श्रद्धालुओं ने सुना श्रीकृष्ण एवं सुदामा का मित्रता प्रसंग

श्रद्धालुओं ने सुना श्रीकृष्ण एवं सुदामा का मित्रता प्रसंग

जालंधर | श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति की ओर से करवाई जा रही साईं दास स्कूल की ग्राउंड में श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों ने भक्ति ज्ञानरस प्राप्त किया गया। कथा का शुभारंभ विद्वानों ने विधिवत पूजन करके किया। कथावाचक विश्व विख्यात भागवत कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य गौरव कृष्ण महाराज ने भक्तों को कहा कि कहे बिना जो मित्र के चेहरे का भाव पढ़कर उसके दु:ख या परेशानी को जान ले और उसकी मदद करे। वही सच्चा मित्र है। जैसे तीनों लोकों के स्वामी द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण ने गरीब ब्राह्मण मित्र सुदामा को बिना जताए, बिना बताए उनकी मदद की। क्योंकि वो जानते थे कि गरीब सुदामा संकोच एवं स्वाभिमान के कारण कुछ नहीं मांगेंगे। पूछने पर उनके सम्मान को ठेस भी लगेगी। परंतु उनके पैरों के छालों को देखकर भगवान ने मित्र की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर लिया। रातों रात सुदामा की गरीब कुटिया को महल में परिवर्तित कर दिया। आचार्य गौरव कृष्ण महाराज ने कहा कि संकट एवं जरूरत के समय मित्र की मदद करनी चा​हिए। वहीं सच्ची मित्रता की पहचान है। श्रीकृष्ण एवं सुदामा की दोस्ती मित्रता का आदर्श उदाहरण है, जो ये संदेश देता है कि मित्रता अमीरी-गरीबी का भेद नहीं करती। बुरे समय में साथ रहे दोस्तों को अच्छा समय आने पर नजरंदाज नहीं करना चाहिए। मित्र द्वारा लाई गई भेंट को उसके मूल्य के आधार पर आंकलन न करके उसमें छिपे प्रेम को देखना चाहिए। जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा द्वारा लाये गए तीन मुटठी चावलों के स्वाद में 56 भोग से भी ज्यादा आनंद पाया और तीन मुठ्ठी चावल के बदले सुदामा की दरिद्रता दूर कर दी। जैसे स्वयं द्वारिकाधीश तीनों लोकों के स्वामी जिस सुदामा के मित्र हों वो गरीब हो ही नहीं सकता, वैसे ही श्रीकृष्ण जैसा सच्चा मित्र होने पर कोई दु:खी नहीं हो सकता है। प्रवचनों के बाद गौरव कृष्ण शास्त्री ने श्री राधे सदा मुझ पे रहमत की नजर रखना…, जो भी वृंदावन आ जाता है…, करदो करदो बेड़ा पार राधे अलबेली सरकार…, व अन्य भजन सुनाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के अंत में भक्तों ने प्रभु की भव्य आरती व भोग लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां अध्यक्ष ब्रिजेश कुमार जुनेजा, प्रधान सुनील नय्यर, उप प्रधान उमेश ओहरी, महा सचिव संदीप मलिक, कोषाध्यक्ष चंदन वडेरा, ब्रिज मोहन चड्‌ढा, महेश मखीजा, नरिंदर वर्मा, राहुल बाहरी, संजय सहगल, अश्वनी कुमार, दविंदर अरोड़ा, रिंकू मल्होत्रा, विकास ग्रोवर, सुमित गोयल समेत अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित रहे । जालंधर | श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति की ओर से करवाई जा रही साईं दास स्कूल की ग्राउंड में श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों ने भक्ति ज्ञानरस प्राप्त किया गया। कथा का शुभारंभ विद्वानों ने विधिवत पूजन करके किया। कथावाचक विश्व विख्यात भागवत कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य गौरव कृष्ण महाराज ने भक्तों को कहा कि कहे बिना जो मित्र के चेहरे का भाव पढ़कर उसके दु:ख या परेशानी को जान ले और उसकी मदद करे। वही सच्चा मित्र है। जैसे तीनों लोकों के स्वामी द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण ने गरीब ब्राह्मण मित्र सुदामा को बिना जताए, बिना बताए उनकी मदद की। क्योंकि वो जानते थे कि गरीब सुदामा संकोच एवं स्वाभिमान के कारण कुछ नहीं मांगेंगे। पूछने पर उनके सम्मान को ठेस भी लगेगी। परंतु उनके पैरों के छालों को देखकर भगवान ने मित्र की आर्थिक स्थिति का आंकलन कर लिया। रातों रात सुदामा की गरीब कुटिया को महल में परिवर्तित कर दिया। आचार्य गौरव कृष्ण महाराज ने कहा कि संकट एवं जरूरत के समय मित्र की मदद करनी चा​हिए। वहीं सच्ची मित्रता की पहचान है। श्रीकृष्ण एवं सुदामा की दोस्ती मित्रता का आदर्श उदाहरण है, जो ये संदेश देता है कि मित्रता अमीरी-गरीबी का भेद नहीं करती। बुरे समय में साथ रहे दोस्तों को अच्छा समय आने पर नजरंदाज नहीं करना चाहिए। मित्र द्वारा लाई गई भेंट को उसके मूल्य के आधार पर आंकलन न करके उसमें छिपे प्रेम को देखना चाहिए। जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा द्वारा लाये गए तीन मुटठी चावलों के स्वाद में 56 भोग से भी ज्यादा आनंद पाया और तीन मुठ्ठी चावल के बदले सुदामा की दरिद्रता दूर कर दी। जैसे स्वयं द्वारिकाधीश तीनों लोकों के स्वामी जिस सुदामा के मित्र हों वो गरीब हो ही नहीं सकता, वैसे ही श्रीकृष्ण जैसा सच्चा मित्र होने पर कोई दु:खी नहीं हो सकता है। प्रवचनों के बाद गौरव कृष्ण शास्त्री ने श्री राधे सदा मुझ पे रहमत की नजर रखना…, जो भी वृंदावन आ जाता है…, करदो करदो बेड़ा पार राधे अलबेली सरकार…, व अन्य भजन सुनाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के अंत में भक्तों ने प्रभु की भव्य आरती व भोग लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां अध्यक्ष ब्रिजेश कुमार जुनेजा, प्रधान सुनील नय्यर, उप प्रधान उमेश ओहरी, महा सचिव संदीप मलिक, कोषाध्यक्ष चंदन वडेरा, ब्रिज मोहन चड्‌ढा, महेश मखीजा, नरिंदर वर्मा, राहुल बाहरी, संजय सहगल, अश्वनी कुमार, दविंदर अरोड़ा, रिंकू मल्होत्रा, विकास ग्रोवर, सुमित गोयल समेत अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित रहे ।   पंजाब | दैनिक भास्कर