हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी (CPIM) ने विशाल रैली निकाली। इस दौरान CPIM कार्यकर्ताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने केंद्र सरकार पर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक व CPIM नेता राकेश सिंघा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। BBMB में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ गया है] लेकिन हिमाचल प्रदेश को अभी तक मिला नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा आई, लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता का गला घोंट रही है। हिमाचल प्रदेश का यदि विकास करना है, तो यहां के किसानों-मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत करना पड़ेगा। सिंघा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के CPIM को मजबूत करने के लिए आगामी तीन दिनों तक सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे शांतिपूर्ण प्रदेश में भाजपा- RSS ने सांप्रदायिकता का जहर घोलने का काम किया। उसका भी मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। भाजपा कर रही सांप्रदायिकता नीति लागू- पूर्व सांसद CPIM राज्य सम्मेलन के लिए शिमला पहुंची पूर्व लोकसभा सांसद सुभाषनी अली ने कहा कि आज विशाल रैली के साथ CPIM के 18वें राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से वह प्रदेश की जनता से आग्रह करना चाहती है कि हिमाचल प्रदेश में CPIM को तीसरे विकल्प के रूप में मजबूत करें। भाजपा सांप्रदायिकता नीति देशभर में लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी बीजेपी की तरह प्रदेश में नीतियां लागू कर रही है। CPIM राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा किन आज से विशाल रैली के साथ CPIM के 18वें राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई है। तीन दिनों तक हिमाचल प्रदेश के किसानों, बागवानों, मजदूरों, नोजवानों, छात्रों, दलितों व महिलाओं के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी (CPIM) ने विशाल रैली निकाली। इस दौरान CPIM कार्यकर्ताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने केंद्र सरकार पर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक व CPIM नेता राकेश सिंघा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। BBMB में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ गया है] लेकिन हिमाचल प्रदेश को अभी तक मिला नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा आई, लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता का गला घोंट रही है। हिमाचल प्रदेश का यदि विकास करना है, तो यहां के किसानों-मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत करना पड़ेगा। सिंघा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के CPIM को मजबूत करने के लिए आगामी तीन दिनों तक सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे शांतिपूर्ण प्रदेश में भाजपा- RSS ने सांप्रदायिकता का जहर घोलने का काम किया। उसका भी मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। भाजपा कर रही सांप्रदायिकता नीति लागू- पूर्व सांसद CPIM राज्य सम्मेलन के लिए शिमला पहुंची पूर्व लोकसभा सांसद सुभाषनी अली ने कहा कि आज विशाल रैली के साथ CPIM के 18वें राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से वह प्रदेश की जनता से आग्रह करना चाहती है कि हिमाचल प्रदेश में CPIM को तीसरे विकल्प के रूप में मजबूत करें। भाजपा सांप्रदायिकता नीति देशभर में लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी बीजेपी की तरह प्रदेश में नीतियां लागू कर रही है। CPIM राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा किन आज से विशाल रैली के साथ CPIM के 18वें राज्य सम्मेलन की शुरुआत हुई है। तीन दिनों तक हिमाचल प्रदेश के किसानों, बागवानों, मजदूरों, नोजवानों, छात्रों, दलितों व महिलाओं के मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज:लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन, 6 साल के बच्चे को पहली क्लास में दाखिले को मिल सकती है मंजूरी
हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज:लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन, 6 साल के बच्चे को पहली क्लास में दाखिले को मिल सकती है मंजूरी हिमाचल कैबिनेट की अहम बैठक आज राज्य सचिवालय में होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग कई अहम फैसले लिए जाएंगे। कैबिनेट में लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन को मंजूरी, विधानसभा के शीत कालीन सत्र और पंजाबी व उर्दू के टीचर भर्ती को मंजूरी मिल सकती है। हिमाचल सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास की मांग पर लैंड सीलिंग एक्ट बदलने जा रही है। इसके लिए विधानसभा के शीत सत्र में संशोधन विधेयक लाया जा रहा है। इसे आज मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा। राधा स्वामी सत्संग ब्यास लोगों द्वारा दान की गई जमीन को सोसाइटी के नाम ट्रांसफर करने की सरकार से मांग कर रहा है। कैबिनेट में इसके सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। राधा स्वामी सत्संग ब्यास पांच-छह साल से हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 की धारा 5 की उप धारा 5(आई) को हटाने की मांग कर रहा है, ताकि दान की इस जमीन को सरकार में निहित (वेस्ट) होने से बचाया जा सके। लोगों ने सैकड़ों बीघा जमीन कर रखी है दान प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों लोगों ने धार्मिक संस्थाओं को सैकड़ों बीघा जमीन दान कर रखी है। अभी लोगों द्वारा दान दी गई जमीन धार्मिक संस्थाओं के नाम है। कुछेक संस्थाएं अब इन्हें बेचकर मुनाफा कमाना चाह रही है, लेकिन लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता। कैबिनेट में विधानसभा के शीत-सत्र को लेकर भी चर्चा की जाएगी। विधानसभा का शीत सत्र 18 दिसंबर से धर्मशाला में शुरू होने जा रहा है। 6 साल के बच्चे को पहली कक्षा में दाखिले पर हो सकता हैल फैसला कैबिनेट में शिक्षा विभाग के कई एजेंडे चर्चा को लग सकते हैं। उर्दू और पंजाबी टीचर की भर्ती को कैबिनेट आज मंजूरी दे सकती है। शिक्षा विभाग ने इनकी भर्ती का प्रस्ताव कैबिनेट को भेज रखा है। इसी तरह पहली कक्षा में साल के बच्चे को एडमिशन देने या नहीं देने का फैसला भी आज की मीटिंग में हो सकता है।
हिमाचल में भूकंप के झटके:मंडी रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई तीव्रता
हिमाचल में भूकंप के झटके:मंडी रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई तीव्रता हिमाचल प्रदेश मंडी शहर में आज दोपहर करीब 12.01 में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई। जमीन के भीतर इसकी गहराई 5 किलोमीटर रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के मंडी में भूंकप के हल्के झटके महसूस किए गए। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील यानी जोन 5 में आता है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। अब जानिए भूकंप क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है।
हिमाचल में ट्रक ने तोड़ा मंदिर का गेट:पजेरो-ब्रिजा समेत लग्जरी गाड़ियां क्षतिग्रस्त, 2 बाइकों को कुचला, एक घायल
हिमाचल में ट्रक ने तोड़ा मंदिर का गेट:पजेरो-ब्रिजा समेत लग्जरी गाड़ियां क्षतिग्रस्त, 2 बाइकों को कुचला, एक घायल हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के ठियोग में बीती रात सेब से लदे ट्रक ने 5 गाड़ियों, 2 बाइक, मंदिर के गेट और 1 शेड को तोड़ दिया। इससे लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। इस हादसे में एक व्यक्ति घायल हुआ है, जिसका सिविल अस्पताल ठियोग में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, सेब से लदा ट्रक नंबर PB-05-AN-5676 वाया सैंज-राजगढ़-सोलन होते हुए चंडीगढ़ की ओर जा रहा था। ठियोग के गजेड़ी नामक गांव में यह रात लगभग पौने 3 बजे सड़क पर पलट गया। इसकी जोरदार टक्कर से एक गाड़ी सड़क से करीब 100 फीट नीचे पलट गई, जबकि 4 अन्य गाड़ियां जो सड़क किनारे पार्क थी, उन्हें भी भारी नुकसान हुआ है। ट्रक ने जब सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को टक्कर मारी तो उस दौरान गाड़ी में एक व्यक्ति सो रहा था। उसे काफी चोटें आई है। घायल का ठियोग अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का चालक सेफ बताया जा रहा है। बागवानों और गाड़ी मालिकों को लाखों का नुकसान इस घटना में न केवल सेब बागवानों कों लाखों रुपए का नुकसान हुआ है, बल्कि गाड़ी मालिकों को झटका लगा है, क्योंकि पजेरो-ब्रिजा जैसी महंगी व लग्जरी गाड़ियां इसकी चपेट में आई है। गजेड़ी देवता महासू के मंदिर गेट को भी नुकसान हुआ है। एक शेड को भी ट्रक की टक्कर से नुकसान पहुंचा है। प्रशासन पर फोड़ा ठीकरा स्थानीय निवासी रामकृष्ण मदराड़ी ने इसका ठीकरा प्रशासन पर फोड़ा है। उन्होंने बताया कि यदि यह ट्रक बाइपास से गया होता तो हादसा नहीं होता। उन्होंने गजेड़ी बाइपास में पुलिस जवान तैनात करने की मांग की, ताकि सेब से लदे ट्रक बाइपास से भेजे जा सके। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने तुगलकी फरमान सुनाया है। नारकंडा-किन्नौर से आ रहे सेब से लदे ट्रक भी वाया राजगढ़ भेजे जा रहे है। यह निर्णय सरासर गलत है। शिमला में ट्रैफिक जाम से बचने को इस तरह के निर्णय लेना सही नहीं है। शिमला में ट्रैफिक जाम से निजात पाने को सड़कें चौड़ी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि माइपुल में सड़क पर लगा पुल पहले ही असुरक्षित है। मगर फिर भी यहां से 10 से 12 टन या इससे भी ज्यादा माल लदे ट्रक भेजे जा रहे हैं।