श्री अकाल तख्त साहिब पर 28 जनवरी को बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक को स्थगित कर दिया गया है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के व्यस्त कार्यक्रम को बताया गया है। लेकिन इसे लेकर श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस बैठक में गुरमत की रोशनी में कुछ बड़े फैसले लिए जाने थे, लेकिन बैठक को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जांच तेज कर दी गई है। तख्त श्री दमदमा साहिब में कर्मचारियों पर दबाव बनाया गया कि वे उनके खिलाफ लिखकर बयान दें। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक बार फिर बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जत्थेदार बादल परिवार के निर्देश मानते हैं और उनके घर जाकर फैसले करते हैं, वे करोड़ों का व्यवसाय कर रहे हैं। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो जत्थेदार इनका आदेश नहीं मानते, उनकी आजीविका तक पर सवाल उठाए जाते हैं। पद से हटाने की चल रही कोशिश उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक नैरेटिव तैयार किया जा रहा है ताकि उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी निर्णय को पंथ (सिख समुदाय) से सलाह के बाद ही करेंगे। ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इन बयानों ने सिख समुदाय में चर्चाओं को जन्म दे दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब पर 28 जनवरी को बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक को स्थगित कर दिया गया है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के व्यस्त कार्यक्रम को बताया गया है। लेकिन इसे लेकर श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस बैठक में गुरमत की रोशनी में कुछ बड़े फैसले लिए जाने थे, लेकिन बैठक को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जांच तेज कर दी गई है। तख्त श्री दमदमा साहिब में कर्मचारियों पर दबाव बनाया गया कि वे उनके खिलाफ लिखकर बयान दें। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक बार फिर बादल परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जत्थेदार बादल परिवार के निर्देश मानते हैं और उनके घर जाकर फैसले करते हैं, वे करोड़ों का व्यवसाय कर रहे हैं। इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो जत्थेदार इनका आदेश नहीं मानते, उनकी आजीविका तक पर सवाल उठाए जाते हैं। पद से हटाने की चल रही कोशिश उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ एक नैरेटिव तैयार किया जा रहा है ताकि उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी निर्णय को पंथ (सिख समुदाय) से सलाह के बाद ही करेंगे। ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इन बयानों ने सिख समुदाय में चर्चाओं को जन्म दे दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
चंडीगढ़ में हनुमान मंदिर से चोरी:चोरों ने गायब किये 4 किलो चांदी, जांच में जुटी पुलिस
चंडीगढ़ में हनुमान मंदिर से चोरी:चोरों ने गायब किये 4 किलो चांदी, जांच में जुटी पुलिस चंडीगढ़ के सेक्टर 19 स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर से चोरों ने 3/4 किलो चांदी चुरा ली, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। यह घटना 8 नवंबर की रात को हुई, जब चोरों ने मंदिर की सुरक्षा को धता बताते हुए वहां से चांदी का कीमती सामान चुराया। हनुमान मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक पूजनीय है। रोजाना यहां सैकड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। चोरी की इस घटना ने भक्तों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्तिक एन्क्लेव, नयागांव, मोहाली के निवासी हेमंत शास्त्री ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन सेक्टर 19 में दर्ज कराई। पुलिस ने एफआईआर नंबर 86 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चोरों की पहचान करने के लिए मंदिर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस उम्मीद कर रही है कि जल्द ही चोरों को पकड़ा जाएगा और इस मामले का खुलासा किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन और भक्तों में चोरी की इस घटना के बाद भय का माहौल है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्र ने किसानों को बातचीत का न्योता दिया:14 फरवरी को चंडीगढ़ में मीटिंग होगी; डल्लेवाल से मिले केंद्रीय अधिकारी, बोले- हमें भी चिंता
केंद्र ने किसानों को बातचीत का न्योता दिया:14 फरवरी को चंडीगढ़ में मीटिंग होगी; डल्लेवाल से मिले केंद्रीय अधिकारी, बोले- हमें भी चिंता पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 54वां दिन है। शुक्रवार रात को डल्लेवाल को 3-4 बार उल्टियां आईं। पहले वे 2 लीटर तक पानी पी रहे थे, लेकिन अब एक लीटर से भी कम पानी पी रहे हैं। शनिवार को केंद्र सरकार का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कृषि मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी प्रिया रंजन की अगुआई में खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा। यहां उन्होंने किसान नेता डल्लेवाल से मुलाकात कर 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत का न्योता दिया। प्रतिनिधिमंडल ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को लेकर चिंतित है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय अधिकारियों ने किसान नेता डल्लेवाल से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अब चर्चा है कि वह मेडिकल सुविधा ले सकते हैं। हालांकि, किसी किसान नेता ने इसकी पुष्टि नहीं की है। किसानों को लिखा गया लेटर SKM-मोर्चे के नेताओं की मीटिंग विफल वहीं खनौरी और शंभू मोर्चे के नेताओं और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं की पटियाला के पातड़ा में हुई। मीटिंग में 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च को लेकर स्ट्रेटजी बनाई गई, लेकिन SKM और शंभू-खनौरी बॉर्डर के नेताओं में एकता को लेकर फैसला नहीं लिया जा सका। SKM ने इसके लिए अभी और समय की मांग की है। SKM के नेता सोमवार को देश के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। उधर, SKM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर चिंता व्यक्त करते हुए किसानों की मांगों को मानने का अनुरोध किया है। डल्लेवाल का 20 किलो वजन कम हुआ
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ का कहना है कि डल्लेवाल का वजन 20 किलो कम हो गया है। जब वे आमरण अनशन पर बैठे थे, तब उनका वजन 86 किलो 950 ग्राम था। अब यह घटकर 66 किलो 400 ग्राम रह गया है। डल्लेवाल की लेटेस्ट मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक किडनी और लिवर से संबंधित टेस्ट का रिजल्ट 1.75 है, जो सामान्य परिस्थितियों में 1 से भी कम होना चाहिए। सरकार जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को उन टेस्ट के रिजल्ट बताती है, जिनमें गिरावट आने में ज्यादा समय लगता है। 21 जनवरी को दिल्ली कूच की तैयारी
गुरुवार को किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 21 जनवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। पंधेर ने कहा था कि जत्थे में 101 किसान शामिल होंगे। केंद्र सरकार अभी तक वार्ता का मन नहीं बना रही है, इसलिए आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चेतावनी भी दी कि उनके प्रधानमंत्री रहते ही देश में MSP पर फसल खरीद की गारंटी का कानून आएगा। किसानों की सभी मांगें देश हित में हैं और उन्हें लागू कराया जाएगा। —————— डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… डल्लेवाल बोले- मोदी से कहिए मांगें मानें, अनशन छोड़ दूंगा:ये न हमारा कारोबार, न ही शौक; किसानों ने PM के पुतले फूंके आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 10 जनवरी को एक वीडियो संदेश जारी किया था। उन्होंने कहा था ‘प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें मानें तो मैं अनशन छोड़ दूंगा। अनशन करना कोई हमारा कारोबार तो नहीं है और न ही हमारा शौक है।’ पूरी खबर पढ़ें…
विधानसभा स्पीकर संधवां ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर जताई चिंता:बोले- भूख हड़ताल समाप्त करने मनाए केंद्र सरकार; बातचीत कर मांगें करें पूरी
विधानसभा स्पीकर संधवां ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर जताई चिंता:बोले- भूख हड़ताल समाप्त करने मनाए केंद्र सरकार; बातचीत कर मांगें करें पूरी फरीदकोट में पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल को भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार मनाए और सार्थक बातचीत कर उनकी मांगों को पूरा करें। स्पीकर ने कहा कि कैंसर के मरीज होने के बावजूद किसान नेता डल्लेवाल केंद्र से अपनी मांगें मनवाने के लिए अनशन पर बैठे हैं। केंद्र सरकार उनसे सार्थक बातचीत करे और किसानों की मांगें, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना शामिल है, का शीघ्र समाधान किया जाए। किसानों की मांगों को बताया जायज़ उन्होंने किसान संगठनों से भी अपील की कि वे इस गतिरोध को तोड़ने के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाए और चल रहे धरनों का सार्थक समाधान निकालें। स्पीकर संधवां ने कहा कि किसानों की मांगें जायज़ हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।