<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अति संवेदनशील जिलों में सुमार अलीगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां एक ओर होली के त्योहार पर रमजानों को लेकर अब्दुल करीम चौराहे की मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है. वहीं मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र अब्दुल करीम चौराहे पर हर वक्त पीएसी और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती रहती है. इसी जगह पर अब 50 वर्षों के बाद रूट डायवर्ट करते हुए शोभायात्रा निकाली गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसको लेकर पुलिस के द्वारा पूरे मामले पर अपने हाथ खड़े कर दिए. अलीगढ़ एसएसपी के द्वारा पूरी जिम्मेदारी आयोजकों के ऊपर डालते हुए रुट डायवर्ट की अनुमति ना देने की बात कही थी. पूर्व मेयर शकुंतला भारती का कहना है कि इसके बाद पुराने रूट को डायवर्ट करते हुए अब्दुल करीम चौराहे से शोभा यात्रा सकुशल संपन्न हुई तो पूर्व मेयर के द्वारा यात्रा को लेकर 50 वर्ष की सूखा को खत्म होना बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, अलीगढ़ में नवरात्रि के पावन अवसर पर इस वर्ष का अंतिम दिन हिन्दू समाज के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण लेकर आया. 50 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अब्दुल करीम चौराहे से मां काली की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता की भावना से ओतप्रोत कर दिया. इस विशेष अवसर पर हिन्दू समाज में एक अद्भुत उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखने को मिला. नवरात्रि का अंतिम दिन वैसे भी शक्ति की आराधना और माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का दिन माना जाता है और जब मां काली की शोभा यात्रा उसी दिन निकली तो यह आयोजन और भी विशेष बन गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पचास वर्षों का इंतजार हुआ खत्म</strong><br />बताया जाता है कि लगभग पांच दशकों पूर्व अब्दुल करीम चौराहे से मां काली की शोभा यात्रा निकाली जाती थी जो समय के साथ किसी कारणवश बंद हो गई थी. वर्षों से हिन्दू समाज इस प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करने की मांग कर रहा था. इस वर्ष सामाजिक और धार्मिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से इस शोभा यात्रा को पुनः आरंभ किया गया. इस यात्रा की शुरुआत भव्य आरती और मंत्रोच्चारण से हुई. भक्तों ने मां काली की झांकी को फूलों से सजाया और विभिन्न पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों के साथ यात्रा को नगर भ्रमण पर निकाला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस भव्य आयोजन को लेकर एक बड़ा मुद्दा तब उत्पन्न हुआ जब आयोजकों ने यात्रा के पारंपरिक मार्ग की बजाय एक नए रूट से यात्रा निकालने का निर्णय लिया. प्रशासनिक स्तर पर इस रूट परिवर्तन को लेकर सहमति नहीं बनी थी. अलीगढ़ के एसएसपी ने इस नए रूट को लेकर अनुमति नहीं दी थी, जिसके चलते सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएं जताई गई थीं. इसके बावजूद शोभा यात्रा को लेकर आयोजकों की ओर से शांति और संयम से यात्रा पूरे अनुशासन और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुई. पुलिस बल ने भी यात्रा मार्ग पर विशेष सतर्कता बरती और हर चौराहे, गलियों और मुख्य सड़कों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttar-pradesh-deputy-cm-keshav-prasad-maurya-visit-to-aligarh-today-and-preparations-complete-ann-2920066″>आज केशव प्रसाद मौर्य का अलीगढ़ दौरा, तैयारियां पूरी, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोलीं पूर्व मेयर</strong><br />इस आयोजन को लेकर पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने बताया कि हिन्दू समाज में एक भावनात्मक लहर देखने को मिली. बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुज़ुर्ग सुबह से ही मां काली की झांकी के दर्शन करने के लिए एकत्रित हो गए थे. यह दृश्य उनके लिए एक सपना पूरा होने जैसा था. 50 वर्ष के बाद रूट डायवर्ट होते हुए यह यात्रा निकाली गई है. अलीगढ़ एसएसपी के द्वारा उनसे कहा गया था कि अगर आप डाइवर्ट करेंगे तो इसकी सूचना उनके द्वारा मुख्यमंत्री को दी जाएगी. कोई भी कैसी घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार आप होंगी. लेकिन हमारे द्वारा रूट बदलते हुए यात्रा निकाली गई है, यात्रा सकुशल संपन्न हुई है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> अति संवेदनशील जिलों में सुमार अलीगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां एक ओर होली के त्योहार पर रमजानों को लेकर अब्दुल करीम चौराहे की मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है. वहीं मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र अब्दुल करीम चौराहे पर हर वक्त पीएसी और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती रहती है. इसी जगह पर अब 50 वर्षों के बाद रूट डायवर्ट करते हुए शोभायात्रा निकाली गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसको लेकर पुलिस के द्वारा पूरे मामले पर अपने हाथ खड़े कर दिए. अलीगढ़ एसएसपी के द्वारा पूरी जिम्मेदारी आयोजकों के ऊपर डालते हुए रुट डायवर्ट की अनुमति ना देने की बात कही थी. पूर्व मेयर शकुंतला भारती का कहना है कि इसके बाद पुराने रूट को डायवर्ट करते हुए अब्दुल करीम चौराहे से शोभा यात्रा सकुशल संपन्न हुई तो पूर्व मेयर के द्वारा यात्रा को लेकर 50 वर्ष की सूखा को खत्म होना बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, अलीगढ़ में नवरात्रि के पावन अवसर पर इस वर्ष का अंतिम दिन हिन्दू समाज के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण लेकर आया. 50 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अब्दुल करीम चौराहे से मां काली की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता की भावना से ओतप्रोत कर दिया. इस विशेष अवसर पर हिन्दू समाज में एक अद्भुत उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखने को मिला. नवरात्रि का अंतिम दिन वैसे भी शक्ति की आराधना और माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का दिन माना जाता है और जब मां काली की शोभा यात्रा उसी दिन निकली तो यह आयोजन और भी विशेष बन गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पचास वर्षों का इंतजार हुआ खत्म</strong><br />बताया जाता है कि लगभग पांच दशकों पूर्व अब्दुल करीम चौराहे से मां काली की शोभा यात्रा निकाली जाती थी जो समय के साथ किसी कारणवश बंद हो गई थी. वर्षों से हिन्दू समाज इस प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करने की मांग कर रहा था. इस वर्ष सामाजिक और धार्मिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से इस शोभा यात्रा को पुनः आरंभ किया गया. इस यात्रा की शुरुआत भव्य आरती और मंत्रोच्चारण से हुई. भक्तों ने मां काली की झांकी को फूलों से सजाया और विभिन्न पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों के साथ यात्रा को नगर भ्रमण पर निकाला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस भव्य आयोजन को लेकर एक बड़ा मुद्दा तब उत्पन्न हुआ जब आयोजकों ने यात्रा के पारंपरिक मार्ग की बजाय एक नए रूट से यात्रा निकालने का निर्णय लिया. प्रशासनिक स्तर पर इस रूट परिवर्तन को लेकर सहमति नहीं बनी थी. अलीगढ़ के एसएसपी ने इस नए रूट को लेकर अनुमति नहीं दी थी, जिसके चलते सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर चिंताएं जताई गई थीं. इसके बावजूद शोभा यात्रा को लेकर आयोजकों की ओर से शांति और संयम से यात्रा पूरे अनुशासन और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुई. पुलिस बल ने भी यात्रा मार्ग पर विशेष सतर्कता बरती और हर चौराहे, गलियों और मुख्य सड़कों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttar-pradesh-deputy-cm-keshav-prasad-maurya-visit-to-aligarh-today-and-preparations-complete-ann-2920066″>आज केशव प्रसाद मौर्य का अलीगढ़ दौरा, तैयारियां पूरी, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोलीं पूर्व मेयर</strong><br />इस आयोजन को लेकर पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने बताया कि हिन्दू समाज में एक भावनात्मक लहर देखने को मिली. बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुज़ुर्ग सुबह से ही मां काली की झांकी के दर्शन करने के लिए एकत्रित हो गए थे. यह दृश्य उनके लिए एक सपना पूरा होने जैसा था. 50 वर्ष के बाद रूट डायवर्ट होते हुए यह यात्रा निकाली गई है. अलीगढ़ एसएसपी के द्वारा उनसे कहा गया था कि अगर आप डाइवर्ट करेंगे तो इसकी सूचना उनके द्वारा मुख्यमंत्री को दी जाएगी. कोई भी कैसी घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार आप होंगी. लेकिन हमारे द्वारा रूट बदलते हुए यात्रा निकाली गई है, यात्रा सकुशल संपन्न हुई है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहले किडनैप किया फिर गैंगरेप, मुजफ्फरनगर के होटल में नाबालिग से हैवानियत
अलीगढ़: 50 साल बाद अब्दुल करीम चौराहे से निकली शोभा यात्रा, SSP बोले- ‘रुट डायवर्ट कर अनुमति नहीं थी’
