बीकानेर रेलवे डिवीजन ने हनुमानगढ़-डबवाली-बठिंडा रेल मार्ग पर रेलवे लाइन शिफ्टिंग कार्य के कारण यात्री ट्रेनों के संचालन में बड़े बदलाव किए गए हैं। 20 जनवरी से प्रभावी इन बदलावों के तहत कुल 18 ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द किया गया है। डबवाली रूट पर चलने वाली 4 प्रमुख ट्रेनें – बठिंडा-अनूपगढ़ पैसेंजर (04771/04772) और सूरतगढ़-बठिंडा पैसेंजर (59719/59720) को 20 जनवरी से 8 फरवरी तक पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, फिरोजपुर-हनुमानगढ़, बठिंडा-सिरसा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्रीगंगानगर-सादुलपुर रूट पर चलने वाली 14 अन्य ट्रेनों को भी विभिन्न तिथियों के लिए रद्द किया गया है। रेलवे ने लंबी दूरी की 8 ट्रेनों के मार्ग में भी परिवर्तन किया है, जबकि 8 अन्य ट्रेनों के रूट को छोटा कर दिया गया है। इन ट्रेनों का संचालन डबवाली मार्ग से नहीं होगा। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर ट्रेनों की वर्तमान स्थिति की जांच अवश्य कर लें। यह रेलवे लाइन शिफ्टिंग कार्य रेल सेवाओं के आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिससे भविष्य में बेहतर रेल सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। बीकानेर रेलवे डिवीजन ने हनुमानगढ़-डबवाली-बठिंडा रेल मार्ग पर रेलवे लाइन शिफ्टिंग कार्य के कारण यात्री ट्रेनों के संचालन में बड़े बदलाव किए गए हैं। 20 जनवरी से प्रभावी इन बदलावों के तहत कुल 18 ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द किया गया है। डबवाली रूट पर चलने वाली 4 प्रमुख ट्रेनें – बठिंडा-अनूपगढ़ पैसेंजर (04771/04772) और सूरतगढ़-बठिंडा पैसेंजर (59719/59720) को 20 जनवरी से 8 फरवरी तक पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, फिरोजपुर-हनुमानगढ़, बठिंडा-सिरसा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्रीगंगानगर-सादुलपुर रूट पर चलने वाली 14 अन्य ट्रेनों को भी विभिन्न तिथियों के लिए रद्द किया गया है। रेलवे ने लंबी दूरी की 8 ट्रेनों के मार्ग में भी परिवर्तन किया है, जबकि 8 अन्य ट्रेनों के रूट को छोटा कर दिया गया है। इन ट्रेनों का संचालन डबवाली मार्ग से नहीं होगा। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर ट्रेनों की वर्तमान स्थिति की जांच अवश्य कर लें। यह रेलवे लाइन शिफ्टिंग कार्य रेल सेवाओं के आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिससे भविष्य में बेहतर रेल सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की कॉलेज छात्रा से रेप, अश्लील वीडियो बनाया:राजस्थान का IPS बनकर इंस्टाग्राम पर फ्रेंडशिप की; नौकरी के बहाने 3 लाख भी ठगे
हरियाणा की कॉलेज छात्रा से रेप, अश्लील वीडियो बनाया:राजस्थान का IPS बनकर इंस्टाग्राम पर फ्रेंडशिप की; नौकरी के बहाने 3 लाख भी ठगे राजस्थान का IPS अफसर बनकर एक युवक ने इंस्टाग्राम पर हरियाणा के जींद की कॉलेज छात्रा से फ्रेंडशिप कर ली। इसके बाद उससे मिलने आ गया। वहां उसने युवती को नशीला पदार्थ पिलाकर उसका रेप किया। जिसकी अश्लील वीडियो भी बना ली। यही नहीं, युवती को सरकारी नौकरी का झांसा देकर 3 लाख रुपए ले लिए। नौकरी लगवाना तो दूर, आरोपी अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे बार-बार रेप करता रहा। जिसके बाद युवती पुलिस थाने पहुंची। जींद पुलिस ने थाना सदर में आरोपी के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया है। हालांकि आरोपी IPS है या कोई फ्रॉड, इसको लेकर भी जांच की जा रही है। हनुमानगढ का IPS अधिकारी बताया
पुलिस के मुताबिक, सदर थाना क्षेत्र के एक गांव की 20 वर्षीय युवती ने बताया कि वह कालेज में पढ़ाई करती है। वह मोबाइल पर इंस्टाग्राम चलाती है। उसकी जान पहचान इंस्टाग्राम के माध्यम से अजय से हुई। अजय ने खुद को हनुमानगढ में IPS अधिकारी बताया। दोनों के बीच फ्रेंडशिप हो गई। उसकी अजय से काफी दिनों तक बातचीत होती रही। जिसके बाद अजय ने उसको सरकारी नौकरी लगवाने की बात कही। इसके लिए 8 लाख रुपए की मांग की। नशीला पदार्थ पिलाकर होटल ले गया आरोपी
दोनों में दोस्ती होने के बाद वह उससे जींद में मिलने आया और उसको नशीला पदार्थ पिलाकर एक होटल में ले गया। वहां पर उसके साथ रेप किया और उसकी अश्लील वीडियो बना ली। इस वीडियो का डर दिखाकर आरोपी ने फरवरी से जून महीने तक उसके साथ कई बार रेप किया। जान से मारने की धमकी
युवती ने बताया कि इस दौरान आरोपी ने उसको नौकरी लगवाने का झांसा देकर 3 लाख रुपए, सोने की चूड़ी, एक मंगलसूत्र, सोने का लाकेट भी ले लिया। इसके बाद भी आरोपी ने उसको नौकरी नहीं लगवाई और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जिसका 40 साल से श्राद्ध निकल रहा, वह जिंदा मिला:हरियाणा में लावारिस घूम रहा था; NGO ने इलाज किया तो परिवार के बारे में बताया
जिसका 40 साल से श्राद्ध निकल रहा, वह जिंदा मिला:हरियाणा में लावारिस घूम रहा था; NGO ने इलाज किया तो परिवार के बारे में बताया परिवार के लोग जिसे 40 साल से मरा हुआ समझकर श्राद्ध निकाल रहे थे, वह रामेश्वर दास हरियाणा में जिंदा मिला। यमुनानगर के नी आसरे दा आसरा शेल्टर होम के सदस्यों ने मानसिक रूप से बीमार रामेश्वर दास को एक महीने पहले कुरुक्षेत्र के सरकारी अस्पताल के सामने से रेस्क्यू किया था। वहां पूछताछ करने पर पता चला कि रामेश्वर दास लंबे समय से यहां रह रहा है। गिरने की वजह से उसे चोट भी लगी हुई थी। वह ठीक से नहीं चल पा रहा था। इसके बाद उसे यमुनानगर के मघरपुर गांव स्थित शेल्टर होम ले जाया गया। शेल्टर होम में रामेश्वर दास का इलाज किया गया। पूछताछ में पता चला कि वह बिहार के गया जिले के बड़ी खाप गांव का रहने वाला है। शेल्टर होम के सदस्यों ने रामेश्वर दास के बड़े बेटे राजू भारती का नंबर निकालकर कॉल की। इसके बाद परिवार के लोग यमुनानगर पहुंचे। यहां परिवार रामेश्वर दास को देख कर फूट-फूटकर रोया। इसके बाद उसे अपने साथ ले गए। बेटा बोला- पिता बिना बताए घर से निकले रामेश्वर दास के बेटे राजू भारती ने बताया कि पिता 40 साल पहले घर से बिना बताए चले गए थे। इसके बाद न वह घर आए और न ही संपर्क करने की कोशिश की। परिवार ने मान लिया था कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसे बाद वह हर साल पिता का श्राद्ध मनाने लगे थे। रामेश्वर को लेकर कुरुक्षेत्र से कॉल आई शेल्टर होम के सदस्य जसकीरत सिंह ने कहा कि आसपास जिलों में जो भी लोग बेसहारा लोग घूमते हैं, हम उनका यहां इलाज करते हैं। हमारे एक सदस्य ने कुरुक्षेत्र से कॉल किया था। वहां गए तो रामेश्वर दास की हालत नाजुक थी। शेल्टर होम में इलाज शुरू किया। यहां काउंसिलिंग के बाद पता चला कि वह बिहार का रहने वाला है। परिवार को यकीन नहीं हुआ जसकीरत सिंह ने आगे बताया कि हमारी ट्रैकिंग टीम रामेश्वर के घर तक पहुंची। परिवार उसे मरा हुआ समझ चुका था। जब टीम ने परिवार को ये बात बताई तो उन्हें एक बार के लिए यकीन नहीं हुआ। फिर उसकी वीडियो कॉल पर बात कराई। यही पता चला है कि रामेश्वर यहां काम ढूंढने के लिए आया था। यहां वह बीमार होता चला गया। इसके बाद घर भी नहीं जा पाया। अभी तक हमारी टीम 350 के करीब लोगों को घर पहुंचा चुके हैं। लोगों से अपील है कि आप लोगों को कोई भी रोड पर बेसहारा घूमता हुआ या मानसिक रूप से बीमार दिखे तो हमारी टीम को सूचना दें।
कैथल में शूरसैनी जयंती पर विवाद:समाज के नेता पालाराम को स्टेज से नीचे उतारा गया; बोले- डिप्रेशन में हूं, कर सकता हूं सुसाइड
कैथल में शूरसैनी जयंती पर विवाद:समाज के नेता पालाराम को स्टेज से नीचे उतारा गया; बोले- डिप्रेशन में हूं, कर सकता हूं सुसाइड कैथल में महाराज शूरसैनी जयंती कार्यक्रम में सैनी समाज के नेता पालाराम को मंच से उतार दिया गया। जिसके बाद पालाराम और उनके समर्थकों ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस बुलाई और इस आयोजन पर जमकर हमला बोला। जेजेपी से पूर्व प्रत्याशी पालाराम ने कहा कि इस अपमान के बाद मैं इतना डिप्रेशन में हूं कि रात को सुसाइड भी कर सकता हूं। रविवार को कैथल में आयोजित शूरसैनी जयंती समारोह में समाज के गणमान्य लोगों को स्टेज पर न चढ़ाने को लेकर विवाद हो गया। इसको लेकर पालाराम सैनी ने कहा कि कुछ लोगों ने महाराजा शूरसैनी जयंती समारोह को बेच कर सीएम का अभिनंदन समर बना दिया। पालाराम सैनी ने कहा कि जींद के जवाहर सैनी व कुछ अन्य लोगों ने इस पूरे प्रोग्राम को हाईजैक कर राजनीतिक प्रोग्राम बना दिया। जो लोगों इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए कई दिनों से दिन-रात मेहनत कर रहे थे, उन लोगों को न तो स्टेज पर जगह दी गई और न ही उनके नाम आयोजकों की लिस्ट में डालें गए। इसके अलावा जिन लोगों ने प्रोग्राम के लिए लाखों रुपए का चंदा दिया था, समाज के उन गणमान्य व्यक्तियों को भी स्टेज पर नहीं जाने दिया गया। सैनी समाज के लोगों ने कहा की जब प्रोग्राम सरकारी था, तो फिर लोगों से करोड़ों रुपयों का चंदा क्यों इकट्ठा किया गया। पालाराम लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
पूरे हरियाणा से लोगों को यह कहकर चंदा लिया गया कि उनको वीआईपी पास दिया जाएगा, जबकि प्रोग्राम में बैठने तक की जगह नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह अब इस पूरे प्रोग्राम पर खर्च हुए पैसों का हिसाब लेंगे, यदि आयोजकों ने पैसों का हिसाब नहीं दिया तो जिन लोगों से उन्होंने चंदा इकट्ठा किया है उनका चंदा वापस किया जाएगा।
जननायक जनता पार्टी से कुरुक्षेत्र लोकसभा का चुनाव लड़ चुके पालाराम सैनी ने कहा कि जिस तरह आज उनकी बेइज्जती हुई है, इससे वह बहुत डिप्रेशन में हैं। यदि वह रात को सुसाइड करते हैं, तो इसके जिम्मेवार जींद के जवाहर सैनी, रिंकी सैनी, जग्गा सैनी, और विजय दहिया होगें। इन्होंने पूरे समाज का नाश करने का काम किया। “2.15 लाख चंदा देने वाले नेता को स्टेज पर नहीं दिया चढ़ने”
वहीं मीडिया से बात करते हुए सैनी समाज के नेता पाला राम सैनी ने बताया कि उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए सवा दो लाख रुपए का चंदा दिया था, लेकिन जब वह प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे तो उनको स्टेज पर चढ़ने नहीं दिया गया, उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम का आयोजन कैथल शहर के सैनी समाज के लोगों ने किया था जबकि इस पर जींद जिले के जवाहर सैनी व उनके साथियों ने कब्जा कर लिया, उनको इस बात का दुख है कि उनके साथ सैनी समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों को बेइज्जत किया गया है। “जिन गांव से चंदा इकट्ठा किया उन सभी की बुलाएंगे पंचायत”
सैनी समाज के युवाओं ने कहा कि जब यह प्रोग्राम सरकार द्वारा आयोजित किया गया है तो फिर समाज के लोगों से करोड़ों रुपए का चंदा क्यों इकट्ठा किया गया, अगर चंदा लिया गया तो फिर उन लोगों को मंच पर जगह क्यों नहीं दी गई, वह इस प्रोग्राम पर खर्च हुए एक-एक रुपए का हिसाब लेंगे, इसको लेकर वह उन सभी गांव के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाएंगे जिसे उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए चंदा इकट्ठा किया था “कुछ जय चंदों ने प्रोग्राम को बेच दिया”
प्रेस वार्ता के दौरान सैनी समाज के युवाओं ने कहा कि उनके समाज के कुछ जयचंदों ने इस पूरे प्रोग्राम को बेच दिया, यह प्रोग्राम महाराज शूरसैन जयंती समारोह न होकर सीएम का अभिनंदन समर हो बनाया गया, जिन लोगों ने इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए डेढ़ महीने से दिन रात मेहनत की उनमें से किसी को भी स्टेज पर नहीं चढ़ने दिया गया, जिसके मुख्य रचयिता जींद के जवाहर सैनी है। “सैनी समाज के पार्षदों का भी हुआ अपमान”
जानकारी देते हुए सैनी समाज के युवाओं ने कहा कि उनके सैनिक समाज के कई पार्षदों का नाम तक भी स्टेट से नहीं लिया गया जबकि उन्होंने इसके लिए पहले ही लिस्ट बनाई हुई थी जिनको रातों-रात बदला गया, हम पास के लिए तरसते रहे, लेकिन हमें स्टेज पर नहीं जाने दिया गया।