भास्कर न्यूज | जालंधर एक बार फिर जालंधर के सब रजिस्टर कार्यालय-1 और 2 के रजिस्ट्री क्लर्क (आरसी) विजिलेंस के निशाने पर हैं। पिछले साल कई तरह की गड़बड़ियों के मामले सामने आ चुके हैं, करोड़ों की प्रॉपर्टी में कई तरह की गड़बड़ियों के मामलों में विजिलेंस की तरफ से जांच भी चल रही है। अब विजिलेंस पंजाब की तरफ से जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और सब रजिस्ट्रार कार्यालय-2 में पिछले 5 साल में जितने आरसी रहे हैं, उनकी डिटेल मांगी गई है। इसके अलावा पंजाब के अन्य जिलों में भी विजिलेंस की तरफ से कार्रवाई के तहत मुलाजिमों को बुलाया जा रहा है। इस बारे में डीसी ऑफिस कर्मचारी यूनियन के सूबा प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी करते हुए बताया कि मुलाजिमों को बिना वजह के परेशान किया जा रहा है। फ्लाइंग स्क्वॉड विजिलेंस टीम की तरफ से एक शिकायत के आधार पर पंजाब के अलग-अलग जिलों से रजिस्ट्री क्लर्क को बुलाया जा रहा है, जिसमें उनसे संबंधित शिकायत के बारे में बात करने की बजाय उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम, गाड़ी का नंबर या फिर अन्य जानकारी ली जा रही है, जो कि गलत है। प्रधान तेजिंदर नंगल ने कहा कि अब उन्हें पता चला है कि जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय 1 और 2 में पिछले 5 सालों में जितने रजिस्ट्री क्लर्कों की डिटेल भी मांगी गई है और इसमें बड़ी बात है कि रीडर की डिटेल भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों ने जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला लाया तो उन्होंने विजिलेंस विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात करते हुए यह सुनिश्चित कर दिया है कि 5 और 6 फरवरी को जिन्हें विजिलेंस दफ्तर मोहाली में बुलाया जा रहा था, वे नहीं जाएंगे क्योंकि जब तक विजिलेंस संबंधित शिकायत के बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं देती तब तक हमारे मुलाजिम नहीं जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में मामला लाया जाएगा और फिर चीफ सेक्रेट्री पंजाब, एडिशनल सेक्रेटरी सहित विजिलेंस विभाग के डीजीपी को भी इस बारे में मिलकर सारी बात क्लियर की जाएगी। 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित खबर भास्कर न्यूज | जालंधर एक बार फिर जालंधर के सब रजिस्टर कार्यालय-1 और 2 के रजिस्ट्री क्लर्क (आरसी) विजिलेंस के निशाने पर हैं। पिछले साल कई तरह की गड़बड़ियों के मामले सामने आ चुके हैं, करोड़ों की प्रॉपर्टी में कई तरह की गड़बड़ियों के मामलों में विजिलेंस की तरफ से जांच भी चल रही है। अब विजिलेंस पंजाब की तरफ से जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और सब रजिस्ट्रार कार्यालय-2 में पिछले 5 साल में जितने आरसी रहे हैं, उनकी डिटेल मांगी गई है। इसके अलावा पंजाब के अन्य जिलों में भी विजिलेंस की तरफ से कार्रवाई के तहत मुलाजिमों को बुलाया जा रहा है। इस बारे में डीसी ऑफिस कर्मचारी यूनियन के सूबा प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी करते हुए बताया कि मुलाजिमों को बिना वजह के परेशान किया जा रहा है। फ्लाइंग स्क्वॉड विजिलेंस टीम की तरफ से एक शिकायत के आधार पर पंजाब के अलग-अलग जिलों से रजिस्ट्री क्लर्क को बुलाया जा रहा है, जिसमें उनसे संबंधित शिकायत के बारे में बात करने की बजाय उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम, गाड़ी का नंबर या फिर अन्य जानकारी ली जा रही है, जो कि गलत है। प्रधान तेजिंदर नंगल ने कहा कि अब उन्हें पता चला है कि जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय 1 और 2 में पिछले 5 सालों में जितने रजिस्ट्री क्लर्कों की डिटेल भी मांगी गई है और इसमें बड़ी बात है कि रीडर की डिटेल भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों ने जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला लाया तो उन्होंने विजिलेंस विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात करते हुए यह सुनिश्चित कर दिया है कि 5 और 6 फरवरी को जिन्हें विजिलेंस दफ्तर मोहाली में बुलाया जा रहा था, वे नहीं जाएंगे क्योंकि जब तक विजिलेंस संबंधित शिकायत के बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं देती तब तक हमारे मुलाजिम नहीं जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में मामला लाया जाएगा और फिर चीफ सेक्रेट्री पंजाब, एडिशनल सेक्रेटरी सहित विजिलेंस विभाग के डीजीपी को भी इस बारे में मिलकर सारी बात क्लियर की जाएगी। 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
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पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया? जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को कही 2 अहम बातें… 1. आपके आंकड़े हर मिनट बदल रहे
हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में फसल जलाने की 400 घटनाएं हुई हैं और राज्य ने 32 एफआईआर दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि उनके आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं। सरकार पिक एंड चूज कर रही है। कुछ ही लोगों से जुर्माना लिया जा रहा है और बहुत कम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं। 2. किसानों को क्या कुछ दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा- पराली को लेकर क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ दिया गया? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए करीब 1 लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को कही 4 अहम बातें… 1. नाममात्र जुर्माना वसूला, 600 लोगों को बख्शा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 1,080 FIR दर्ज की गईं, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। आप 600 या अधिक लोगों को बख्श रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि आप पराली जलाने वालों को संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है। 2. एडवोकेट जनरल बताएं, झूठा बयान किसके कहने पर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और मुख्य सचिव को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एडवोकेट जनरल बताएं कि किस अधिकारी के कहने पर उन्होंने केंद्र से मशीनें और फंड मांगने का झूठा बयान दिया था। मुख्य सचिव बताएं कि एडवोकेट जनरल को ऐसा किस अधिकारी ने करने के लिए कहा। हम उसे अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पर भी नाराजगी दिखाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब आप बता रहे कि इस साल 5 केस दर्ज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोई मुकदमा न होने के बारे में पंजाब सरकार का पिछला एफिडेविट भी दिखाया। 3. क्या 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि एफिडेविट में गांव स्तर पर निगरानी कमेटी की बात कही गई है। सरकार ने कब आदेश दिया। कमेटी कब बनी। इसका नोडल अफसर कौन है? इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 9 हजार कमेटियां बनी हैं। हम पूरे ब्योरे के साथ एफिडेविट दाखिल करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढीं? 4. आपने ISRO की रिपोर्ट तक झुठला दी, 400 लोग छोड़े
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ISRO की सैटेलाइट रिपोर्ट तक झुठला देते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के वकील ने कहा कि अमृतसर में 400 घटनाएं हुई हैं। कोर्ट ने पूछा कि हाल के दिनों में कितनी घटनाएं हुई हैं। इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं हुईं और 1,080 केस दर्ज किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें भी आपने 400 लोगों को छोड़ दिया। इस पर सिंघवी ने कुछ रिपोर्ट गलत निकलने की बात कही। हरियाणा और पंजाब में वायु प्रदूषण के हालात पढ़िए… पानीपत गैस चैंबर बना, 17 जिलों में AQI 300 पार
हरियाणा में जीटी रोड पर आने वाले 6 जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। पानीपत गैस चैंबर बन गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है। वहीं, 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। NCR में प्रदेश के 14 जिले आते हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। पंजाब के 2 जिलों में AQI 200 पार
पंजाब के 2 शहरों में AQI 200 पार हो चुका है। इनमें मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 230 और अमृतसर का 203 हो चुका है। इसके अलावा लुधियाना का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 191 है। बाकी जिलों का AQI अभी 200 से कम है। वाइस चांसलर बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है
पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसे जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती है। पराली जलाने से रोकने को हरियाणा और पंजाब सरकार ने क्या कार्रवाई की… हरियाणा सरकार के 3 बड़े दावे 1. 150 किसानों पर FIR, 29 गिरफ्तार
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। वहीं सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई। अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। 2. कृषि विभाग के 24 अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए
एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। 3. तीन साल में मामले आधे से कम हुए
प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए हैं। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक पराली जलाने के 1,508 के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893 और 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापे भी मारे जा रहे हैं। पंजाब सरकार बोली- 10.55 लाख जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की
पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। पराली जलाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद: 2 सीजन रोक हरियाणा में करीब एक हफ्ते पहले पराली जलाने को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया। पराली जलाने वाले किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। पूरी खबर पढ़ें…

जालंधर में विवाहिता ने किया सुसाइड:फंदे से लटका मिला शव, 3 महीने पहले हुई शादी, परिजन बोले-बेटी कहती थी पति मार डालेगा
जालंधर में विवाहिता ने किया सुसाइड:फंदे से लटका मिला शव, 3 महीने पहले हुई शादी, परिजन बोले-बेटी कहती थी पति मार डालेगा जालंधर में थाना लांबड़ा के अधीन आते गांव मलकों में एक विवाहिता ने ससुरालियों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतका का शव बंद कमरे के अंदर फंदे से लटका हुआ बरामद किया गया। मृतका की पहचान 24 साल की ललिता पत्नी गौरव के रूप में हुई है। पुलिस ने शव केा कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल जालंधर में भेज दिया गया है। पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। पिता रामेश्वर बोले- 3 माह पहले हुई थी बेटी ललिता की शादी पुलिस को दिए गए बयान में मृतका ललिता के पिता रामेश्वर ने बताया कि, उन्हें फोन कर ससुरालियों द्वारा जानकारी दी गई थी कि उनके बेटी ने कमरे को कुंडा लगा लिया है और अब खोल नहीं रही है। जब वह ललिता की ससुराल पहुंचे तो बेटी फंदे से लटकी हुई थी। तुरंत उसे निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रामेश्वर ने आरोप लगाया है कि पति और अन्य ससुराली पैसे को लेकर ललिता को काफी परेशान कर थे। ललिता की शादी तीन माह पहले नवंबर 2024 में हुई थी। शादी से पहले लड़के की कोई ऐसी मांग नहीं थी। पिता बोले- शादी में खर्च किए 15 से 17 लाख रुपए पिता रामेश्वर ने कहा कि, आज ललिता के जेठ अनिल का उन्हें सारे घटनाक्रम को लेकर कॉल आया था। पिता ने कहा कि, ललिता की शादी में परिवार द्वारा करीब 15 से 17 लाख रुपए खर्च किया गया था। घटना की सूचना मिलते ही थाना लांबड़ा की पुलिस जांच के लिए मौके पर पहुंच गई थी। मौके से पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया। परिवार ने आरोप लगाया है कि ललिता उन्हें फोन कर कहती थी कि गौरव उसे मार देगा। परिवार का आरोप है कि बेटी के शरीर पर खंरोच के निशान थे।

बरनाला उपचुनाव में एक्टिव हुए सांसद मीत हेयर:डेंगू को हराया; कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल कराया, बाठ निर्दलीय दे रहे चुनौती
बरनाला उपचुनाव में एक्टिव हुए सांसद मीत हेयर:डेंगू को हराया; कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल कराया, बाठ निर्दलीय दे रहे चुनौती डेंगू को मात देने के बाद सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर 13 नवंबर को बरनाला में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए फिर से एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने खुद हलके की कमान संभाल ली है। इसके साथ ही उन्होंने कई कांग्रेस नेताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल करवाया है। साथ ही वह लगातार पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। वह इससे जुड़ी तमाम जानकारियां अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लगातार शेयर कर रहे हैं। हालांकि, AAP में सालों से मजबूत आधार रखने वाले गुरदीप सिंह बाठ इस बार टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। आप ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। दो दिन से कर रहे हैं बैठकें करीब 20 घंटे पहले सांसद ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा था कि भदलवड में कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच राजवंत सिंह गिल अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। आप प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव प्रचार को पूरे विधानसभा क्षेत्र से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे पहले 30 अक्टूबर को भी उन्होंने पोस्ट किया था कि – कांग्रेस पार्षद जगजीत जग्गू मोर अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 26 अक्टूबर डेंगू पॉजिटिव होने बारे बताया गुरमीत सिंह मीत हेयर गत दिनों डेंगू पॉजिटिव हुए थे। उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलजा चल रहा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था- मैं पिछले एक सप्ताह से डेंगू पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में भर्ती हूं। मैं अपने बरनाला निवासियों से उप चुनाव के लिए हमारे उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध करता हूं। ठीक होने के बाद मैं जल्द ही चुनाव प्रचार में शामिल होऊंगा। बरनाला विधानसभा चुनाव इस बार जबरदस्त टक्कर गुरमीत सिंह मीत हेयर 2017 से 2022 तक दो बार बरनाला के विधायक रहे हैं। 2024 वह रिकॉर्ड एक लाख मतों से जीतकर संगरूर से सांसद बने थे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराया था। इस दौरान गुरमीत सिंह मीत हेयर काे 47606 वोट मिले थे। जबकि केवल ढिल्लों को 45174 मत मिले थे। 2022 में चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर 64800 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार कुलवंत सिंह कीटू 25174 वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल को चुनावी मैदान उन्हें 16853 वोट मिले थे। लेकिन इस बार केवल सिंह ढिल्लों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए है। साथ ही चुनावी मैदान में है।