कुरूक्षेत्र के शाहबाद कोर्ट परिसर में शुक्रवार को बम मिलने से हडकंप मच गया। आनन-फानन में अम्बाला से बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। मौके पर मौजूद लोगों की भीड़ को दूर भेजा दिया। शाहबाद के डीएसपी निर्मल कुमार ने बताया कि कोर्ट परिसर में लावारिस बैग मिलने की सुचना पर अम्बाला से बॉम्ब स्क्वायड की टीम को बुलाया गया था। लावारिस बैग में कुछ कपड़े,चप्पल और जूते पाए गए। डीएसपी निर्मल कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार इस तरह की मॉकड्रिल समय समय पर करवाई जाती है, ताकि आपातकालीन स्थिति में आमजन की सुरक्षा की जा सके। कुरूक्षेत्र के शाहबाद कोर्ट परिसर में शुक्रवार को बम मिलने से हडकंप मच गया। आनन-फानन में अम्बाला से बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। मौके पर मौजूद लोगों की भीड़ को दूर भेजा दिया। शाहबाद के डीएसपी निर्मल कुमार ने बताया कि कोर्ट परिसर में लावारिस बैग मिलने की सुचना पर अम्बाला से बॉम्ब स्क्वायड की टीम को बुलाया गया था। लावारिस बैग में कुछ कपड़े,चप्पल और जूते पाए गए। डीएसपी निर्मल कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार इस तरह की मॉकड्रिल समय समय पर करवाई जाती है, ताकि आपातकालीन स्थिति में आमजन की सुरक्षा की जा सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिवानी में विवाहिता की करंट से मौत:पिता बोला- ससुरालवालों ने जानबुझ कर छोड़ा था नंगा तार; पुलिस ने किया केस दर्ज
सिवानी में विवाहिता की करंट से मौत:पिता बोला- ससुरालवालों ने जानबुझ कर छोड़ा था नंगा तार; पुलिस ने किया केस दर्ज हरियाणा के भिवानी के सिवानी क्षेत्र में एक विवाहित महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसके मायके के लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की बिजली का करंट लगाकर हत्या की गई है। 15 दिन पहले ही बेटी ने उनके सामने अपनी हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने उसके पति, सास, ससुर व पति की चाची के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस छानबीन कर रही है। गांव ढाणी मोहबतपुर निवासी धर्मपाल ने बताया है कि उसकी लड़की सुशीला की शादी बड़वा गांव के सतीश के साथ साल 2007 में की थी। वह 16 वर्ष के बेटे ओर 14 साल की बेटी की मां थी। सुशीला 80 प्रतिशत तक बहरी थी। इस वजह से उसके ससुर साधुराम व इसका पति सतीश इसको बहुत प्रताड़ित करते थे। उसने बताया कि सुशीला करीब 10/15 दिन पहले उनके घर आई थी। तब भी उसने बतलाया था कि उसके सास ससुर व पति और काकी सास सुमन उससे नफरत करते हैं और उसे किसी भी समय मार सकते हैं। शिकायत में बताया है कि 9 जुलाई को समय करीब 9 बजे उनके दामाद सतीश ने सूचना दी कि सुशीला को करंट लग गया है। उसको हम जिंदल अस्पताल हिसार लेकर आ रहे हैं। सूचना पर वह अपने परिवार के साथ अस्पताल हिसार पहुंचे। जिंदल अस्पताल के डॉक्टरों ने सुशीला को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने पूरी तसल्ली कर ली है कि उसके दामाद सतीश, ससुर साधुराम, सास बिमला देवी व इसकी चाची सुमन ने प्लानिंग के तहत पानी की मोटर के तार जान बुझ कर नंगे करके मोटर को चला दिया। सुशीला को इनके प्लान के बारे में ज्ञान नही था। वह शाम को खाना बनाकर उठी थी। सुशीला ने मोटर को साइड में हटाना चाहा तो करंट लग गया। उसकी मौत हो गई।
हरियाणा की 20 सीटों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा:याचिकाकर्ता ने दोबारा वोटिंग की मांग की; EVM की बैटरी चार्जिंग को आधार बनाया
हरियाणा की 20 सीटों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा:याचिकाकर्ता ने दोबारा वोटिंग की मांग की; EVM की बैटरी चार्जिंग को आधार बनाया हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 20 सीटों पर वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप वाली शिकायत अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि चुनाव के दौरान EVM में छेड़छाड़ हुई है। इसकी जांच के आदेश भारतीय चुनाव आयोग को दिए जाएं। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने भी चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत ECI से की थी, लेकिन उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है। याचिकाकर्ता ने उन 20 सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। EVM में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस भी सवाल उठा चुकी है। हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग के चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार कह चुके हैं कि EVM बिल्कुल सुरक्षित हैं। उनके नतीजे एकदम सही हैं। इनमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99% बैटरी थी
जानकारी के अनुसार, प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। एडवोकेट नरेंद्र मिश्रा के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया है कि ECI ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के माध्यम से हरियाणा में चुनाव कराए हैं, और उसी के आधार पर रिजल्ट भी घोषित किए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ EVM 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं। कुछ EVM में काउंटिंग वाले दिन भी 99 प्रतिशत बैटरी थी। वोटिंग के दौरान ही पकड़ी थी EVM की गड़बड़ी
याचिका में कहा गया है कि कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान ही EVM की गड़बड़ी पकड़ ली गई थी। मौके पर मौजूद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने EVM की गड़बड़ी को वहां मौजूद चुनाव अधिकारी को बताया भी था, लेकिन कांग्रेस के लोग ज्यादा नहीं थे, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हुई। ECI ने वोटिंग के बाद काउंटिंग के एक दिन पहले तक वोटिंग परसेंटेज को लगातार अपडेट किया। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हरियाणा की जिन 20 विधानसभा सीटों पर EVM में गड़बड़ी की संभावना है, उन सीटों पर दोबारा चुनाव कराए जाएं। ECI चीफ जवाब दे चुके
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयोग ने कहा है कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमीशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि हमने सभी रिटर्निंग ऑफिसर से उन 20 निर्वाचन क्षेत्रों में कौन-कौन मौजूद था, इसकी पूरी जानकारी देने को कहा है। ECI चीफ की ओर से कही गईं 3 खास बातें… ECI चीफ ने कहा कि इसे लेकर 20 शिकायतें आई हैं। हम हर सवाल का फैक्चुअल जवाब देंगे। जल्दी देंगे। अगला भी कुछ आएगा, वह भी रुकेगा नहीं।
चंडीगढ़ में 1 लाख देकर भी नहीं मिला ट्यूटर:बायजूस कोचिंग को 15 हजार लौटाने के आदेश, मानसिक पीड़ा और अनुचित व्यवहार का दोष
चंडीगढ़ में 1 लाख देकर भी नहीं मिला ट्यूटर:बायजूस कोचिंग को 15 हजार लौटाने के आदेश, मानसिक पीड़ा और अनुचित व्यवहार का दोष चंडीगढ़ में एक लाख में खरीदे एप में ट्यूटर नहीं मिलने के मामले मे जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने बायजूस कोचिंग को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी करार देते हुए मानसिक पीड़ा और वित्तीय नुकसान के लिए 15 हजार 512 रुपए अदा करने के निर्देश दिए हैं। यह याचिका सेक्टर-40 डी के रहने वाले अवतार सिंह और उनकी पत्नी नवदीप कौर ने आयोग में बायजूस कोचिंग के खिलाफ दायर की थी। बेहतर पढ़ाई के लिए खरीदा एप बेहतर पढ़ाई के लिए कोचिंग बायजूस नाम का लर्निंग एप खरीदा था। 30 जून, 2019 को खरीदे एजुकेशन एप के लिए 1 लाख में से 6,200 रुपए का नकद भुगतान किया था। बकाया रकम का भुगतान 4656 रुपए की मासिक किस्त में किया जाना था। शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें एक ट्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें किसी भी प्रकार की शिकायत आती है तो एजुकेशन एप को रद्द करने और रिफंड का अधिकार होगा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ट्यूटर के लिए अनुरोध किया, लेकिन उपलब्ध नहीं करवाया गया। इसके बावजूद प्रति माह 4656 रुपए की किस्त काटते रहे। ना एप रद्द किया और ना ही लौटए रुपए शिकायतकर्ताओं ने ऐप को रद्द करने और राशि वापस करने का अनुरोध किया। बायजूस कोचिंग ने न तो एप को रद्द किया और न ही राशि वापस की। हालांकि, बाद में आरोपी पक्ष ने किस्त को काटना बंद कर दिया, लेकिन शिकायतकर्ताओं को पहले काटी राशि वापस नहीं की। इस पर उपभोक्ता ने अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराते हुए आयोग में शिकायत दायर की थी।