वाराणसी IIT-BHU छात्रा गैंगरेप केस में CCTNS-ऑपरेटर के बयान आज:कोर्ट में सिपाही से जिरह करेंगे वकील; मुंशी और दो डॉक्टर दे चुके गवाही

वाराणसी IIT-BHU छात्रा गैंगरेप केस में CCTNS-ऑपरेटर के बयान आज:कोर्ट में सिपाही से जिरह करेंगे वकील; मुंशी और दो डॉक्टर दे चुके गवाही

वाराणसी के सबसे चर्चित आईआईटी बीएचयू गैंगरेप केस में आज चौथा गवाह पेश होगा। कोर्ट ने लंका थाने के CCTNS में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश यादव को कोर्ट में सोमवार को तलब किया है। इससे पहले आरोपियों के खिलाफ छात्रा की तहरीर पर केस दर्ज करने वाले लंका थाने के मुंशी की गवाही पूरी हो चुकी है। पिछली तारीख पर ही कोर्ट ने पीड़िता की एफआईआर लिखने वाले मुंशी को तलब किया था जिससे वकीलों ने जिरह की थी। मुंशी कोर्ट में चार्जशीट और थाना जीडी की कॉपी लेकर पेश हुआ और पीड़िता के आने और केस लिखने का समय बताया। छात्रा की जुबानी दास्तां और उस रात हालात भी बयां किए। सिपाही को पिछली तारीख पर अभियोजन की प्रार्थनापत्र पर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया था लेकिन विभागीय कारण से वह कोर्ट नहीं पहुंच सका। सिपाही छात्रा के टाइप अप्लीकेशन और चार्जशीट में शामिल एफआईआर कॉपी का सत्यापन करने आज आएगा। कोर्ट के सामने तहरीर, चार्जशीट और प्रिंटआउट की सत्यता बताएगा। गवाह सिपाही के बयान के आधार पर अभियोजन के अलावा बचाव पक्ष के वकील तहरीर के मूल्यांकन, साक्ष्यों की समीक्षा और तर्कों के प्रस्तुत करने पर जिरह करेंगे। बता दें कि केस में अनवरत गवाही के बाद ट्रायल तेज हो गया है। कोर्ट में अब तक पीड़िता समेत दो डॉक्टरों और मुंशी दुर्गेश सरोज फास्ट की ट्रैक कोर्ट में गवाही हो चुकी है। जज ने तीनों आरोपियों को भी कोर्ट में हाजिर रहने का समन दिया है। पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर को ही भूल गई पुलिस वाराणसी के IIT-BHU गैंगरेप केस में पिछले दिनों लंका पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। पुलिस ने गैंगरेप केस में पीड़िता का पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर हेमंत शर्मा को ही चार्जशीट से गायब कर दिया। चार्जशीट में उनके बयान भी दर्ज नहीं किए। उन्हें गवाहों की सूची में भी शामिल नहीं किया। पुलिस ने केस में केवल 2 गवाह ही शामिल किए, जबकि तीन गवाह खुद पुलिस कर्मी हैं। हालांकि छात्रा भी कल वाराणसी लौट आएगी जिसके बाद उसके बयान पर जिरह होगी। डॉ. हेमंत की रिपोर्ट पर पुलिस ने धाराएं बढ़ाई डॉ. हेमंत शर्मा ने गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में गवाही दी। इसमें बताया कि जब छात्रा आई थी तब उसके शरीर पर चोट के निशान थे। चेहरे पर लगे निशान साफ दिख रहे थे, हाथ पर भी स्क्रैच थे। कोर्ट में यह भी क्लियर हुआ कि पुलिस ने केस दर्ज किया। फिर डॉ. हेमंत शर्मा ने प्राइमरी मेडिकल किया। इंटरनल मेडिकल के लिए पीड़िता को कबीरचौरा महिला अस्पताल रेफर किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केस में धाराएं बढ़ाईं। कोर्ट में डॉक्टर से अभियोजन के अलावा कुणाल पांडे समेत तीनों आरोपियों के वकीलों ने जिरह की। कोर्ट में पांच सवालों के जवाब दिए। हालांकि, अब अगली तारीख पर कोर्ट ने केस लिखने वाले लंका थाने के मुंशी को तलब किया है। केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी। लंका पुलिस ने अपनी चार्जशीट में विवेकानंद हॉस्पिटल के डॉक्टर हेमंत शर्मा को शामिल नहीं किया। यहां तक कि डॉक्टर को चार्जशीट का हिस्सा तक नहीं बनाया। कोई बयान नहीं दर्ज किया। डॉक्टर ने कोर्ट में कहा- छात्रा के शरीर पर चोट के निशान 17 जनवरी को डॉ. अनामिका की कोर्ट में गवाही में साफ हुआ कि पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर ने भी कई परीक्षण किए थे। इसके बाद अभियोजन ने धारा-311 के विशेषाधिकार में विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर को 23 जनवरी को तलब किया। इस मामले में पीड़ित छात्रा अभी बेंगलुरु में है और 1 फरवरी के बाद कोर्ट में पेश होगी। कोर्ट ने छात्रा को वर्चुअल पेशी और जिरह के लिए अनुमति दी है, जिसके विरोध में आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की है। 22 अगस्त को छात्रा ने बयान दर्ज कराए थे अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त, 2024 को बुलाया था। तब पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। अपने साथ हुई वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की। धमकाने के बाद फरार हो गए। घटना के बाद से वह कई तरह के दबाव महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती है। 7 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल शुरू हुआ था। इस सुनवाई के दौरान छात्रा ने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया। इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। छात्रा की मां का आरोप है कि आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक छात्रा को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं 4 बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, अब तक पीड़िता के बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। आनंद ने घर वालों की बीमारी समेत कई कारण बताए थे। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई, 2024 को जमानत दे दी। आनंद को जमानत मिलते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसे भी जमानत मिल गई। 4 जुलाई को ही तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को बाद में जमानत मिली। वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR जानिए… पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। वाराणसी के सबसे चर्चित आईआईटी बीएचयू गैंगरेप केस में आज चौथा गवाह पेश होगा। कोर्ट ने लंका थाने के CCTNS में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश यादव को कोर्ट में सोमवार को तलब किया है। इससे पहले आरोपियों के खिलाफ छात्रा की तहरीर पर केस दर्ज करने वाले लंका थाने के मुंशी की गवाही पूरी हो चुकी है। पिछली तारीख पर ही कोर्ट ने पीड़िता की एफआईआर लिखने वाले मुंशी को तलब किया था जिससे वकीलों ने जिरह की थी। मुंशी कोर्ट में चार्जशीट और थाना जीडी की कॉपी लेकर पेश हुआ और पीड़िता के आने और केस लिखने का समय बताया। छात्रा की जुबानी दास्तां और उस रात हालात भी बयां किए। सिपाही को पिछली तारीख पर अभियोजन की प्रार्थनापत्र पर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया था लेकिन विभागीय कारण से वह कोर्ट नहीं पहुंच सका। सिपाही छात्रा के टाइप अप्लीकेशन और चार्जशीट में शामिल एफआईआर कॉपी का सत्यापन करने आज आएगा। कोर्ट के सामने तहरीर, चार्जशीट और प्रिंटआउट की सत्यता बताएगा। गवाह सिपाही के बयान के आधार पर अभियोजन के अलावा बचाव पक्ष के वकील तहरीर के मूल्यांकन, साक्ष्यों की समीक्षा और तर्कों के प्रस्तुत करने पर जिरह करेंगे। बता दें कि केस में अनवरत गवाही के बाद ट्रायल तेज हो गया है। कोर्ट में अब तक पीड़िता समेत दो डॉक्टरों और मुंशी दुर्गेश सरोज फास्ट की ट्रैक कोर्ट में गवाही हो चुकी है। जज ने तीनों आरोपियों को भी कोर्ट में हाजिर रहने का समन दिया है। पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर को ही भूल गई पुलिस वाराणसी के IIT-BHU गैंगरेप केस में पिछले दिनों लंका पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। पुलिस ने गैंगरेप केस में पीड़िता का पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर हेमंत शर्मा को ही चार्जशीट से गायब कर दिया। चार्जशीट में उनके बयान भी दर्ज नहीं किए। उन्हें गवाहों की सूची में भी शामिल नहीं किया। पुलिस ने केस में केवल 2 गवाह ही शामिल किए, जबकि तीन गवाह खुद पुलिस कर्मी हैं। हालांकि छात्रा भी कल वाराणसी लौट आएगी जिसके बाद उसके बयान पर जिरह होगी। डॉ. हेमंत की रिपोर्ट पर पुलिस ने धाराएं बढ़ाई डॉ. हेमंत शर्मा ने गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में गवाही दी। इसमें बताया कि जब छात्रा आई थी तब उसके शरीर पर चोट के निशान थे। चेहरे पर लगे निशान साफ दिख रहे थे, हाथ पर भी स्क्रैच थे। कोर्ट में यह भी क्लियर हुआ कि पुलिस ने केस दर्ज किया। फिर डॉ. हेमंत शर्मा ने प्राइमरी मेडिकल किया। इंटरनल मेडिकल के लिए पीड़िता को कबीरचौरा महिला अस्पताल रेफर किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केस में धाराएं बढ़ाईं। कोर्ट में डॉक्टर से अभियोजन के अलावा कुणाल पांडे समेत तीनों आरोपियों के वकीलों ने जिरह की। कोर्ट में पांच सवालों के जवाब दिए। हालांकि, अब अगली तारीख पर कोर्ट ने केस लिखने वाले लंका थाने के मुंशी को तलब किया है। केस में 27 जनवरी को सुनवाई होगी। लंका पुलिस ने अपनी चार्जशीट में विवेकानंद हॉस्पिटल के डॉक्टर हेमंत शर्मा को शामिल नहीं किया। यहां तक कि डॉक्टर को चार्जशीट का हिस्सा तक नहीं बनाया। कोई बयान नहीं दर्ज किया। डॉक्टर ने कोर्ट में कहा- छात्रा के शरीर पर चोट के निशान 17 जनवरी को डॉ. अनामिका की कोर्ट में गवाही में साफ हुआ कि पहला मेडिकल करने वाले डॉक्टर ने भी कई परीक्षण किए थे। इसके बाद अभियोजन ने धारा-311 के विशेषाधिकार में विवेकानंद अस्पताल के डॉक्टर को 23 जनवरी को तलब किया। इस मामले में पीड़ित छात्रा अभी बेंगलुरु में है और 1 फरवरी के बाद कोर्ट में पेश होगी। कोर्ट ने छात्रा को वर्चुअल पेशी और जिरह के लिए अनुमति दी है, जिसके विरोध में आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की है। 22 अगस्त को छात्रा ने बयान दर्ज कराए थे अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त, 2024 को बुलाया था। तब पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। अपने साथ हुई वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की। धमकाने के बाद फरार हो गए। घटना के बाद से वह कई तरह के दबाव महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती है। 7 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल शुरू हुआ था। इस सुनवाई के दौरान छात्रा ने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया। इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। छात्रा की मां का आरोप है कि आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक छात्रा को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं 4 बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, अब तक पीड़िता के बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। आनंद ने घर वालों की बीमारी समेत कई कारण बताए थे। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई, 2024 को जमानत दे दी। आनंद को जमानत मिलते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसे भी जमानत मिल गई। 4 जुलाई को ही तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को बाद में जमानत मिली। वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR जानिए… पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर