शैलजा बोलीं-कॉलेजों में 50 फीसदी पद खाली:20KM के दायरे में लड़कियों के कॉलेज भी नहीं हैं; झूठी घोषणाओं से गुमराह न करे सरकार

शैलजा बोलीं-कॉलेजों में 50 फीसदी पद खाली:20KM के दायरे में लड़कियों के कॉलेज भी नहीं हैं; झूठी घोषणाओं से गुमराह न करे सरकार

हरियाणा के सिरसा से सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी शैलजा ने प्रदेश के कॉलेजों में स्टाफ व इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार नई शिक्षा नीति इसी सत्र से लागू करने जा रही है, तो दूसरी ओर प्रदेश के सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेज लेक्चरर की कमी से जूझ रहे हैं। अधिकतर जगहों पर अतिथि प्राध्यापकों और एक्सटेंशन लेक्चरर्स से काम चलाया जा रहा है। शैलजा ने कहा कि प्रदेश के कालेजों में करीब 50 प्रतिशत प्राध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं, सरकार जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुंचा रही है। अगर युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना है, तो सरकार को शिक्षा पर ध्यान देते हुए सभी रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए। जिससे उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करना पड़े। दूसरी ओर हर 20 किमी पर छात्राओं के लिए कॉलेज की घोषणा भी न जाने कब की पानी पी चुकी है। झूठी घोषणाएं कर सरकार जनता को गुमराह न करें। युवाओं को गुमराह कर रही सरकार- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा के नाम पर युवाओं को गुमराह करती आ रही है, नई शिक्षा नीति के नाम पर भी सरकार युवाओं के साथ खेल खेल रही है। जब सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेज में शिक्षक नहीं है, इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है, तो ऐसे में नई शिक्षा नीति के भी कोई मायने नहीं है। उन्होंने कहा कि एक आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सरकारी और एडिड कालेजों में लेक्चरर्स के 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए है। प्रदेश में 184 सरकारी और 97 एडिड कालेज हैं। इन कालेजों में लेक्चरर्स के 7986 पद स्वीकृत है। इनमें से 3358 पदों पर ही नियमित लेक्चरर्स हैं, जबकि 2058 पदों पर गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर्स ही कार्यरत है, यानि 4465 पद आज भी खाली हैं। उन्होंने कहा कि 97 एडिड कालेजों में 39 प्रिसिंपल तक नहीं है। एडिड कॉलेज में जो सेवानिवृत हो गया, उसके स्थान पर भर्तियां तक नहीं हो रही हैं। प्रदेश के कॉलेजों में नहीं 749 अंग्रेजी लेक्चरर्स- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने स्वयं माना है कि प्रदेश के कालेजों में 749 अंग्रेजी के लेक्चरर्स नहीं है। इसी प्रकार कॉमर्स के 450, भूगोल के 479, गणित के 396, भौतिक विज्ञान के 323, हिंदी के 317, वनस्पति विज्ञान के 166, रसायन विज्ञान के 402, इतिहास के 189, कंप्यूटर सांइस के 221, शारीरिक शिक्षा के 127 और मनोविज्ञान के 125 पद खाली पड़े हुए है। इतने खाली पदों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के कॉलेज में शिक्षण कार्य कैसे चल रहा होगा और विद्यार्थियों को कैसे परेशानी उठानी पड़ रही होगी। उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवा दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं, जो सरकार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक है। हर 20 किलोमीटर पर लड़कियों के लिए कॉलेज नहीं- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार शिक्षा के नाम पर जनता को गुमराह करती आ रही है, पहले कहा था कि हर बीस किमी पर महिला कॉलेज खोला जाएगा, पर ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में लड़कियां उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती और बारहवीं के बाद उनकी पढ़ाई छूट जाती है। सरकार को अपना वायदा पूरा करते हुए शिक्षा क्षेत्र में सुधार करते हुए सभी रिक्त पदों को भरना चाहिए ताकि विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करे और लड़कियों की पढ़ाई बीच में न छूटे। हरियाणा के सिरसा से सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी शैलजा ने प्रदेश के कॉलेजों में स्टाफ व इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार नई शिक्षा नीति इसी सत्र से लागू करने जा रही है, तो दूसरी ओर प्रदेश के सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेज लेक्चरर की कमी से जूझ रहे हैं। अधिकतर जगहों पर अतिथि प्राध्यापकों और एक्सटेंशन लेक्चरर्स से काम चलाया जा रहा है। शैलजा ने कहा कि प्रदेश के कालेजों में करीब 50 प्रतिशत प्राध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं, सरकार जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुंचा रही है। अगर युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना है, तो सरकार को शिक्षा पर ध्यान देते हुए सभी रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए। जिससे उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करना पड़े। दूसरी ओर हर 20 किमी पर छात्राओं के लिए कॉलेज की घोषणा भी न जाने कब की पानी पी चुकी है। झूठी घोषणाएं कर सरकार जनता को गुमराह न करें। युवाओं को गुमराह कर रही सरकार- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा के नाम पर युवाओं को गुमराह करती आ रही है, नई शिक्षा नीति के नाम पर भी सरकार युवाओं के साथ खेल खेल रही है। जब सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेज में शिक्षक नहीं है, इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है, तो ऐसे में नई शिक्षा नीति के भी कोई मायने नहीं है। उन्होंने कहा कि एक आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सरकारी और एडिड कालेजों में लेक्चरर्स के 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए है। प्रदेश में 184 सरकारी और 97 एडिड कालेज हैं। इन कालेजों में लेक्चरर्स के 7986 पद स्वीकृत है। इनमें से 3358 पदों पर ही नियमित लेक्चरर्स हैं, जबकि 2058 पदों पर गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर्स ही कार्यरत है, यानि 4465 पद आज भी खाली हैं। उन्होंने कहा कि 97 एडिड कालेजों में 39 प्रिसिंपल तक नहीं है। एडिड कॉलेज में जो सेवानिवृत हो गया, उसके स्थान पर भर्तियां तक नहीं हो रही हैं। प्रदेश के कॉलेजों में नहीं 749 अंग्रेजी लेक्चरर्स- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने स्वयं माना है कि प्रदेश के कालेजों में 749 अंग्रेजी के लेक्चरर्स नहीं है। इसी प्रकार कॉमर्स के 450, भूगोल के 479, गणित के 396, भौतिक विज्ञान के 323, हिंदी के 317, वनस्पति विज्ञान के 166, रसायन विज्ञान के 402, इतिहास के 189, कंप्यूटर सांइस के 221, शारीरिक शिक्षा के 127 और मनोविज्ञान के 125 पद खाली पड़े हुए है। इतने खाली पदों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के कॉलेज में शिक्षण कार्य कैसे चल रहा होगा और विद्यार्थियों को कैसे परेशानी उठानी पड़ रही होगी। उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवा दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं, जो सरकार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक है। हर 20 किलोमीटर पर लड़कियों के लिए कॉलेज नहीं- शैलजा कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार शिक्षा के नाम पर जनता को गुमराह करती आ रही है, पहले कहा था कि हर बीस किमी पर महिला कॉलेज खोला जाएगा, पर ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में लड़कियां उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती और बारहवीं के बाद उनकी पढ़ाई छूट जाती है। सरकार को अपना वायदा पूरा करते हुए शिक्षा क्षेत्र में सुधार करते हुए सभी रिक्त पदों को भरना चाहिए ताकि विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करे और लड़कियों की पढ़ाई बीच में न छूटे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर