हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक व्यक्ति को बिना दस्तावेजों की जांच किए सपनों का घर खरीदना महंगा पड़ गया है। शिमला के लोअर बाजार के रहने वाले व्यक्ति ने संजौली के एक व्यक्ति से पंथाघाटी के सरघीण में 25 लाख रुपए से 3 मंजिला मकान का एक फ्लोर खरीदा। व्यक्ति ने डील को करते समय भवन के नक्शे के बारे में पड़ताल नहीं की और फ्लोर खरीद लिया। बाद में पीड़ित का मालूम पड़ा कि यह मकान जाली नक्शा तैयार करके बनाया है। उसने पुलिस शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। 25 लाख में खरीदा एक लेंटर जानकारी के मुताबिक दीपक बुटेल निवासी बुटेल भवन लोअर बाजार ने छोटा शिमला थाने में पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस को दी शिकायत में उसने बताया कि 25 लाख रुपए की रकम से पंथाघाटी के साथ लगते सरघीण में 3 मंजिला मकान का एक लेंटर खरीदा था। उसने श्याम सिंह निवासी संजौली से सरघीण में यह लेंटर खरीदा था। बाद में पता चला कि मकान जाली नक्शा तैयार करके बनाया है। पीड़ित द्वारा कमाई से खरीदा गया मकान अवैध मकान की सूची में आ गया है। न्याय के लिए पुलिस से गुहार लगाई है। पुलिस ने सचेत रहने का किया आग्रह पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। मामले में जांच शुरू कर दी है। शिमला पुलिस ने लोगों को हिदायत दी है कि अगर आप कहीं पर भी कोई भवन या संपत्ति की खरीद करते हैं, तो पहले उसके दस्तावेजों को अच्छी तरह से जांच परख ले। संबंधित विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मदद भी दस्तावेज की जांच के लिए आप ले सकते हैं। दस्तावेज अगर प्रारंभिक जांच में सही पाए जाते हैं, तो ही संपत्ति की खरीद करे। अन्यथा बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। अगर उसके दस्तावेज सही नहीं होते हैं, तो फिर आपके साथ धोखा हो सकता है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक व्यक्ति को बिना दस्तावेजों की जांच किए सपनों का घर खरीदना महंगा पड़ गया है। शिमला के लोअर बाजार के रहने वाले व्यक्ति ने संजौली के एक व्यक्ति से पंथाघाटी के सरघीण में 25 लाख रुपए से 3 मंजिला मकान का एक फ्लोर खरीदा। व्यक्ति ने डील को करते समय भवन के नक्शे के बारे में पड़ताल नहीं की और फ्लोर खरीद लिया। बाद में पीड़ित का मालूम पड़ा कि यह मकान जाली नक्शा तैयार करके बनाया है। उसने पुलिस शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। 25 लाख में खरीदा एक लेंटर जानकारी के मुताबिक दीपक बुटेल निवासी बुटेल भवन लोअर बाजार ने छोटा शिमला थाने में पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस को दी शिकायत में उसने बताया कि 25 लाख रुपए की रकम से पंथाघाटी के साथ लगते सरघीण में 3 मंजिला मकान का एक लेंटर खरीदा था। उसने श्याम सिंह निवासी संजौली से सरघीण में यह लेंटर खरीदा था। बाद में पता चला कि मकान जाली नक्शा तैयार करके बनाया है। पीड़ित द्वारा कमाई से खरीदा गया मकान अवैध मकान की सूची में आ गया है। न्याय के लिए पुलिस से गुहार लगाई है। पुलिस ने सचेत रहने का किया आग्रह पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। मामले में जांच शुरू कर दी है। शिमला पुलिस ने लोगों को हिदायत दी है कि अगर आप कहीं पर भी कोई भवन या संपत्ति की खरीद करते हैं, तो पहले उसके दस्तावेजों को अच्छी तरह से जांच परख ले। संबंधित विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मदद भी दस्तावेज की जांच के लिए आप ले सकते हैं। दस्तावेज अगर प्रारंभिक जांच में सही पाए जाते हैं, तो ही संपत्ति की खरीद करे। अन्यथा बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। अगर उसके दस्तावेज सही नहीं होते हैं, तो फिर आपके साथ धोखा हो सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में ग्रामीणों ने खुद बना डाले वैकल्पिक पुल:उफनती नदी पर जान जोखिम में डालकर किया निर्माण, 15 दिन से तार स्पेन क्षतिग्रस्त हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की दुर्गम पंचायत पिछलीहार के कास्ता गांव के ग्रामीणों ने नदी पर वैकल्पिक पुल बनाकर कुकड़ी से कास्ता व काथी का संपर्क जोड़ दिया है। इन गांवों के लोग पिछले 15 दिनों से जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे थे। कास्ता गांव की कमेटी ने निर्णय लेकर बिना प्रशासन की मदद के वैकल्पिक पुल का निर्माण किय। कुकड़ी से कास्ता व काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल पिछले दिनों आई बाढ़ की चपेट में आ गए थे। जिस कारण पिछले 15 दिनों से लोग वाया डमचीन 6 किलोमीटर का सफर तय करके अपने गांव पहुंच रहे थे या फिर अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे थे। क्योंकि इस स्थान पर लगी तार स्पेन भी बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो गई थी । मलाणा के लोगों से मिली प्रेरणा कास्ता गांव के शेर सिंह ने बताया कि गांव के युवाओं ने मलाणा गांव के लोगों का पुल तैयार करने व हेलीपैड बनाने वाला वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर देखा । इसी कारण उन्होंने प्रशासन का इंतजार करने की बजाए खुद ही पुल बनाने का निर्णय लिया। कास्ता गांव के लोगों को वैकल्पिक पुल को बनाने के लिए 3 दिन का समय लगा। इस काम में शेर सिंह, सौदागर, देवी सिंह, राम चन्द, तुले राम, सूरत राम, रमेश, शिवराम, रोशन लाल, प्रेम चंद, गुर दयाल, सोभे राम, बुधराम, भागचंद, रामनाथ सहित गांव की महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया । डापिन के पास भी बनाया वैकल्पिक पुल कास्ता के पास नदी से कुछ दूरी पर भी डापिन से काथी के लिए वैकल्पिक पुल का निर्माण कर दिया गया है । काथी व डापिन गांव के बेली राम, टेकराम, बुद्धि सिंह, रामचंद्र, लालचंद, देवराज, प्रशोतम, चेतराम, संतराम, रामशरण सहित गांव के अनेक लोग वैकल्पिक पुल निर्माण में तीन दिनों तक लगे रहे । कास्ता व काथी तक अभी नहीं पहुंची सड़क कास्ता व काथी गांव के लोग अभी भी सड़क सुविधा से महरूम हैं । करीब दो दशक पहले फ़ोजल कुकड़ी काथी सड़क का काम शुरू हुआ था । जो अभी तक कुकड़ी तक ही पूरा हो पाया है मगर इस से आगे कास्ता व काथी तक सड़क पहुंच पाना बहुत बड़ी चुनौती है । कुकड़ी तक बनी सड़क की हालत खस्ता दो दशक पहले से बन रही सड़क हालांकि कुकड़ी गांव तक बन चुकी है परंतु यह सड़क बेहद जोखिम भरी है । लोड़ रा गोलू चट्टान को काटकर बनाई गई सड़क पर हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है । इस स्थान पर सड़क ठीक ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाएं यहां हो चुकी हैं । तार स्पेन सहित लगेगा 1 और झूला मनाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाली पिछलीहार पंचायत के अंतिम गांव काथी को जोड़ने वाले दोनों पुल गत दिनों आई बाढ़ के कारण बह गए थे । इन स्थानों पर वैकल्पिक पुल का निर्माण ग्रामीणों ने कर दिया है। आपदा की इस घड़ी में हमारे क्षेत्र के लोग एक दूसरे की हर संभव सहायता कर रहे हैं। प्रशासन व सरकार भी विपदा की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। काथी क्षेत्र में एक बड़े पुल बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी किए गए हैं । ग्रामीणों की मांग पर तार स्पेन सहित 1 झूला वहां लगाया जा रहा है जिसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है ।
हिमाचल में 22 से बारिश-बर्फबारी:स्पीति में कड़ाके की सर्दी; सामान्य से 4 डिग्री नीचे गिरेगा पारा, पोस्ट-मानसून सीजन में नॉर्मल से 98% कम बारिश
हिमाचल में 22 से बारिश-बर्फबारी:स्पीति में कड़ाके की सर्दी; सामान्य से 4 डिग्री नीचे गिरेगा पारा, पोस्ट-मानसून सीजन में नॉर्मल से 98% कम बारिश हिमाचल प्रदेश में 4 दिन बाद मौसम करवट बदलेगा। इससे 4 जिलों में लंबा ड्राइ स्पेल टूटने के आसार है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 22 नवंबर से वेस्टर्न-डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होने से लाहौल स्पीति, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला की ऊंची चोटियों पर हल्की बारिश बर्फबारी हो सकती है। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि 22 से WD एक्टिव जरूर हो रहा है। मगर बहुत ज्यादा बारिश-बर्फबारी की संभावना नहीं है। पहाड़ों पर इससे हल्की बारिश व बर्फबारी का ही पूर्वानुमान है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो प्रमुख कारणों से अच्छी बारिश बर्फबारी नहीं हुई। पहली वजह WD आए ही नहीं। दूसरा कारण जो WD आए, वह बिन बरसे लेह-लद्दाख की ओर बढ़ गए। 49 दिन से बारिश-बर्फबारी नहीं यही वजह है कि बरसात के बाद 49 दिन से बारिश-बर्फबारी नहीं है। प्रदेश में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। एक अक्टूबर से 19 नवंबर तक 0.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में 35.3 मिलीमीटर बारिश होती है। इससे हालात खराब होते जा रहे है। 90% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं हो सकी किसानों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है। राज्य में इस बार 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाए है। कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में 3.26 लाख हैक्टेयर जमीन पर गेंहू की बुवाई होती है, लेकिन इस बार लगभग 30 हजार हैक्टेयर जमीन पर ही किसान गेंहू बीज पाए हैं। अब गेंहू की बुवाई का उचित समय भी बीत गया है। एक महीने तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं शोभित कटियार ने बताया कि अगले एक महीने तक भी बहुत ज्यादा बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। जाहिर है कि प्रदेश वासियों को सूखे से बहुत जल्दी छुटकारा मिलने के आसार नहीं है, जबकि सूखे ने पहले ही प्रदेश के लोगों की चिंता बढ़ा रखी है। शोभित कटियार ने बताया कि अगले दो सप्ताह तक प्रदेश में तापमान नॉर्मल से 2 डिग्री सेल्सियस कम व ज्यादा रहेगा, जबकि इस अवधि में स्पीति के कुछेक क्षेत्रों में खूब ठंड पड़ेगी और तापमान नॉर्मल से तीन-चार डिग्री तक नीचे गिर सकता है। क्या होता है वेस्टर्न डिस्टरबेंस? वेस्टर्न डिस्टरबेंस भू-मध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक तूफान है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में अचानक सर्दियों में बारिश लाता है, यह बरसात मानसून की बरसात से अलग होती है। आने वाले तूफान या कम दबाव वाले क्षेत्र भू-मध्यसागरीय क्षेत्र, यूरोप के अन्य भागों और अटलांटिक महासागर में उत्पन्न होते हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान ज्यादातर शहरों का सामान्य से नीचे गिर गया है। लाहौल स्पीति के ताबो का तापमान माइनस 5.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। दो जिलों में धुंध का अलर्ट मौमस विभाग ने बिलासपुर और मंडी जिला के कुछेक स्थानों पर अगले तीन दिन तक धुंध का येलो अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
हिमाचल सरकार पर जयराम ठाकुर का तंज:बोले- रुकने की कगार पर प्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट, होना है दो रेल लाइनों का निर्माण
हिमाचल सरकार पर जयराम ठाकुर का तंज:बोले- रुकने की कगार पर प्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट, होना है दो रेल लाइनों का निर्माण हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा यहां बनाए जा रहे दो महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट में अपना शेयर न देने के कारण इन प्रोजेक्ट्स का काम बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। यह आरोप पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लगाया है। आज मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना है, जिसमें 75 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की जबकि 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश सरकार की है। लेकिन प्रदेश सरकार अपनी 25 प्रतिशत भागीदारी का पैसा नहीं दे रही है। इसका 1441 करोड़ रेलवे बोर्ड को देना है। दो रेलवे लाइन का होना है निर्माण वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन को 50-50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसका पैसा भी हिमाचल सरकार नहीं दे रही है। इसका 185 करोड़ देने है। जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार को 1626 करोड़ रुपए रेलवे बोर्ड को देने हैं। इसके लिए अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर इसकी मांग की है। यदि सरकार इस पैसे को नहीं देती है तो प्रदेश में रेलवे लाइन का काम रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए पैसा दे रही है, लेकिन प्रदेश सरकार अपना शेयर न देकर यहां के विकास को रोकने का काम कर रही है। सीएम बार बार पलट रहे अपने बयानों से : ठाकुर जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस बात को लेकर सीएम सुक्खू कई बार खुले मंच पर भी कह चुके हैं। लेकिन वो हमेशा अपने बयानों से पलटने का काम करते हैं। कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। यदि आर्थिक संकट नहीं है तो फिर हर महीने बोल-बोल कर और नई-नई तारीखें तय करके वेतन और पेंशन क्यों देने पड़ रहे हैं। इस बार केंद्र से जो मदद प्राप्त हुई है उससे सीएम ने राहत की सांस ली है और अब एडवांस में सेलरी देने जा रहे हैं।