शिमला जिला के रामपुर के बारहबीस क्षेत्र में एक सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़क धंसने से मार्ग पर आवाजाही बंद है। सेरीपुल के समीप टूटी सड़क बारहबीस में चार पंचायतों को जोड़ती है। यहां पर सड़क को लेकर चल रहे काम के कारण सड़क का उपरी हिस्सा खिसक गया। जिस कारण सड़क बाधित हो गई। मंगलवार सुबह ये सड़क बाधित हुई। जिसे खोलने का कार्य चल रहा है। ऐसे में सेरी पुल के समीप 100 मीटर का सड़क का हिस्सा खतरे की जद में है। जुलाई महीने में भी धंसी थी सड़क गौरतलब है की जुलाई माह में यहां पर पूरी सड़क धंस गई थी। जिस कारण पूरे डेढ़ महीने तक इस रास्ते पर आवागमन बाधित रही। इसी सड़क को सुधारने के लिए यहां पर पक्की दिवार लगाने का कार्य चल रहा है। बरसात में इस सड़क को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग के पसीने छुट गए। अधिकतर ग्रामीणों ने अपने सेब की फसल को वाया लालसा बाहलीधार से होकर निकाला। बरसात में भी रास्ता हो जात है बंद इस सड़क पर काशापाट, मुनिश, देवठी और कूहल पंचायतों के सैकड़ों लोग रोजाना छोटे बड़े वाहनों से यात्रा करते हैं। अब लोक निर्माण विभाग ने पक्की सुरक्षा दीवार निर्मित किए जाने की पुख्ता इंतजाम कर रही है। हालांकि कूहल और देवठी पंचायत के उपरी सीमा से सटे गांव के लोगों को वाया शांदल बाहलीधार होते हुए भी आवाजाही का विकल्प खुला है। बीते बरसात में भी सड़क पर कई महीनों तक वाहनों की आवाजाही बंद रही थी। छोटे वाहनों को आवागमन की छूट वहीं लोक निर्माण विभाग तकलेच के एसडीओ शोभा राम ने बताया कि सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य के एवज में कटिंग किए जाने से सड़क पर भू स्खलन हुआ है जिसके चलते सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद हुई की। फिलहाल छोटे वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा चुकी है। बड़े वाहनों की आवाजाही कुछ समय तक बंद रखा जा सकता है। बसों की आवाजाही ट्रांसमीटर के जरिए हो सकती है। शिमला जिला के रामपुर के बारहबीस क्षेत्र में एक सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। सड़क धंसने से मार्ग पर आवाजाही बंद है। सेरीपुल के समीप टूटी सड़क बारहबीस में चार पंचायतों को जोड़ती है। यहां पर सड़क को लेकर चल रहे काम के कारण सड़क का उपरी हिस्सा खिसक गया। जिस कारण सड़क बाधित हो गई। मंगलवार सुबह ये सड़क बाधित हुई। जिसे खोलने का कार्य चल रहा है। ऐसे में सेरी पुल के समीप 100 मीटर का सड़क का हिस्सा खतरे की जद में है। जुलाई महीने में भी धंसी थी सड़क गौरतलब है की जुलाई माह में यहां पर पूरी सड़क धंस गई थी। जिस कारण पूरे डेढ़ महीने तक इस रास्ते पर आवागमन बाधित रही। इसी सड़क को सुधारने के लिए यहां पर पक्की दिवार लगाने का कार्य चल रहा है। बरसात में इस सड़क को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग के पसीने छुट गए। अधिकतर ग्रामीणों ने अपने सेब की फसल को वाया लालसा बाहलीधार से होकर निकाला। बरसात में भी रास्ता हो जात है बंद इस सड़क पर काशापाट, मुनिश, देवठी और कूहल पंचायतों के सैकड़ों लोग रोजाना छोटे बड़े वाहनों से यात्रा करते हैं। अब लोक निर्माण विभाग ने पक्की सुरक्षा दीवार निर्मित किए जाने की पुख्ता इंतजाम कर रही है। हालांकि कूहल और देवठी पंचायत के उपरी सीमा से सटे गांव के लोगों को वाया शांदल बाहलीधार होते हुए भी आवाजाही का विकल्प खुला है। बीते बरसात में भी सड़क पर कई महीनों तक वाहनों की आवाजाही बंद रही थी। छोटे वाहनों को आवागमन की छूट वहीं लोक निर्माण विभाग तकलेच के एसडीओ शोभा राम ने बताया कि सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य के एवज में कटिंग किए जाने से सड़क पर भू स्खलन हुआ है जिसके चलते सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद हुई की। फिलहाल छोटे वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा चुकी है। बड़े वाहनों की आवाजाही कुछ समय तक बंद रखा जा सकता है। बसों की आवाजाही ट्रांसमीटर के जरिए हो सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में CM ने किया शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण:बोले- इस पर हिमाचल का हक, अंग्रेजों के जमाने में बना था बिजलीघर
मंडी में CM ने किया शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण:बोले- इस पर हिमाचल का हक, अंग्रेजों के जमाने में बना था बिजलीघर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगिंदरनगर विधानसभा दौरे पर गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुक्रवार सुबह कुल्लू जाने से पहले अचानक शानन पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने पहुंचे। सीएम सुक्खू ने पूरे प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और कहा कि इस प्रोजेक्ट पर हिमाचल प्रदेश का हक है। सीएम सुक्खू ने कहा कि आज शानन जल विद्युत परियोजना का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा की इस परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का हक है और इसे वापस लेने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत में हमारी सरकार मजबूती से लड़ाई लड़ रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की संपदा को लूटने नही देंगे। क्योंकि हिमाचल प्रदेश की प्रगति व आत्मनिर्भरता की नींव प्रदेश के संसाधनों में है। क्या है शानन परियोजना का मामला
बता दें कि देश पर ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर के लिए जोगिंदरनगर में जमीन उपलब्ध करवाई थी। उस दौरान जो समझौता हुआ था। उसके अनुसार इसकी लीज अवधि 99 साल रखी गई थी, यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था। भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था। 2024 में समाप्त हुई लीज अवधि
वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था। उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन बिजलीघर पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा। पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के अनुसार इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था। लेकिन 2024 में इसकी लीज अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में लीज समझौते के अनुसार यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश को वापस मिलना चाहिए लेकिन यह कुमाऊँ पूत है, इससे 200 करोड़ की आय होती है।इसलिए पंजाब इसको छोड़ने के लिए आसानी से तैयार नही है और कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। आज होती है 200 करोड़ की कमाई
मंडी में जोगेंद्रनगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन बिजलीघर अंग्रेजों के शासन के दौरान साल 1932 में केवल 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्रोजेक्ट था। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया, बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया। अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई है, जिससे ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है। कुल 200 करोड़ सालाना इनकम वाले इस कमाऊ पूत को पंजाब अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है।
हिमाचल सरकार पर जयराम ठाकुर का तंज:बोले- रुकने की कगार पर प्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट, होना है दो रेल लाइनों का निर्माण
हिमाचल सरकार पर जयराम ठाकुर का तंज:बोले- रुकने की कगार पर प्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट, होना है दो रेल लाइनों का निर्माण हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा यहां बनाए जा रहे दो महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट में अपना शेयर न देने के कारण इन प्रोजेक्ट्स का काम बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। यह आरोप पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लगाया है। आज मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना है, जिसमें 75 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की जबकि 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश सरकार की है। लेकिन प्रदेश सरकार अपनी 25 प्रतिशत भागीदारी का पैसा नहीं दे रही है। इसका 1441 करोड़ रेलवे बोर्ड को देना है। दो रेलवे लाइन का होना है निर्माण वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन को 50-50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसका पैसा भी हिमाचल सरकार नहीं दे रही है। इसका 185 करोड़ देने है। जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार को 1626 करोड़ रुपए रेलवे बोर्ड को देने हैं। इसके लिए अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर इसकी मांग की है। यदि सरकार इस पैसे को नहीं देती है तो प्रदेश में रेलवे लाइन का काम रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए पैसा दे रही है, लेकिन प्रदेश सरकार अपना शेयर न देकर यहां के विकास को रोकने का काम कर रही है। सीएम बार बार पलट रहे अपने बयानों से : ठाकुर जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस बात को लेकर सीएम सुक्खू कई बार खुले मंच पर भी कह चुके हैं। लेकिन वो हमेशा अपने बयानों से पलटने का काम करते हैं। कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। यदि आर्थिक संकट नहीं है तो फिर हर महीने बोल-बोल कर और नई-नई तारीखें तय करके वेतन और पेंशन क्यों देने पड़ रहे हैं। इस बार केंद्र से जो मदद प्राप्त हुई है उससे सीएम ने राहत की सांस ली है और अब एडवांस में सेलरी देने जा रहे हैं।
महिला कांग्रेस ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए:हिमाचल प्रदेश पुलिस की बीजेपी MLA पर कार्रवाई से नाराज
महिला कांग्रेस ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए:हिमाचल प्रदेश पुलिस की बीजेपी MLA पर कार्रवाई से नाराज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज से आगाज हो गया है। विधानसभा में विपक्ष ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर वॉकआउट किया। बाहर महिला कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी ही कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। महिला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि भाजपा बूथ अध्यक्ष की बेटी ने भाजपा विधायक हंसराज के खिलाफ शिकायत की और एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन पुलिस ने विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक हंसराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने पहुंचे। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। लांबा से पुलिस पर सवाल उठाया की अब तक विधायक से पूछताछ क्यों नहीं हुई
अलका लांबा ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर के बाद भी विधायक हंसराज से पूछताछ क्यों नही की। क्यों भाजपा विधायक का फोन जब्त नही किया, जिससे उसने लड़की को अश्लील मैसेज और फोटो भेजने को कहा है। लांबा ने कहा कि महिला कांग्रेस मांग करती है कि भाजपा विधायक के फोन जब्त किए कर फोरेंसिक जांच की जाएं। अगर वो दोषी पाएं जाते है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही की जाएं। लांबा ने उन्हें भाजपा विधायक को गिरफ्तार करने की मांग की है। अलका लांबा ने लड़की के एफआईआर वापस लेने पर कहा कि भाजपा बूथ अध्यक्ष की बेटी 9 अगस्त को भाजपा विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाती है, लेकिन पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नही करती है और कई दिनों मामले को दबा के रखती है। मामला मीडिया में आने के बाद भाजपा के आला नेताओं ने बेटी पर एफआईआर वापस लेने का दबाव बनाती है और भारी दबाव के बाद बेटी एफआईआर वापस लेती है। क्या है पूरा मामला ?
भाजपा विधायक के खिलाफ उसी के विधानसभा क्षेत्र की भाजपा बूथ अध्यक्ष बेटी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें पीड़िता ने पुलिस को बताया कि बीजेपी विधायक हंसराज उससे चैट पर अश्लील बातें करता है और न्यूड फोटो मांगता था। उसने कहा कि उसने एक काम के सिलसिले में विधायक से बात की थी। इस पर विधायक उससे मिलने के लिए कहने लगा और अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने लगा। पुलिस को एफआईआर में बीजेपी बूथ अध्यक्ष की पीड़ित बेटी ने बताया था कि आरोपी विधायक के कार्यकर्ता उसे लगातार चैट डिलीट करने के लिए धमकी देते हैं। उसने अपनी जान को खतरा बताया था। एफआईआर कराने के 10 दिन बार लड़की ने लिया यू-टर्न ले लिया था।