शंभू बॉर्डर मामले में हाई पॉवर कमेटी की मीटिंग:पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों से बैठक कर बनाई स्ट्रेटजी, अब किसानों से होगी मुलाकात

शंभू बॉर्डर मामले में हाई पॉवर कमेटी की मीटिंग:पंजाब-हरियाणा के अधिकारियों से बैठक कर बनाई स्ट्रेटजी, अब किसानों से होगी मुलाकात

6 महीने से किसान आंदोलन के चलते बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा गठित पावर कमेटी की आज (बुधवार) को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में पहली मीटिंग हुई। इसमें पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। यह मीटिंग रिटायर जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में हुई। करीब दो घंटे तक चली मीटिंग में प्रत्येक मुद्दे पर मंथन हुआ। वहीं, आने वाले दिनों में कमेटी संघर्ष पर चल रहे किसानों से मीटिंग करेगी। हालांकि मीटिंग के बाद न तो पंजाब और न ही हरियाणा के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की। वह सीधे अपनी गाड़ियों से आगे निकल गए। ऐसे गठित की थी हाई पॉवर कमेटी 9 दिन पहले शंभू बॉर्डर मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान हाई पॉवर कमेटी गठित की थी। साथ ही कहा था कि हम मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। हाई पॉवर कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी नसीहत दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। मुद्दे बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलित रुख अपनाना चाहिए। ऐसे गठित की थी हाई पावर जैसे ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों को कहा था कि किसानों से मीटिंग कर रास्ता खोलने की योजना बनाए। दो बार पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों ने पटियाला में किसानों से मीटिंग की थी। लेकिन मीटिंगों में कोई भी नतीजा नहीं निकला था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा से कमेटी गठित गठित करने के लिए कुछ माहिर लोगों के नाम मांगे थे। फिर यह हाई पावर कमेटी बनाई गई थी। वहीं, शीर्ष अदालत ने साफ कहा था कि इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। 6 महीने से किसान आंदोलन के चलते बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा गठित पावर कमेटी की आज (बुधवार) को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में पहली मीटिंग हुई। इसमें पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। यह मीटिंग रिटायर जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में हुई। करीब दो घंटे तक चली मीटिंग में प्रत्येक मुद्दे पर मंथन हुआ। वहीं, आने वाले दिनों में कमेटी संघर्ष पर चल रहे किसानों से मीटिंग करेगी। हालांकि मीटिंग के बाद न तो पंजाब और न ही हरियाणा के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की। वह सीधे अपनी गाड़ियों से आगे निकल गए। ऐसे गठित की थी हाई पॉवर कमेटी 9 दिन पहले शंभू बॉर्डर मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान हाई पॉवर कमेटी गठित की थी। साथ ही कहा था कि हम मुद्दे तय नहीं कर रहे हैं। यह अधिकार कमेटी को दे रहे हैं। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। हाई पॉवर कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी नसीहत दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न किया जाए। मुद्दे बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए संतुलित रुख अपनाना चाहिए। ऐसे गठित की थी हाई पावर जैसे ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों को कहा था कि किसानों से मीटिंग कर रास्ता खोलने की योजना बनाए। दो बार पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों ने पटियाला में किसानों से मीटिंग की थी। लेकिन मीटिंगों में कोई भी नतीजा नहीं निकला था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा से कमेटी गठित गठित करने के लिए कुछ माहिर लोगों के नाम मांगे थे। फिर यह हाई पावर कमेटी बनाई गई थी। वहीं, शीर्ष अदालत ने साफ कहा था कि इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।   पंजाब | दैनिक भास्कर