विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा

विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा

हरियाणा में जींद की जुलाना सीट इस विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में है। इसकी वजह रेसलर विनेश फोगाट हैं। विनेश पहले पहलवान आंदोलन और फिर ओलिंपिक डिसक्वालिफिकेशन से चर्चा में आई। अब वे कांग्रेस की टिकट पर जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं यहां भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी, इनेलो-बसपा से डॉ. सुरेंद्र लाठर, आम आदमी पार्टी से WWE में जाने वाली पहली महिला रेसलर कविता दलाल और JJP से अमरजीत ढांडा चुनाव लड़ रहे हैं। सोशल मीडिया में विनेश फोगाट को लेकर खूब माहौल है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर यह पूरी तरह खरा नहीं उतरता। लोग विनेश को मजबूत तो मानते हैं, लेकिन उसकी बड़ी वजह यहां की दोहरी एंटी इनकंबेंसी है। भाजपा की 10 साल की सरकार और पिछले 5 साल JJP के विधायक से लोग नाराज हैं। लोगों को इसका बेहतर विकल्प कांग्रेस नजर आ रही है। हालांकि जातीय गणित यहां कांग्रेस-विनेश, दोनों के लिए पेंच फंसा सकता है। जुलाना में 1.87 लाख वोटर हैं। सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत जाट समाज के वोट हैं। मगर, 5 पार्टियों में से 4 ने उम्मीदवार जाट समाज से उतारे हैं। जिसमें विनेश, लाठर, ढांडा और कविता दलाल शामिल है। ऐसे में जाट वोट बंटे तो विनेश का कड़े मुकाबले में फंसना तय है। जाट वोट एकतरफा हुए तो भाजपा के कैप्टन बैरागी मुकाबले से बाहर नजर आते हैं। मगर, जाट वोट बैंक बंटा और 30% ओबीसी और ब्राह्मण वोट भाजपा के खाते आए तो वह चौंका भी सकते हैं। जुलाना के लोगों का कहना है कि विनेश फोगाट को सहानुभूति, सत्ता विरोधी लहर, भाजपा-जजपा से नाराजगी और सेलिब्रिटी चेहरे का फायदा मिलेगा। लोगों की जुबान पर डॉ. सुरेंद्र लाठर का भी नाम है। वहीं भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी को लेकर लोगों ने कहा कि उन्हें ओबीसी और ब्राह्मण समाज का साथ मिलेगा। 4 पॉइंट में समझिए जुलाना का समीकरण विनेश बहू के नाम पर वोट मांग रहीं
बेशक जुलाना विनेश फोगाट का ससुराल हो, लेकिन वह यहां कम ही आती थीं। उनके पति सोमवीर राठी और ससुराल वाले सोनीपत के खरखौदा में बनाए हुए घर में रह रहे हैं। विनेश का अपना परिवार चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में रहता है। कुछ लोग उन्हें भी बाहरी उम्मीदवार कह रहे हैं। इसलिए वह खुद को जुलाना की बहू के रूप में पेश कर वोट मांग रही हैं। पारंपरिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह अपना सिर चुन्नी से ढंक रही हैं। अपनी जनसभाओं में क्षेत्र के साथ अपने संबंधों पर जोर दे रही हैं। सभाओं में अक्सर उन्हें यह कहते हुए सुना जाता है कि मैं इस धरती की बहू हूं और इसे कभी नहीं छोडूंगी। विनेश क्षेत्र के किसानों की दुर्दशा पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसके अलावा, किसानों और कर्मचारियों के खिलाफ बल प्रयोग के लिए भाजपा सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं। वह अपने भाषणों में कहती हैं कि अब बदला लेने और वोट की चोट करने का समय आ गया है। कैप्टन बैरागी को बाहरी का टैग झेलना पड़ रहा
योगेश बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा खेल प्रकोष्ठ के सह-संयोजक हैं। वह विस्तारा एयरलाइंस में पायलट रहे हैं। उनके पिता नरेंद्र कुमार बैरागी भी राजनीति से जुड़े हुए हैं। प्रदेश बैरागी सभा के अध्यक्ष भी रहे हैं, लेकिन फिलहाल चुनाव के कारण कार्यकारिणी भंग की गई है। पिछले विधानसभा में उन्होंने भी भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला। कैप्टन योगेश पिछले 7 सालों से राजनीति से जुड़े हुए हैं। सफीदों का होने की वजह से लोग उन्हें बाहरी कह रहे हैं। कविता दलाल खुद को जुलाना की बेटी बता रहीं
AAP की कविता दलाल खुद को जुलाना की बेटी बताकर मैदान में उतर चुकी हैं। वह WWE में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं। 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में 75 किग्रा वर्ग में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। साल 2023 में उन्होंने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष IPS अफसर हरभजन सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। क्या कहते हैं जुलाना के वोटर… मुकेश बोले- सत्ता परिवर्तन और विनेश से सहानुभूति
छपरा गांव के रहने वाले डेयरी संचालक मुकेश ने कहा कि इस बार हम सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, इसलिए हमारा वोट कांग्रेस को है। कांग्रेस ने विनेश फोगाट को दावेदार बनाया है। विनेश के साथ सहानुभूति भी है। हमारा हलके के मुद्दो को लेकर कोई वोट नहीं है। बस यहां से कांग्रेस को जिताना है, इसके लिए वोट करेंगे। ये सीट बहुत समय तक इनेलो के वर्चस्व वाली रही है। हमारी संतुष्टि इस बार कांग्रेस सरकार को लाने में है। वजीर सिंह ने कहा- त्रिकोणीय मुकाबला शादीपुर गांव के रहने वाले वजीर सिंह दलाल ने कहा कि जुलाना में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और इनेलो में है। इसका कारण यह है कि डॉ. सुरेंद्र लाठर भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें नहीं दी। इसके बाद वह इनेलो के साथ चले गए। जुलाना में लाठर का बहुत प्रभाव है। विनेश फोगाट के लिए यहां मुश्किलें रहने वाली है, क्योंकि कविता दलाल, सुरेंद्र लाठर, विनेश फोगाट और अमरजीत ढांडा में जाट वोट बंटेगा। अधिकतर ब्राह्मण वोट भाजपा को जाएंगे। इसका सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान होगा। विनेश के ससुरालवालों का यहां कोई ज्यादा सरोकार नहीं है। वे क्षेत्र में मिलनसार भी नहीं है। गूगल राम ने कहा- भूपेंद्र हुड्‌डा को चाह रहे लोग बुआना गांव के रहने वाले गूगल राम ने बताया कि इस बार कांग्रेस का माहौल है। लोग बदलाव चाहते हैं। यहां विनेश का माहौल इसलिए भी है, क्योंकि एक तो वह खिलाड़ी रही है। दूसरा भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा यहां आया था, तो वह कह गया था विनेश को खेल मंत्री बनाया जाएगा। अगर, ऐसा होगा तो इस क्षेत्र का विकास होगा। युवा पीढ़ी नशे से दूर होगी ओर खेलों की ओर अग्रसर होगी। जुलाना को कोई नहीं जानता था, लेकिन आज विनेश की वजह से जुलाना को लोग पूरे देश में जान गए हैं। सुरेंद्र बोले- विनेश का खुद का जनाधार नहीं
हथवाला गांव के रहने वाले दुकानदार सुरेंद्र ने कहा कि इस बार यहां बदलाव का माहौल है। यहां न पब्लिक के काम हो रहे हैं और न ही नौकरियां हैं। छोटे दुकानदारों को बहुत पीछे धकेल दिया है। बदलाव का कांग्रेस ही दूसरा विकल्प है। विनेश फोगाट का खुद का जनाधार नहीं है। इनके साथ लोग सहानुभूति के लिए जुड़े हुए हैं। हरियाणा में जींद की जुलाना सीट इस विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में है। इसकी वजह रेसलर विनेश फोगाट हैं। विनेश पहले पहलवान आंदोलन और फिर ओलिंपिक डिसक्वालिफिकेशन से चर्चा में आई। अब वे कांग्रेस की टिकट पर जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं यहां भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी, इनेलो-बसपा से डॉ. सुरेंद्र लाठर, आम आदमी पार्टी से WWE में जाने वाली पहली महिला रेसलर कविता दलाल और JJP से अमरजीत ढांडा चुनाव लड़ रहे हैं। सोशल मीडिया में विनेश फोगाट को लेकर खूब माहौल है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर यह पूरी तरह खरा नहीं उतरता। लोग विनेश को मजबूत तो मानते हैं, लेकिन उसकी बड़ी वजह यहां की दोहरी एंटी इनकंबेंसी है। भाजपा की 10 साल की सरकार और पिछले 5 साल JJP के विधायक से लोग नाराज हैं। लोगों को इसका बेहतर विकल्प कांग्रेस नजर आ रही है। हालांकि जातीय गणित यहां कांग्रेस-विनेश, दोनों के लिए पेंच फंसा सकता है। जुलाना में 1.87 लाख वोटर हैं। सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत जाट समाज के वोट हैं। मगर, 5 पार्टियों में से 4 ने उम्मीदवार जाट समाज से उतारे हैं। जिसमें विनेश, लाठर, ढांडा और कविता दलाल शामिल है। ऐसे में जाट वोट बंटे तो विनेश का कड़े मुकाबले में फंसना तय है। जाट वोट एकतरफा हुए तो भाजपा के कैप्टन बैरागी मुकाबले से बाहर नजर आते हैं। मगर, जाट वोट बैंक बंटा और 30% ओबीसी और ब्राह्मण वोट भाजपा के खाते आए तो वह चौंका भी सकते हैं। जुलाना के लोगों का कहना है कि विनेश फोगाट को सहानुभूति, सत्ता विरोधी लहर, भाजपा-जजपा से नाराजगी और सेलिब्रिटी चेहरे का फायदा मिलेगा। लोगों की जुबान पर डॉ. सुरेंद्र लाठर का भी नाम है। वहीं भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी को लेकर लोगों ने कहा कि उन्हें ओबीसी और ब्राह्मण समाज का साथ मिलेगा। 4 पॉइंट में समझिए जुलाना का समीकरण विनेश बहू के नाम पर वोट मांग रहीं
बेशक जुलाना विनेश फोगाट का ससुराल हो, लेकिन वह यहां कम ही आती थीं। उनके पति सोमवीर राठी और ससुराल वाले सोनीपत के खरखौदा में बनाए हुए घर में रह रहे हैं। विनेश का अपना परिवार चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में रहता है। कुछ लोग उन्हें भी बाहरी उम्मीदवार कह रहे हैं। इसलिए वह खुद को जुलाना की बहू के रूप में पेश कर वोट मांग रही हैं। पारंपरिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह अपना सिर चुन्नी से ढंक रही हैं। अपनी जनसभाओं में क्षेत्र के साथ अपने संबंधों पर जोर दे रही हैं। सभाओं में अक्सर उन्हें यह कहते हुए सुना जाता है कि मैं इस धरती की बहू हूं और इसे कभी नहीं छोडूंगी। विनेश क्षेत्र के किसानों की दुर्दशा पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसके अलावा, किसानों और कर्मचारियों के खिलाफ बल प्रयोग के लिए भाजपा सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं। वह अपने भाषणों में कहती हैं कि अब बदला लेने और वोट की चोट करने का समय आ गया है। कैप्टन बैरागी को बाहरी का टैग झेलना पड़ रहा
योगेश बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा खेल प्रकोष्ठ के सह-संयोजक हैं। वह विस्तारा एयरलाइंस में पायलट रहे हैं। उनके पिता नरेंद्र कुमार बैरागी भी राजनीति से जुड़े हुए हैं। प्रदेश बैरागी सभा के अध्यक्ष भी रहे हैं, लेकिन फिलहाल चुनाव के कारण कार्यकारिणी भंग की गई है। पिछले विधानसभा में उन्होंने भी भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला। कैप्टन योगेश पिछले 7 सालों से राजनीति से जुड़े हुए हैं। सफीदों का होने की वजह से लोग उन्हें बाहरी कह रहे हैं। कविता दलाल खुद को जुलाना की बेटी बता रहीं
AAP की कविता दलाल खुद को जुलाना की बेटी बताकर मैदान में उतर चुकी हैं। वह WWE में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं। 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में 75 किग्रा वर्ग में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। साल 2023 में उन्होंने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष IPS अफसर हरभजन सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। क्या कहते हैं जुलाना के वोटर… मुकेश बोले- सत्ता परिवर्तन और विनेश से सहानुभूति
छपरा गांव के रहने वाले डेयरी संचालक मुकेश ने कहा कि इस बार हम सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, इसलिए हमारा वोट कांग्रेस को है। कांग्रेस ने विनेश फोगाट को दावेदार बनाया है। विनेश के साथ सहानुभूति भी है। हमारा हलके के मुद्दो को लेकर कोई वोट नहीं है। बस यहां से कांग्रेस को जिताना है, इसके लिए वोट करेंगे। ये सीट बहुत समय तक इनेलो के वर्चस्व वाली रही है। हमारी संतुष्टि इस बार कांग्रेस सरकार को लाने में है। वजीर सिंह ने कहा- त्रिकोणीय मुकाबला शादीपुर गांव के रहने वाले वजीर सिंह दलाल ने कहा कि जुलाना में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और इनेलो में है। इसका कारण यह है कि डॉ. सुरेंद्र लाठर भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें नहीं दी। इसके बाद वह इनेलो के साथ चले गए। जुलाना में लाठर का बहुत प्रभाव है। विनेश फोगाट के लिए यहां मुश्किलें रहने वाली है, क्योंकि कविता दलाल, सुरेंद्र लाठर, विनेश फोगाट और अमरजीत ढांडा में जाट वोट बंटेगा। अधिकतर ब्राह्मण वोट भाजपा को जाएंगे। इसका सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान होगा। विनेश के ससुरालवालों का यहां कोई ज्यादा सरोकार नहीं है। वे क्षेत्र में मिलनसार भी नहीं है। गूगल राम ने कहा- भूपेंद्र हुड्‌डा को चाह रहे लोग बुआना गांव के रहने वाले गूगल राम ने बताया कि इस बार कांग्रेस का माहौल है। लोग बदलाव चाहते हैं। यहां विनेश का माहौल इसलिए भी है, क्योंकि एक तो वह खिलाड़ी रही है। दूसरा भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा यहां आया था, तो वह कह गया था विनेश को खेल मंत्री बनाया जाएगा। अगर, ऐसा होगा तो इस क्षेत्र का विकास होगा। युवा पीढ़ी नशे से दूर होगी ओर खेलों की ओर अग्रसर होगी। जुलाना को कोई नहीं जानता था, लेकिन आज विनेश की वजह से जुलाना को लोग पूरे देश में जान गए हैं। सुरेंद्र बोले- विनेश का खुद का जनाधार नहीं
हथवाला गांव के रहने वाले दुकानदार सुरेंद्र ने कहा कि इस बार यहां बदलाव का माहौल है। यहां न पब्लिक के काम हो रहे हैं और न ही नौकरियां हैं। छोटे दुकानदारों को बहुत पीछे धकेल दिया है। बदलाव का कांग्रेस ही दूसरा विकल्प है। विनेश फोगाट का खुद का जनाधार नहीं है। इनके साथ लोग सहानुभूति के लिए जुड़े हुए हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर