हिमाचल में जिला शिमला के रामुपर के बाहली पंचायत में बिहार के संतोष राम मर्डर मामले मे शुक्रवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने चारों आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब पुलिस सभी आरोपियों पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात को पुलिस के पास मामला सबसे पहले ये दर्ज हुआ कि बाहली पंचायत में चार युवकों ने यहां पर स्थित शराब के ठेके में तोड़फोड़ की। इस बात की शिकायत ठेका संचालक ने पुलिस को दी। ठेका संचालक ने कहा कि रफी, मृदुल, राहुल और सचिन ने पहले बोतलें मांगी और पैसे मांगने पर 12 बोर की बंदूक से हवाई फायर कर दिया, लेकिन इस बीच एक मामला और सामने आ गया कि बाहली के समीप एक व्यक्ति का शव पड़ा है। जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी। जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि जिन युवकों ने पहले ठेके में तोड़फोड़ की उन्हीं युवकों ने उस प्रवासी मजदूर के साथ लड़ाई की। अब ये जांच का विषय है कि प्रवासी की मौत उसी वक्त हो गई थी या फिर बाद में हुई। वहीं डीएसपी नरेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में चारों युवकों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। हिमाचल में जिला शिमला के रामुपर के बाहली पंचायत में बिहार के संतोष राम मर्डर मामले मे शुक्रवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने चारों आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब पुलिस सभी आरोपियों पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात को पुलिस के पास मामला सबसे पहले ये दर्ज हुआ कि बाहली पंचायत में चार युवकों ने यहां पर स्थित शराब के ठेके में तोड़फोड़ की। इस बात की शिकायत ठेका संचालक ने पुलिस को दी। ठेका संचालक ने कहा कि रफी, मृदुल, राहुल और सचिन ने पहले बोतलें मांगी और पैसे मांगने पर 12 बोर की बंदूक से हवाई फायर कर दिया, लेकिन इस बीच एक मामला और सामने आ गया कि बाहली के समीप एक व्यक्ति का शव पड़ा है। जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी। जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि जिन युवकों ने पहले ठेके में तोड़फोड़ की उन्हीं युवकों ने उस प्रवासी मजदूर के साथ लड़ाई की। अब ये जांच का विषय है कि प्रवासी की मौत उसी वक्त हो गई थी या फिर बाद में हुई। वहीं डीएसपी नरेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में चारों युवकों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता
17वें करमापा की जल्द हो सकती है भारत वापसी:स्विटजरलैंड में दलाई लामा से हुई मुलाकात; 2018 में ली थी डोमिनिका की नागरिकता तिब्बती बौद्ध धर्म के 900 वर्ष पुराने करमा कग्यु बौद्ध पंथ के मुखिया 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे दिसंबर 1999 से निर्वासन में रहने के बाद जल्द ही भारत लौट सकते हैं। 25 अगस्त को स्विटजरलैंड के ज्यूरिख में दलाई लामा के साथ तिब्बती आध्यात्मिक नेता की हाल ही में हुई मुलाकात ने उनके अनुयायियों के बीच उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। उन्हें जल्द ही भारत में फिर से प्रवेश करने की अनुमति मिल सकती है। सात वर्षों में पहली बार हुई यह मुलाकात करमापा की वापसी को लेकर बढ़ती प्रत्याशा की पृष्ठभूमि में हुई। 17वें करमापा का प्रभाव न केवल भारत के सिक्किम व अरुणाचल प्रदेशों में है, बल्कि यूरोप के कई देशों सहित अमेरिका व चीन के एक बड़े हिस्से में भी है। 14 साल की उम्र में छोड़ दिया था तिब्बत करमापा तिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू संप्रदाय के प्रमुख हैं, जो तिब्बत में पुनर्जन्म की सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है। चीनी शासन के तहत धार्मिक स्वतंत्रता की कमी का हवाला देते हुए, उन्होंने दिसंबर 1999 में 14 साल की उम्र में तिब्बत छोड़ दिया था। भारत में शरण लेने के लिए, करमापा मुख्य रूप से धर्मशाला के पास सिद्धबाड़ी में ग्युतो तांत्रिक बौद्ध मठ में रहते थे, जहां उन्हें भारत सरकार द्वारा सम्मानित अतिथि के रूप में माना जाता था। कई वर्षों तक करमापा तिब्बती निर्वासितों और भारतीय अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक व्यक्ति बन गए। मार्च 2018 में ली डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता खासकर पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में मई 2017 में करमापा तीन महीने के वीज़ा पर यूरोप के लिए भारत से रवाना हुए थे। इसके बाद मार्च 2018 में करमापा ने डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की नागरिकता हासिल की और उस देश का पासपोर्ट प्राप्त किया। डोमिनिका कैरेबियन सागर में वेस्टइंडीज में एक द्वीप देश है। 17वें करमापा को 1992 में दलाई लामा और चीन सरकार थी मान्यतातिब्बती बौद्ध धर्म के कर्मा काग्यू स्कूल के प्रमुख करमापा, तिब्बतियों के लिए दलाई लामा और पंचन लामा के बाद तीसरे सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध लामा हैं। 1985 में खानाबदोशों के एक परिवार में जन्मे उग्येन त्रिनले दोरजे को 1992 में दलाई लामा और चीन की साम्यवादी सरकार दोनों ने उग्येन त्रिनले दोरजे को 17वें करमापा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी, वे एकमात्र वरिष्ठ तिब्बती बौद्ध लामा थे जिन पर स्वीकृति की दोहरी मुहर लगी थी। चूंकि दलाई लामा द्वारा मान्यता मिलने के बाद पंचन लामा चीनी अधिकारियों की हिरासत में हैं, इसलिए करमापा का महत्व और भी बढ़ गया है। करमापा को वापस लाने के प्रयास सिक्किम, एक ऐसा राज्य है जहां बौद्धों की अच्छी खासी आबादी है, और यहाँ लंबे समय से करमापा की वापसी के लिए पैरवी की जा रही है। राजधानी गंगटोक में स्थित रुमटेक मठ उनकी निर्वासित सीट है। हाल ही में, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 17वें करमापा को भारत और विशेष रूप से सिक्किम वापस लाने की संभावना पर चर्चा करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। तमांग ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। हालांकि करमापा और दलाई लामा के बीच बैठक से उम्मीदें जगी हैं, लेकिन उनके बीच हुई बातचीत का सटीक विवरण अभी तक गुप्त रखा गया है।
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हिमाचल CM बोले-छह महीने में एक करोड़ पर्यटक प्रदेश पहुंचे:पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सभी सड़कें बहाल; टूरिस्ट के लिए पहाड़ पूरी तरह सुरक्षित
हिमाचल CM बोले-छह महीने में एक करोड़ पर्यटक प्रदेश पहुंचे:पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सभी सड़कें बहाल; टूरिस्ट के लिए पहाड़ पूरी तरह सुरक्षित हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 2024 के पहले छह महीने में एक करोड़ टूरिस्ट प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। इस साल के अंत तक दो करोड़ सैलानियों के प्रदेश में आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि, पर्यटकों की आमद में जबरदस्त उछाल देखने में आया है। प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए यह अच्छा संकेत है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही बेहतर सुविधाओं की बदौलत इस साल रिकॉर्ड पर्यटक प्रदेश में घूमने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि, 30 जून तक 1,00,87,440 पर्यटक प्रदेश की विभिन्न पर्यटन सैरगाहों में आए हैं। इनमें ज्यादातर सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति आए हैं। सर्दियों में मनाली और गर्मियों में शिमला ज्यादा पर्यटक पहुंचे जनवरी से मार्च माह के बीच ज्यादा पर्यटक मनाली और लाहौल स्पीति पहुंचे, जबकि जून माह में शिमला में ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू ने पर्यटकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश के अधिकांश सड़क मार्ग यातायात के लिए खुले हैं। खराब मौसम के कारण प्रदेश की कुछ सड़कें प्रभावित हुई थीं। मगर अब बहाल कर दिया गया है। सीएम बोले- पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें बहाल सीएम ने कहा, पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली अधिकांश सड़कें बहाल है। सैलानी प्रदेश के विभिन्न स्थलों की यात्रा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सभी सड़कें हर वक्त वाहनों के लिए बहाल रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सैलानियों की सुरक्षित यात्रा के लिए कटिबद्ध है।