही हम बदला लेने की सोचते थे, मगर तब कमजोर थे। 2022 में चाचा ने बुरी तरह से पीटा था। कई दिन कमरे में बंद रखा। तभी से हत्या की प्लानिंग शुरू की। वारदात के बाद विक्की कभी भिखारी तो कभी साधु के भेष में अलग-अलग शहरों में रहा। पुलिस ने उस पर 1 लाख का इनाम रखा था।पढ़िए आरोपी का पूरा कबूलनामा… पहले एक नजर में पूरी घटना भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता का 5 मंजिला मकान है। इसी घर में 5 नवंबर की दोपहर राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान में बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली थी। उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं। .32 बोर की पिस्टल से पांचों की हत्या
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखे के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि पांचों हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच की। सामने आया कि राजेंद्र अपने पिता, छोटे भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी और चौकीदार की हत्या में जेल गया था। पुलिस का शक कृष्ण गुप्ता के बेटे विशाल उर्फ विक्की और प्रशांत गुप्ता पर गया। विक्की फरार था। जबकि प्रशांत वाराणसी में ही था। पुलिस ने विक्की की कॉल डिटेल खंगाली। जिसमें विक्की और उसके बहनोई के बीच लगातार बातचीत के सबूत मिले। पुलिस ने विक्की के बहनोई को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने कई राज उगले। आखिरी बार हुई बातचीत में विक्की ने अपने जीजा से कहा था कि दिवाली में चाचा के परिवार को मार डालूंगा। कैसे पकड़ा गया विक्की?
विक्की 3 महीने से फरार चल रहा था। लगातार बाहर रहने के चलते उसके पास पैसे खत्म हो गए थे। पुलिस की सर्विलांस टीम भी उनके पीछे लगी थी, इसलिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर रहे थे। विक्की और प्रशांत की फर्जी गूगल आईडी से बात होती थी। प्रशांत ने विक्की से कहा था कि तुम एक बार काशी आ जाओ। मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा। पुलिस की नजर प्रशांत पर भी बनी हुई थी, इसलिए वह काशी के बाहर नहीं जा सकता था। 6 फरवरी को विक्की वाराणसी पहुंचा। BHU के पास में ही प्रशांत को मिलने बुलाया। पुलिस पहले से प्रशांत पर नजर बनाए हुए थी। यहीं पर पुलिस ने दोनों भाइयों को एक साथ पकड़ लिया। पूछताछ में सामने आया कि विक्की वाराणसी तक वाया दिल्ली होकर आया। वह 20 दिन से वहां पर रह रहा था। पुलिस को विक्की के पास से 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिले। 26,000 रुपए नकद, एक एयरटेल पोर्टेबल वाई-फाई (डोंगल) बरामद हुआ है। अब पढ़िए विक्की का कबूलनामा… पुलिस कस्टडी में दोनों भाई विक्की और प्रशांत गुप्ता से बंद कमरे में पूछताछ हुई। उन्होंने बताया कि राजेंद्र हम लोगों से नफरत करते थे। छोटी-छोटी बातों पर मारते-पीटते थे। नौकरों जैसा व्यवहार करते थे। फिर बीटेक करने के लिए विक्की उर्फ विशाल बेंगलुरु चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद वहीं पर उसकी जॉब भी लग गई। इस दौरान वह बराबर प्रशांत के संपर्क में रहा। एक वक्त ऐसा भी था, जब दोनों सामान्य जिंदगी जीने लगे। मगर इस कहानी में यू-टर्न 2022 में आया। जब विक्की अपने घर आया था। प्रॉपर्टी विवाद को लेकर राजेंद्र ने विशाल को बेरहमी से पीटा था। कई दिन घर में बंद रखा था। यही वो वक्त था, जब विशाल और प्रशांत ने मिलकर तय किया कि राजेंद्र को रास्ते से हटाना ही होगा। इसके बाद विक्की बेंगलुरु वापस चला गया। मगर वह राजेंद्र के मर्डर की प्लानिंग करने लगा। बिहार से खरीदी 2 पिस्टल, दिल्ली से फर्जी सिम
विक्की जहां जॉब करता था, वही पर एक कैंटीन में खाना खाता था। कैंटीन के एक कर्मचारी से एक दिन उसने पूछा कि असलहा कहां मिलेगा? तब उसको बिहार के एक शख्स का मोबाइल नंबर मिला। बात करने के बाद दिसंबर, 2022 को विक्की बिहार गया। वहां से उसने 2 देसी पिस्टल खरीदी। बिहार से वाराणसी आया, यहां अपने कमरे में उसने दोनों पिस्टल छिपा दीं। इसके बारे में प्रशांत को बता दिया था। फिर वह दिल्ली में अपनी बहन के पास चला गया। वहां कुछ दिन रहने के बाद वह बेंगलुरु में अपनी जॉब पर लौट गया। इसके बाद मई, 2024 को वह दोबारा दिल्ली गया। बहन के घर पर ही ठहरा। यहां मार्केट से फर्जी ID पर 2 से 3 सिम इश्यू करवा लिए। ताकि मर्डर के बाद पुलिस उसको पकड़ न सके। 25 अक्टूबर को वाराणसी आया, 4 नवंबर की रात हत्या की
इसके बाद तय हुआ कि दीवाली पर सगे चाचा राजेंद्र गुप्ता को मार डालेंगे। प्लानिंग के तहत 25 अक्टूबर को विक्की वाराणसी आ गया। वह परिवार के लोगों से मिला भी। दादी से बातों ही बातों में कहा कि चाचा को मार डालेंगे। यहां वह परिवार के लोगों की लोकेशन और सोने की जगह को भी देखता रहा। वह उसी मकान में रहता रहा। इसके बाद 4 नवंबर की रात को वह सबसे पहले रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में पहुंचा। यहां चाचा राजेंद्र अपना मकान बनवा रहे थे। वही पर सोते भी थे। यहां उसने राजेंद्र को 2 गोली मारी। एक सिर और दूसरी सीने पर लगी। इसके बाद तो जैसे उसके सिर पर खून सवार हो गया। वह भदैनी इलाके के अपने पुस्तैनी मकान में पहुंचा। यहां राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) अपने कमरे में सो रहे थे। उन्हें भी सोते हुए ही उसने गोली मार दी। इसके बाद वह भाग निकला। पटना, कोलकाता, मुंबई में छिपा
वारदात के बाद मोबाइल ऑफ कर लिया। वारदात के बाद वह सबसे पहले पटना गया और वहां से झारखंड होते हुए कोलकाता पहुंच गया। सोशल मीडिया और अखबारों के जरिए जब उसे पुलिस टीम के मूवमेंट की खबर पता चली, तो वह मुंबई रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। स्टेशन के आसपास कई दिन घूम कर बताएं और रात में स्टेशन के फुटपाथ को ठिकाना बनाया। फर्जी गूगल ID से चैट करते थे दोनों भाई
पुलिस को गुमराह करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे। भाई प्रशांत से विक्की इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क में रहता था। विक्की ने एक फर्जी गूगल आईडी बनाई थी। जिस पर वीपी गुप्ता के नाम से इंस्टाग्राम आईडी बना रखी थी। दोनों चैटिंग करते रहते थे। प्रशांत को पुलिस ने जब अपनी हिरासत में रखा। ये बात भी विक्की को मालूम थी। वह नेट पर वाराणसी के अखबार भी देखता रहता था कि पुलिस का मूवमेंट क्या है? CCTV से बचता रहा, होटल बदलता रहा
प्रशांत की मदद से वह बचता रहा। 3 महीने पुलिस को गुमराह करता रहा। मर्डर के बाद भागने से पहले विक्की ठीक-ठाक रकम लेकर गया था। इसलिए वह छोटे-छोटे होटल्स और लॉन्ज में रहता रहा। कोशिश करता कि CCTV में उसका चेहरा न आ पाए। ताकि पुलिस ट्रेसिंग से बच सके। दादी का खुलासा, राजेंद्र अपने भतीजे विक्की को धमकाता था
पुलिस पूछताछ में राजेंद्र की 80 साल की मां ने खुलासा किया था कि राजेंद्र और विक्की के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। दिवाली पर विक्की घर आया था। 31 अक्टूबर की रात वह हमारे बेटे को मार देना चाहता था। मगर हमने हाथ जोड़े, उसको रोक लिया। वह अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेना चाहता था। राजेंद्र उससे नाराज रहते थे। यहां तक कह देते थे कि तुम्हारे मां-बाप को मार दिया है, तुमको भी मार देंगे। ये हमको भी समझ नहीं आया फिर भाई दूज पर आया, मिठाई-चना खाया। घर के सब बच्चों को खिलाया। उस वक्त कोई बात नहीं थी, सब प्रेम से थे। राजेंद्र ने ही विक्की और जुगनू को पढ़ाया-लिखाया। यहीं भगवानपुर में ही तो पढ़ता था। विक्की बड़ा है, जुगनू छोटा। —————————- ये भी पढ़ें: शादी-रेप केस में फंसाने वाली महिला वकील पर FIR:बड़े अधिकारियों को प्यार में फंसाती; धमकी देकर पैसे वसूलती, रजिस्ट्रेशन रद्द लखनऊ में पुलिस ने महिला वकील के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया है। महिला अन्य वकीलों के साथ मिलकर गैंग चलाती है। गैंग का सरगना इलाहाबाद कोर्ट में तैनात एक वकील है। महिला एडवोकेट उच्च अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाकर पैसे ऐंठती है…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर