हिमाचल प्रदेश में 3 दिन बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, इससे 22 अक्टूबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, शिमला व सिरमौर जिला के अधिक ऊंचे क्षेत्रों हल्की बर्फबारी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। उधर, लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 0.9 डिग्री चला गया है। प्रदेश में पहली बार तापमान माइनस में गया है। प्रदेश में 23 अक्टूबर को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, जबकि 24 अक्टूबर को फिर से अधिक ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार आज, कल और परसो तीन दिन मौसम साफ बना रहेगा। अक्टूबर में सामान्य से 96% कम बारिश प्रदेश में अक्टूबर माह में सूखे जैसे हालत बने हुए है। 7 जिले बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। प्रदेश में 1 से 18 अक्टूबर के बीच 19.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.8 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी पोस्ट मानसून सीजन में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऊना में सर्वाधिक 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यहां भी सामान्य से 43 प्रतिशत कम बादल बरसे है। वहीं मंडी में 3.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 76 प्रतिशत कम और कांगड़ा में 1.9 मिलीमीटर, किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर और लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। सामान्य से ज्यादा चल रहा तापमान अक्टूबर महीने में बारिश-बर्फबारी नहीं होने से न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे खासकर प्रदेश के मैदानी इलाकों में दिन में गर्मी पसीने छुड़ा रही है। ऊना का तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश में 3 दिन बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, इससे 22 अक्टूबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, शिमला व सिरमौर जिला के अधिक ऊंचे क्षेत्रों हल्की बर्फबारी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। उधर, लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 0.9 डिग्री चला गया है। प्रदेश में पहली बार तापमान माइनस में गया है। प्रदेश में 23 अक्टूबर को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, जबकि 24 अक्टूबर को फिर से अधिक ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार आज, कल और परसो तीन दिन मौसम साफ बना रहेगा। अक्टूबर में सामान्य से 96% कम बारिश प्रदेश में अक्टूबर माह में सूखे जैसे हालत बने हुए है। 7 जिले बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। प्रदेश में 1 से 18 अक्टूबर के बीच 19.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 0.8 मिलीमीटर बादल बरसे है। यानी पोस्ट मानसून सीजन में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऊना में सर्वाधिक 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यहां भी सामान्य से 43 प्रतिशत कम बादल बरसे है। वहीं मंडी में 3.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 76 प्रतिशत कम और कांगड़ा में 1.9 मिलीमीटर, किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर और लाहौल स्पीति में 0.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। सामान्य से ज्यादा चल रहा तापमान अक्टूबर महीने में बारिश-बर्फबारी नहीं होने से न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। इससे खासकर प्रदेश के मैदानी इलाकों में दिन में गर्मी पसीने छुड़ा रही है। ऊना का तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में मंत्री विक्रमादित्य ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां:बोले- 2 साल में 31000 रोजगार दिए, सदन में BJP से बहस के लिए तैयार
शिमला में मंत्री विक्रमादित्य ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां:बोले- 2 साल में 31000 रोजगार दिए, सदन में BJP से बहस के लिए तैयार हिमाचल प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस सरकार की 2 साल की उपलब्धियां गिनवाई। साथ ही उन्होंने भाजपा नेताओं पर बड़ा निशाना साधा है। विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र से हिमाचल प्रदेश को ग्रांट न देने की बात कही है। विक्रमादित्य सिंह नें कहा कि प्रदेश में सत्ता संभालने पर कांग्रेस सरकार को कई एसेट्स भी मिले और भारी लाइबिलिटी भी मिली। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी प्रदेश है और पहाड़ी प्रदेशों को केंद्र से विशेष ग्रांट मिलती है लेकिन हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद खुल कर ग्रांट नही मिल रही है। गारेंटियों को पूरा किया
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकार ने सीएम सुक्खू के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सामूहिक प्रयासों से प्रदेश के विकास को गति दी है। कांग्रेस ने जनता को दी गारेंटियों को पूरा किया है। पहली कैबिनेट में OPS बहाल की, महिलाओं को 1500 रु. देने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही युवाओं को 680 करोड़ की स्टार्टअप योजना की शुरुआत कर दी, प्रदेश में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खुल रहे हैं, दूध के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। सदन में बहस के लिए विपक्ष को ललकारा उन्होंने कहा कि रोजगार को लेकर विपक्ष हल्ला करता रहता है। उन्होंने कहा एक साल में एक लाख नौकरियां सिर्फ सरकारी क्षेत्र में नहीं सभी क्षेत्रों में देने की बात कही थी और उनकी सरकार ने दो सालों में सिर्फ 31 हजार नौकरियां दे दी है। भाजपा ने अपने पूरे 5 सालों में ही सिर्फ 20 हजार नौकरियां दी। विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि इसके लिए वह सदन में चर्चा करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह सभी गारंटियों पर काम चल रहा है। भाजपा नेताओं पर बरसे विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी में असली और नकली बीजेपी की लड़ाई चली हुई है। आपसी लड़ाई में भाजपा नेता अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे है। वहीं कर्ज को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश पर विपक्ष के आरोपों पर कहा रोजमर्रा के काम के लिए कर्ज लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 2 सालों में 2600 करोड़ की राजस्व वृद्धि की है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नेता विपक्ष बताएं कि उन्होंने अपने शासन काल मे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए क्या कदम उठाए। पूर्व भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि उनके समय मे रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट 12000 थी जिसकी मलाई वह खाते रहे अब यह केवल 3 हजार करोड़ रह गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने 12 हजार करोड़ को कैपिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए नहीं लगाया, उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को खराब किया है। “जेपी नड्डा व अनुराग ठाकुर भी लाएं मदद”
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश से आते हैं। उन्हें भी प्रदेश के विकास के लिए केंद्र से मदद लानी चाहिए। हिमाचल प्रदेश को अभी तक केंद्र प्रायोजित स्कीमों का ही पैसा मिल रहा है जो हिमाचल प्रदेश का हक है, वह प्रदेश को मिलना ही है। मंत्री ने अपने विभाग पर रखा फोकस
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार के दो साल के कार्यकाल के उनके विभाग में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि PWD विभाग में सख्त कदम उठाते हुए PMJSY -3 में उन ठेकेदारों को काम नही दिया जो अपना पुराना काम पूर्ण नही कर पाए। इससे कई ठेकेदार बाहर हुए है । जिसको लेकर उन पर बड़ा दबाव बना लेकिन वह फैसले पर अटल रहे। अब तक 13 हजार 238 करोड़ खर्च
मंत्री ने कहा कि उन्होंने विभाग में के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि वह समय में सभी कार्य पूरे करें। केंद्र से दो बार एक्सटेंशन ले ली है अब वह एक्सटेंशन लेने नहीं जाएंगे।विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अब तक विभाग में 13 हजार 238 करोड़ खर्च किए हैं। 2 सालों में 1370 किलोमीटर सड़कें बनाई है, इसके अलावा 1990 किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रैनेज भी बनाई है और 1740 किलोमीटर सड़कों की टायरिंग की है। इसके अलावा 61 नए गांव को सड़कों से जोड़ा जा रहा है।
हिमाचल भवन कुर्क करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त:दोषी अधिकारियों का पता नहीं लगा पाई सरकार; जांच को लेकर मांगा समय, 3 को सुनवाई
हिमाचल भवन कुर्क करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त:दोषी अधिकारियों का पता नहीं लगा पाई सरकार; जांच को लेकर मांगा समय, 3 को सुनवाई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई। इसमें सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दी। सरकार ने उन अधिकारियों का पता लगाने के लिए जांच को अतिरिक्त समय मांगा, जिनकी वजह से हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी सेली कंपनी को 64 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मनी जमा नहीं कराई गई। यह केस न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में लगा। अब यह मामला तीन जनवरी को सुना जाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। एकल बैंच के आदेशों पर डबल बैंच ने रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने करीब 97 करोड़ रुपए की राशि कोर्ट में जमा करवा दी है। मगर कोर्ट के आदेशानुसार सरकार दोषी अधिकारियों का अब तक पता नहीं लगा पाई है। ऊर्जा सचिव को दिए थे जांच के आदेश दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल भवन कुर्क करने के साथ-साथ ऊर्जा सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश दिए थे कि किस अधिकारी की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी, अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच के दिए थे आदेश कोर्ट ने 18 नवंबर को जारी आदेशों में 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने और जांच रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।
हिमाचल प्रदेश में सीजन की पहली बर्फबारी:प्रदेश में बढ़ी ठंड, मैदानी इलाकों में बारिश के लिए तरसे लोग, आज से 5 दिन तक मौसम साफ
हिमाचल प्रदेश में सीजन की पहली बर्फबारी:प्रदेश में बढ़ी ठंड, मैदानी इलाकों में बारिश के लिए तरसे लोग, आज से 5 दिन तक मौसम साफ हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में शनिवार को बर्फबारी हुई। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अटल टनल रोहतांग और उसके आसपास के इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से प्रदेश में ठंड बढ़ गई है। कुल्लू-मनाली के रोहतांग, गुलाबा और स्पीति के ऊंचे इलाकों में घूमने आए पर्यटक शाम को बर्फ गिरते ही रोमांचित हो गए। बर्फबारी पर्यटकों और पर्यटन कारोबारियों के लिए अच्छी और राहत भरी खबर है। बता दें कि कुल्लू जिले की ऊंची चोटियों पर यह सीजन की पहली बर्फबारी है, जबकि किन्नौर जिले में 12 सितंबर को हल्की बर्फबारी हो चुकी है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश के कुल्लू, लाहौल स्पीति, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई थी। लेकिन आज से एक बार फिर अगले 4 से 5 दिनों तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में जरूर बर्फबारी हो रही है। लेकिन प्रदेश के अन्य इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। बारिश और बर्फबारी से पहले ही प्रदेश के 4 शहरों का तापमान माइनस में चला गया है। ऐसे में बर्फबारी से तापमान में और गिरावट आएगी। इन शहरों का पारा माइनस में लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 8.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढक गया है। समदो का माइनस 1.3 डिग्री, कुकुमसैरी का 4.1 डिग्री और कल्पा में तापमान शून्य तक पहुंच गया है , केलांग का न्यूनतम तापमान 2.0 डिग्री तक गिर चुका है। मौसम विभाग ने प्रदेश भर में 24 और 25 नवम्बर को मौसम के ड्राई रहने का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं 26 तारीख से प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के कुछ स्थानों पर धुंध का यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार धुंध की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। किसानों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार हिमाचल प्रदेश में भले ऊंचे क्षेत्रों में बर्फ गिर रही है। मगर अन्य क्षेत्रों में ड्राइ स्पेल नहीं टूट रहा। प्रदेशवासी 53 दिन से बारिश के इंतजार में है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। सूखे के कारण 63 फीसदी जमीन पर किसान गेहूं की बुआई नहीं कर पाए हैं। प्रदेश में इसकी बुवाई का उचित समय एक सप्ताह पहले निकल चुका है।अब नदी नालों में भी जल स्तर गिरने लगा है। इससे पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर भी पानी कम होने लगा है। नदी नालों में पानी कम होने से बिजली का उत्पादन पर भी असर पड़ा है।