शिमला के संजौली में बीते कल अवैध मस्जिद को गिराने का काम शुरू कर दिया गया था, मगर अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं किया गया। दोपहर एक बजे तक काम पर कोई मजदूर नहीं देखा गया। संजौली मस्जिद कमेटी का मानना है कि इतने बड़े स्ट्रक्चर को हटाने के लिए 10 से 15 लाख रुपए की जरूरत है। अब पैसों की कमी आड़े आ रही है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वह प्रदेश में भाईचारे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जब माहौल बिगड़ा तो उन्होंने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि हम मस्जिद के अवैध हिस्से को तय समय में तोड़ने की तैयार है। मगर पैसों की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, बनाने के लिए सभी ने पैसा दिया, लेकिन तोड़ने के लिए कोई नहीं दे रहा। लतीफ ने कहा कि मजदूरों को तोड़ने का काम दे दिया गया है, लेकिन वह त्योहारी सीजन की वजह से काम पर नहीं आए। मजदूरों ने दीवाली के बाद काम में तेजी लाने की बात की है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के आदेश दिए वहीं, हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासियों की याचिका पर 8 सप्ताह के भीतर केस को पूरी तरह डिसाइड करने के आदेश दिए है। वहीं, नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 21 दिसंबर को इस केस की सुनवाई होनी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने बीते 11 सितंबर को शिमला में हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन निगम आयुक्त को लिखित में खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की। इसके बाद विवाद कुछ शांत हुआ। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिले हटाने के आदेश दिए, जबकि नीचे की 2 मंजिल को लेकर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम आयुक्त के आदेशानुसार, बीते कल मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया गया। 46 बार हो चुकी सुनवाई निगम कोर्ट में संजौली मस्जिद का केस 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए। हालांकि कभी कार्रवाई नहीं हो पाई। शिमला शहर के विधायक का किया धन्यवाद मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्थानीय विधायक हरीश जनारथा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जनारथा ने इस मामले में पहले दिन से राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। हिमाचल प्रदेश व शिमला जिस भाईचारे व शांति के माहौल के लिए जाना जाता है। यह आगे भी बना रहेगा। शिमला के संजौली में बीते कल अवैध मस्जिद को गिराने का काम शुरू कर दिया गया था, मगर अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं किया गया। दोपहर एक बजे तक काम पर कोई मजदूर नहीं देखा गया। संजौली मस्जिद कमेटी का मानना है कि इतने बड़े स्ट्रक्चर को हटाने के लिए 10 से 15 लाख रुपए की जरूरत है। अब पैसों की कमी आड़े आ रही है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वह प्रदेश में भाईचारे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जब माहौल बिगड़ा तो उन्होंने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि हम मस्जिद के अवैध हिस्से को तय समय में तोड़ने की तैयार है। मगर पैसों की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, बनाने के लिए सभी ने पैसा दिया, लेकिन तोड़ने के लिए कोई नहीं दे रहा। लतीफ ने कहा कि मजदूरों को तोड़ने का काम दे दिया गया है, लेकिन वह त्योहारी सीजन की वजह से काम पर नहीं आए। मजदूरों ने दीवाली के बाद काम में तेजी लाने की बात की है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के आदेश दिए वहीं, हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासियों की याचिका पर 8 सप्ताह के भीतर केस को पूरी तरह डिसाइड करने के आदेश दिए है। वहीं, नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 21 दिसंबर को इस केस की सुनवाई होनी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने बीते 11 सितंबर को शिमला में हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन निगम आयुक्त को लिखित में खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की। इसके बाद विवाद कुछ शांत हुआ। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिले हटाने के आदेश दिए, जबकि नीचे की 2 मंजिल को लेकर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम आयुक्त के आदेशानुसार, बीते कल मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया गया। 46 बार हो चुकी सुनवाई निगम कोर्ट में संजौली मस्जिद का केस 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए। हालांकि कभी कार्रवाई नहीं हो पाई। शिमला शहर के विधायक का किया धन्यवाद मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्थानीय विधायक हरीश जनारथा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जनारथा ने इस मामले में पहले दिन से राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। हिमाचल प्रदेश व शिमला जिस भाईचारे व शांति के माहौल के लिए जाना जाता है। यह आगे भी बना रहेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के अग्निवीर का आज अंतिम संस्कार:प्रशासन का कोई अधिकारी शोक जताने नहीं पहुंचा; पिता बोले- बेटा खुद गोली नहीं मार सकता
हिमाचल के अग्निवीर का आज अंतिम संस्कार:प्रशासन का कोई अधिकारी शोक जताने नहीं पहुंचा; पिता बोले- बेटा खुद गोली नहीं मार सकता हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निवासी एवं अग्निवीर निखिल डडवाल की डेड बॉडी आज दोपहर 2:00 बजे तक उनके पैतृक घर लाहलड़ी में पहुंचने की उम्मीद है। अखनूर से डेड बॉडी लेकर एक वाहन सुबह 7:00 बजे हमीरपुर के लिए रवाना हो गया है। परिजनों के अनुसार, पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद आज ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। निखिल डडवाल की बुधवार शाम के वक्त अखनूर के टांडा में मौत हो गई थी। इस मौत पर अभी सवाल हैं, क्योंकि परिजन यह मानने को तैयार नहीं है कि उसने खुद को गोली मारी है। पीड़ित परिवार से मिलने अभी तक जिला प्रशासन के कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। निखिल के पिता दिलेर को इस बात का मलाल है। जम्मू कश्मीर के अखनूर से परिजनों को जो सूचना बुधवार शाम को दी गई थी उसके मुताबिक निखिल ने खुद को गोली मारी थी। निखिल को बेहोशी की हालत हालत में जब अस्पताल लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। 23 वर्षीय निखिल अविवाहित था। निखिल के पिता दिलेर का कहना है कि उनका बेटा खुद को गोली नहीं मार सकता। निखिल की मौत की खबर से घर पर मातम छाया हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन इस घटना के बाद बेहोशी की हालत में है। पहले बैच का अग्नि वीर निखिल पौने दो साल पहले अग्निवीर बना था और उसकी पहली तैनाती बीकानेर में हुई थी। तकरीबन 3 महीने निखिल को अखनूर में तैनात किया गया। अग्निवीर योजना के तहत वह पहले बैच का अग्निवीर था। निखिल के नजदीकी रिश्तेदार देवीदास शहंशाह का कहना है कि दोपहर 2:00 बजे के आसपास डेड बॉडी पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन प्रशासन से कोई भी अधिकारी संवेदना जताने घर नहीं पहुंचा और न ही जानकारी इस बारे कोई प्रशासन से मिली है, यह विषय भी गंभीर है।
हिमाचल में रील बनाते हुए ढांक से गिरी लड़की:सोशल मीडिया में वायरल हो रहा VIDEO; पूजा बोली-हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क
हिमाचल में रील बनाते हुए ढांक से गिरी लड़की:सोशल मीडिया में वायरल हो रहा VIDEO; पूजा बोली-हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की पूजा नाम की एक लड़की का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पूजा खतरनाक ढांक में रील बनाते हुए गिर जाती है। पूजा पहाड़ी से करीब 50 फीट नीचे लुढ़कने के बाद रुक जाती हैं। इस दौरान वीडियो बना रही दूसरी लड़की जोर जोर से चिल्लाने लगती है। अब पूजा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके जरिए कुछ लोग रील बनाने वालों को खतरनाक जगह पर वीडियो नहीं बनाने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि प्रदेश के पहाड़ों, नदी-नालों में रील बनाते वक्त कई लोगों की जान जा चुकी है। पूजा पूरी तरह सुरक्षित अच्छी बात यह है कि वह पूरी तरह सुरक्षित है। पूजा ने बीती शाम को एक अन्य वीडियो बनाकर पूरी तरह सुरक्षित होने की जानकारी साझा की, जिसमें वह कह रही हैं कि पूरे फिसलने की वजह से वह गिरी थी। पूजा कह रही कि पैर हर किसी का फिसलता है। वो अलग बात है कि किसी की डेथ हो जाती है। 85 हजार फॉलोअर्स पूजा खुद कह रही है कि फेसबुक पर उसके 20 हजार और इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है। वह इंस्टाग्राम पर भी अक्सर इस तरह के वीडियो पोस्ट करती हैं। रील बनाने वाली पूजा चंबा जिला के साहो क्षेत्र की रहने वाली बताई जा रही है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क: पूजा पूजा कह रही हैं कि अभी भी वह घने जंगल में है। जहां हर वक्त भालू और जंगली जानवर रहते है। हम पहाड़ियों की लाइफ में हर वक्त रिस्क बना रहता है। यह वीडियो दो-तीन दिन पुराना है। कुछ लोग इसे उत्तराखंड का बताकर भी सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं।
हमीरपुर में नशा करते युवाओं का आया VIDEO:नशे का इंजेक्शन लगा रहे 2 लड़के, वायरल होने के बाद प्रशासन अलर्ट
हमीरपुर में नशा करते युवाओं का आया VIDEO:नशे का इंजेक्शन लगा रहे 2 लड़के, वायरल होने के बाद प्रशासन अलर्ट हमीरपुर जिले के बड़सर इलाके में दो युवाओं के नशे का इंजेक्शन लेने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसे लेकर पुलिस सक्रिय हो गई है और अब बड़सर पुलिस ने टीम गठित करके इसकी जांच शुरू कर दी है। जिस जगह पर यह युवा नशे का इंजेक्शन ले रहे हैं, पुलिस टीम उस क्षेत्र में जांच पड़ताल में जुट गई है। पुलिस को इन युवकों की पहचान भी मिल गई है, लेकिन जांच मुकम्मल होने से पहले अभी कोई खुलासा भी नहीं हो सकता। नशा करते युवाओं का वीडियो वायरल बुधवार दोपहर के समय जैसे ही वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद इलाके में इसकी खूब चर्चा शुरू हो गई। पहले इसका पता नहीं चल पा रहा था कि यह लोकेशन एग्जैक्ट है कौन सी है। लेकिन बाद में बड़सर मुख्यालय के आसपास ही इसकी लोकेशन बताई गई, और युवक उसी इलाके के बताए गए है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। नशे के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई हमीरपुर में अब नशे का प्रचलन खूब फल फूल रहा है। हर दूसरे चौथे दिन पुलिस अफीम चरस के मामले पकड़ भी रही है। अब नशे का इंजेक्शन यदि इस स्तर पर शुरू हो चुका है। टूटे-फूटे मकान में दो युवक नशे का इंजेक्शन लेने के लिए इकट्ठे हुए हैं और वीडियो वायरल हो गया। इसका मतलब यही है कि ऐसी घटनाएं बहुत हो रही हैं। हमीरपुर और इसके आसपास भी पिछले करीब 1 साल में नशे के कारोबार में संबंधित कई लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। मगर यह दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। यही सबसे बड़ी चिंता है। मामले की जांच में जुटी पुलिस इस मामले को लेकर बडसर के डीएसपी सचिन हीरामट कहना है कि जांच जारी है। मुकम्मल होने के बाद ही इसका सही पता चल पाएगा। उन्होंने बताया कि जांच पड़ताल के लिए टीम गठित कर दी गई है। जो मौके पर जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि नशा करने और बेचने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।