शहीद सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह का इंटरव्यू:बोले-आतंकवादी संगठनों के दबाव में पाकिस्तान, भारत के हीरो, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे

शहीद सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह का इंटरव्यू:बोले-आतंकवादी संगठनों के दबाव में पाकिस्तान, भारत के हीरो, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जिन्होंने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था। पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी करार दिया है। लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया है। भगत सिंह के भतीजे से की बात
पाकिस्तान में हुए शहीद-ए-आजम के बयान के बाद भारत के विपक्ष के नेताओं के अलावा भगत सिंह के परिवार में भी काफी आक्रोश है। दैनिक भास्कर की टीम ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी को लेकर सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत की। शहीदे-ए-आजम सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू ने पाकिस्तान की इस करतूत की निंदा की है। उन्होंने कहा-आजादी से पहले जब पाकिस्तान नहीं बना था वो भी भारत का हिस्सा था, तब सरदार भगत सिंह देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए लड़े थे। किरणजीत सिंह ने कहा वो कम उम्र में फांसी के फंदे पर खुशी-खुशी लटक गए, उन्होंने आजाद भारत का जो सपना देखा था, वो उसे अपने सामने नहीं देख सके। उन्होंने कहा अब पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठनों के दबाव में गलत बयानबाजी हो रही है, जिसका मुझे काफी दुख है। पढ़िए…सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत के कुछ अंश सवाल:पाकिस्तान के लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब:पाकिस्तान में जिस चौक का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखा जाना था। उस जगह पर सेंट्रल जेल का फांसी घर हुआ करता था। जो तोड़ दिया गया था। कई साल पहले पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने चौक का शहीद भगत सिंह के नाम पर नामकरण किया था। पाकिस्तान में उग्रवादी संगठन हैं, जिनसे पाकिस्तान सरकार भी खौफ खाती है। उनके दबाव में ये सब किया गया है। सरदार भगत सिंह एक हिंदू और सिख थे, उन्होंने इस कारण पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया और चौक का नाम न रखने की चेतावनी दी थी। सवाल:शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहा है?
जवाब:पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने आतंकवादी संगठनों के दबाव में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को आतंकवादी कहा है। जो निदंनीय है। भगत सिंह पाकिस्तान में पैदा हुए और वहीं पर अब उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है। देश को आजाद कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। कम उम्र में फांसी के फंदे पर चढ़कर शहीद हुए। पाकिस्तान की ये करतूत बड़ी शर्मनाक है। नेताओं की राजनीति चलती रहती है। लेकिन वहां की आवाम में सरदार भगत सिंह के लिए जो सम्मान है, वो सब जानते हैं। पाकिस्तान के इम्तियाज कुरैशी शहीद-ए-आजम की याद में एक संगठन चलाते हैं। वो इसके लिए संघर्ष करेंगे। पाकिस्तान में भगत सिंह को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाने का काम करेंगे। संकीर्ण विचारधारा के लोग ऐसे काम करते हैं। क्योकि उनका बलिदान भारत के लिए नहीं था। पूरे उप महाद्वीप के लिए था। जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए था। गरीब, मजदूरों और किसानों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। विदेशी ताकतों को भगाने के लिए संघर्ष किया। लोगों को आजादी मिले। भारत सरकार भी इसके लिए विरोध प्रकट करें। सवाल:पाकिस्तान ने पूर्व में भगत सिंह के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था? अब ऐसा क्या हुआ?
जवाब:पाकिस्तान में उग्रवादी संगठनों का काफी प्रभाव है। वहां की हुकूमत भी उनसे खौफ खाती है। हिंदू और सिख का नाम न आए और स्वतंत्रता के बलिदान में इन लोगों का कोई काम नहीं था। इस कारण ये उग्रवादी संगठन वहां पर हावी रहते हैं। इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया है। वहां के लोग इसका विरोध करेंगे, इसका मुझे विश्वास है। क्योंकि वो मानते हैं कि सरदार भगत सिंह भारत के तो हीरो हो सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे हैं। ये लोगों की आम धारणा है। सवाल:जब सरदार भगत सिंह को आतंकी कहा गया, तो आपको कैसा लगा?
जवाब:इसके लिए बहुत बुरा लगा। जिन लोगों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। अब उसमें एक तबका ऐसा पैदा हो गया है, जो धर्मांध है। हिंदू-मुस्लिम के अलावा वो कुछ सोच नहीं सकते हैं। बड़ी दुखद बात है। मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं चाहूंगा कि भारत-पाकिस्तान में सही सोच वाले लोग इसकी निंदा करें। ताकि जिन स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के बलिदान दिए। उनके लिए आवाज उठाएं। सवाल:भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए?
जवाब:बिल्कुल, भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। क्योंकि ये साझी विरासत है भारत-पाकिस्तान की। भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं थे, वो एक विचारधारा थे। पूरी मूवमेंट को रिप्रेजेंट करते हैं, जो आजादी के समय लड़ी गई। भारत सरकार को जरूर इसकी निंदा करनी चाहिए। इन टिप्पणियों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना चाहिए। शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जिन्होंने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था। पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी करार दिया है। लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया है। भगत सिंह के भतीजे से की बात
पाकिस्तान में हुए शहीद-ए-आजम के बयान के बाद भारत के विपक्ष के नेताओं के अलावा भगत सिंह के परिवार में भी काफी आक्रोश है। दैनिक भास्कर की टीम ने पाकिस्तान की इस बयानबाजी को लेकर सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत की। शहीदे-ए-आजम सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू ने पाकिस्तान की इस करतूत की निंदा की है। उन्होंने कहा-आजादी से पहले जब पाकिस्तान नहीं बना था वो भी भारत का हिस्सा था, तब सरदार भगत सिंह देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए लड़े थे। किरणजीत सिंह ने कहा वो कम उम्र में फांसी के फंदे पर खुशी-खुशी लटक गए, उन्होंने आजाद भारत का जो सपना देखा था, वो उसे अपने सामने नहीं देख सके। उन्होंने कहा अब पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठनों के दबाव में गलत बयानबाजी हो रही है, जिसका मुझे काफी दुख है। पढ़िए…सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधू से बातचीत के कुछ अंश सवाल:पाकिस्तान के लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब:पाकिस्तान में जिस चौक का नाम सरदार भगत सिंह के नाम पर रखा जाना था। उस जगह पर सेंट्रल जेल का फांसी घर हुआ करता था। जो तोड़ दिया गया था। कई साल पहले पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने चौक का शहीद भगत सिंह के नाम पर नामकरण किया था। पाकिस्तान में उग्रवादी संगठन हैं, जिनसे पाकिस्तान सरकार भी खौफ खाती है। उनके दबाव में ये सब किया गया है। सरदार भगत सिंह एक हिंदू और सिख थे, उन्होंने इस कारण पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया और चौक का नाम न रखने की चेतावनी दी थी। सवाल:शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहा है?
जवाब:पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने आतंकवादी संगठनों के दबाव में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को आतंकवादी कहा है। जो निदंनीय है। भगत सिंह पाकिस्तान में पैदा हुए और वहीं पर अब उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है। देश को आजाद कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। कम उम्र में फांसी के फंदे पर चढ़कर शहीद हुए। पाकिस्तान की ये करतूत बड़ी शर्मनाक है। नेताओं की राजनीति चलती रहती है। लेकिन वहां की आवाम में सरदार भगत सिंह के लिए जो सम्मान है, वो सब जानते हैं। पाकिस्तान के इम्तियाज कुरैशी शहीद-ए-आजम की याद में एक संगठन चलाते हैं। वो इसके लिए संघर्ष करेंगे। पाकिस्तान में भगत सिंह को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाने का काम करेंगे। संकीर्ण विचारधारा के लोग ऐसे काम करते हैं। क्योकि उनका बलिदान भारत के लिए नहीं था। पूरे उप महाद्वीप के लिए था। जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए था। गरीब, मजदूरों और किसानों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। विदेशी ताकतों को भगाने के लिए संघर्ष किया। लोगों को आजादी मिले। भारत सरकार भी इसके लिए विरोध प्रकट करें। सवाल:पाकिस्तान ने पूर्व में भगत सिंह के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था? अब ऐसा क्या हुआ?
जवाब:पाकिस्तान में उग्रवादी संगठनों का काफी प्रभाव है। वहां की हुकूमत भी उनसे खौफ खाती है। हिंदू और सिख का नाम न आए और स्वतंत्रता के बलिदान में इन लोगों का कोई काम नहीं था। इस कारण ये उग्रवादी संगठन वहां पर हावी रहते हैं। इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया है। वहां के लोग इसका विरोध करेंगे, इसका मुझे विश्वास है। क्योंकि वो मानते हैं कि सरदार भगत सिंह भारत के तो हीरो हो सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान की धरती के बेटे हैं। ये लोगों की आम धारणा है। सवाल:जब सरदार भगत सिंह को आतंकी कहा गया, तो आपको कैसा लगा?
जवाब:इसके लिए बहुत बुरा लगा। जिन लोगों के लिए उन्होंने संघर्ष किया। अब उसमें एक तबका ऐसा पैदा हो गया है, जो धर्मांध है। हिंदू-मुस्लिम के अलावा वो कुछ सोच नहीं सकते हैं। बड़ी दुखद बात है। मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं चाहूंगा कि भारत-पाकिस्तान में सही सोच वाले लोग इसकी निंदा करें। ताकि जिन स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के बलिदान दिए। उनके लिए आवाज उठाएं। सवाल:भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए?
जवाब:बिल्कुल, भारत सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। क्योंकि ये साझी विरासत है भारत-पाकिस्तान की। भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं थे, वो एक विचारधारा थे। पूरी मूवमेंट को रिप्रेजेंट करते हैं, जो आजादी के समय लड़ी गई। भारत सरकार को जरूर इसकी निंदा करनी चाहिए। इन टिप्पणियों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना चाहिए।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर