मथुरा का पेड़ा जैसे दुनियाभर में फेमस है। वैसे ही यहां पर वृंदावन की लस्सी की बात भी निराली है। यूं तो कान्हा की नगरी में जगह-जगह लस्सी की दुकानें हैं। मगर बांके बिहारी मंदिर की मेन गली में बनी लस्सी शॉप का टेस्ट गजब है। श्री जी लस्सी के नाम से फेमस यह दुकान बांके बिहारी मंदिर की गली के कॉर्नर में है। इसकी शुरुआत 60 साल पहले पहले रमेश अग्रवाल ने की थी। यहां पर आने वालों को आज भी वही पुराना स्वाद मिलता है, जो सालों से चला आ रहा है। स्वाद ही हमारी पूंजी और पहचान रमेश अग्रवाल की शुरू की गई लस्सी की दुकान को उनके बेटे अजय और विजय अग्रवाल चला रहे हैं। उनके बेटे विजय अग्रवाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमारी लस्सी का स्वाद ही हमारी पूंजी और दुकान की पहचान है। 60 साल पहले शुरू हुई दुकान के बाद हमारी पीढ़ी बदल गई, लेकिन बिकने वाली लस्सी का स्वाद आज भी वही है। हम लोग लस्सी तैयार करने में टेस्ट का खास ध्यान रखते हैं। यही वजह है कि हमारे यहां आने वाले ग्राहकों का भरोसा आज भी बना हुआ है। लस्सी पीने वालों की लाइन लगती है श्री जी लस्सी वालों की दुकान पर स्वाद लेने वालों की लाइन लगती है। इस लस्सी का टेस्ट पाने के लिए लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हैं। बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने आने वाले ज्यादातर लोग यहां की लस्सी जरूर पीते हैं। विजय अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया। यही वजह है कि लोग हमारे यहां की लस्सी के दीवाने हैं। हम लोग सफाई का भी खास ध्यान रखते हैं। बड़ी लस्सी 80, छोटी 50 रुपए की श्री जी लस्सी वाले के मालिक विजय अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां बड़ी लस्सी का रेट 80 रुपए है। इसमें सौ ग्राम दही का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 200 ग्राम दही से बनने वाली छोटी लस्सी की कीमत 80 रुपए है। आम दिनों में हमारी दुकान पर करीब 300 से 400 लस्सी बिक जाती हैं। भीड़ के समय इसकी संख्या और भी ज्यादा हो जाती है। अब कस्टमर रिव्यू… —————- ये खबर भी पढ़ें… काशी की लाल पेड़ा मिठाई…CM-PM भी दीवाने:30 दिन तक नहीं खराब होती; UP कॉलेज में आजादी के पहले खुली थी दुकान काशी का खान-पान और देसी जायका दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुका है। दैनिक भास्कर की जायका सीरीज में आज हम आपको वाराणसी की एक ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इतिहास 113 साल पुराना है। हम बात कर रहे हैं वाराणसी के मशहूर लाल पेड़ा की, जिसके दीवाने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से लेकर पीएम मोदी तक हैं। कई सीएम भी यहां की मिठाई खा चुके हैं। यह मिठाई वाराणसी आने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं को बहुत पसंद आती है। देश-दुनिया की कई नामचीन हस्तियों ने लाल पेड़ा का स्वाद चखा। सबने यही कहा- वाह क्या मिठाई है। पढ़ें पूरी खबर मथुरा का पेड़ा जैसे दुनियाभर में फेमस है। वैसे ही यहां पर वृंदावन की लस्सी की बात भी निराली है। यूं तो कान्हा की नगरी में जगह-जगह लस्सी की दुकानें हैं। मगर बांके बिहारी मंदिर की मेन गली में बनी लस्सी शॉप का टेस्ट गजब है। श्री जी लस्सी के नाम से फेमस यह दुकान बांके बिहारी मंदिर की गली के कॉर्नर में है। इसकी शुरुआत 60 साल पहले पहले रमेश अग्रवाल ने की थी। यहां पर आने वालों को आज भी वही पुराना स्वाद मिलता है, जो सालों से चला आ रहा है। स्वाद ही हमारी पूंजी और पहचान रमेश अग्रवाल की शुरू की गई लस्सी की दुकान को उनके बेटे अजय और विजय अग्रवाल चला रहे हैं। उनके बेटे विजय अग्रवाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमारी लस्सी का स्वाद ही हमारी पूंजी और दुकान की पहचान है। 60 साल पहले शुरू हुई दुकान के बाद हमारी पीढ़ी बदल गई, लेकिन बिकने वाली लस्सी का स्वाद आज भी वही है। हम लोग लस्सी तैयार करने में टेस्ट का खास ध्यान रखते हैं। यही वजह है कि हमारे यहां आने वाले ग्राहकों का भरोसा आज भी बना हुआ है। लस्सी पीने वालों की लाइन लगती है श्री जी लस्सी वालों की दुकान पर स्वाद लेने वालों की लाइन लगती है। इस लस्सी का टेस्ट पाने के लिए लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हैं। बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने आने वाले ज्यादातर लोग यहां की लस्सी जरूर पीते हैं। विजय अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया। यही वजह है कि लोग हमारे यहां की लस्सी के दीवाने हैं। हम लोग सफाई का भी खास ध्यान रखते हैं। बड़ी लस्सी 80, छोटी 50 रुपए की श्री जी लस्सी वाले के मालिक विजय अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां बड़ी लस्सी का रेट 80 रुपए है। इसमें सौ ग्राम दही का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 200 ग्राम दही से बनने वाली छोटी लस्सी की कीमत 80 रुपए है। आम दिनों में हमारी दुकान पर करीब 300 से 400 लस्सी बिक जाती हैं। भीड़ के समय इसकी संख्या और भी ज्यादा हो जाती है। अब कस्टमर रिव्यू… —————- ये खबर भी पढ़ें… काशी की लाल पेड़ा मिठाई…CM-PM भी दीवाने:30 दिन तक नहीं खराब होती; UP कॉलेज में आजादी के पहले खुली थी दुकान काशी का खान-पान और देसी जायका दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुका है। दैनिक भास्कर की जायका सीरीज में आज हम आपको वाराणसी की एक ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इतिहास 113 साल पुराना है। हम बात कर रहे हैं वाराणसी के मशहूर लाल पेड़ा की, जिसके दीवाने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से लेकर पीएम मोदी तक हैं। कई सीएम भी यहां की मिठाई खा चुके हैं। यह मिठाई वाराणसी आने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं को बहुत पसंद आती है। देश-दुनिया की कई नामचीन हस्तियों ने लाल पेड़ा का स्वाद चखा। सबने यही कहा- वाह क्या मिठाई है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वृंदावन की श्री जी लस्सी की बात निराली:बांके बिहारी के दर्शन कर श्रद्धालु लेते हैं स्वाद, 60 साल पुरानी है दुकान
