विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, CM धामी समेत हजारों श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, CM धामी समेत हजारों श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chardham News:</strong> उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट छह माह बंद रहने के बाद रविवार सुबह फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह छह बजे चमोली जिले में स्थित मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना के साथ देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खोल दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट तथा टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय भी मौजूद थे. कपाट खुलने के दौरान पूरा वातावरण ढोल-नगाड़ों व सेना के बैंड की मधुर धुन और हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं के &lsquo;जय बदरी विशाल&rsquo; के जयकारों से भक्तिरस से सराबोर हो उठा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बदरीनाथ मंदिर को 15 टन सुगंधित फूलों से सजाया गया<br /></strong>इस अवसर पर मंदिर को लगभग 15 टन रंग-बिरंगे और सुगंधित फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था, जिसने मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा दिए. इससे पहले, परंपरानुसार सुबह बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी व वेदपाठियों द्वारा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और फिर विधि विधान से माता लक्ष्मी को गर्भ गृह से निकालकर मंदिर की परिक्रमा करा लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया. इसके बाद भगवान कुबेर जी व उद्धव जी को बदरी विशाल मंदिर के गर्भगृह में विराजित किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्पश्चात् भगवान बदरी विशाल की चतुर्भुज मूर्ति से घृत कंबल को अलग कर उनका विधिवत अभिषेक (स्नान) करवाया गया और आकर्षक श्रृंगार किया गया. मुख्य मंदिर के साथ ही बदरीनाथ धाम मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश, घंटाकर्ण, आदि केदारेश्वर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर व माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी इस यात्रा हेतु श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने किए बाबा बदरीनाथ के दर्शन<br /></strong>मान्यताओं के अनुसार, वर्ष में छह माह (ग्रीष्मकालीन) मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जबकि बाकी के छह माह (शीतकालीन) यहां देवता स्वयं भगवान विष्णु की आराधना करते हैं, जिसमें मुख्य पुजारी देवर्षि नारद होते हैं. अधिकारियों ने यहां बताया कि स्थानीय प्रशासन ने धाम की यात्रा को सुरक्षित एवं निर्बाध बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली हैं. प्रशासन ने दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से व्यवस्थित रूप से कतारबद्ध रहकर शांतिपूर्ण ढंग से श्रीहरि के दर्शन करने की अपील की है. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो गयी है. उत्तराखंड के चार धामों में शामिल तीन अन्य धाम-गंगोत्री, यमुनोत्री तथा केदारनाथ पहले ही खुल चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”http://abplive.com/states/up-uk/padma-shri-baba-shivanand-maharaj-passed-away-2937332″>पद्मश्री बाबा शिवानंद महाराज का निधन, 129 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, सीएम ने जताया शोक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chardham News:</strong> उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर के कपाट छह माह बंद रहने के बाद रविवार सुबह फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह छह बजे चमोली जिले में स्थित मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना के साथ देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खोल दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट तथा टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय भी मौजूद थे. कपाट खुलने के दौरान पूरा वातावरण ढोल-नगाड़ों व सेना के बैंड की मधुर धुन और हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं के &lsquo;जय बदरी विशाल&rsquo; के जयकारों से भक्तिरस से सराबोर हो उठा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बदरीनाथ मंदिर को 15 टन सुगंधित फूलों से सजाया गया<br /></strong>इस अवसर पर मंदिर को लगभग 15 टन रंग-बिरंगे और सुगंधित फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था, जिसने मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा दिए. इससे पहले, परंपरानुसार सुबह बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी व वेदपाठियों द्वारा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और फिर विधि विधान से माता लक्ष्मी को गर्भ गृह से निकालकर मंदिर की परिक्रमा करा लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया. इसके बाद भगवान कुबेर जी व उद्धव जी को बदरी विशाल मंदिर के गर्भगृह में विराजित किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्पश्चात् भगवान बदरी विशाल की चतुर्भुज मूर्ति से घृत कंबल को अलग कर उनका विधिवत अभिषेक (स्नान) करवाया गया और आकर्षक श्रृंगार किया गया. मुख्य मंदिर के साथ ही बदरीनाथ धाम मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश, घंटाकर्ण, आदि केदारेश्वर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर व माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी इस यात्रा हेतु श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने किए बाबा बदरीनाथ के दर्शन<br /></strong>मान्यताओं के अनुसार, वर्ष में छह माह (ग्रीष्मकालीन) मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जबकि बाकी के छह माह (शीतकालीन) यहां देवता स्वयं भगवान विष्णु की आराधना करते हैं, जिसमें मुख्य पुजारी देवर्षि नारद होते हैं. अधिकारियों ने यहां बताया कि स्थानीय प्रशासन ने धाम की यात्रा को सुरक्षित एवं निर्बाध बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली हैं. प्रशासन ने दर्शन के लिए पहुंचे सभी श्रद्धालुओं से व्यवस्थित रूप से कतारबद्ध रहकर शांतिपूर्ण ढंग से श्रीहरि के दर्शन करने की अपील की है. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो गयी है. उत्तराखंड के चार धामों में शामिल तीन अन्य धाम-गंगोत्री, यमुनोत्री तथा केदारनाथ पहले ही खुल चुके हैं.</p>
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