हिमाचल की राजधानी शिमला में 1844 में बने US (यूनाइटेड सर्विस) क्लब को GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) ने एक बार फिर से खाली करने के आदेश जारी किए है। इसे रैनोवेशन (जीर्णोद्धार) के नाम पर खाली कराया जा रहा है। इसमें अभी पांच दफ्तर चल रहे हैं। GAD के आदेशों के बाद इसमें चल रहे कुछ विभागों ने नए दफ्तरों की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए अखबार में बाकायदा टेंडर प्रकाशित कर दिए गए है। जाहिर है कि इससे सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और हर साल लाखों रुपए किराए पर खर्च करने पड़ेंगे। US क्लब पर कब्जे की होड़ US क्लब शिमला का दिल कहे जाने वाले रिज व मॉल रोड के बिल्कुल साथ है। इसलिए हिमाचल की ब्यूरोक्रेसी US क्लब की हेरिटेज बिल्डिंग में ‘IAS क्लब’ बनाना चाह रही है। यहां पर अफसरशाही व इनकी पत्नियों के लिए मॉल जाना व खाना-पीना आसान होगा और गाड़ियों की पार्किंग की भी सुविधा मौजूद है। सूत्र बताते हैं कि इस जगह के लिए अफसरशाही से ज्यादा इनकी बीवियों का दबाव है। US क्लब में अभी ये पांच दफ्तर US क्लब से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के पर्यटन ड्रीम प्रोजेक्ट का दफ्तर चल रहा है। इसके अलावा रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RTDC), जल शक्ति विभाग के वाइस चेयरमैन, एक्सईएन PWD इलेक्ट्रिकल और एक्सईएन हॉर्टिकल्चर का दफ्तर चल रहा है। CM सुक्खू को नहीं कानोकान खबर US क्लब में 5 साल पहले तक प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग का दफ्तर भी चलता था। पांच साल पहले जल शक्ति विभाग का दफ्तर यहां से ISBT टूटीकंडी के समीप अपनी बिल्डिंग में शिफ्ट हो गया। तब से लेकर राज्य की अफसरशाही US क्लब पर कब्जे के प्रयास कर रही है और पूर्व भाजपा सरकार में कई बार IAS इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी मिलते रहे हैं। मौजूदा CM सुखविंदर सुक्खू को इसकी भनक तक नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा में कहा था कि जो सरकारी दफ्तर निजी बिल्डिंग में चल रहे हैं, उन्हें जल्दी सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए। सरकार निजी भवनों के किराए पर खर्चा नहीं करेगी। सरकार पर पड़ेगा लाखों रुपए का अतिरिक्त बोझ GAD के नोटिस के हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने बाकायदा अखबार में इश्तिहार देकर नए दफ्तर के लिए कोटेशन मांग ली है। तीन अन्य दफ्तर भी अब नए ऑफिस के लिए हाथ-पांव चला रहे हैं। जाहिर है कि इन्हें खाली करने के बाद यदि निजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया तो सरकार पर इससे लाखों रुपए मासिक का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। हिमाचल की राजधानी शिमला में 1844 में बने US (यूनाइटेड सर्विस) क्लब को GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) ने एक बार फिर से खाली करने के आदेश जारी किए है। इसे रैनोवेशन (जीर्णोद्धार) के नाम पर खाली कराया जा रहा है। इसमें अभी पांच दफ्तर चल रहे हैं। GAD के आदेशों के बाद इसमें चल रहे कुछ विभागों ने नए दफ्तरों की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए अखबार में बाकायदा टेंडर प्रकाशित कर दिए गए है। जाहिर है कि इससे सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ेगा और हर साल लाखों रुपए किराए पर खर्च करने पड़ेंगे। US क्लब पर कब्जे की होड़ US क्लब शिमला का दिल कहे जाने वाले रिज व मॉल रोड के बिल्कुल साथ है। इसलिए हिमाचल की ब्यूरोक्रेसी US क्लब की हेरिटेज बिल्डिंग में ‘IAS क्लब’ बनाना चाह रही है। यहां पर अफसरशाही व इनकी पत्नियों के लिए मॉल जाना व खाना-पीना आसान होगा और गाड़ियों की पार्किंग की भी सुविधा मौजूद है। सूत्र बताते हैं कि इस जगह के लिए अफसरशाही से ज्यादा इनकी बीवियों का दबाव है। US क्लब में अभी ये पांच दफ्तर US क्लब से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के पर्यटन ड्रीम प्रोजेक्ट का दफ्तर चल रहा है। इसके अलावा रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RTDC), जल शक्ति विभाग के वाइस चेयरमैन, एक्सईएन PWD इलेक्ट्रिकल और एक्सईएन हॉर्टिकल्चर का दफ्तर चल रहा है। CM सुक्खू को नहीं कानोकान खबर US क्लब में 5 साल पहले तक प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग का दफ्तर भी चलता था। पांच साल पहले जल शक्ति विभाग का दफ्तर यहां से ISBT टूटीकंडी के समीप अपनी बिल्डिंग में शिफ्ट हो गया। तब से लेकर राज्य की अफसरशाही US क्लब पर कब्जे के प्रयास कर रही है और पूर्व भाजपा सरकार में कई बार IAS इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी मिलते रहे हैं। मौजूदा CM सुखविंदर सुक्खू को इसकी भनक तक नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा में कहा था कि जो सरकारी दफ्तर निजी बिल्डिंग में चल रहे हैं, उन्हें जल्दी सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए। सरकार निजी भवनों के किराए पर खर्चा नहीं करेगी। सरकार पर पड़ेगा लाखों रुपए का अतिरिक्त बोझ GAD के नोटिस के हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने बाकायदा अखबार में इश्तिहार देकर नए दफ्तर के लिए कोटेशन मांग ली है। तीन अन्य दफ्तर भी अब नए ऑफिस के लिए हाथ-पांव चला रहे हैं। जाहिर है कि इन्हें खाली करने के बाद यदि निजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया तो सरकार पर इससे लाखों रुपए मासिक का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आया:ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन पर भड़की संजौली मस्जिद कमेटी; बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ मांगी कार्रवाई शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के दावे पर मुस्लिम समुदाय भड़क गया है। संजौली मस्जिद कमेटी ने इस मामले को तूल देने वालों और बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ वक्फ बोर्ड से कार्रवाई की मांग की है। संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को सर्कुलर जारी कर साफ कहा है कि मस्जिदों में नमाज के अलावा कोई भी गतिविधि न की जाए। ऐसे में बालूगंज मस्जिद में बीते बुधवार को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की मीटिंग कैसे आयोजित की गई? उन्होंने कहा, बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बालूगंज मस्जिद की मीटिंग से उपजा विवाद दरअसल, बीते बुधवार को शिमला के बालूगंज की मस्जिद में मुस्लिम समुदाय की एक मीटिंग हुई। इसमें ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया गया। इस मीटिंग में MC आयुक्त के अवैध मस्जिद को गिराने के फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया गया। इस पर संजौली मस्जिद कमेटी भड़क उठी और कुछ लोगों पर शिमला का माहौल खराब करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। MC आयुक्त ने कमेटी की सिफारिश पर तोड़ने के आदेश दिए संजौली मस्जिद कमेटी और वक्त बोर्ड ने खुद नगर निगम आयुक्त को लिखित में देकर कहा था कि यदि कोर्ट अवैध निर्माण गिराने के आदेश देता है तो वह मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए तैयार है। इसके आधार पर निगम आयुक्त ने अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए। हाशमी बोले-जो अधिकृत नहीं थे, उन्होंने मस्जिद तोड़ने की बात कही वहीं ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता लियाकत अली हाशमी ने कहा, कुछ लोगों ने 2 गुटों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग दिया। फिर MC आयुक्त ने हिंदू संगठनों के दबाव में संजौली मस्जिद की फाइल को खोला और संबंधित पार्टी को कोर्ट में न बुलाकर ऐसे आदमी को बुलाया, जिसने दहशत में आकर मस्जिद को गिराने की पेशकश कर डाली, ऐसी पेशकश करने वाला व्यक्ति इसके लिए अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा, कि आयुक्त ने यह नहीं देखा कि कौन पार्टी है। एक दो लोगों की राय के आधार पर फैसला सुनाया गया है। उन्होंने कहा, मुस्लिमों की इबादत गाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वक्फ बोर्ड ने इमाम को जारी किया नोटिस: कुतुबुद्दीन हिमाचल वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने बताया कि बालूगंज मस्जिद में ऑर्गनाइजेशन की बैठक की सूचना उन्हें मिली है। इसे लेकर बोर्ड ने मस्जिद के इमाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने बीते 24 सितंबर एक सर्कुलर जारी था जिसमें मस्जिद में नमाज के अलावा किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक के आदेश दिए गए थे। क्या है संजौली मस्जिद का विवाद.. आजादी से पहले थी 2 मंजिला मस्जिद दरअसल, संजौली में आजादी से पहले 2 मंजिला मस्जिद थी। साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। बीते 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के MC आयुक्त ने आदेश दे दिए है। मस्जिद का नक्शा पास नहीं मामले ने कैसे पकड़ा तूल? दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि मारपीट करने वाले मस्जिद में जा छिपे। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और विरोध पूरे प्रदेश में होने लगा। इसी मामले में हिंदू संगठनों ने पहले 2 बार संजौली और एक बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर रोष जाहिर किया। 11 सितंबर को में मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
कालका-शिमला हाईवे पर लैंडस्लाइड:डंगा ढहने से सड़क पर आया मलबा; एक तरफ से रास्ता बंद, क्वालिटी को लेकर उठ रहे सवाल
कालका-शिमला हाईवे पर लैंडस्लाइड:डंगा ढहने से सड़क पर आया मलबा; एक तरफ से रास्ता बंद, क्वालिटी को लेकर उठ रहे सवाल हिमाचल प्रदेश की राजधानी को जोड़ने वाले कालका-शिमला फोरलेन पर आज दोपहर के वक्त लैंडस्लाइड हो गया। सोलन जिले के कुमारहट्टी के पास फोरलेन के ऊपर लगाया गया डंगा ताश के पत्तों की तरह ठह गया। गनीमत यह रही कि इसकी चपेट में कोई वाहन नहीं आया। डंगा ढहने के बाद हाईवे की सोलन साइड जाने वाली लेन वाहनों के लिए बंद हो गई। इसके बाद यातायात को दूसरी लेन से चलाया जा रहा है। वहीं कुछ वाहन वाया बड़ोग होते हुए सोलन भेजे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुमारहट्टी के होटल इन के पास पहाड़ी से लैंडस्लाइड रोकने के लिए लगभग 30 फीट ऊंचा डंगा लगाया गया था, जो अब जमींदोज हो गया है। क्वालिटी को लेकर उठने लगे सवाल शिमला-कालका फोरलेन का निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ। मगर इससे पहले ही फोरलेन पर बार बार नुकसान हो रहा है। इससे फोरलेन की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस सड़क पर कभी पहाड़ आ जाते हैं तो कहीं डंगे ही बैठ रहे हैं। इस वजह से कालका-शिमला फोरलेन पर कई दर्दनाक हादसे भी हो चुके है। हिमाचल हाईकोर्ट में भी शिमला के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने क्वालिटी और पहाड़ों की अवैज्ञानिक ढंग से कटिंग को चुनौती दे रखी है।