मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। शाही ईदगाह कमेटी ने कुल तीन याचिका दायर की थीं, जिन्हें जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ सुनेगी। हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिकाओं को पिछले दिनों सुनवाई योग्य माना था। मुस्लिम पक्ष ने HC के इसी फैसले को पहली याचिका में चुनौती दी है। दूसरी याचिका में HC के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें निचली अदालतों में चल रहे इससे जुड़े सभी मुकदमों को अपने पास तलब करने का फैसला दिया गया था। तीसरी याचिका में इस विवाद से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। क्या है पूरा विवाद?
यह पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर है। 11 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण मंदिर है और 2.37 एकड़ हिस्सा शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिन्दू पक्ष इस 2.37 एकड़ जमीन पर जन्मभूमि होने का दावा करता रहा है। 1670 में औरंगजेब के शासन में यहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। 1944 में ये पूरी जमीन उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला ने खरीद ली। 1951 में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट बनाया, जिसे ये जमीन दे दी गई। ट्रस्ट के पैसे से 1958 में नए सिरे से मंदिर बनकर तैयार हुआ। फिर एक नई संस्था बनी, जिसका नाम रखा गया श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान। इस संस्था ने साल-1968 में मुस्लिम पक्ष से समझौता किया कि जमीन पर मंदिर-मस्जिद दोनों रहेंगे। हालांकि, इस समझौते का न तो कभी कानूनी वजूद रहा और न ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने इस समझौते को कभी माना। हिन्दू पक्ष अब इस मस्जिद को हटाने की मांग करता है तो वहीं मुस्लिम पक्ष प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील देता है। इसे लेकर पूरा मामला निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चल रहा है। 2020 में पहली याचिका से अब तक क्या-क्या हुआ, पढ़िए… अब 3 स्लाइड में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के बारे में सबकुछ पढ़िए… —————- यह भी पढ़ें : मिलिंद देवड़ा बोले- सरकार बनी तो 100% शिंदे होंगे CM, कांग्रेस-शिवसेना का गठबंधन ही गलत, आदित्य ठाकरे के खिलाफ नहीं बोलूंगा महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के गठबंधन को गलत बता रहे मिलिंद देवड़ा कभी कांग्रेस का हिस्सा थे। अब शिवसेना (शिंदे गुट) में हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद सांसद और सेंट्रल मिनिस्टर रह चुके हैं। अभी राज्यसभा सांसद हैं। इस बार साउथ मुंबई की वर्ली सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। मुकाबला उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से है। पढ़िए पूरी खबर.. मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। शाही ईदगाह कमेटी ने कुल तीन याचिका दायर की थीं, जिन्हें जस्टिस संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ सुनेगी। हाईकोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिकाओं को पिछले दिनों सुनवाई योग्य माना था। मुस्लिम पक्ष ने HC के इसी फैसले को पहली याचिका में चुनौती दी है। दूसरी याचिका में HC के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें निचली अदालतों में चल रहे इससे जुड़े सभी मुकदमों को अपने पास तलब करने का फैसला दिया गया था। तीसरी याचिका में इस विवाद से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। क्या है पूरा विवाद?
यह पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर है। 11 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण मंदिर है और 2.37 एकड़ हिस्सा शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिन्दू पक्ष इस 2.37 एकड़ जमीन पर जन्मभूमि होने का दावा करता रहा है। 1670 में औरंगजेब के शासन में यहां शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। 1944 में ये पूरी जमीन उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला ने खरीद ली। 1951 में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट बनाया, जिसे ये जमीन दे दी गई। ट्रस्ट के पैसे से 1958 में नए सिरे से मंदिर बनकर तैयार हुआ। फिर एक नई संस्था बनी, जिसका नाम रखा गया श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान। इस संस्था ने साल-1968 में मुस्लिम पक्ष से समझौता किया कि जमीन पर मंदिर-मस्जिद दोनों रहेंगे। हालांकि, इस समझौते का न तो कभी कानूनी वजूद रहा और न ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने इस समझौते को कभी माना। हिन्दू पक्ष अब इस मस्जिद को हटाने की मांग करता है तो वहीं मुस्लिम पक्ष प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील देता है। इसे लेकर पूरा मामला निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चल रहा है। 2020 में पहली याचिका से अब तक क्या-क्या हुआ, पढ़िए… अब 3 स्लाइड में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के बारे में सबकुछ पढ़िए… —————- यह भी पढ़ें : मिलिंद देवड़ा बोले- सरकार बनी तो 100% शिंदे होंगे CM, कांग्रेस-शिवसेना का गठबंधन ही गलत, आदित्य ठाकरे के खिलाफ नहीं बोलूंगा महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के गठबंधन को गलत बता रहे मिलिंद देवड़ा कभी कांग्रेस का हिस्सा थे। अब शिवसेना (शिंदे गुट) में हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद सांसद और सेंट्रल मिनिस्टर रह चुके हैं। अभी राज्यसभा सांसद हैं। इस बार साउथ मुंबई की वर्ली सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। मुकाबला उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से है। पढ़िए पूरी खबर.. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर