हिमाचल के शिमला जिले के नावर टिक्कर के टीलूधार में नैंटा परिवार का दो मंजिला पुश्तेनी घर जलकर पूरी तरह राख हो गया है। इसमें करीब 6 कमरों के अलावा रसोई और टॉयलेट जलकर राख हो गए। गनीमत यह रही घटना के वक्त घर में कोई नहीं था। जिसके कारण इस अग्निकांड में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। सूचना के अनुसार घटना रविवार देर रात की है। जब टीलूधार में नैंटा परिवार के पुश्तैनी घर मे अचानक आग लग गई। मकान पुराने किस्म का लकड़ी से बना हुआ था, जिसके कारण चंद मिनटों में आग पूरे घर मे फैल गई और मकान जलकर राख हो गया। ग्रामीणों ने किया आग बुझाने का प्रयास मकान में आग की लपटें देख परिजनों और ग्रामीणों ने घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी और ग्रामीण स्वयं आग बुझाने में जुट गए। लेकिन आग पर काबू पाने से पहले ही घर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मकान मालिका का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। 3 भाइयों का था मकान सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन विभाग के कर्मचारी संजू ने बताया कि सूंदर नैंटा, सुरजन नैंटा और बलवन नैंटा तीनों भाइयों का पुश्तैनी मकान था। लेकिन वर्तमान समय मे मकान में कोई नहीं रह रहा था। उन्होंने बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। घटना में लाखों के नुकसान का अनुमान है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा नुकसान के आकलन करने बाद ही नुकसान की सही जानकारी दी जाएगी। हिमाचल के शिमला जिले के नावर टिक्कर के टीलूधार में नैंटा परिवार का दो मंजिला पुश्तेनी घर जलकर पूरी तरह राख हो गया है। इसमें करीब 6 कमरों के अलावा रसोई और टॉयलेट जलकर राख हो गए। गनीमत यह रही घटना के वक्त घर में कोई नहीं था। जिसके कारण इस अग्निकांड में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। सूचना के अनुसार घटना रविवार देर रात की है। जब टीलूधार में नैंटा परिवार के पुश्तैनी घर मे अचानक आग लग गई। मकान पुराने किस्म का लकड़ी से बना हुआ था, जिसके कारण चंद मिनटों में आग पूरे घर मे फैल गई और मकान जलकर राख हो गया। ग्रामीणों ने किया आग बुझाने का प्रयास मकान में आग की लपटें देख परिजनों और ग्रामीणों ने घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी और ग्रामीण स्वयं आग बुझाने में जुट गए। लेकिन आग पर काबू पाने से पहले ही घर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मकान मालिका का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। 3 भाइयों का था मकान सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अग्निशमन विभाग के कर्मचारी संजू ने बताया कि सूंदर नैंटा, सुरजन नैंटा और बलवन नैंटा तीनों भाइयों का पुश्तैनी मकान था। लेकिन वर्तमान समय मे मकान में कोई नहीं रह रहा था। उन्होंने बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। घटना में लाखों के नुकसान का अनुमान है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा नुकसान के आकलन करने बाद ही नुकसान की सही जानकारी दी जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
सिरमौर में मनाया गया छठ पूजा:यमुना घाट पर उमड़ी भक्तों की भीड़, औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पांवटा साहिब में बसे लोग
सिरमौर में मनाया गया छठ पूजा:यमुना घाट पर उमड़ी भक्तों की भीड़, औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पांवटा साहिब में बसे लोग सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में सूर्य उपासना का छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरुवार की शाम को यहां यमुना तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पांवटा साहिब शहर और आसपास के पूर्वांचल के हजारों भक्त शाम 3 बजे से ही पहुंचने शुरू हो गए। देश के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाए जाने वाले पर्व की पांवटा साहिब में भी धूम रहती है। पांवटा साहिब में भी हर साल मनाया जाता है छठ पूजा
जिला सिरमौर का पांवटा साहिब शहर उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित हैं। इसलिए देश के विभिन्न भागों से आकर लोग इस शहर में बसे हैं। अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण कामकाज के सिलसिले में आए हैं और काफी लोग यही बस गए हैं। यही कारण है कि यहां छठ पर्व हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बाजार में तो इस पर्व की रौनक रहती ही है। साथ ही इस पर्व के दिन यमुना घाट किनारे मेले जैसा माहौल है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पर्व मनाने पहुंचते हैं। नहाय-खाय से होती है पूजा की शुरुआत
छठ पूजा के इस त्योहार पर गुरुवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा पर व्रत करने वाली महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। जबकि शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसी के साथ छठ पूजा का समापन व व्रत पारण किया जाएगा। छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इसके दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन व्रती को पूरे दिन व्रत रखना होता है। शाम को व्रती महिलाएं खीर का प्रसाद बनाती हैं। डूबते और उगते सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य
छठ व्रत के तीसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हैं। चौथे दिन सूर्य देव को जल देकर छठ पर्व का समापन किया जाता है। इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है। साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।
हिमाचल के 3 नवनिर्वाचित MLA आज लेंगे शपथ :स्पीकर कुलदीप पठानिया दिलाएंगे; साढ़े चार महीने बाद 68 होंगी विधायकों की संख्या
हिमाचल के 3 नवनिर्वाचित MLA आज लेंगे शपथ :स्पीकर कुलदीप पठानिया दिलाएंगे; साढ़े चार महीने बाद 68 होंगी विधायकों की संख्या हिमाचल प्रदेश के तीन नवनिर्वाचित विधायक आज शपथ लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ लेने वालों में कांगड़ा जिले की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर, नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह और हमीरपुर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक आशीष शर्मा शामिल है। इनकी शपथ के बाद हिमाचल विधानसभा में आज विधायकों की संख्या लगभग साढ़े चार महीने बाद 68 हो जाएगी। राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के छह विधायकों के अयोग्य घोषित ठहराए जाने के बाद इनकी संख्या 62 रह गई थी। छह सीटों पर बीते एक जून को वोटिंग हुई और तीन जून को इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय का रिजाइन स्पीकर ने स्वीकार किया। इससे विधायकों की संख्या 59 रह गई। मगर 4 जून को छह सीटों पर उप चुनाव के नतीजे आ गए। तब विधायकों की संख्या 65 हो गई। आज की तीन नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद 68 हो जाएगी। इनके शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। 9399 मतों से जीती कमलेश ठाकुर कमलेश ठाकुर ने 9399 मतों के अंतर से चुनाव जीता, जबकि हरदीप बावा 8990 और आशीष शर्मा 1571 मतों से जीते। अब 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 हो जाएगी और भाजपा के 28 विधायक हो जाएंगे। इनमें आशीष कुमार दूसरी बार विधायक चुने गए है, जबकि कमलेश ठाकुर और बावा हरदीप पहली बार चुनाव जीते हैं।
मंडी मस्जिद मामला, आज फिर सड़कों पर उतरेंगे लोग:मस्जिद के नीचे खुदाई करने और टीसीपी सचिव के स्टे ऑर्डर के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन
मंडी मस्जिद मामला, आज फिर सड़कों पर उतरेंगे लोग:मस्जिद के नीचे खुदाई करने और टीसीपी सचिव के स्टे ऑर्डर के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में हिंदू संगठन आज मस्जिद विवाद में एक बार फिर से सड़कों पर उतरेंगे। नगर निगम आयुक्त मंडी के मस्जिद तोड़ने के आदेशों के बावजूद अवैध हिस्सा नहीं तोड़ने पर हिंदू नाराज है और प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। दरअसल, नगर निगम आयुक्त मंडी ने 13 सितंबर को मस्जिद के अवैध हिस्से को एक महीने के भीतर तोड़ने के आदेश दिए थे। मुस्लिम पक्ष ने इन आदेशों को प्रधान सचिव टीसीपी के पास चुनौती दी और स्टे ले लिया। तब से मस्जिद को तोड़ने का काम रुका हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने दी ये दलील प्रधान सचिव कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अवैध निर्माण की बात को नकारा और कहा, 2013 में बारिश के कारण मस्जिद का मुख्य हिस्सा गिरा था, जिसे अगस्त 2023 को फिर से बनाया है। मुस्लिम पक्ष ने कहा, आयुक्त कोर्ट ने उनका पक्ष नहीं सुना और फैसला सुना दिया। मुस्लिम पक्ष की दलीलों के अनुसार 1936 से मस्जिद 478 नंबर खसरा में स्थित थी, जबकि 1962 में राजस्व रिकार्ड में बदलाव के बाद मस्जिद खसरा नंबर 1280, 2216 व 2117 में 300.53 स्कवेयर मीटर और खसरा नंबर 2218 से 2221 तक 85.6 वर्ग मीटर पर है, जो कि कुल 386.19 वर्ग मीटर बनता है और यह क्षेत्र अहले इस्लाम के नाम से दर्ज है। लगभग 100 वर्षों से अधिक समय इसी जगह पर है। इस पर टीसीपी सचिव ने मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर स्टे दिया और नगर निगम से रिकॉर्ड तलब किया। 1280 खसरा नंबर हिंदुओं के देव स्थल होने का दावा इससे हिंदू संगठन नाराज है और इसके खिलाफ आंदोलन के लिए छोटी काशी देवभूमि संघर्ष समिति का गठन कर दिया है। समिति के संयोजक गोपाल कपूर और सह संयोजक गगन प्रदीप बहल ने बताया कि जिस जगह पर मस्जिद का निर्माण किया गया है। वहां पर हिंदुओं का देव स्थान हुआ करता था। इसलिए 1280 खसरा नंबर पर मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की गई थी। मगर प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने कहा, इस जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करके यहां मस्जिद बनाई गई है। मंडी में 3 बार प्रदर्शन कर चुके हिंदू संगठन इससे पहले हिंदू संगठन मस्जिद विवाद में 3 बार मंडी में सड़कों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। पहला प्रदर्शन 10 सितंबर को नगर निगम मंडी के कार्यालय के बाहर किया गया। इसके बाद 13 सितंबर को हिंदू संगठनों ने मस्जिद की ओर कूच करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें मस्जिद स्थल से पहले ही रोक दिया। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने को वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी भीड़ पर किया गया। इसके बाद 28 सितंबर को भी प्रदर्शन किया गया। खुद अवैध दिवार हटाई नगर निगम आयुक्त मंडी के मस्जिद तोड़ने के आदेश आने से एक दिन पहले खुद ही मुस्लिम पक्ष ने पीडब्ल्यूडी की जमीन पर लगाई रिटेनिंग वॉल को हटाना शुरू कर दिया था। 13 सितंबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए। इसके बाद कुछ हिस्सा तोड़ दिया गया। कोर्ट के आदेशों पर मंडी मस्जिद की बिजली व पानी भी काट दिया गया। 70 साल पहले की मस्जिद होने का दावा मुस्लिम समुदाय का दावा है कि मंडी के जेल रोड में 70 साल पहले ही मस्जिद बनी है। आरोप है कि पहले यहां एक मंजिला मस्जिद थी। इसी साल मार्च में दो अतिरिक्त मंजिल मस्जिद के ऊपर बना दी गई। इस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और मंडी में प्रदर्शन करके इन्हें तोड़ने की मांग की। इसके बाद निगम की जांच में कुछ सरकारी जमीन निकली।