शिमला में चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है। ताजा मामला शिमला के स्नो व्यू क्षेत्र में सामने आया है। जहां तीन गाड़ियों के शीशे तोड़कर गाड़ियों से स्टेपनी समेत कई अन्य समान चोरी करके उड़ा ले गए है। गाड़ी मालिक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गाड़ी मालिक धनंजय ने बताया कि इस क्षेत्र में लगातार चोरी की घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी के साथ दूसरी बार तोड़फोड़ हुई है। क्षेत्र में शरारती तत्व लगभग 10 से ज्यादा इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करें। पूरे क्षेत्र में लगातार पुलिस की गश्त होनी चाहिए और घटनाओं पर रोक लगाएं। वहीं, पुलिस चौकी लक्कड़ बाजार चौकी इंचार्ज दलीप ने कहा कि व्यक्ति की शिकायत के बाद पुलिस मौके पर गई थी। पुलिस जहां गाड़ी को नुकसान पाया गया है। गाड़ी से स्टेपनी समेत कुछ अन्य सामान होने की शिकायत मिली है।पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिमला में चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है। ताजा मामला शिमला के स्नो व्यू क्षेत्र में सामने आया है। जहां तीन गाड़ियों के शीशे तोड़कर गाड़ियों से स्टेपनी समेत कई अन्य समान चोरी करके उड़ा ले गए है। गाड़ी मालिक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गाड़ी मालिक धनंजय ने बताया कि इस क्षेत्र में लगातार चोरी की घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी के साथ दूसरी बार तोड़फोड़ हुई है। क्षेत्र में शरारती तत्व लगभग 10 से ज्यादा इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करें। पूरे क्षेत्र में लगातार पुलिस की गश्त होनी चाहिए और घटनाओं पर रोक लगाएं। वहीं, पुलिस चौकी लक्कड़ बाजार चौकी इंचार्ज दलीप ने कहा कि व्यक्ति की शिकायत के बाद पुलिस मौके पर गई थी। पुलिस जहां गाड़ी को नुकसान पाया गया है। गाड़ी से स्टेपनी समेत कुछ अन्य सामान होने की शिकायत मिली है।पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल राज्यपाल ने कृषि-मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति:कहा- कुलपति की नियुक्ति के बिल पर झूठ बोल रहे चंद्र कुमार हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बयान पर आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने वीरवार दोपहर बाद शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि कृषि मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति का बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है। राज्यपाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह बिल सरकार के पास है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए प्रदेश सरकार को भेज रखा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है। ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि मंत्री कह रहे हैं कि राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है, इस वजह से नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन की ओर से कोई देरी नहीं की गई। बता दें कि कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्त कि बिल में सरकार संशोधन कर रही है, यह संशोधन सरकार की सहमति से कुलपति की नियुक्ति करने की मंशा से किया जा रहा है, क्योंकि पैसा सरकार देती है, इसलिए कुलपति के लिए नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें। वर्तमान नियमों में यह प्रावधान नहीं है। नियमों के मुताबिक यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन), राज्यपाल और सरकार तीनों की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है। यदि यह संशोधन लागू हो जाता है तो हिमाचल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। ऐसी स्थिति में बिल पहली बार राष्ट्रपति को भेजने पर राजभवन विचार करेगा। नियम के विरुद्ध कोई काम नहीं होगा: राज्यपाल राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है, जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है। मगर एक साल से कुलपति खोज नहीं सकी है। कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राज्यपाल ने कहा कि नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए वह कुछ भी करेंगे। लाभार्थियों की जानकारी मिलते ही नौतोड़ भूमि को मंजूरी देंगे राज्यपाल ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में भूमिहीन को नौतोड़ भूमि देने के सवाल पर कहा, राजभवन को नौतोड़ भूमि देने में कोई आपत्ति नहीं हैं। राजभवन ने सरकार से लाभार्थियों की संख्या पूछी है, जैसे ही जवाब मिलेगा राजभवन इसे भी मंजूरी दे देगा। कानून व्यवस्था बिगड़ी, यह कहना सही नहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, ऐसा नहीं कह सकते। महर शांत प्रदेश में अगर कुछ भी घटना होती है तो प्रदेश की बदनामी होती है। ऐसे में सरकार को इसकी चिंता होनी चाहिए। राज्यपाल ने दूसरी बार सख्त टिप्पणी की यह दूसरा मौका है जब राज्यपाल ने सरकार को लेकर सख्त टिप्पणी की है। बीते सप्ताह ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के शामिल नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। अब उन्होंने कुलपति की नियुक्ति को लेकर सरकार के मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है। जाहिर है इससे आने वाले दिनों में राजभवन और सरकार में तकरार बढ़ सकती है। राजभवन से नहीं कोई मतभेद राज्यपाल के बयान के बाद कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उनका राजभवन से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने खुद व्यक्तिगत तौर पर राज्यपाल से मिलकर बिल को मंजूर करने या फिर आपत्ति लगाकर वापस भेजने का आग्रह किया था, क्योंकि इस बिल के मंजूर नहीं होने की वजह से कृषि विश्वविद्यालय में रेगुलर कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।
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