यूपी के शामली में 20 जनवरी की रात STF ने एनकाउंटर में 4 बदमाश मार गिराए। मुठभेड़ में गोली लगने से घायल एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। मारे गए सभी बदमाश कुख्यात मुस्तफा कग्गा और मुकीम काला के लिए काम करते थे। एक वक्त में इस गैंग का दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में वर्चस्व था। कग्गा का एनकाउंटर हो चुका है। मुकीम काला पूर्वांचल की जेल में मारा जा चुका है। इन दोनों के मरने के बाद गैंग की कमान अरशद ने संभाल रखी थी, जो इस एनकाउंटर में मारा गया। ये वही गैंग है, जिसने 10 साल पहले शामली में दर्जनों व्यापारियों से रंगदारी मांगी। कइयों के मर्डर करवा दिए, पुलिस पर भी हमले किए। दहशत के चलते दर्जनों व्यापारी कैराना कस्बे से पलायन कर गए। योगी सरकार में इस पूरे गैंग का एक-एक करके खात्मा हुआ और पलायन कर चुके व्यापारियों की घर वापसी कराई गई। ये गैंग 7 महीने से सक्रिय था और एक बार फिर पनपने की तैयारी में था। यूपी पुलिस के सुपर कॉप्स को इसकी भनक लग गई। बस फिर क्या, STF पीछे लग गई और आमना-सामना हो गया। पूरे गैंग का सफाया हो गया। बदमाशों से जो हथियार बरामद हुए वह मेड इन जापान हैं। इन चारों बदमाशों का प्रोफाइल क्या था, एनकाउंटर के पीछे की असली कहानी क्या थी, इस रिपोर्ट में पढ़िए… सबसे पहले एनकाउंटर की कहानी, DIG की जुबानी हरियाणा से यूपी में घुसे, पुलिस देख बरसाई गोलियां
सहारनपुर रेंज के DIG अजय कुमार साहनी ने बताया- STF मेरठ यूनिट को खबर मिली कि सहारनपुर से एक लाख रुपए का इनामी बदमाश अरशद साथियों संग सफेद रंग की ब्रेजा कार में आ रहा है। अरशद हरियाणा बॉर्डर से यूपी में एंट्री करेगा और बड़ौली गांव होते हुए चौसाना की तरफ कोई वारदात करने जाएगा। 20 जनवरी की देर रात STF मेरठ यूनिट के ASP ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने मेरठ-करनाल हाईवे स्थित बिड़ौली-चौसाना चौराहे पर चेकिंग शुरू कर दी। जैसे ही ब्रेजा कार आई, उसको रोकने के प्रयास शुरू कर दिए। इस दौरान कार सवारों ने फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में STF जवानों ने भी गोलियां चलाईं। तीन बदमाश गाड़ी के अंदर मारे गए। गाड़ी चला रहा बदमाश उतरकर पैदल भागने लगा। वो भी कुछ दूरी पर पुलिस की गोली का शिकार हो गया। इस एनकाउंटर में STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में कई गोलियां लगीं। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में उनकी सर्जरी हुई। बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। 16 साल से एसटीएफ में थे सुनील कुमार
मूल रूप से मेरठ के मसूरी गांव निवासी सुनील कुमार 1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। एसटीएफ का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। इसके बाद 1 जनवरी 2009 से वह स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। 16 साल से वह एसटीएफ में ही थे। एनकाउंटर वाली जगह गन्ने के खेत, एकदम सुनसान इलाका
दैनिक भास्कर एनकाउंटर वाले पॉइंट पर पहुंचा। मेरठ-करनाल हाईवे पर गांव बड़ौली पड़ता है। बड़ौली से करीब एक किलोमीटर अंदर चलने पर जंगल शुरू हो जाता है। यहां ईंट-भट्ठे के पास सड़क किनारे ये एनकाउंटर हुआ। घटनास्थल पर ब्रेजा कार के निशान मौजूद थे। वहां खून बिखरा हुआ था। वहां ब्रेजा कार के शीशे ढकने में इस्तेमाल होने वाला ब्लैक कवर मिला। कार में बैठे लोग बाहर किसी को न दिखे, शायद बदमाशों ने इसलिए ब्लैक कवर लगा रखा होगा। इस पॉइंट पर सड़क के दोनों तरफ गन्ने के घने खेत हैं। एनकाउंटर रात के वक्त हुआ ऐसे में जब गोलियां चली होंगी, तब शायद ही कोई आसपास मौजूद हो। बदमाशों की ब्रेजा कार चौसाना पुलिस चौकी पर खड़ी है। कार के अंदर खून के निशान हैं। सीटों पर भी खून है। पीछे का शीशा टूटा हुआ है। कग्गा एनकाउंटर में और मुकीम जेल में मारा गया
STF मेरठ यूनिट के ASP ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया- सहारनपुर जिले का एक कुख्यात बदमाश था मुस्तफा उर्फ कग्गा। उसकी कई राज्यों में दहशत थी। वो पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग करने से भी नहीं चूकता था। पुलिस भी उससे दहशत खाती थी। साल-2011 और इससे पहले कग्गा ने कई पुलिसकर्मियों के मर्डर तक किए। 2011 में वो एनकाउंटर में मारा गया। उसके मारे जाने के बाद गैंग की कमान मुकीम काला ने संभाली। मुकीम काला ने साल-2011 में करनाल के किसानों से शामली में 86 लाख रुपए लूटे। उसी साल पुलिस मुखबिरी होने के शक में उसने सहारनपुर के गंगोह इलाके में अकबर नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी। इसी गंगोह इलाके में 2013 में एक व्यापारी को लूट लिया। मुकीम काला ने साल-2013 में ही सहारनपुर के गंगोह क्षेत्र में एक व्यापारी से 20 लाख रुपए लूटे और व्यापारी के गनर इकराम को गोली मारकर उसकी बंदूक लूट ले गया। 15 जनवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती डाली। इसके कुछ दिन बाद सहारनपुर के तीतरो में दो सगे भाइयों और सहारनपुर शहर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी। साल-2015 में STF ने मुकीम काला को गिरफ्तार कर लिया। 14 मई 2021 को चित्रकूट जेल में गैंगवार हुई। इसमें तीन बदमाश मारे गए। मरने वालों में मुकीम काला भी था। अब गैंग जिंदा करना चाहता था अरशद
मुकीम काला का शार्प शूटर अरशद साल-2013 से ही जेल में बंद था। दरअसल, अरशद को पानीपत के थाना बापौली के एक मुकदमे में सात साल की सजा हुई थी। वो जून-2024 में जमानत पर छूटा। 11 साल बाद जब जेल से बाहर आया तो उसने मुकीम काला गैंग फिर से जिंदा करना चाहा। उसने हरियाणा के शार्प शूटर मंजीत दहिया को अपने साथ जोड़ लिया। हरियाणा के कई और शूटर भी इसी गैंग में जुड़ गए। नवंबर-2024 में गैंग ने सहारनपुर के बेहट स्थित भारत फाइनेंस बैंक में डकैती डाली। इसी मामले में अरशद पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित हुआ था। इस एनकाउंटर में अरशद के साथ मारा गया मंजीत दहिया हरियाणा में सोनीपत जिले के गांव रोहट का रहने वाला है। मंजीत पर हरियाणा-यूपी में कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं। मंजीत ने साल-2021 में अपने भाई की हत्या कर दी थी। इसमें उसको 20 साल की सजा हुई थी। कुछ दिन पहले वो 40 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया। 40 दिन पूरे होने के बाद वो जेल नहीं गया, फरार हो गया। एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों के परिजनों ने क्या कहा, पढ़िए… ———————— ये खबर भी पढ़ें… 4 बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले STF इंस्पेक्टर शहीद यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद हो गए हैं। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। इंस्पेक्टर को पेट में कई गोली लगी थीं। उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई। गोलियां बाहर निकाल ली गईं, लेकिन उनका लिवर डैमेज हो गया था। पढ़ें पूरी खबर… यूपी के शामली में 20 जनवरी की रात STF ने एनकाउंटर में 4 बदमाश मार गिराए। मुठभेड़ में गोली लगने से घायल एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। मारे गए सभी बदमाश कुख्यात मुस्तफा कग्गा और मुकीम काला के लिए काम करते थे। एक वक्त में इस गैंग का दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में वर्चस्व था। कग्गा का एनकाउंटर हो चुका है। मुकीम काला पूर्वांचल की जेल में मारा जा चुका है। इन दोनों के मरने के बाद गैंग की कमान अरशद ने संभाल रखी थी, जो इस एनकाउंटर में मारा गया। ये वही गैंग है, जिसने 10 साल पहले शामली में दर्जनों व्यापारियों से रंगदारी मांगी। कइयों के मर्डर करवा दिए, पुलिस पर भी हमले किए। दहशत के चलते दर्जनों व्यापारी कैराना कस्बे से पलायन कर गए। योगी सरकार में इस पूरे गैंग का एक-एक करके खात्मा हुआ और पलायन कर चुके व्यापारियों की घर वापसी कराई गई। ये गैंग 7 महीने से सक्रिय था और एक बार फिर पनपने की तैयारी में था। यूपी पुलिस के सुपर कॉप्स को इसकी भनक लग गई। बस फिर क्या, STF पीछे लग गई और आमना-सामना हो गया। पूरे गैंग का सफाया हो गया। बदमाशों से जो हथियार बरामद हुए वह मेड इन जापान हैं। इन चारों बदमाशों का प्रोफाइल क्या था, एनकाउंटर के पीछे की असली कहानी क्या थी, इस रिपोर्ट में पढ़िए… सबसे पहले एनकाउंटर की कहानी, DIG की जुबानी हरियाणा से यूपी में घुसे, पुलिस देख बरसाई गोलियां
सहारनपुर रेंज के DIG अजय कुमार साहनी ने बताया- STF मेरठ यूनिट को खबर मिली कि सहारनपुर से एक लाख रुपए का इनामी बदमाश अरशद साथियों संग सफेद रंग की ब्रेजा कार में आ रहा है। अरशद हरियाणा बॉर्डर से यूपी में एंट्री करेगा और बड़ौली गांव होते हुए चौसाना की तरफ कोई वारदात करने जाएगा। 20 जनवरी की देर रात STF मेरठ यूनिट के ASP ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने मेरठ-करनाल हाईवे स्थित बिड़ौली-चौसाना चौराहे पर चेकिंग शुरू कर दी। जैसे ही ब्रेजा कार आई, उसको रोकने के प्रयास शुरू कर दिए। इस दौरान कार सवारों ने फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में STF जवानों ने भी गोलियां चलाईं। तीन बदमाश गाड़ी के अंदर मारे गए। गाड़ी चला रहा बदमाश उतरकर पैदल भागने लगा। वो भी कुछ दूरी पर पुलिस की गोली का शिकार हो गया। इस एनकाउंटर में STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में कई गोलियां लगीं। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में उनकी सर्जरी हुई। बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। 16 साल से एसटीएफ में थे सुनील कुमार
मूल रूप से मेरठ के मसूरी गांव निवासी सुनील कुमार 1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। एसटीएफ का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। इसके बाद 1 जनवरी 2009 से वह स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। 16 साल से वह एसटीएफ में ही थे। एनकाउंटर वाली जगह गन्ने के खेत, एकदम सुनसान इलाका
दैनिक भास्कर एनकाउंटर वाले पॉइंट पर पहुंचा। मेरठ-करनाल हाईवे पर गांव बड़ौली पड़ता है। बड़ौली से करीब एक किलोमीटर अंदर चलने पर जंगल शुरू हो जाता है। यहां ईंट-भट्ठे के पास सड़क किनारे ये एनकाउंटर हुआ। घटनास्थल पर ब्रेजा कार के निशान मौजूद थे। वहां खून बिखरा हुआ था। वहां ब्रेजा कार के शीशे ढकने में इस्तेमाल होने वाला ब्लैक कवर मिला। कार में बैठे लोग बाहर किसी को न दिखे, शायद बदमाशों ने इसलिए ब्लैक कवर लगा रखा होगा। इस पॉइंट पर सड़क के दोनों तरफ गन्ने के घने खेत हैं। एनकाउंटर रात के वक्त हुआ ऐसे में जब गोलियां चली होंगी, तब शायद ही कोई आसपास मौजूद हो। बदमाशों की ब्रेजा कार चौसाना पुलिस चौकी पर खड़ी है। कार के अंदर खून के निशान हैं। सीटों पर भी खून है। पीछे का शीशा टूटा हुआ है। कग्गा एनकाउंटर में और मुकीम जेल में मारा गया
STF मेरठ यूनिट के ASP ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया- सहारनपुर जिले का एक कुख्यात बदमाश था मुस्तफा उर्फ कग्गा। उसकी कई राज्यों में दहशत थी। वो पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग करने से भी नहीं चूकता था। पुलिस भी उससे दहशत खाती थी। साल-2011 और इससे पहले कग्गा ने कई पुलिसकर्मियों के मर्डर तक किए। 2011 में वो एनकाउंटर में मारा गया। उसके मारे जाने के बाद गैंग की कमान मुकीम काला ने संभाली। मुकीम काला ने साल-2011 में करनाल के किसानों से शामली में 86 लाख रुपए लूटे। उसी साल पुलिस मुखबिरी होने के शक में उसने सहारनपुर के गंगोह इलाके में अकबर नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी। इसी गंगोह इलाके में 2013 में एक व्यापारी को लूट लिया। मुकीम काला ने साल-2013 में ही सहारनपुर के गंगोह क्षेत्र में एक व्यापारी से 20 लाख रुपए लूटे और व्यापारी के गनर इकराम को गोली मारकर उसकी बंदूक लूट ले गया। 15 जनवरी 2015 को सहारनपुर के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में डकैती डाली। इसके कुछ दिन बाद सहारनपुर के तीतरो में दो सगे भाइयों और सहारनपुर शहर में सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर दी। साल-2015 में STF ने मुकीम काला को गिरफ्तार कर लिया। 14 मई 2021 को चित्रकूट जेल में गैंगवार हुई। इसमें तीन बदमाश मारे गए। मरने वालों में मुकीम काला भी था। अब गैंग जिंदा करना चाहता था अरशद
मुकीम काला का शार्प शूटर अरशद साल-2013 से ही जेल में बंद था। दरअसल, अरशद को पानीपत के थाना बापौली के एक मुकदमे में सात साल की सजा हुई थी। वो जून-2024 में जमानत पर छूटा। 11 साल बाद जब जेल से बाहर आया तो उसने मुकीम काला गैंग फिर से जिंदा करना चाहा। उसने हरियाणा के शार्प शूटर मंजीत दहिया को अपने साथ जोड़ लिया। हरियाणा के कई और शूटर भी इसी गैंग में जुड़ गए। नवंबर-2024 में गैंग ने सहारनपुर के बेहट स्थित भारत फाइनेंस बैंक में डकैती डाली। इसी मामले में अरशद पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित हुआ था। इस एनकाउंटर में अरशद के साथ मारा गया मंजीत दहिया हरियाणा में सोनीपत जिले के गांव रोहट का रहने वाला है। मंजीत पर हरियाणा-यूपी में कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं। मंजीत ने साल-2021 में अपने भाई की हत्या कर दी थी। इसमें उसको 20 साल की सजा हुई थी। कुछ दिन पहले वो 40 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया। 40 दिन पूरे होने के बाद वो जेल नहीं गया, फरार हो गया। एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों के परिजनों ने क्या कहा, पढ़िए… ———————— ये खबर भी पढ़ें… 4 बदमाशों का एनकाउंटर करने वाले STF इंस्पेक्टर शहीद यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद हो गए हैं। सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। इंस्पेक्टर को पेट में कई गोली लगी थीं। उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई। गोलियां बाहर निकाल ली गईं, लेकिन उनका लिवर डैमेज हो गया था। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर