हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र में तड़के सुबह भीषण अग्निकांड हुआ। समरकोट के सेरी गांव में सुबह 4.30 बजे आग लगी। इसमें 2 घर जलकर पूरी तरह राख हो गए, जबकि आग की लपटों से 2 अन्य घरों को भी नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, अग्निकांड के दौरान कुछ सिलेंडर फटे। इसमें एक गाय भी जिंदा जल गई। सेरी गांव में आग की सूचना मिलने के बाद रोहड़ू से दमकल कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। गांव के लोग भी तब तक आग बुझाने में जुट गए। दमकल कर्मियों और लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह करीब 6 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका और आग गांव में दूसरे घरों में फैलने से रोकी जा सकी। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, कैलाश शिव सरण और मोहन लाल का घर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। इस घटना में लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। दमकल विभाग और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है और आग के कारणों व नुकसान का आकलन करने में जुट गई है। यहां देखे अग्निकांड की फोटो… हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र में तड़के सुबह भीषण अग्निकांड हुआ। समरकोट के सेरी गांव में सुबह 4.30 बजे आग लगी। इसमें 2 घर जलकर पूरी तरह राख हो गए, जबकि आग की लपटों से 2 अन्य घरों को भी नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, अग्निकांड के दौरान कुछ सिलेंडर फटे। इसमें एक गाय भी जिंदा जल गई। सेरी गांव में आग की सूचना मिलने के बाद रोहड़ू से दमकल कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। गांव के लोग भी तब तक आग बुझाने में जुट गए। दमकल कर्मियों और लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह करीब 6 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका और आग गांव में दूसरे घरों में फैलने से रोकी जा सकी। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, कैलाश शिव सरण और मोहन लाल का घर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। इस घटना में लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। दमकल विभाग और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है और आग के कारणों व नुकसान का आकलन करने में जुट गई है। यहां देखे अग्निकांड की फोटो… हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल मस्जिद विवाद में बोले AIMIM नेता:हाईकोर्ट में करेंगे PIL; कानून सबके लिए एक समान, बोले-मस्जिद वैध या अवैध कोर्ट तय करेगा, लोग नहीं
हिमाचल मस्जिद विवाद में बोले AIMIM नेता:हाईकोर्ट में करेंगे PIL; कानून सबके लिए एक समान, बोले-मस्जिद वैध या अवैध कोर्ट तय करेगा, लोग नहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस दे चुका है। इस मामले में 45 बार नगर निगम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। मस्जिद कमेटी के अनुसार, लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। 31 अगस्त से शुरू हुआ विवाद ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। इसके बाद हिंदू संगठन भड़क उठे और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरी बार प्रदर्शन किया। क्या बोले SP शिमला इसे लेकर जब पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मस्जिद सील नहीं है। नमाज पढ़ने मुस्लिम यहां आ रहे हैं। शोएब जामाई कब आया और वीडियो कब बनाया, यह चेक किया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि इससे माहौल खराब होगा।
हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली
हिमाचल सरकार पर कंगना का आरोप:बोलीं- सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को देती है, राज्य का खजाना हुआ खाली हिमाचल प्रदेश के मंडी की सांसद व अभिनेत्री कंगना रनोट ने कर्ज के मामले में राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उनका आरोप है कि हिमाचल प्रदेश की सरकार कर्ज लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को देती है। जिससे राज्य का खजाना “खोखला” हो गया है। वह भाजपा के मेंबरशिप अभियान की शुरुआत करने मनाली गांव पहुंची हुई थी। इस दौरान उन्होंने हिमाचल सरकार को जमकर घेरा। लोगों को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाए
लोगों को संबोधित करते हुए अभिनेत्री ने कहा, “हर कोई जानता है कि हिमाचल में भ्रष्टाचार व्याप्त है। कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों को खोखला कर दिया है।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि पार्टी चुनावों पर इतना खर्च कैसे करती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “वे कर्ज लेते हैं और सोनिया गांधी को देते हैं, जिससे राज्य खोखला हो गया है। आपदाओं को सरकार ने पीछे धकेला
रनोट ने कहा, “आपदाओं और कांग्रेस सरकार ने राज्य को दशकों पीछे धकेल दिया है। मैं लोगों से मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील करूंगी।” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “अगर हम आपदा कोष देते हैं, तो यह सीएम राहत कोष में जाना चाहिए, लेकिन सभी जानते हैं कि यह सोनिया राहत कोष में जाता है।”
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर
हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों में विवाद, VIDEO:सवारियां उठाने से रोका जा रहा; कुफरी टैक्सी यूनियन के नोटिस से भड़के पंजाब के ऑपरेटर हिमाचल और पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटरों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों को चंडीगढ़-पंजाब में सवारी उठाने से रोका जा रहा है और प्रदेश में भी बाहरी राज्यों की टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जा रही। ऐसा ही एक वीडियो चंडीगढ़ एयरपोर्ट का वायरल हो रहा है, जिसमें हिमाचल की एक टैक्सी को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सवारियां बिठाने को इनकार कर दिया गया है। पंजाब-चंडीगढ़ के टैक्सी ऑपरेटर कुफरी टैक्सी यूनियन का एक मैसेज दिखाकर हिमाचल के टैक्सी चालक को सवारियां उठाने से मना करते हैं। इससे पड़ोसी राज्यों में काम करने वाले टैक्सी ऑपरेटर में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। यह विवाद नहीं रोका गया तो इससे आने वाले दिनों में तनाव ओर बढ़ेगा। मगर सरकार अभी गहरी नींद में सोई हुई है। हिमाचल की टैक्सी यूनियन के नोटिस से बवाल हिमाचल की कई टैक्सी यूनियन ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि वन-वे काम करने वाली टैक्सियों को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर भड़क उठे हैं। ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को रोकना गलत: शरणजीत पंजाब-चंडीगढ़ की आजाद टैक्सी यूनियन के प्रधान शरणजीत सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया टैक्सी परमिट व्हीकल को सवारी उठाने से रोकना गलत है। हिमाचल की कई यूनियन ने इस तरह का नोटिस निकाला है, जो कि बिल्कुल गलत है। यदि उनकी यूनियन की किसी गाड़ी को सवारी उठाने से रोका गया तो वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, आजाद टैक्सी यूनियन ने हिमाचल की गाड़ी को चंड़ीगढ़-पंजाब में रोकने का कोई आदेश नहीं दिया। मगर हिमाचल की जो गाड़ी रोकी जा रही है, वह वो लोग रोक रहे हैं, जिन्हें हिमाचल में सवारी उठाने से इनकार किया जा रहा है। वन-वे काम करने की इजाजत नहीं: वीरेन शिमला में कुफरी की टैक्सी यूनियन के प्रधान वीरेन कंवर ने बताया, वन-वे काम करने वाली टैक्सी को सवारी नहीं उठाने दी जाएगी। इससे लोकल काम खत्म हो रहा है। यदि कोई गाड़ी बाहर से सवारी लेकर आती है और उनका पैकेज निर्धारित है, तो उन्हें काम करने से नहीं रोका जाएगा। वीरेन ने कहा, ओला-उबर एप से आने वाली गाड़ियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा, प्राइवेट गाड़ियां भी इन एप पर पंजीकरण करवाकर सवारी ढोने का काम कर रही है। इससे न केवल सरकार को टैक्स के तौर पर नुकसान हो रहा है, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों का काम भी चौपट हो रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। एयरपोर्ट, ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन नहीं होने की चुकानी पड़ रही कीमत हिमाचल को प्रदेश में कोई बड़ा एयरपोर्ट और ब्रॉड गेज रेलवे स्टेशन नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वजह से देशभर से पहाड़ों पर आने वाला पर्यटक सीधे हिमाचल नहीं पहुंच पाता, बल्कि उन्हें चंडीगढ़ उतरना पड़ता है। चंडीगढ़ से ज्यादातर पर्यटक टैक्सियों में हिमाचल पहुंचता है। मगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बार बार हिमाचल की टैक्सियों को टूरिस्ट नहीं उठाने देने की खबरें आ रही है। हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटर भी यही कर रहे है और पंजाब व हिमाचल की सरकारें अभी गहरी नींद में सोई हुई है।