वाराणसी से मुंबई जा रही फ्लाइट में यात्री की मौत:सीट से गिरे और चंद मिनट में दम तोड़ा, भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग

वाराणसी से मुंबई जा रही फ्लाइट में यात्री की मौत:सीट से गिरे और चंद मिनट में दम तोड़ा, भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग

वाराणसी से मुंबई जा रही अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट में यात्री की तबीयत बिगड़ गई। सीट से गिर पड़े और बेहोश हो गए। इसके बाद भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। आनन-फानन में यात्री को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया- मृतक की पहचान वाराणसी के दशरथ गिरि (82) के रूप में हुई है। उनका परिवार मुंबई में रहता है। वह इलाज के लिए मुंबई जा रहे थे। आशंका है कि उनको हार्ट अटैक आया था। सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी फ्लाइट
आकासा एयरलाइंस के अनुसार, अकासा एयरलाइंस के विमान (QC 1492) वाराणसी से मुंबई के लिए सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी थी। शेड्यूल के हिसाब से दोपहर 12.50 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करना था, लेकिन विमान में सवार यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द हुआ, कुर्सी से गिरे
यात्री के सीने में दर्द हुआ। इसके बाद वह अपनी कुर्सी से गिर पड़े। उनकी हालत देखकर फ्लाइट में हड़कंप मच गया। विमान के क्रू स्टाफ ने ATC से संपर्क किया। स्थिति के बारे में बताया और भोपाल एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराने की अनुमति मांगी। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि इमरजेंसी को देखते हुए तत्काल विमान को भोपाल में लैंडिंग की अनुमति दी गई। फ्लाइट में कुल 183 पैसेंजर्स मौजूद थे। 11:30 बजे भोपाल में हुई इमरजेंसी लैंडिंग
​​​​​भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की 11:30 बजे इमरजेंसी लैंडिंग हुई। मरीज को हमीदिया अस्पताल भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने यात्री को मृत घोषित कर दिया। इस घटना पर आकासा एयरलाइंस ने बयान जारी किया। कहा- विमान में मेडिकल इमरजेंसी के चलते फ्लाइट को डायवर्ट कर भोपाल में लैंडिंग कराई गई। विमान में मौजूद क्रू मेंबर्स और एक डॉक्टर ने यात्री को बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत हो गई। अन्य यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए व्यवस्था की जा रही है। ये भी पढ़ें.. घाघरा में समा रहे घर, बांध पर कट रही जिंदगी:सीतापुर-बाराबंकी में 34 साल में 12 गांव मिट गए, 10 हजार की आबादी संकट में सीतापुर-बाराबंकी बॉर्डर पर अखरी, अमरौरा, अटौरा गांव हैं। ये सभी घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। हर साल नदी का पानी बढ़ता है, कटान तेज होती है और घर नदी में हमेशा के लिए समा जाते हैं। 34 साल में नदी में 12 से अधिक गांव समा गए हैं। नदी गांवों से 4 किलोमीटर दूर थी, लेकिन अब गांव के करीब से बह रही है। पढ़ें पूरी खबर वाराणसी से मुंबई जा रही अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट में यात्री की तबीयत बिगड़ गई। सीट से गिर पड़े और बेहोश हो गए। इसके बाद भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। आनन-फानन में यात्री को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया- मृतक की पहचान वाराणसी के दशरथ गिरि (82) के रूप में हुई है। उनका परिवार मुंबई में रहता है। वह इलाज के लिए मुंबई जा रहे थे। आशंका है कि उनको हार्ट अटैक आया था। सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी फ्लाइट
आकासा एयरलाइंस के अनुसार, अकासा एयरलाइंस के विमान (QC 1492) वाराणसी से मुंबई के लिए सुबह 9.50 बजे उड़ान भरी थी। शेड्यूल के हिसाब से दोपहर 12.50 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करना था, लेकिन विमान में सवार यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द हुआ, कुर्सी से गिरे
यात्री के सीने में दर्द हुआ। इसके बाद वह अपनी कुर्सी से गिर पड़े। उनकी हालत देखकर फ्लाइट में हड़कंप मच गया। विमान के क्रू स्टाफ ने ATC से संपर्क किया। स्थिति के बारे में बताया और भोपाल एयरपोर्ट पर विमान को लैंड कराने की अनुमति मांगी। भोपाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि इमरजेंसी को देखते हुए तत्काल विमान को भोपाल में लैंडिंग की अनुमति दी गई। फ्लाइट में कुल 183 पैसेंजर्स मौजूद थे। 11:30 बजे भोपाल में हुई इमरजेंसी लैंडिंग
​​​​​भोपाल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की 11:30 बजे इमरजेंसी लैंडिंग हुई। मरीज को हमीदिया अस्पताल भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने यात्री को मृत घोषित कर दिया। इस घटना पर आकासा एयरलाइंस ने बयान जारी किया। कहा- विमान में मेडिकल इमरजेंसी के चलते फ्लाइट को डायवर्ट कर भोपाल में लैंडिंग कराई गई। विमान में मौजूद क्रू मेंबर्स और एक डॉक्टर ने यात्री को बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत हो गई। अन्य यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए व्यवस्था की जा रही है। ये भी पढ़ें.. घाघरा में समा रहे घर, बांध पर कट रही जिंदगी:सीतापुर-बाराबंकी में 34 साल में 12 गांव मिट गए, 10 हजार की आबादी संकट में सीतापुर-बाराबंकी बॉर्डर पर अखरी, अमरौरा, अटौरा गांव हैं। ये सभी घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। हर साल नदी का पानी बढ़ता है, कटान तेज होती है और घर नदी में हमेशा के लिए समा जाते हैं। 34 साल में नदी में 12 से अधिक गांव समा गए हैं। नदी गांवों से 4 किलोमीटर दूर थी, लेकिन अब गांव के करीब से बह रही है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर