‘शरद पवार की छल-कपट की राजनीति का अंत, लोगों ने उद्धव ठाकरे को दिखा दी उनकी जगह’, अमित शाह का निशाना

‘शरद पवार की छल-कपट की राजनीति का अंत, लोगों ने उद्धव ठाकरे को दिखा दी उनकी जगह’, अमित शाह का निशाना

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार (12 जनवरी) को कहा कि एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने 1978 से महाराष्ट्र में विश्वासघात और छल-कपट की राजनीति की, जिसका अंत विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत और स्थिर सरकार बनाने के संकल्प के साथ हुआ. अमित शाह ने बीजेपी के राज्य-स्तरीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पिछले साल के चुनाव में वंशवाद और विश्वासघात की राजनीति को खारिज करके शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 सीट में से 230 पर जीत दर्ज की. बीजेपी 132 सीट के साथ पहले स्थान पर रही. विपक्षी महा विकास आघाडी महज 46 सीट पर सिमट गई. इनमें एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को क्रमशः 10 और 20 सीट ही मिलीं. अमित शाह ने कहा कि शरद पवार ने 1978 में महाराष्ट्र में ‘दगा-फटका’ (छल-कपट) की राजनीति शुरू की, जिसे 2024 चुनाव में लोगों ने नकार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को नकार दिया- अमित शाह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसी तरह वंशवाद की राजनीति और उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को भी नकार दिया गया. जनता ने 2024 के चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी. चुनाव ने महाराष्ट्र में अस्थिरता की राजनीति को भी समाप्त कर दिया, जो 1978 में शुरू हुई थी. साल 1978 में शरद पवार जिन्होंने बाद में एनसीपी की स्थापना की, 40 विधायकों के साथ वसंतदादा पाटिल सरकार से बाहर निकल गए और मुख्यमंत्री बन गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवसेना (अविभाजित) और बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन तोड़ दिया. बीजेपी ने इस कदम को लेकर बार-बार उनका मजाक उड़ाया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को राज्य में पार्टी की भारी जीत का असली सूत्रधार बताते हुए अमित शाह ने कहा कि आप पंचायत से लेकर संसद तक पार्टी की जीत के सूत्रधार हैं. आपको बीजेपी को अजेय बनाना है, ताकि कोई फिर से उसे धोखा देने की हिम्मत न कर सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिए ये निर्देश</strong><br />उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने और बड़ी संख्या में महिलाओं और किसानों को शामिल करने को कहा. अमित शाह ने कहा कि शरद पवार ने मुख्यमंत्री का पद संभाला, कई सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व किया और केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन वह किसानों की आत्महत्या को नहीं रोक सके. केवल बीजेपी ही यह (किसानों की आत्महत्या को रोकने का काम) कर सकती है. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से कहा कि वे बीजेपी सरकार को अपने सभी आश्वासनों को पूरा करते हुए देखें और यह सवाल न करें कि यह कैसे किया जाएगा. महाराष्ट्र की प्रगति के बिना भारत का विकास संभव नहीं है और राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार इसे पूरा करेगी. महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत के दीर्घकालिक परिणाम होने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत ने ‘इंडिया’ गठबंधन का आत्मविश्वास तोड़ दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन का पतन शुरू- <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a></strong><br />दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच मतभेदों का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि इंडिया गठबंधन का पतन शुरू हो गया है. उन्होंने विश्वास जताया कि बीजेपी पांच फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में अकेले चुनाव लड़ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ रही है. पश्चिम बंगाल और बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिए हालात अच्छे नहीं हैं. आठ फरवरी को अपने पटाखे तैयार रखें, क्योंकि बीजेपी दिल्ली जीतेगी.</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title=”महाराष्ट्र के नासिक में बड़ा हादसा, ट्रक-पिकअप की टक्कर में 8 की मौत, कई घायल” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/nashik-road-accident-truck-crashes-with-pickup-8-people-killed-2861583″ target=”_blank” rel=”noopener”>महाराष्ट्र के नासिक में बड़ा हादसा, ट्रक-पिकअप की टक्कर में 8 की मौत, कई घायल</a></strong></p>
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</div> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार (12 जनवरी) को कहा कि एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने 1978 से महाराष्ट्र में विश्वासघात और छल-कपट की राजनीति की, जिसका अंत विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत और स्थिर सरकार बनाने के संकल्प के साथ हुआ. अमित शाह ने बीजेपी के राज्य-स्तरीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पिछले साल के चुनाव में वंशवाद और विश्वासघात की राजनीति को खारिज करके शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के महायुति गठबंधन ने राज्य की 288 सीट में से 230 पर जीत दर्ज की. बीजेपी 132 सीट के साथ पहले स्थान पर रही. विपक्षी महा विकास आघाडी महज 46 सीट पर सिमट गई. इनमें एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) को क्रमशः 10 और 20 सीट ही मिलीं. अमित शाह ने कहा कि शरद पवार ने 1978 में महाराष्ट्र में ‘दगा-फटका’ (छल-कपट) की राजनीति शुरू की, जिसे 2024 चुनाव में लोगों ने नकार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को नकार दिया- अमित शाह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इसी तरह वंशवाद की राजनीति और उद्धव ठाकरे के विश्वासघात को भी नकार दिया गया. जनता ने 2024 के चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को उनकी जगह दिखा दी. चुनाव ने महाराष्ट्र में अस्थिरता की राजनीति को भी समाप्त कर दिया, जो 1978 में शुरू हुई थी. साल 1978 में शरद पवार जिन्होंने बाद में एनसीपी की स्थापना की, 40 विधायकों के साथ वसंतदादा पाटिल सरकार से बाहर निकल गए और मुख्यमंत्री बन गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवसेना (अविभाजित) और बीजेपी ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन तोड़ दिया. बीजेपी ने इस कदम को लेकर बार-बार उनका मजाक उड़ाया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को राज्य में पार्टी की भारी जीत का असली सूत्रधार बताते हुए अमित शाह ने कहा कि आप पंचायत से लेकर संसद तक पार्टी की जीत के सूत्रधार हैं. आपको बीजेपी को अजेय बनाना है, ताकि कोई फिर से उसे धोखा देने की हिम्मत न कर सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिए ये निर्देश</strong><br />उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने और बड़ी संख्या में महिलाओं और किसानों को शामिल करने को कहा. अमित शाह ने कहा कि शरद पवार ने मुख्यमंत्री का पद संभाला, कई सहकारी संस्थाओं का नेतृत्व किया और केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे, लेकिन वह किसानों की आत्महत्या को नहीं रोक सके. केवल बीजेपी ही यह (किसानों की आत्महत्या को रोकने का काम) कर सकती है. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से कहा कि वे बीजेपी सरकार को अपने सभी आश्वासनों को पूरा करते हुए देखें और यह सवाल न करें कि यह कैसे किया जाएगा. महाराष्ट्र की प्रगति के बिना भारत का विकास संभव नहीं है और राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार इसे पूरा करेगी. महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत के दीर्घकालिक परिणाम होने का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत ने ‘इंडिया’ गठबंधन का आत्मविश्वास तोड़ दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन का पतन शुरू- <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a></strong><br />दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच मतभेदों का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि इंडिया गठबंधन का पतन शुरू हो गया है. उन्होंने विश्वास जताया कि बीजेपी पांच फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में आसानी से जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में अकेले चुनाव लड़ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ रही है. पश्चिम बंगाल और बिहार में विपक्षी गठबंधन के लिए हालात अच्छे नहीं हैं. आठ फरवरी को अपने पटाखे तैयार रखें, क्योंकि बीजेपी दिल्ली जीतेगी.</p>
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