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हरियाणा के नए चीफ सेक्रेटरी बने विवेक जोशी:PM मोदी की गुडलिस्ट में रहे, वित्त विभाग संभाल चुके; हफ्ते पहले ही स्टेट कैडर में लौटे
हरियाणा के नए चीफ सेक्रेटरी बने विवेक जोशी:PM मोदी की गुडलिस्ट में रहे, वित्त विभाग संभाल चुके; हफ्ते पहले ही स्टेट कैडर में लौटे 1989 बैच के IAS अधिकारी विवेक जोशी हरियाणा के नए चीफ सेक्रेटरी (CS) होंगे। दिवाली के दिन शाम को उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी हुए। 26 अक्टूबर को ही उन्हें केंद्र से अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था। तभी से माना जा रहा था कि जोशी ही राज्य के नए चीफ सेक्रेटरी बन सकते हैं। विवेक जोशी केंद्र में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी देख रहे थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। विवेक जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में रहे हैं। 1988 बैच के IAS अफसर और राज्य के चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद आज ही रिटायर हुए हैं। दिवाली की छुट्टी होने के चलते वह घर बैठे-बैठे ही रिटायर हो गए। विवेक जोशी के ऑर्डर… हरियाणा सरकार के साथ काम कर चुके
विवेक जोशी ने हरियाणा सरकार के साथ निगरानी और समन्वय के प्रमुख सचिव, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के CEO के रूप में भी काम किया है। 2014-2017 के दौरान उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। इस दौरान वह सार्वजनिक खरीद नीति तैयार करने में सरकार को सलाह देना का काम किया करते थे। उन्होंने भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (2010-2014) में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। संजीव कौशल भी घर बैठे-बैठे ही रिटायर हुए टीवीएसएन प्रसाद से पहले हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव IAS ऑफिसर संजीव कौशल रिटायर्ड हुए थे। वह भी छुट्टी वाले दिन 31 जुलाई को घर बैठे-बैठे रिटायर्ड हो गए थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बनने के बाद ही वह छुट्टी पर चले गए थे।सेवा के अंतिम समय में वह पेड लीव थे। इसके बाद टीवीएसएन प्रसाद को हरियाणा का CS बनाया गया था। टीवीएसएन प्रसाद के बारे में जानिए… चुनाव में भीतरघात करने वाले अधिकारी रडार पर
विधानसभा चुनाव के दौरान नायब सैनी कह चुके हैं कि वह चुनावी मोड में होने के कारण संदिग्ध आचरण वाले प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सके। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों द्वारा भीतरघात करने की शिकायत भी उनके पास पहुंची थी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई की जा रही है। दिवाली से एक दिन पहले बुधवार (30 अक्टूबर) को 36 IPS अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। अभी कई जिलों के उपायुक्तों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।
मुरादाबाद में महिला की गला रेतकर हत्या:3 साल के बच्चे ने बताया- पापा ने चाकू से मम्मी का गला रेता
मुरादाबाद में महिला की गला रेतकर हत्या:3 साल के बच्चे ने बताया- पापा ने चाकू से मम्मी का गला रेता मुरादाबाद में शनिवार तड़के एक महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप महिला के पति पर है। मृतका के 3 साल के बच्चे ने बताया- पापा ने मम्मी का चाकू से गला रेत दिया। घटना के बाद से महिला का पति फरार है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है। घटना मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में पीतल बस्ती पुलिस चौकी के पास सब्जी मंडी के पास की बताई जा रही है। रेशम सैनी (28 साल) पत्नी नरेश पाल की गला रेती हुई रक्तरंजित लाश घर में पड़ी मिली है। नरेशपाल घर से फरार है। पति-पत्नी में पूर्व में भी कई बार आपस में विवाद होने की बात सामने आई है। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर में मिले 3 साल के बच्चे से भी बात की। बच्चे ने इशारे में पुलिस को बताया है कि उसके पिता ने ही मां की चाकू से गला रेतकर हत्या की है। 4 साल पहले हुई थी शादी
रेशम का मायका मूंढापांडे थाना क्षेत्र के गांव मनकरा मिलक का है। रेशम के भाई जगपाल ने बताया- उसकी छोटी बहन रेशम की शादी करीब 4 साल पहले मूंढापांडे निवासी नरेश सैनी के साथ हुई थी। दंपती के 2 बच्चे हैं। बड़े बेटे की उम्र करीब 3 साल है, जो घटना का चश्मदीद है। दूसरी बेटी है, जिसकी उम्र करीब एक साल है। पिछले करीब 6 महीने से नरेश मुरादाबाद के पीतल बस्ती सूरज नगर में किराए के मकान में पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा था। वह यहां एक पेट्रोल पंप पर सेल्समैन का काम करता था। कुछ दिन पहले कमरे में बंद करके पीटा था
जगपाल ने बताया- रेशम का पति नरेश पाल मामूली बात पर भी पीटता था। कुछ दिन पहले भी उसने कमरे में बंद करके रेशम की पिटाई की थी। तब उसे दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया था। जगपाल ने बताया-उस समय महिला थाने में इसकी शिकायत की गई थी। लेकिन तब नरेशपाल ने माफी मांग ली थी। इसके बाद समझा बुझाकर दोनों को साथ भेज दिया गया था। इसके बाद कुछ दिन तक तो नरेशपाल का व्यवहार सही रहा लेकिन बाद में उसने फिर से वही घटना शुरू कर दी। ये खबर भी पढ़ें… 90 लाख के लिए नौकरों ने मालकिन को मारा था:पहले पैर छुआ, फिर गला दबा दिया लखनऊ में रिटायर्ड IAS की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या मामले में पुलिस ने 220 पन्ने की चार्टशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। गाजीपुर पुलिस ने बताया, ड्राइवर अखिलेश उसका भाई रवि और दोस्त रंजीत ने 90 लाख रुपए के लालच में मोहिनी दुबे की हत्या की। DCP उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया- चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई है। पढ़ें पूरी खबर
अब पेपर लीक नहीं होगा…क्या गारंटी देगा नया कानून:जिंदगी भर जेल में रहना पड़ेगा; वह सब इंतजाम, जो नकल माफिया में डर पैदा करेगा
अब पेपर लीक नहीं होगा…क्या गारंटी देगा नया कानून:जिंदगी भर जेल में रहना पड़ेगा; वह सब इंतजाम, जो नकल माफिया में डर पैदा करेगा यूपी में एंटी पेपर लीक कानून विधानसभा और विधान परिषद से हो गया है। योगी सरकार यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून (अनुचित साधनों का निवारण) नाम से अध्यादेश 15 जुलाई, 2024 को लेकर आई थी। नए कानून के तहत पेपर लीक से लेकर आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर सजा होगी। सबसे कम सजा 2 साल की जेल और जुर्माना है, जबकि अधिकतम सजा आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना है। सरकार संपत्ति कुर्क भी कर करवा सकती है। ये कानून पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने में किस हद तक कामयाब होगा, क्या इससे पेपर लीक रुक जाएगा? ये जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बात की। भास्कर एक्सप्लेनर में इन 7 सवालों से जानिए सबकुछ…. सवाल-1: पहले पेपर लीक कराने या दूसरे की जगह परीक्षा देने जैसे मामलों में किन धाराओं में केस दर्ज होता था? इनमें कितनी सजा हो सकती थी? जवाब: नए कानून के पहले तक IPC की धारा 420, 468 और 120B के तहत पुलिस मामला दर्ज करती थी। 420 और 468 के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के अपराध आते हैं। 120B के तहत आपराधिक साजिश के मामले दर्ज होते हैं। इनमें 7 साल तक की अधिकतम सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ये सभी अपराध गैर जमानती हैं। सवाल -2: नए कानून से क्या फायदा होगा? जवाब : नए कानून में अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय है। संगठित अपराध का भी जिक्र है। परीक्षा करने वाली संस्था, सर्विस प्रोवाइडर और नकल माफिया, सभी के लिए अलग-अलग तरह के अपराध और दंड का प्रावधान किया गया है। पहली बार पकड़े जाने पर 14 साल तक की सजा और 25 लाख तक का जुर्माना है। दोबारा पकड़े जाने पर आजीवन कारावास और एक करोड़ तक का जुर्माना है। परीक्षा कराने वाली संस्था के चेयरपर्सन, मेंबर और स्टाफ अगर गड़बड़ी में शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ सजा का प्रावधान है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षाविद् दिनेश शर्मा कहते हैं- कानून का बड़ा फायदा मिलेगा। सरकार ने नकल रोकने के लिए पहले से ही काफी उपाय किए हैं। सवाल-3: यूपी सार्वजनिक परीक्षा कानून 2024 के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। इसका क्या मतलब है? जवाब: नए कानून की धारा 9 के अनुसार, इसके तहत दर्ज सभी मामले संज्ञेय, गैर जमानती और नॉन कंपाउंडेबल रहेंगे। संज्ञेय अपराध का मतलब है- ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकते हैं। संज्ञेय अपराधों में CrPC की धारा 154 के तहत मजिस्ट्रेट की अनुमति के बगैर पुलिस अधिकारी को FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने का अधिकार है। जबकि असंज्ञेय अपराधों में अपराध की गंभीरता कम होती है, इसलिए FIR दर्ज करने के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति और आदेश जरूरी है। सीधे FIR दर्ज नहीं होती। सवाल -4: इस कानून से पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कस पाएगा? जवाब: इन कानूनों का मकसद परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाना है। अभी तक राज्य में जो कार्रवाई होती है, उनमें नकल और चीटिंग जैसे छोटे अपराधों पर ज्यादा जोर है, जिसकी वजह से छात्रों को ही सजा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। लेकिन, नए कानून का उद्देश्य नौकरियों से जुड़ी परीक्षाओं की साख को बहाल करना है। नए कानून से पेपर लीक जैसी गड़बड़ी में हर स्टेप पर काम कर रहे अपराधियों पर कार्रवाई की जा सकेगी। कानून के तहत, अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है, तो उस सेंटर को हमेशा के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। उससे परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी। यूपी के पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह कहते हैं- नए कानून में सजा बेहद सख्त है। इससे नकल और पेपर लीक कराने वाले माफिया में खौफ पैदा होगा। अभी जो पेपर लीक हो रहे हैं, वो डिजिटली ज्यादा हो रहे हैं। अभी तक स्पष्ट कानून का प्रावधान नहीं होने के कारण कठोर कार्रवाई नहीं हो पाती थी, लेकिन अब कानून बन जाने से सजा दिलाने में आसानी हो जाएगी। सवाल-5: कौन-कौन सी परीक्षाएं कानून के दायरे में आएंगी? जवाब: इस कानून में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC), यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC), पुलिस भर्ती की परीक्षाएं शामिल होंगी। राज्य के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी। इसके अलावा यूपी बोर्ड, यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी शामिल हैं। यानी बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने पर भी इसी कानून के तहत कार्रवाई होगी। सवाल- 6: देश के दूसरे राज्यों में क्या है कानून? जवाब: देश के 6 अन्य राज्यों में अभी यूपी की तरह ही कानून है। छत्तीसगढ़ में 2008 में, झारखंड में 2001 में, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 1997 में, ओडिशा में 1998 में और महाराष्ट्र 1982 में लागू किए गए ऐसे ही पुराने नकल रोधी कानून हैं। एक साल पहले राजस्थान में सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2023 लागू किया गया था। इस नए कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है। आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम बनाया गया है। पेपर लीक मामले में दोषियों को जल्दी सजा मिले, इसके लिए हर आरोपी का कोर्ट में अलग ट्रायल कराया जा रहा है। गुजरात और उत्तराखंड में भी कानून में संशोधन करके सख्त बनाया गया है। सवाल- 7: पेपर लीक रोकने के लिए केंद्र सरकार ने क्या कानून बनाया? जवाब: पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया। इसमें 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।