हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीती रात को तेज बारिश हुई। इससे जगह जगह लैंडस्लाइड से 80 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई। शिमला की मैहली-शोघी सड़क पर भी लैंडस्लाइड से एक गाड़ी मलबे में दब गई। वहीं किन्नौर जिले के ज्ञाबुंग और रोपा नाले में रविवार दोपहर बाद बादल फटने के बाद मलबा लोगों के बगीचों में पहुंच गया। इससे सैकड़ों सेब के पौधे और नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। कुल्लू और लाहौल में बीते 24 घंटे के बाद ब्यास और सरेही नाला में जलस्तर बढ़ने से पांच घरों के लोगों को दूसरी एहतियातन दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। किन्नौर में बादल फटने से तबाही उधर,किन्नौर के ज्ञाबुंग और रोपा पंचायत में नाले में रविवार को बादल फटने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। बादल फटने के बाद नाले का मलबा किसानों के खेतों व बागीचों में पहुंच गया। इससे सेब के सैकड़ों पौधों को नुकसान हुआ है। किन्नौर की रोपा पंचायत में धर्म सिंह मेहता के दो कमरों का मकान बाढ़ में बह गया, जबकि हरि सिंह के मकान में पानी और मलबा से भर गया। किन्नौर में जल शक्ति विभाग की चार सिंचाई नहरों को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। किन्नौर के निगुलसरी ब्लॉक प्वाइंट पर पहाड़ी से बार बार पत्थर गिर रहे हैं। इससे नेशनल हाईवे-5 बार बार बंद हो रहा है। एक अगस्त को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में 3 अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आज से तीन दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है जबकि एक अगस्त के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। ऑरेंज अलर्ट ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिला को दिया गया है, जबकि आज बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना के कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। बीते 24 घंटे के दौरान कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश प्रदेश में मानसून इस बार कमजोर पड़ा हुआ है और पूरे सीजन में नॉर्मल से 38 प्रतिशत कम बादल परसे है। मगर बीते 24 घंटे के दौरान पहाड़ों पर अच्छी बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीती रात को तेज बारिश हुई। इससे जगह जगह लैंडस्लाइड से 80 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई। शिमला की मैहली-शोघी सड़क पर भी लैंडस्लाइड से एक गाड़ी मलबे में दब गई। वहीं किन्नौर जिले के ज्ञाबुंग और रोपा नाले में रविवार दोपहर बाद बादल फटने के बाद मलबा लोगों के बगीचों में पहुंच गया। इससे सैकड़ों सेब के पौधे और नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। कुल्लू और लाहौल में बीते 24 घंटे के बाद ब्यास और सरेही नाला में जलस्तर बढ़ने से पांच घरों के लोगों को दूसरी एहतियातन दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। किन्नौर में बादल फटने से तबाही उधर,किन्नौर के ज्ञाबुंग और रोपा पंचायत में नाले में रविवार को बादल फटने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। बादल फटने के बाद नाले का मलबा किसानों के खेतों व बागीचों में पहुंच गया। इससे सेब के सैकड़ों पौधों को नुकसान हुआ है। किन्नौर की रोपा पंचायत में धर्म सिंह मेहता के दो कमरों का मकान बाढ़ में बह गया, जबकि हरि सिंह के मकान में पानी और मलबा से भर गया। किन्नौर में जल शक्ति विभाग की चार सिंचाई नहरों को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। किन्नौर के निगुलसरी ब्लॉक प्वाइंट पर पहाड़ी से बार बार पत्थर गिर रहे हैं। इससे नेशनल हाईवे-5 बार बार बंद हो रहा है। एक अगस्त को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में 3 अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आज से तीन दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है जबकि एक अगस्त के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। ऑरेंज अलर्ट ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिला को दिया गया है, जबकि आज बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना के कुछेक स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। बीते 24 घंटे के दौरान कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश प्रदेश में मानसून इस बार कमजोर पड़ा हुआ है और पूरे सीजन में नॉर्मल से 38 प्रतिशत कम बादल परसे है। मगर बीते 24 घंटे के दौरान पहाड़ों पर अच्छी बारिश हो रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में वोकेशनल टीचर्स के धरने का 7वां दिन:महिला शिक्षिका रोने लगी, बोले- सरकार से सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं शिमला की सर्द रातों में भी वोकेशनल टीचर्स की हड़ताल 7वें दिन भी जारी है। सरकार व शिक्षकों के बीच चल रहा गतिरोध टूटता नजर नहीं आ रहा है। शिमला में बेहद ठंडी रातों के बावजूद भी वोकेशनल शिक्षकों के हौंसले बुलंद है। शिक्षक निजी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग पर अड़े हुए हैं। महिला शिक्षक अपने छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं। 7वें दिन प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एक महिला शिक्षिका रो पड़ी। शिक्षकों ने बताया कि आज सभी शिक्षकों द्वारा उस शिक्षक के बच्चे के लिए दो मिनट का मौन रखा। जो इस लड़ाई में शामिल था और उसके 17 दिन के बच्चे ने PGI में दम तोड़ दिया। शिक्षकों ने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दे दी है कि उनका यह धरना उस समय तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिलता। सशर्त वार्ता के लिए तैयार नहीं शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें सरकार के साथ वार्ता का 12 नवंबर को न्यौता मिला है, लेकिन वार्ता के लिए उन्हें अपना धरना समाप्त करना होगा। शिक्षकों को सरकार की यह शर्त कतई मंजूर नहीं है। हिमाचल प्रदेश में 2174 वोकेशनल टीचर्स हैं, जो 1100 स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के वोकेशनल टीचर्स को प्राइवेट कंपनियों के जरिए सेवाओं पर रखा गया है। ऐसे में टीचर्स अब प्राइवेट कंपनियों को बाहर रखने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि प्राइवेट कंपनियां उन्हें शोषित कर रही है। इसलिए प्राइवेट कंपनियों को बाहर रखा जाए। वोकेशनल शिक्षक संघ के महासचिव नीरज बंसल ने कहा कि उनका धरना सात दिनों से जारी है। इस दौरान उनकी प्रदेश परियोजना अधिकारी से भी बात हुई हुई। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन सरकार ने शर्त यह है कि शिक्षकों को अपना धरना समाप्त करना होगा और उसके बाद ही शिक्षा मंत्री से बात हो सकेगी। नीरज बंसल ने कहा कि उन्हें सरकार और विभाग की यह शर्त मंजूर नहीं है। अपना वादा भूल गई सरकार : प्रदर्शनकारी उन्होंने कहा कि अब आश्वासनों से बात नहीं बनेगी। गत सरकार ने भी उन्हें आश्वासन दिए और वर्तमान सरकार ने भी उनसे सत्ता में आने से पहले वायदा किया था कि उनके लिए अवश्य कुछ न कुछ करेगी,परंतु अब सरकार अपना वायदा भूल गई है और इस धरने के माध्यम से उसे अपना वायदा हम याद करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सिर्फ एक मांग है कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर रखा जाए। इन कंपनियों को बाहर किया जाए और और जो फंड केंद्र से आ रहा है उसे सीधे सरकार उन्हें प्रदान करे। बच्चों के साथ धरने पर बैठी महिलाएं
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