बैसारन घाटी में गोलियां चल रही थीं। हम लोग रेस्टोरेंट के वॉशरूम में छिपे थे। बेटी-दामाद एक टीले पर बने रेस्टोरेंट में मैगी खा रहे थे। तभी मुझे बेटी की चीख सुनाई दी…शुभम को मार डाला। ये कहना है ऐशन्या की मां सुनीता पांडेय का। उन्होंने कहा- जब हम बाहर निकले तो देखा कि 3-4 लोग हाथों में AK-47 लिए खड़े थे। कुछ लोग पेड़ों के पीछे से छिपकर गोली चला रहे थे। ऐसा लगा कि पूरी घाटी को घेर रखा है। एक गोली मेरे पति संजय के पास से निकल गई, वह बाल-बाल बचे। देखा तो दामाद शुभम के सिर में गोली मार दी गई थी। बदहवास बेटी को हम लोग घसीटते हुए नीचे की तरफ ले जाने लगे। वह कह रही थी- मां मुझे घाटी के नीचे फेंक दो। हम उसके सदमे को समझ रहे थे। दैनिक भास्कर ने कश्मीर आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की सास सुनीता पांडेय से बात की। वह शुभम और ऐशन्या के साथ पहलगाम के बैसारन घाटी में घूमने गई थीं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लोगों को घोड़े-खच्चर कुचल रहे थे
सुनीता कहती हैं- घाटी में हर तरफ लाशें पड़ी थीं। मेरी बेटी अपने ही पति के खून से लथपथ थी। हमने देखा लोग बदहवास होकर भाग रहे थे। पत्थरों से टकराकर चोटिल हो रहे थे। घोड़े-खच्चर लोगों को कुचल रहे थे। घबराकर भागते हुए मैं खुद 2 बार गिर पड़ी। हाथ-पैर, पीठ पर चोटें लगीं, लेकिन फिर भागने लगी। हम लोग गिरते-पड़ते 20 मिनट में नीचे आ गए। वो दामाद नहीं, बेटा था मेरा
वह कहती हैं- शुभम…वो दामाद नहीं, मेरा बेटा था। ऐसा दामाद किसी का नहीं होगा। 2 महीने में उसने इतना सुख दे दिया था, क्या पता था कि इस सुख के बदले पूरी जिंदगी रोना पड़ेगा। न जाने हंसते, खेलते परिवार को किसकी नजर लग गई, दोनों अपनी जिंदगी में इतने खुश थे। अब भगवान ने सारी खुशियां छीन लीं, मेरा दामाद हर दूसरे-तीसरे दिन घर आ जाता था। मुझसे खाने की फरमाइशें करता था, लेकिन ऊपर वाले को यह सब रास नहीं आया और बेटी का घर बर्बाद हो गया। शादी के बाद कथा की रस्म होनी थी, जो नहीं हो पाई, अब क्या ही होगी। पुलिसकर्मी बोले- हम कुछ नहीं कर सकते
उन्होंने बताया- घाटी से करीब 1.5km नीचे आकर जम्मू-कश्मीर के 3-4 पुलिसकर्मी दिखे, हमने कहा- हमारी मदद करिए, ऊपर गोलियां चल रही हैं। मगर उन्होंने जवाब दिया, हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि खच्चर-घोड़े वाले आतंकियों से मिले हुए थे। बेटी के पिता संजय ने खच्चर वालों को ऊपर जाने से मना किया तो खच्चर वाले नीचे नहीं जाने दे रहे थे। कह रहे थे कि हमें बताना पड़ेगा कि ऊपर क्यों नहीं आएं। तब भी हम लोगों का दिमाग काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि होटलों से सैलानियों की रेकी की गई होगी, मुझे ऐसा ही लगता है। मां बोलीं- हमसे ही पैसे लेते हैं, हमें ही मार देते हैं
सुनीता पांडेय ने कहा- हमारी तो मति ही मारी गई थी, जो हम कश्मीर चले गए। सोचा था कि वहां का माहौल अच्छा हो गया होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। मेरा बच्चा तो वापस नहीं आ सकता, कश्मीर में सैलानियों के लिए बैन लगा दो। हम लोगों की वजह से ही उन्हें पैसों की मदद मिलती है और हम ही लोगों को मार दिया जाता है। कहा- मोदी जी पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चाहे जितने रिश्ते सुधारने के प्रयास किए हों, लेकिन पाकिस्तान कभी सुधरने वाला नहीं है। हर बार पाकिस्तान में भारत पर हमले का षड्यंत्र रचा जाता है और अंजाम हम लोगों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। अब पढ़िए कश्मीर के आतंकी हमले में क्या हुआ था… 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की 2 महीने पहले ऐशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को ऐशन्या और शुभम परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें 23 अप्रैल को घर लौटना था। मगर एक दिन पहले 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले में शुभम समेत 27 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकी हमले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मैदान में एक लाश दिख रही है। कानपुर के कारोबारी को पत्नी के सामने आतंकियों ने गोली मार दी। पत्नी ने परिवार को फोन पर बताया- आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी। जब मैंने उनसे कहा कि मुझे भी गोली मार दो…। इस पर आतंकियों ने कहा- तुम्हें नहीं मारेंगे, तुम जाकर मोदी और सरकार को बताओ…इसीलिए तुम्हें छोड़ रहे हैं। पति की मौत के बाद पत्नी बेहोश हो गई थी। …………………..
यह भी पढ़ें : शुभम और ऐशन्या का 70 दिन का साथ, डेस्टिनेशन वेडिंग की, 2 महीने बाद आंखों के सामने हत्या; शादी से अंतिम यात्रा तक 24 तस्वीरें पहलगाम आतंकी अटैक में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार को अंतिम संस्कार हुआ। शुभम पत्नी और परिवार के 11 लोगों के साथ ट्रिप पर गए थे। उनकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी। दोनों की ओरछा में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी। पति की अंतिम यात्रा निकली तो पत्नी ऐशन्या चीखने लगी। चीख-चीखकर यही कहती रही, मुझे अकेला क्यों छोड़ गए। पढ़िए पूरी खबर… बैसारन घाटी में गोलियां चल रही थीं। हम लोग रेस्टोरेंट के वॉशरूम में छिपे थे। बेटी-दामाद एक टीले पर बने रेस्टोरेंट में मैगी खा रहे थे। तभी मुझे बेटी की चीख सुनाई दी…शुभम को मार डाला। ये कहना है ऐशन्या की मां सुनीता पांडेय का। उन्होंने कहा- जब हम बाहर निकले तो देखा कि 3-4 लोग हाथों में AK-47 लिए खड़े थे। कुछ लोग पेड़ों के पीछे से छिपकर गोली चला रहे थे। ऐसा लगा कि पूरी घाटी को घेर रखा है। एक गोली मेरे पति संजय के पास से निकल गई, वह बाल-बाल बचे। देखा तो दामाद शुभम के सिर में गोली मार दी गई थी। बदहवास बेटी को हम लोग घसीटते हुए नीचे की तरफ ले जाने लगे। वह कह रही थी- मां मुझे घाटी के नीचे फेंक दो। हम उसके सदमे को समझ रहे थे। दैनिक भास्कर ने कश्मीर आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की सास सुनीता पांडेय से बात की। वह शुभम और ऐशन्या के साथ पहलगाम के बैसारन घाटी में घूमने गई थीं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… लोगों को घोड़े-खच्चर कुचल रहे थे
सुनीता कहती हैं- घाटी में हर तरफ लाशें पड़ी थीं। मेरी बेटी अपने ही पति के खून से लथपथ थी। हमने देखा लोग बदहवास होकर भाग रहे थे। पत्थरों से टकराकर चोटिल हो रहे थे। घोड़े-खच्चर लोगों को कुचल रहे थे। घबराकर भागते हुए मैं खुद 2 बार गिर पड़ी। हाथ-पैर, पीठ पर चोटें लगीं, लेकिन फिर भागने लगी। हम लोग गिरते-पड़ते 20 मिनट में नीचे आ गए। वो दामाद नहीं, बेटा था मेरा
वह कहती हैं- शुभम…वो दामाद नहीं, मेरा बेटा था। ऐसा दामाद किसी का नहीं होगा। 2 महीने में उसने इतना सुख दे दिया था, क्या पता था कि इस सुख के बदले पूरी जिंदगी रोना पड़ेगा। न जाने हंसते, खेलते परिवार को किसकी नजर लग गई, दोनों अपनी जिंदगी में इतने खुश थे। अब भगवान ने सारी खुशियां छीन लीं, मेरा दामाद हर दूसरे-तीसरे दिन घर आ जाता था। मुझसे खाने की फरमाइशें करता था, लेकिन ऊपर वाले को यह सब रास नहीं आया और बेटी का घर बर्बाद हो गया। शादी के बाद कथा की रस्म होनी थी, जो नहीं हो पाई, अब क्या ही होगी। पुलिसकर्मी बोले- हम कुछ नहीं कर सकते
उन्होंने बताया- घाटी से करीब 1.5km नीचे आकर जम्मू-कश्मीर के 3-4 पुलिसकर्मी दिखे, हमने कहा- हमारी मदद करिए, ऊपर गोलियां चल रही हैं। मगर उन्होंने जवाब दिया, हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि खच्चर-घोड़े वाले आतंकियों से मिले हुए थे। बेटी के पिता संजय ने खच्चर वालों को ऊपर जाने से मना किया तो खच्चर वाले नीचे नहीं जाने दे रहे थे। कह रहे थे कि हमें बताना पड़ेगा कि ऊपर क्यों नहीं आएं। तब भी हम लोगों का दिमाग काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि होटलों से सैलानियों की रेकी की गई होगी, मुझे ऐसा ही लगता है। मां बोलीं- हमसे ही पैसे लेते हैं, हमें ही मार देते हैं
सुनीता पांडेय ने कहा- हमारी तो मति ही मारी गई थी, जो हम कश्मीर चले गए। सोचा था कि वहां का माहौल अच्छा हो गया होगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। मेरा बच्चा तो वापस नहीं आ सकता, कश्मीर में सैलानियों के लिए बैन लगा दो। हम लोगों की वजह से ही उन्हें पैसों की मदद मिलती है और हम ही लोगों को मार दिया जाता है। कहा- मोदी जी पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चाहे जितने रिश्ते सुधारने के प्रयास किए हों, लेकिन पाकिस्तान कभी सुधरने वाला नहीं है। हर बार पाकिस्तान में भारत पर हमले का षड्यंत्र रचा जाता है और अंजाम हम लोगों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। अब पढ़िए कश्मीर के आतंकी हमले में क्या हुआ था… 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की 2 महीने पहले ऐशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को ऐशन्या और शुभम परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें 23 अप्रैल को घर लौटना था। मगर एक दिन पहले 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले में शुभम समेत 27 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकी हमले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मैदान में एक लाश दिख रही है। कानपुर के कारोबारी को पत्नी के सामने आतंकियों ने गोली मार दी। पत्नी ने परिवार को फोन पर बताया- आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी। जब मैंने उनसे कहा कि मुझे भी गोली मार दो…। इस पर आतंकियों ने कहा- तुम्हें नहीं मारेंगे, तुम जाकर मोदी और सरकार को बताओ…इसीलिए तुम्हें छोड़ रहे हैं। पति की मौत के बाद पत्नी बेहोश हो गई थी। …………………..
यह भी पढ़ें : शुभम और ऐशन्या का 70 दिन का साथ, डेस्टिनेशन वेडिंग की, 2 महीने बाद आंखों के सामने हत्या; शादी से अंतिम यात्रा तक 24 तस्वीरें पहलगाम आतंकी अटैक में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार को अंतिम संस्कार हुआ। शुभम पत्नी और परिवार के 11 लोगों के साथ ट्रिप पर गए थे। उनकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी। दोनों की ओरछा में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी। पति की अंतिम यात्रा निकली तो पत्नी ऐशन्या चीखने लगी। चीख-चीखकर यही कहती रही, मुझे अकेला क्यों छोड़ गए। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
शुभम को मार डाला, पति बाल-बाल बचे:बदहवास बेटी को लेकर दौड़ते रहे; कानपुर की ऐशन्या की मां का दर्द
