शिमला के रामपुर में किसान सभा का प्रदर्शन:बेदखली और मकानों की बाड़बंदी का विरोध, एसडीएम से की मुलाकात

शिमला के रामपुर में किसान सभा का प्रदर्शन:बेदखली और मकानों की बाड़बंदी का विरोध, एसडीएम से की मुलाकात

हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ ने सोमवार को शिमला जिले के रामपुर में प्रदर्शन किया। किसानों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही जमीन से बेदखली और मकानों की बाड़बंदी का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रदेश सरकार को मांग पत्र भेजा। कोर्ट में पक्ष नहीं रख रही सरकार किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रेम चौहान और सेब उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर ने कहा कि सरकार कोर्ट में किसानों का पक्ष मजबूती से नहीं रख रही है। उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। किसान संगठनों की प्रमुख मांगें गरीब परिवारों और लघु किसानों की जमीन से बेदखली पर रोक लगाई जाए। वन संरक्षण अधिनियम 1980 में संशोधन कर राज्य सरकार को वन भूमि बांटने का अधिकार दिया जाए। किसानों के कब्जे वाली 5 बीघा तक की जमीन को नियमित किया जाए। वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। 3 बिस्वा जमीन घर बनाने के लिए दी जाए इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 2 बिस्वा और ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा जमीन घर बनाने के लिए दी जाए। प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को ऑप्शनल जमीन और राहत राशि जल्द दी जाए। प्रदर्शन में राजपाल, राहुल, रमेश, हरदयाल कपूर समेत कई किसान नेता मौजूद रहे। हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ ने सोमवार को शिमला जिले के रामपुर में प्रदर्शन किया। किसानों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर हो रही जमीन से बेदखली और मकानों की बाड़बंदी का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रदेश सरकार को मांग पत्र भेजा। कोर्ट में पक्ष नहीं रख रही सरकार किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रेम चौहान और सेब उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर ने कहा कि सरकार कोर्ट में किसानों का पक्ष मजबूती से नहीं रख रही है। उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। किसान संगठनों की प्रमुख मांगें गरीब परिवारों और लघु किसानों की जमीन से बेदखली पर रोक लगाई जाए। वन संरक्षण अधिनियम 1980 में संशोधन कर राज्य सरकार को वन भूमि बांटने का अधिकार दिया जाए। किसानों के कब्जे वाली 5 बीघा तक की जमीन को नियमित किया जाए। वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। 3 बिस्वा जमीन घर बनाने के लिए दी जाए इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 2 बिस्वा और ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा जमीन घर बनाने के लिए दी जाए। प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को ऑप्शनल जमीन और राहत राशि जल्द दी जाए। प्रदर्शन में राजपाल, राहुल, रमेश, हरदयाल कपूर समेत कई किसान नेता मौजूद रहे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर