लुधियाना| डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब द्वारा अध्यापक दिवस के मौके पर जिला स्तर पर धरने देने का घोषणा की है। इसके तहत लुधियाना के जिला प्रधान दलजीत समराला द्वारा डीसी दफ्तर के बाहर बड़े स्तर पर रैली आयोजित करने की घोषणा की। जिला प्रेस सेक्रेटरी होशियार सिंह ने बताया कि इस धरने में अध्यापक बड़े स्तर पर हिस्सा लेंगे। दलजीत समराला ने कहा कि वर्तमान सरकार और पिछली सरकारों की शिक्षा संबंधी नीतियों में कोई अंतर नहीं है। बल्कि वर्तमान सरकार की नीतियों में ना ही रेगुलर अध्यापकों की भर्ती हो रहा है। वहीं, कर्मचारी विरोधी नीति अपनाते हुए नई पेंशन स्कीम ही लागू की गई है। स्कूलों में आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाया जा रहा है। छठे पे कमिशन के एरियर लागू नहीं हो रहे। ग्रामीण स्कूलों को खत्म किया जा रहा है और गांवों के अन्य पब्लिक संस्थानों के लिए रुरल अलाउंस भी जारी नहीं किया जा रहा है। आदर्श,मॉडल, पीएमश्री और एमिनेंस स्कूलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दविंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि ट्रांसफर के नियमों और इसे लागू करने की नीति को देख कर यह लग रहा है कि सरकार द्वारा स्कूलों को बंद करने की प्लानिंग चल रहा है। अध्यापकों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर ही अध्यापक दिवस के दिन धरना दिया जाएगा। ऑनलाइन मीटिंग के दौरान गुरप्रीत सिंह खन्ना, गुरबचन सिंह, हरपिंदर सिंह शाही, गुरप्रीत सिंह माही, राजिंदर सिंह, अरविंदर सिंह, हरदीप सिंह, बलजीत सिंह, अमनदीप सिंह और अन्य ने हिस्सा लिया। लुधियाना| डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब द्वारा अध्यापक दिवस के मौके पर जिला स्तर पर धरने देने का घोषणा की है। इसके तहत लुधियाना के जिला प्रधान दलजीत समराला द्वारा डीसी दफ्तर के बाहर बड़े स्तर पर रैली आयोजित करने की घोषणा की। जिला प्रेस सेक्रेटरी होशियार सिंह ने बताया कि इस धरने में अध्यापक बड़े स्तर पर हिस्सा लेंगे। दलजीत समराला ने कहा कि वर्तमान सरकार और पिछली सरकारों की शिक्षा संबंधी नीतियों में कोई अंतर नहीं है। बल्कि वर्तमान सरकार की नीतियों में ना ही रेगुलर अध्यापकों की भर्ती हो रहा है। वहीं, कर्मचारी विरोधी नीति अपनाते हुए नई पेंशन स्कीम ही लागू की गई है। स्कूलों में आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाया जा रहा है। छठे पे कमिशन के एरियर लागू नहीं हो रहे। ग्रामीण स्कूलों को खत्म किया जा रहा है और गांवों के अन्य पब्लिक संस्थानों के लिए रुरल अलाउंस भी जारी नहीं किया जा रहा है। आदर्श,मॉडल, पीएमश्री और एमिनेंस स्कूलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दविंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि ट्रांसफर के नियमों और इसे लागू करने की नीति को देख कर यह लग रहा है कि सरकार द्वारा स्कूलों को बंद करने की प्लानिंग चल रहा है। अध्यापकों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर ही अध्यापक दिवस के दिन धरना दिया जाएगा। ऑनलाइन मीटिंग के दौरान गुरप्रीत सिंह खन्ना, गुरबचन सिंह, हरपिंदर सिंह शाही, गुरप्रीत सिंह माही, राजिंदर सिंह, अरविंदर सिंह, हरदीप सिंह, बलजीत सिंह, अमनदीप सिंह और अन्य ने हिस्सा लिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब का दौरा करेगा 16वां वित्त आयोग:रणनीति बनाने में जुटी सरकार, 16 को हाई लेवल मीटिंग, प्रेजेंटेशन हो रहा तैयार 16वां वित्त आयोग इसी महीने पंजाब के दौरे पर आएगा। आयोग के सदस्य 22 और 23 जुलाई को राज्य में रहेंगे। वहीं, इस दौरे को लेकर राज्य सरकार ने रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है। सूत्रों से पता चला है कि 16 जुलाई को सीएम भगवंत मान की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय बैठक होने जा रही है। इसमें वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भी मौजूद रहेंगे। आयोग के सामने एक मजबूत प्रेजेंटेशन रखने की तैयारी की जा रही है। ताकि आयोग के सदस्यों को प्रभावित किया जा सके। आयोग के सामने इस बैठक में राज्य सरकार अपनी रोकी गई राशि से लेकर अपनी जरूरतों का पूरा ब्योरा पेश करेगी। इस समय राज्य पर करीब 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। 23 हजार करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज चुकाने पर खर्च हो रहे हैं। आय और व्यय के बीच का अंतर भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में 15वें आयोग की तर्ज पर राजकोषीय गारंटी देने की मांग भी की जा सकती है। रोके गए फंड का मुद्दा भी उठेगा पंजाब के स्रोत कम होने का मुद्दा भी आयोग के साथ बैठक में उठेगा। जीएसटी लागू होने से आय के सभी स्रोत केंद्र के पास चले गए हैं। इससे भी सरकार को घाटा हो रहा है। ऐसा कोई सेक्टर नहीं है, जिससे सरकार को आय हो सके। इसके अलावा आरडीएफ के 6700 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन फंड के 650 करोड़ रुपये, विशेष पूंजी सहायता के 1600 करोड़ रुपये और पीएम श्री के 515.55 करोड़ रुपये शामिल हैं। सबसे ताकतवर है आयोग केंद्रीय वित्त आयोग देश का सबसे ताकतवर और प्रभावशाली आयोग माना जाता है। केंद्र से राज्य को कितना बजट मिलना है इसके अलावा केंद्र और राज्यों के बीच टैक्स का वितरण से लेकर अन्य सभी चीजों का निर्धारण आयोग करता है। आयोग का काम केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, उनके बीच टैक्स के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों के बीच टैक्स के वितरण की रूपरेखा तय करना है।

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बरनाला उपचुनाव में एक्टिव हुए सांसद मीत हेयर:डेंगू को हराया; कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल कराया, बाठ निर्दलीय दे रहे चुनौती डेंगू को मात देने के बाद सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर 13 नवंबर को बरनाला में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए फिर से एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने खुद हलके की कमान संभाल ली है। इसके साथ ही उन्होंने कई कांग्रेस नेताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल करवाया है। साथ ही वह लगातार पार्टी की गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। वह इससे जुड़ी तमाम जानकारियां अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लगातार शेयर कर रहे हैं। हालांकि, AAP में सालों से मजबूत आधार रखने वाले गुरदीप सिंह बाठ इस बार टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। आप ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। दो दिन से कर रहे हैं बैठकें करीब 20 घंटे पहले सांसद ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा था कि भदलवड में कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच राजवंत सिंह गिल अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। आप प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव प्रचार को पूरे विधानसभा क्षेत्र से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे पहले 30 अक्टूबर को भी उन्होंने पोस्ट किया था कि – कांग्रेस पार्षद जगजीत जग्गू मोर अपने साथियों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। 26 अक्टूबर डेंगू पॉजिटिव होने बारे बताया गुरमीत सिंह मीत हेयर गत दिनों डेंगू पॉजिटिव हुए थे। उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलजा चल रहा था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था- मैं पिछले एक सप्ताह से डेंगू पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में भर्ती हूं। मैं अपने बरनाला निवासियों से उप चुनाव के लिए हमारे उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध करता हूं। ठीक होने के बाद मैं जल्द ही चुनाव प्रचार में शामिल होऊंगा। बरनाला विधानसभा चुनाव इस बार जबरदस्त टक्कर गुरमीत सिंह मीत हेयर 2017 से 2022 तक दो बार बरनाला के विधायक रहे हैं। 2024 वह रिकॉर्ड एक लाख मतों से जीतकर संगरूर से सांसद बने थे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन नेता केवल सिंह ढिल्लों को हराया था। इस दौरान गुरमीत सिंह मीत हेयर काे 47606 वोट मिले थे। जबकि केवल ढिल्लों को 45174 मत मिले थे। 2022 में चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर 64800 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर अकाली उम्मीदवार कुलवंत सिंह कीटू 25174 वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल को चुनावी मैदान उन्हें 16853 वोट मिले थे। लेकिन इस बार केवल सिंह ढिल्लों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए है। साथ ही चुनावी मैदान में है।

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