हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में बीती रात एक घर में आग लग गई। रोहड़ू उपमंडल की चिडगांव तहसील के क्लोटी पंचायत स्थित मस्तोट गांव में भीषण आग लगने से एक परिवार का दो मंजिला मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया । मकान के मालिक कलम सिंह को अपने दोनों बेटों के साथ गांव में ही रिश्तेदार के घर में शरण लेनी पड़ी है। घटना में कोई जानी नुकसान नही हुआ है। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक मकान पूरी तरह से जल चुका था। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना देर रात 9 बजे के आस पास को पेश की है। जब कलम सिंह के मकान में अचानक आग भड़क गई और देखते ही देखते यह आग पूरे घर में फेल गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों से फायर ब्रिगेड सूचना को दी और खुद भी आग पर काबू पाने में जुट गए। आग से लाखों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। अब प्रशासन मौके का दौरा करेगा और नुकसान का आकलन करेगा। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में बीती रात एक घर में आग लग गई। रोहड़ू उपमंडल की चिडगांव तहसील के क्लोटी पंचायत स्थित मस्तोट गांव में भीषण आग लगने से एक परिवार का दो मंजिला मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया । मकान के मालिक कलम सिंह को अपने दोनों बेटों के साथ गांव में ही रिश्तेदार के घर में शरण लेनी पड़ी है। घटना में कोई जानी नुकसान नही हुआ है। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हालांकि तब तक मकान पूरी तरह से जल चुका था। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना देर रात 9 बजे के आस पास को पेश की है। जब कलम सिंह के मकान में अचानक आग भड़क गई और देखते ही देखते यह आग पूरे घर में फेल गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों से फायर ब्रिगेड सूचना को दी और खुद भी आग पर काबू पाने में जुट गए। आग से लाखों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। अब प्रशासन मौके का दौरा करेगा और नुकसान का आकलन करेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में रात से जारी है बारिश:आज 10 जिलों में चेतावनी, 200 से ज्यादा सड़कें बंद, अगले पांच दिन एक्टिव रहेगा मानसून
हिमाचल में रात से जारी है बारिश:आज 10 जिलों में चेतावनी, 200 से ज्यादा सड़कें बंद, अगले पांच दिन एक्टिव रहेगा मानसून हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बीती रात से तेज बारिश हो रही है। इससे जगह जगह लैंडस्लाइड से 200 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई है। मौसम विभाग (IMD) ने लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर सभी 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दे रखी है। IMD के अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को सतर्क रहने और नदी नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी है। बारिश के बाद कई क्षेत्रों में नदी-नालों में जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया है। प्रदेश में अगले चार-पांच दिन तक मानसून एक्टिव रहेगा। 8 और 9 अगस्त के लिए येलो अलर्ट दिया गया है, जबकि 10 अगस्त के लिए फिर से भारी बारिश की ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जाने कब जारी होता ऑरेंज अलर्ट जब 0 से 74 मिलीमीटर बारिश होने का पूर्वानुमान हो, उस सूरत में येलो अलर्ट दिया जाता है। 75 मिलीमीटर से ज्यादा और 125 मिलीमीटर से कम बारिश होने के पूर्वानुमान पर ऑरेंज अलर्ट दिया और 125 मिलीमीटर से अधिक बारिश की स्थिति में रेड अलर्ट दिया जाता है। 200 सड़कें पड़ी हैं बंद प्रदेश में हो रही बारिश से 200 से ज्यादा सड़कें, 215 बिजली के ट्रांसफॉर्मर और 70 पानी की स्कीमें बंद पड़ी है। इससे कई क्षेत्रों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक बरसात से 748 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। पूरे मानसून सीजन में 170 सड़कों की सड़क हादसों, गिरने, पानी में डूबने, सांप के काटने इत्यादि से जान चली गई है। 39 मकान पूरी तरह टूटे प्रदेश में 39 मकान पूरी तरह से धवस्त और 177 मकान आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। 24 दुकानें, 3 लेबर शेड, 173 गौशालाएं और 3 घ्राट भी बरसात से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
दलाई लामा के नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 35वीं वर्षगांठ:जन्मदिन पर करूणा दिवस मनाने की योजना, तिब्बती कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किया प्रस्तुत
दलाई लामा के नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 35वीं वर्षगांठ:जन्मदिन पर करूणा दिवस मनाने की योजना, तिब्बती कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किया प्रस्तुत हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की 35वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की सुरक्षा मंत्री डोलमा गैरी ने कशाग की ओर से दलाई लामा के प्रति गहरी श्रद्धा और आभार व्यक्त किया। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने दलाई लामा की मानवीय मूल्यों, धार्मिक सद्भाव और वैश्विक पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने चीन की शिक्षा नीतियों की आलोचना की, जो तिब्बती भाषा को चीनी भाषा से बदल देती हैं और लगभग दस लाख तिब्बती बच्चों को औपनिवेशिक बोर्डिंग स्कूलों में जाने के लिए मजबूर करती हैं, जिससे उनकी सांस्कृतिक विरासत छीन ली जाती है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने वैश्विक पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में तिब्बत की महत्वपूर्ण भूमिका और चीन द्वारा इस क्षेत्र के शोषण से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर जोर दिया। निर्वासित तिब्बतियों ने अपनी संस्कृति को सफलतापूर्वक संरक्षित रखा है, जबकि तिब्बत में रहने वाले लोग चीनी उत्पीड़न से पीड़ित हैं। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन तिब्बतियों के लिए वास्तविक स्वायत्तता की वकालत करते हुए मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के माध्यम से चीन-तिब्बत संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने दलाई लामा के 90वें जन्मदिन (6 जुलाई, 2025 – 6 जुलाई, 2026) को “करुणा के वर्ष” के रूप में विश्व स्तर पर मनाने की योजना की घोषणा की। उन्होंने तिब्बत में चीन के दलाई लामा विरोधी अभियानों और मानवाधिकारों के हनन की निंदा की, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि चीनी कब्जे के कारण 1.2 मिलियन से अधिक तिब्बती मारे गए हैं और 6,000 से अधिक धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान नष्ट हो गए हैं। इन जघन्य कृत्यों के बावजूद, दलाई लामा चीनी नेताओं के प्रति किसी भी प्रकार की दुश्मनी नहीं रखते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे सही और गलत में अंतर करने की बुद्धि प्राप्त करें। करुणा की शक्ति में दृढ़ विश्वास रखने वाले तिब्बतियों का मानना है कि शत्रुतापूर्ण और अड़ियल चीनी नेता भी अंततः इस सार्वभौमिक सत्य से प्रभावित होंगे। इस अवसर पर तिब्बती कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। दलाई लामा ने बार-बार दीर्घ जीवन जीने का आश्वासन दिया है। इसे महसूस करने के लिए तिब्बतियों और अनुयायियों के लिए अपनी आध्यात्मिक प्रतिबद्धता बनाए रखना और दलाई लामा के दृष्टिकोण के अनुसार कार्य करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंत में, हम दलाई लामा के लंबे जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और तिब्बती लोगों के लिए स्वतंत्रता की प्रार्थना करते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद हिमाचल छोड़ा; मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचनाएवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं।