कोई समय था जब हमारे देश में न राज्य था, न राजा। न दण्ड था न दाण्डिक न्यायाधीश। धर्म सबके जीवन में था जिससे सारे समाज की परस्पर रक्षा हो जाती थी। समय बदला तो दुष्ट बलवानों ने निर्बलों को सताना शुरू किया। ऐसे में न्यायालयों की आवश्यकता पड़ी, राजा की आश्यकता हुई। इससे जनता को तात्कालिक रूप से लाभ हुआ पर धीरे-धीरे उसमें भी संवेदनशीलता की कमी आने लगी और आज वह न्याय कम और प्रोसीजर ज्यादा हो गया है। ऐसा हम नहीं उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश ने ही कहा है। यह बातें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने महाकुंभ में आयोजित परमधर्म-संसद में कहीं। धर्म सम्बन्धित लाखों मुकदमे देश की न्यायालयों में लम्बित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द कहा – देश में समय-समय पर अलग-अलग सन्दर्भों में विधि विशेषज्ञों ने बताया है कि संविधान की धारा 14 धारा 25 के ऊपर अधिमान नहीं पानी चाहिए। अदालतों को यह तय नहीं करना चाहिए कि धर्म के आवश्यकतत्व क्या हैं? यह भी कि न्यायालयों को धार्मिक अभ्यासों व परम्पराओं में तब तक के सिवाय कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब तक कि वह किसी बुराई अथवा शोषण प्रक्रिया को बढ़ावा न दे रही हों। संविधान की धारा 26 बी के अनुसार धार्मिक क्रियाओं के सम्पादन के अधिकार में अदालतों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। साथ ही धर्म सम्बन्धित लाखों मुकदमे देश की न्यायालयों में लम्बे समय से लम्बित चल रहे हैं। न्यायालय भी धर्म न्यायालय भी आरम्भ करें शंकराचार्य ने घोषित किया कि भारतीय न्यायालयों के भार को कम करने, उन्हें आवश्यकता पर धार्मिक विशेषज्ञता उपलब्ध कराने और धार्मिक मामलों को धार्मिक गहराई के साथ निर्णीत कराने के उद्देश्य से व्यक्तिगत स्तर पर एक धार्मिक न्यायालय का गठन किया जाता है और भारत के उच्चतम न्यायालय से भी अनुरोध किया जाता है कि परिवार न्यायालय की तरह एक धर्म न्यायालय भी आरम्भ करें, जहाँ धार्मिक मामलों का निपटारा हो सके। कोई समय था जब हमारे देश में न राज्य था, न राजा। न दण्ड था न दाण्डिक न्यायाधीश। धर्म सबके जीवन में था जिससे सारे समाज की परस्पर रक्षा हो जाती थी। समय बदला तो दुष्ट बलवानों ने निर्बलों को सताना शुरू किया। ऐसे में न्यायालयों की आवश्यकता पड़ी, राजा की आश्यकता हुई। इससे जनता को तात्कालिक रूप से लाभ हुआ पर धीरे-धीरे उसमें भी संवेदनशीलता की कमी आने लगी और आज वह न्याय कम और प्रोसीजर ज्यादा हो गया है। ऐसा हम नहीं उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश ने ही कहा है। यह बातें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने महाकुंभ में आयोजित परमधर्म-संसद में कहीं। धर्म सम्बन्धित लाखों मुकदमे देश की न्यायालयों में लम्बित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द कहा – देश में समय-समय पर अलग-अलग सन्दर्भों में विधि विशेषज्ञों ने बताया है कि संविधान की धारा 14 धारा 25 के ऊपर अधिमान नहीं पानी चाहिए। अदालतों को यह तय नहीं करना चाहिए कि धर्म के आवश्यकतत्व क्या हैं? यह भी कि न्यायालयों को धार्मिक अभ्यासों व परम्पराओं में तब तक के सिवाय कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब तक कि वह किसी बुराई अथवा शोषण प्रक्रिया को बढ़ावा न दे रही हों। संविधान की धारा 26 बी के अनुसार धार्मिक क्रियाओं के सम्पादन के अधिकार में अदालतों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। साथ ही धर्म सम्बन्धित लाखों मुकदमे देश की न्यायालयों में लम्बे समय से लम्बित चल रहे हैं। न्यायालय भी धर्म न्यायालय भी आरम्भ करें शंकराचार्य ने घोषित किया कि भारतीय न्यायालयों के भार को कम करने, उन्हें आवश्यकता पर धार्मिक विशेषज्ञता उपलब्ध कराने और धार्मिक मामलों को धार्मिक गहराई के साथ निर्णीत कराने के उद्देश्य से व्यक्तिगत स्तर पर एक धार्मिक न्यायालय का गठन किया जाता है और भारत के उच्चतम न्यायालय से भी अनुरोध किया जाता है कि परिवार न्यायालय की तरह एक धर्म न्यायालय भी आरम्भ करें, जहाँ धार्मिक मामलों का निपटारा हो सके। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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कानपुर देहात में दलित छात्रा की झाड़ियो में मिली लाश, परिजनों का आरोप- दबंगों को पुलिस ने छोड़ा
कानपुर देहात में दलित छात्रा की झाड़ियो में मिली लाश, परिजनों का आरोप- दबंगों को पुलिस ने छोड़ा <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Dehat News:</strong> कानपुर देहात पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है. एक नाबालिग दलित छात्रा का पहले गांव के कुछ दबंग लड़कों ने आपत्तिजनक वीडियो बनाया फिर उसे वीडियो वायरल करने की धमकी दी और मिलने को बुलाया. 10 अक्टूबर को दबंगों के कहने पर घर से निकली छात्रा वापस नहीं लौटी. सात दिन बाद झाड़ियों में उसका शव आपत्तिजनक अवस्था में पड़ा मिला जिसके बाद गांव में कोहराम मच गया. परिजनों ने 12 अक्टूबर को दबंगों के खिलाफ तहरीर दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र में एक 14 साल की छात्रा का गांव के ही दबंग दो लड़कों ने पहले वीडियो बनाया. फिर उसे धमकाने लगे लेकिन नाबालिग ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी. दबंग धमकाते रहे वीडियो के आधार पर नाबालिग का शोषण करते रहे. वहीं बीते 10 अक्टूबर को दबंगों के बुलाने पर वह घर से निकली और वापस घर नहीं लौटी. जिसके बाद परिजनों ने दो दिन तक काफी तलाश करने के बाद पुलिस को जानकारी दी. आरोप है कि पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की. आरोप है कि गांव वालों के दबाव में पुलिस ने 12 अक्टूबर को दो आरोपियों को हिरासत में लिए और शाम तक उन्हें छोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस पर आरोपियों को पैसे लेकर छोड़ने का आरोप</strong><br />परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पैसे लेकर आरोपियों को छोड़ दिया. उसके बाद 17 अक्टूबर को नाबालिग का शव में खेतों में पड़ा मिला. परिजनों ने कहा कि अगर समय रहते पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्ती करती तो उनकी बेटी बच जाती. क्योंकि जब पहली बार शिकायत करने पर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा था लेकिन उसी दिन छोड़ देने के बाद ही आरोपियों ने उनकी बेटी की हत्या कर शव को बुरी तरह से जला दिया. शव सड़ चुका था. सिर में बाल नहीं थी हाथों के पंजे कटे हुए बताए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे मामले को लेकर इटावा लोकसभा से सपा संसद जितेंद्र दोहरे कानपुर देहात पहुंचे और पीड़ितों से बातचीत की. साथ ही इस लड़ाई को सदन में उठाने की बात भी कही. सांसद ने कहा कि सरकार और पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय है. कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता है तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. इस मामले में कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ती ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच की जा रही है और विधायक कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-by-election-2024-nomination-process-begins-for-khair-nomination-form-filled-by-25-october-ann-2806220″>खैर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, 25 अक्टूबर तक भरा जाएगा पर्चा</a></strong></p>
रुचिवीरा बोलीं- अब कहां गया योगी का बुलडोजर:मुरादाबाद की सांसद ने कहा-यति नरसिंहानंद पर लगे राष्ट्रद्रोह का केस;ऐसी सजा मिले जो नजीर बने
रुचिवीरा बोलीं- अब कहां गया योगी का बुलडोजर:मुरादाबाद की सांसद ने कहा-यति नरसिंहानंद पर लगे राष्ट्रद्रोह का केस;ऐसी सजा मिले जो नजीर बने मुरादाबाद की सपा सांसद रुचिवीरा ने यति नरसिंहानंद प्रकरण में सोमवार को शहर इमाम सैय्यद मासूम अली आजाद के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम अनुज सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान रुचिवीरा ने मीडिया से बातचीत में प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा तंज कसा। रुचिवीरा ने कहा- पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला चाहे संत हो या कोई और, उसे ऐसी सजा दी जाए कि वो नजीर बने। ताकि फिर से कोई भी पैगंबर साहब के बारे में ऐसे बोलने की हिम्मत न कर सके। इसलिए पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी करने वाले यति नरसिंहानंद को कड़ा सबक देना जरूरी है। शहर इमाम और सपा पदाधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची रुचिवीरा ने कहा- हम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की पैगंबर साहब के बारे में की गई टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। सरकार से ये आग्रह करते हैं कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ राष्ट्रदोह के तहत कार्रवाई की जाए। ऐसी कार्रवाई की जाए कि नजीर बने
रुचिवीरा ने कहा- यति नरसिंहानंद पर मामूली धाराओं में कार्रवाई करने से कुछ नहीं होगा। उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए जो देश में नजीर बने और भविष्य में कोई भी पैगंबर साहब के बारे में टिप्पणी की हिम्मत न कर पाए। सांसद ने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में ये मांगें की हैं। जीरो टॉलरेंस की सरकार से पूछना चाहतीं हूं कि बुलडोजर कहा है…
सांसद ने कहा कि मैं यूपी की जीरो टॉलरेंस की सरकार से पूछना चाहती हूं कि अब बुलडोजर कहां हैं। अब बुलडोजर यति नरसिंहानंद के ठिकानों पर क्यों नहीं चल रहा है। सरकार को यति नरसिंहानंद की प्रॉपर्टी की जांच करानी चाहिए और उनके ठिकानों पर बुलडोजर चलाना चाहिए।
CM आतिशी के चुनाव एजेंट ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ की शिकायत, दफ्तर खोलने से जुड़ा मामला
CM आतिशी के चुनाव एजेंट ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ की शिकायत, दफ्तर खोलने से जुड़ा मामला <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Assembly Election 2025:</strong> दिल्ली की कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार और मुख्यमंत्री अतिशी के चुनाव प्रतिनिधि ने बीजेपी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के खिलाफ चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की शिकायत दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि रमेश बिधूड़ी ने गोविंदपुरी में पोलिंग बूथ के 80 मीटर के भीतर चुनाव दफ्तर खोला, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करता है. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव कार्यालय पोलिंग बूथ से 200 मीटर के अंदर नहीं खोला जा सकता. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री अतिशी के चुनाव एजेंट विजय कुमार ने विधानसभा क्षेत्र 51 कालकाजी के रिटर्निंग अधिकारी के पास एक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि रमेश बिधूड़ी ने गोविंदपुरी के बनारस हाउस, 1/42, डी.डी.ए. लोकल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में चुनाव कार्यालय खोला है, जो गिरी नगर स्थित एमसीडी को-एड स्कूल के पास है और यह स्कूल मतदान केंद्र के रूप में इस्तेमाल होता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत के अनुसार, यह चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है. चुनाव आचार संहिता के नियमों के तहत, मतदान केंद्र से 200 मीटर की निर्धारित दूरी के भीतर कोई चुनाव ऑफिस नहीं खोला जा सकता है, ताकि मतदाताओं के लिए एक निष्पक्ष माहौल सुनिश्चित किया जा सके. आम आदमी पार्टी की ओर से दी गई आधिकारिक शिकायत में मांग की गई है कि इस मामले की जांच की जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AAP ने फोटोग्राफ और वीडियो प्रमाण भी दिए </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में कहा गया, ”रमेश बिधूड़ी द्वारा खोले गए चुनाव कार्यालय को तुरंत बंद किया जाए. इस उल्लंघन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जाए.” आम आदमी पार्टी ने शिकायत को सही ठहराने के लिए फोटोग्राफ और वीडियो प्रमाण भी दिए हैं और रिटर्निंग अधिकारी से अनुरोध किया है कि इस मामले को जल्दी सुलझाया जाए ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखी जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे का जिक्र कर भड़के BJP सांसद मनोज तिवारी, ‘किस मुंह से ये…'” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-election-2025-manoj-tiwari-bjp-attack-on-aap-arvind-kejriwal-amanatullah-khan-son-ann-2869860″ target=”_self”>AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे का जिक्र कर भड़के BJP सांसद मनोज तिवारी, ‘किस मुंह से ये…'</a></strong></p>