शिमला-कांगड़ा नेशनल हाईवे 30 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाया है। सोलन जिले के कराड़ाघाट में बीती रात करीब 9 बजे दोबारा से सड़क पर पहाड़ गिर गया। इससे रातभर हाईवे दोबारा बंद हो गया था। आज सुबह हाईवे को वन-वे बहाल कर दिया गया है। मगर मौके पर अभी मलबा हटाने का काम जारी है। इससे बीच बीच में गाड़ियां अल्टरनेटिव सड़कों से भेजी जा रही है। शिमला-कांगड़ा एनएच 205 के पूरी तरह बहाल होने में शाम तक का वक्त लग सकता है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात में दोबारा हुआ लैंडस्लाइड बता दें कि बीते रविवार की रात 70 मीटर हाईवे पर पहाड़ आ गया था। इससे बीते कल 15 घंटे तक हाईवे पूरी तरह बंद रहा। बीते सोमवार शाम छह बजे हाईवे को वन वे बहाल किया जा सका। मगर 3 घंटे बाद रात करीब 9 बजे दोबारा लैंडस्लाइड से सड़क बंद हो गई। आज सुबह से एक तरफ से वाहनों की आवाजाही हो रही है। इससे मौके पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। मौके पर पुलिस के जवान दोनों छोर पर यातायात को व्यवस्थित करने में लगे है। शाम तक सड़क को पूरी तरह बहाल किया जाएगा: NHAI नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के डिप्टी मैनेजर अमित प्रभात ने बताया कि कराडाघाट के समीप पहाड़ी का काफी बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गया था, जिसे विभाग द्वारा हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी सड़क को वन वे किया गया है। आज शाम तक इसे पूरी तरह से गाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए गाड़ियों को वैकल्पिक मार्ग से भेज जाएगा ताकि सड़क से मिट्टी हटाने का कार्य जल्द से जल्द पूरा हो। इन वैकल्पिक सड़क से जा रही गाड़ियां शिमला से कांगड़ा और कांगड़ा से शिमला के लिए आने-जाने वाली बसों और छोटी गाड़ियों को शालाघाट-अर्की-धुंधन-भराड़ीघाट, पिपलुघाट-काकड़ा, अर्की-घनागुघाट-कराड़ागली व मांगू-सेर-गलोटिया सड़क मार्ग को वैकल्पिक सड़क मार्ग से भेजा जा रहा है। 9 जिलों का राजधानी से कटा संपर्क बता दें कि यह हाईवे लोअर हिमाचल को शिमला से जोड़ता है। इसी हाईवे से प्रदेश के 12 में से 9 जिलों की जनता शिमला पहुंचती है। इसके बंद पड़ने से आधे से ज्यादा हिमाचल का राजधानी से संपर्क खत्म हो गया था। अव वन-वे कर दिया गया है। कल सुबह तक हाईवे पूरी तरह खुलने की उम्मीद है। शिमला-कांगड़ा नेशनल हाईवे 30 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाया है। सोलन जिले के कराड़ाघाट में बीती रात करीब 9 बजे दोबारा से सड़क पर पहाड़ गिर गया। इससे रातभर हाईवे दोबारा बंद हो गया था। आज सुबह हाईवे को वन-वे बहाल कर दिया गया है। मगर मौके पर अभी मलबा हटाने का काम जारी है। इससे बीच बीच में गाड़ियां अल्टरनेटिव सड़कों से भेजी जा रही है। शिमला-कांगड़ा एनएच 205 के पूरी तरह बहाल होने में शाम तक का वक्त लग सकता है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात में दोबारा हुआ लैंडस्लाइड बता दें कि बीते रविवार की रात 70 मीटर हाईवे पर पहाड़ आ गया था। इससे बीते कल 15 घंटे तक हाईवे पूरी तरह बंद रहा। बीते सोमवार शाम छह बजे हाईवे को वन वे बहाल किया जा सका। मगर 3 घंटे बाद रात करीब 9 बजे दोबारा लैंडस्लाइड से सड़क बंद हो गई। आज सुबह से एक तरफ से वाहनों की आवाजाही हो रही है। इससे मौके पर ट्रैफिक जाम लग रहा है। मौके पर पुलिस के जवान दोनों छोर पर यातायात को व्यवस्थित करने में लगे है। शाम तक सड़क को पूरी तरह बहाल किया जाएगा: NHAI नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के डिप्टी मैनेजर अमित प्रभात ने बताया कि कराडाघाट के समीप पहाड़ी का काफी बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गया था, जिसे विभाग द्वारा हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी सड़क को वन वे किया गया है। आज शाम तक इसे पूरी तरह से गाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए गाड़ियों को वैकल्पिक मार्ग से भेज जाएगा ताकि सड़क से मिट्टी हटाने का कार्य जल्द से जल्द पूरा हो। इन वैकल्पिक सड़क से जा रही गाड़ियां शिमला से कांगड़ा और कांगड़ा से शिमला के लिए आने-जाने वाली बसों और छोटी गाड़ियों को शालाघाट-अर्की-धुंधन-भराड़ीघाट, पिपलुघाट-काकड़ा, अर्की-घनागुघाट-कराड़ागली व मांगू-सेर-गलोटिया सड़क मार्ग को वैकल्पिक सड़क मार्ग से भेजा जा रहा है। 9 जिलों का राजधानी से कटा संपर्क बता दें कि यह हाईवे लोअर हिमाचल को शिमला से जोड़ता है। इसी हाईवे से प्रदेश के 12 में से 9 जिलों की जनता शिमला पहुंचती है। इसके बंद पड़ने से आधे से ज्यादा हिमाचल का राजधानी से संपर्क खत्म हो गया था। अव वन-वे कर दिया गया है। कल सुबह तक हाईवे पूरी तरह खुलने की उम्मीद है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में विदाई से पहले जमकर बरसने लगा मानसून:बीते सप्ताह नॉर्मल से 23% ज्यादा बादल बरसे, आज-कल मौसम साफ, परसो फिर बारिश
हिमाचल में विदाई से पहले जमकर बरसने लगा मानसून:बीते सप्ताह नॉर्मल से 23% ज्यादा बादल बरसे, आज-कल मौसम साफ, परसो फिर बारिश हिमाचल में एंट्री के बाद से 2 महीने तक मानसून कमजोर रहा है। मगर बीते 15 दिनों में जमकर बरसा है। बीते 1 से 15 सितंबर तक सामान्य से 18 प्रतिशत ज्यादा और बीते सप्ताह यानी 9 से 15 सितंबर के बीच नॉर्मल से 23 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। प्रदेश में इस अवधि में 31.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 38.9 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। किन्नौर जिला में भी नॉर्मल से 164 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। किन्नौर की ऊंची चोटियों पर ताजा हिमपात भी हो चुका है। इससे तापमान में भी भारी गिरावट आई है। शिमला जिला में भी सामान्य से 101 प्रतिशत अधिक, सोलन में 116 प्रतिशत, बिलासपुर में 66 प्रतिशत और कांगड़ा में 44 प्रतिशत ज्यादा बारिश बीते एक सप्ताह में हुई है। 9 से 15 सितंबर के बीच सोलन में 39.3 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 85 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। पूरे मानसून सीजन की बात करें तो प्रदेश में सामान्य से 18 प्रतिशत कम बादल बरसे है। एक जून से 15 सितंबर के बीच 76 दिन में 689.6 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 562.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। शिमला और बिलासपुर को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आज-कल मौसम साफ, परसो फिर बारिश मौसम विभाग की माने तो आज और कल प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। मगर 18 सितंबर को फिर से मौसम करवट बदलेगा और ज्यादातर स्थानों पर बारिश होगी। कुफरी में भारी बारिश बीते 24 घंटे के दौरान भी शिमला के कुफरी में सबसे ज्यादा 70 मिलीमीटर, सोलन के कसौली में 53 मिलीमीटर, धर्मपुर में 26 मिमी, रेणुका में 20 मिमी, करसोग में 10 मिमी, धर्मशाला 6 मिमी बारिश हुई है।
हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल
हिमाचल और हरियाणा पुलिस में टकराव:शिमला से टीम गुरुग्राम में प्लेन कंपनी से पूछताछ के लिए गई, यहां उल्टा लोकल पुलिस ने दागे सवाल हिमाचल में सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने से जुड़े केस में प्रदेश और हरियाणा पुलिस पुलिस में आमने-सामने हो गई हैं। राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 9 विधायकों को हवाई सेवाएं देने वाली हेलिकॉप्टर कंपनी से पूछताछ के लिए शिमला पुलिस दो दिन पहले गुरुग्राम पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक गुरुग्राम में शिमला पुलिस को फजीहत झेल कर वापस लौटना पड़ा है। शिमला पुलिस अदालत द्वारा जारी सर्च वारंट के आधार पर विमान कंपनी के गुरुग्राम स्थित दफ्तर में पूछताछ को गई थी। मगर वहां पर गुरुग्राम पुलिस पहले से मौजूद थी। इससे पहले की शिमला पुलिस कंपनी प्रबंधन से पूछताछ कर पाती और रिकॉर्ड कब्जे में लेती, गुरुग्राम पुलिस ने उल्टा शिमला पुलिस से सवाल कर दिए। सूत्रों के मुताबिक शिमला पुलिस से गुरुग्राम पुलिस ने लगभग 10 घंटे पूछताछ की। दरअसल, विमान कंपनी को रेड की पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए कंपनी ने पहले ही लोकल पुलिस मौके पर बुला दी थी। इसके बाद गुरुग्राम पुलिस शिमला पुलिस पर हावी हो गई। शिमला से चार सदस्यीय टीम DSP मानविंदर की अगुआई में गुरुग्राम गई थी। शिमला के SP संजीव गांधी ने बताया कि गुरुग्राम गई टीम वापस लौट रही है। कोर्ट से सर्च वारंट था। गुरुग्राम में जो भी हुआ होगा, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। उधर, गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है। शिमला पुलिस के खिलाफ FIR देने को तैयार हो गई हरियाणा पुलिस
आमतौर पर एक राज्य की पुलिस जब दूसरे प्रदेश में इस तरह की कार्रवाई करती है तो लोकल पुलिस सहयोग करती है, मगर इस केस में हरियाणा और हिमाचल पुलिस आमने-सामने हो गई। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस तो शिमला पुलिस के खिलाफ एफआईआर देने को तैयार थी। इस विवाद की वजह से शिमला पुलिस विमान कंपनी से रिकॉर्ड भी कब्जे में नहीं ले सकी। शिमला पुलिस को इसलिए सहयोग नहीं मिला
सूत्रों के मुताबिक, हिमाचल में कांग्रेस सरकार और हरियाणा में बीजेपी सरकार की वजह से इस मामले में लोकल पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाया। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में FIR कराई थी। इस शिकायत में सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए के लेन-देन, बागियों को फाइव-सेवन स्टार होटलों में ठहराने और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने समेत जैसे गंभीर आरोप हैं। बालूगंज थाना में इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर
यह एफआईआर हमीरपुर से बीजेपी विधायक आशीष शर्मा और गगरेट से पूर्व विधायक एवं बीजेपी टिकट पर उपचुनाव लड़ने वाले चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ दर्ज है। इस केस में शिमला पुलिस बीजेपी नेता एवं पूर्व में कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहाकार तरुण भंडारी समेत कई भाजपा नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। अब पढ़िए पूरा मामला?
इस साल 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा चुनाव हुए। जब चुनाव हुआ तो 6 कांग्रेसी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। जिस वजह से भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट को 34-34 वोट मिले। इसके बाद लॉटरी से भाजपा के हर्ष महाजन चुनाव जीत गए, जबकि कांग्रेस के कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे। सरकार पर आया था संकट
इसके बाद सरकार पर संकट आ गया था। भाजपा ने गवर्नर से मिलकर कहा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। दोनों के पास बराबर 34-34 विधायक हो गए थे। इसके बाद तुरंत कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को शिमला भेजा। इसके बाद सरकार का संकट टालने के लिए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस की शिकायत पर बागी हुए 6 विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया। बाद में 3 निर्दलीयों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहे थे बागी विधायक
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक पंचकूला के एक होटल में ठहरे थे। इसके बाद ऋषिकेश गए। ऋषिकेश से गुरुग्राम पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। होटलों में ठहराया, हेलिकॉप्टर से बागियों को ले गए
आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की और हेलिकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने में मदद की।
हिमाचल: बद्दी का AQI 349 पहुंचा:हवा बेहद खतरनाक हुई; 5 दिन से बिगड़ रही एयर क्वालिटी, अभी सुधार के आसार नहीं
हिमाचल: बद्दी का AQI 349 पहुंचा:हवा बेहद खतरनाक हुई; 5 दिन से बिगड़ रही एयर क्वालिटी, अभी सुधार के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा जहरीली हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 5 दिन से निरंतर बिगड़ रहा है। शनिवार सुबह 10 बजे बद्दी का AQI 349 माइक्रो ग्राम टच कर गया। इस साल हवा का यह सबसे खराब लेवल है। दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर तक हवा साफ रही। 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और दो दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर से आए लोग करते है नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं, जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा व सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। जाने क्या है PM2.5 QJ PM10 एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं। क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 38 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इंजीनियर बोले-नहीं जानकारी बद्दी में खराब हवा के कारण जब चीफ एनवायरमेंट इंजीनियर रीजनल ऑफिस बद्दी पीके गुप्ता से पूछे गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें अभी AQI की जानकारी नहीं है। फाइल देखकर ही कुछ बता पाएंगे। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ है। परवाणू 137, पांटवा साहिब में 119 और ऊना में 110 AQI है। वहीं शिमला में शिमला में 50, मनाली 30 और धर्मशाला में 70 है।