विप्रो ने बद्दी में बंद किया साबुन कारखाना:80 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, कंपनी गेट पर प्रदर्शन, 6 महीने से नहीं मिला वेतन

विप्रो ने बद्दी में बंद किया साबुन कारखाना:80 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, कंपनी गेट पर प्रदर्शन, 6 महीने से नहीं मिला वेतन

हिमाचल प्रदेश के बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में विप्रो इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपना कारखाना बंद कर दिया है। कंपनी ने अचानक कारखाने के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। साथ ही फैक्टरी बंद करने का नोटिस चिपका दिया। कंपनी के इस फैसले से नाराज कर्मचारियों ने कारखाने के मुख्य गेट पर धरना दिया। उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कारखाने में काम करने वाले 80 कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। बता दें कि, कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच पिछले 6 महीने से विवाद चल रहा था। इस दौरान कर्मचारियों को न तो काम दिया गया और न ही वेतन। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने 2 दिसंबर 2024 से कारखाने की सभी उत्पादन लाइनें बंद कर दी थीं। कर्मचारी रोज कारखाने आते थे, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था। कोर्ट केस वापस लेने का दबाव : कर्मचारी कर्मचारियों का कहना है कि कुछ मुद्दों को लेकर उनका प्रबंधन से विवाद चल रहा था। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। प्रबंधन कर्मचारियों पर दबाव बना रहा है कि वे लेबर कोर्ट और हाईकोर्ट में लगाए गए केस वापस लें। प्रबंधन का कहना है कि केस वापस लेने के बाद ही कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लिया जाएगा। कर्मचारी यूनियन प्रधान अमीद खान, सचिव संत लाल, उप प्रधान सुरिंद्र कुमार, बलबीर, सह सचिव सोनू राम, कोषाध्यक्ष अश्वनी कुमार, सदस्य अजय, सुनील, राज कुमार, संजीव कुमार, गुरदेव, चरणजीत, रोशन लाल व अन्य ने बताया कि उन्हें शनिवार को गेट से बाहर कर दिया है। प्रबंधन हमारा शोषण कर रहा है। मजदूर यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि उद्योग के यहां दो प्लांट हैं। इनमें एक 77 नंबर है और दूसरा 87 नंबर है। प्रबंधन की तरफ से अब 87 नंबर उद्योग को बंद करने का ऐलान किया गया है, जिससे हम सभी बेरोजगार हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश के बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में विप्रो इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने अपना कारखाना बंद कर दिया है। कंपनी ने अचानक कारखाने के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। साथ ही फैक्टरी बंद करने का नोटिस चिपका दिया। कंपनी के इस फैसले से नाराज कर्मचारियों ने कारखाने के मुख्य गेट पर धरना दिया। उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कारखाने में काम करने वाले 80 कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। बता दें कि, कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच पिछले 6 महीने से विवाद चल रहा था। इस दौरान कर्मचारियों को न तो काम दिया गया और न ही वेतन। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने 2 दिसंबर 2024 से कारखाने की सभी उत्पादन लाइनें बंद कर दी थीं। कर्मचारी रोज कारखाने आते थे, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था। कोर्ट केस वापस लेने का दबाव : कर्मचारी कर्मचारियों का कहना है कि कुछ मुद्दों को लेकर उनका प्रबंधन से विवाद चल रहा था। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। प्रबंधन कर्मचारियों पर दबाव बना रहा है कि वे लेबर कोर्ट और हाईकोर्ट में लगाए गए केस वापस लें। प्रबंधन का कहना है कि केस वापस लेने के बाद ही कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लिया जाएगा। कर्मचारी यूनियन प्रधान अमीद खान, सचिव संत लाल, उप प्रधान सुरिंद्र कुमार, बलबीर, सह सचिव सोनू राम, कोषाध्यक्ष अश्वनी कुमार, सदस्य अजय, सुनील, राज कुमार, संजीव कुमार, गुरदेव, चरणजीत, रोशन लाल व अन्य ने बताया कि उन्हें शनिवार को गेट से बाहर कर दिया है। प्रबंधन हमारा शोषण कर रहा है। मजदूर यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि उद्योग के यहां दो प्लांट हैं। इनमें एक 77 नंबर है और दूसरा 87 नंबर है। प्रबंधन की तरफ से अब 87 नंबर उद्योग को बंद करने का ऐलान किया गया है, जिससे हम सभी बेरोजगार हो गए हैं।   हिमाचल | दैनिक भास्कर