शहर में 50% ही उठाया जा रहा था कूड़ा, नगर निगम ने निजी कंपनियों को लगाई फटकार

शहर में 50% ही उठाया जा रहा था कूड़ा, नगर निगम ने निजी कंपनियों को लगाई फटकार

<div id=”:1ur” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” style=”text-align: justify;” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:1×4″ aria-controls=”:1×4″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> कानपुर में हर घर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम ने कवायत की, और घर घर से कूड़ा कलेक्ट किया, जिसको लेकर कानपुर नगर निगम ने तीन निजी कंपनियों को कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंप थी और उसके साथ ही एक नई व्यवस्था भी लागू की थी. जिसके चलते शहर में कूड़ा उठाने की प्रक्रिया पर बारीक नजर रखी जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर आयुक्त के द्वारा जिन तीन कंपनियों को शहर के हर घर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी उनके सभी कर्मचारियों को इस बात की भी हिदायत दी गई थी, कि वह काम करने के दौरान अपने मोबाइल की लाइव लोकेशन खोलें जिसके चलते किस क्षेत्र में कितना काम किया जा रहा है और कर्मचारी काम करने के लिए अपने निर्धारित क्षेत्र में पहुंच रहे हैं, इस बात की पुष्टि हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाइव लोकेशन के लिए नगर निगम ने GPS का सहारा लिया<br /></strong>यहां तक की नगर निगम से जिन गाड़ियों में कूड़े को कलेक्ट कर उठाया जा रहा था, उन गाड़ियों में भी जीपीएस सिस्टम लगाए गए थे. लेकिन अधिकारियों के द्वारा कूड़ा उठाने वाली कंपनियों के कर्मचारियों की लाइव लोकेशन ने उनके काम करने के तरीके की पोल खोल दी और लाइव लोकेशन ने इस बात को साफ कर दिया की शहर से महज 50 से 60 फीसदी ही कूड़ा उठाया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर शहर से नगर निगम द्वारा घर-घर से उठाए जाने वाले कूड़े को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. दरअसल जिस नगर निगम ने निजी कंपनियों को शहर से हर घर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंप थी, वह कंपनियां अपने काम में बड़ी लापरवाही करती हुई नजर आ रही है. शहर की गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी जिस कंपनियों पर थी वह कंपनी अपना काम सुचारू रूप से नहीं कर रही थी.</p>
<iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/piWnxbpG2m4?si=JbkLdCyh5nmKOyEX” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शहर से 50 से 60 प्रतिशत कूड़ा उठाया जा रहा था<br /></strong>इसके साथ ही वह नगर निगम के तमाम अधिकारियों की आंखों में धूल भी झोंक रही थी. हालांकि इस तरीके की आशंका नगर निगम और नगर आयुक्त को पहले से ही थी. इसलिए जब इन तमाम कंपनियों को शहर के डोर-डोर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तभी उनकी गाड़ियों में और उनके उन तमाम कर्मचारियों को जीपीएस सिस्टम से लैस कर दिया गया था कि अगर उनके कर्मचारी अपने निर्धारित क्षेत्र पर काम करते हुए लाइव लोकेशन में उपस्थित नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन मॉनिटरिंग करने के दौरान इस बात की पुष्टि साफ तौर से हो गई है कि जिन कंपनियों को शहर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह ना तो अपना काम सही से कर रहे थे बल्कि शहर से 50 से 60 फीसदी ही कूड़े को उठाया जा रहा था. इस बात का खुलासा लाइव लोकेशन के माध्यम से हो पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले में स्वास्थ्य अधिकारी ने क्या बोला?<br /></strong>वहीं इस पूरे मामले के चलते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर के मुताबिक शहर के डोर टू डोर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों को सौंप गई थी. जिसमें से दीक्षांत, मेसर्स जेटीएन सर्विसेज, परिवर्तन संस्था शामिल थी. लेकिन डोर टू डोर कलेक्शन का काम देख रहे इन तीनों कंपनियों का कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतना &nbsp;बदस्तूर जारी रहा. इससे पहले नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने इन निजी कंपनियों के संचालकों पर सख्त रूप अख्तियार कर नाराजगी जाहिर की थी और शिकायतों के आधार पर कंपनियों को वार्निंग दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बड़ी लापरवाही के चलते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर ने कहा कि तीनों कंपनियां कूड़ा उठाने में लापरवाही कर रही है. लाइव लोकेशन में 50 फीसदी ही कूड़ा उठाते दिख रहे हैं. तीनों कंपनियों को नोटिस जारी कर रूट चार्ट व अन्य स्थिति को तलब किया गया है और साथ ही इस पूरे मामले में तीनों कंपनियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि आखिर जिस कार्य की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी वह कार्य पूरी तरीके से क्यों नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नगर निगम ने कंपनियों से किए सवाल<br /></strong>पूरे मामले में नगर निगम के मुताबिक निजी कंपनियों से कई सवाल भी पूछे गए. जारी किए गए नोटिस के आधार पर यह भी पूछा गया कि उन्होंने कितने आवासीय और व्यावसायिक स्थलों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट किया है. कितने आवासीय व व्यावसायिक स्थलों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट का काम नहीं किया गया है.</p>
<p>डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में आवासीय व्यावसायिक स्थलों में कितनी धनराशि उन्हें प्राप्त हुई है, रोजाना लाइव लोकेशन देखने में 50% वाहन ही दिखाई देते हैं, इसका कारण बताइए. सभी वाहन का डाटा डोर टू डोर कूड़ा वाहन का रूट व वाहनों के संचालक की रिपोर्ट दीजिए. इस तरीके के तमाम सवाल नगर निगम की ओर से इन तमाम निजी कंपनियों को भेजे गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mainpuri-dalit-massacre-verdict-3-people-sentenced-to-death-24-people-killed-in-1981-2906655″>मैनपुरी दलित हत्याकांड में 44 साल बाद आया फैसला, 24 लोगों के खून के 3 दोषियों को फांसी की सजा</a></strong></p>
</div> <div id=”:1ur” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” style=”text-align: justify;” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:1×4″ aria-controls=”:1×4″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News:</strong> कानपुर में हर घर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम ने कवायत की, और घर घर से कूड़ा कलेक्ट किया, जिसको लेकर कानपुर नगर निगम ने तीन निजी कंपनियों को कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंप थी और उसके साथ ही एक नई व्यवस्था भी लागू की थी. जिसके चलते शहर में कूड़ा उठाने की प्रक्रिया पर बारीक नजर रखी जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर आयुक्त के द्वारा जिन तीन कंपनियों को शहर के हर घर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी उनके सभी कर्मचारियों को इस बात की भी हिदायत दी गई थी, कि वह काम करने के दौरान अपने मोबाइल की लाइव लोकेशन खोलें जिसके चलते किस क्षेत्र में कितना काम किया जा रहा है और कर्मचारी काम करने के लिए अपने निर्धारित क्षेत्र में पहुंच रहे हैं, इस बात की पुष्टि हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाइव लोकेशन के लिए नगर निगम ने GPS का सहारा लिया<br /></strong>यहां तक की नगर निगम से जिन गाड़ियों में कूड़े को कलेक्ट कर उठाया जा रहा था, उन गाड़ियों में भी जीपीएस सिस्टम लगाए गए थे. लेकिन अधिकारियों के द्वारा कूड़ा उठाने वाली कंपनियों के कर्मचारियों की लाइव लोकेशन ने उनके काम करने के तरीके की पोल खोल दी और लाइव लोकेशन ने इस बात को साफ कर दिया की शहर से महज 50 से 60 फीसदी ही कूड़ा उठाया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर शहर से नगर निगम द्वारा घर-घर से उठाए जाने वाले कूड़े को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. दरअसल जिस नगर निगम ने निजी कंपनियों को शहर से हर घर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंप थी, वह कंपनियां अपने काम में बड़ी लापरवाही करती हुई नजर आ रही है. शहर की गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी जिस कंपनियों पर थी वह कंपनी अपना काम सुचारू रूप से नहीं कर रही थी.</p>
<iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/piWnxbpG2m4?si=JbkLdCyh5nmKOyEX” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शहर से 50 से 60 प्रतिशत कूड़ा उठाया जा रहा था<br /></strong>इसके साथ ही वह नगर निगम के तमाम अधिकारियों की आंखों में धूल भी झोंक रही थी. हालांकि इस तरीके की आशंका नगर निगम और नगर आयुक्त को पहले से ही थी. इसलिए जब इन तमाम कंपनियों को शहर के डोर-डोर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तभी उनकी गाड़ियों में और उनके उन तमाम कर्मचारियों को जीपीएस सिस्टम से लैस कर दिया गया था कि अगर उनके कर्मचारी अपने निर्धारित क्षेत्र पर काम करते हुए लाइव लोकेशन में उपस्थित नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन मॉनिटरिंग करने के दौरान इस बात की पुष्टि साफ तौर से हो गई है कि जिन कंपनियों को शहर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह ना तो अपना काम सही से कर रहे थे बल्कि शहर से 50 से 60 फीसदी ही कूड़े को उठाया जा रहा था. इस बात का खुलासा लाइव लोकेशन के माध्यम से हो पाया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मामले में स्वास्थ्य अधिकारी ने क्या बोला?<br /></strong>वहीं इस पूरे मामले के चलते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर के मुताबिक शहर के डोर टू डोर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी तीन निजी कंपनियों को सौंप गई थी. जिसमें से दीक्षांत, मेसर्स जेटीएन सर्विसेज, परिवर्तन संस्था शामिल थी. लेकिन डोर टू डोर कलेक्शन का काम देख रहे इन तीनों कंपनियों का कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतना &nbsp;बदस्तूर जारी रहा. इससे पहले नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने इन निजी कंपनियों के संचालकों पर सख्त रूप अख्तियार कर नाराजगी जाहिर की थी और शिकायतों के आधार पर कंपनियों को वार्निंग दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बड़ी लापरवाही के चलते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर ने कहा कि तीनों कंपनियां कूड़ा उठाने में लापरवाही कर रही है. लाइव लोकेशन में 50 फीसदी ही कूड़ा उठाते दिख रहे हैं. तीनों कंपनियों को नोटिस जारी कर रूट चार्ट व अन्य स्थिति को तलब किया गया है और साथ ही इस पूरे मामले में तीनों कंपनियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि आखिर जिस कार्य की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी वह कार्य पूरी तरीके से क्यों नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नगर निगम ने कंपनियों से किए सवाल<br /></strong>पूरे मामले में नगर निगम के मुताबिक निजी कंपनियों से कई सवाल भी पूछे गए. जारी किए गए नोटिस के आधार पर यह भी पूछा गया कि उन्होंने कितने आवासीय और व्यावसायिक स्थलों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट किया है. कितने आवासीय व व्यावसायिक स्थलों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट का काम नहीं किया गया है.</p>
<p>डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में आवासीय व्यावसायिक स्थलों में कितनी धनराशि उन्हें प्राप्त हुई है, रोजाना लाइव लोकेशन देखने में 50% वाहन ही दिखाई देते हैं, इसका कारण बताइए. सभी वाहन का डाटा डोर टू डोर कूड़ा वाहन का रूट व वाहनों के संचालक की रिपोर्ट दीजिए. इस तरीके के तमाम सवाल नगर निगम की ओर से इन तमाम निजी कंपनियों को भेजे गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mainpuri-dalit-massacre-verdict-3-people-sentenced-to-death-24-people-killed-in-1981-2906655″>मैनपुरी दलित हत्याकांड में 44 साल बाद आया फैसला, 24 लोगों के खून के 3 दोषियों को फांसी की सजा</a></strong></p>
</div>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Nagpur Violence: हिंसा पर प्रफुल्ल पटेल का बयान, ‘नागपुर में इतनी बड़ी घटना नहीं हुई जो विपक्ष को…’