अकाली दल से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विरसा सिंह वल्टोहा मंगलवार यानी आज श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। जहां उन्होंने अरदास की। अरदास करने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा- सतगुरु मैं आपके दरबार में हाजिर हूं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे झूठे हैं। अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास उनके खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें गुरु पंथ के दरबार में रखना चाहिए। ज्ञानी हरप्रीत सिंह का परिवार उनका अपना परिवार है। सतगुरु जी ध्यान रखें, मेरे दिल में बहुत दर्द है। 15 अक्टूबर को छोड़ी थी अकाली दल इसी माह 15 अक्टूबर को शिरोमणी अकाली दल के नेता रहे विरसा सिंह वल्टोहा श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे। जहां से उन्हें अकाली दल छोड़ने के आदेश दिए गए थे। कुछ देर बाद उनके द्वारा भेजा गया इस्तीफा अकाली दल ने मंजूर कर लिया था। इसकी जानकारी अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा द्वारा दी गई थी। चीमा ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने विरसा सिंह वल्टोहा का प्राथमिक सदस्यता एवं शिअद के सभी पदों से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। वल्टोहा ने कार्रवाई के बाद कहा था कि मैं आदेश स्वीकार करता हूं इससे पहले वल्टोहा ने कहा था कि श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में 10 साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। विरसा सिंह वल्टोहा मंगलवार को श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए थे। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। अकाली दल से इस्तीफा देने के बाद पहली बार विरसा सिंह वल्टोहा मंगलवार यानी आज श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। जहां उन्होंने अरदास की। अरदास करने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा- सतगुरु मैं आपके दरबार में हाजिर हूं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे झूठे हैं। अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास उनके खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें गुरु पंथ के दरबार में रखना चाहिए। ज्ञानी हरप्रीत सिंह का परिवार उनका अपना परिवार है। सतगुरु जी ध्यान रखें, मेरे दिल में बहुत दर्द है। 15 अक्टूबर को छोड़ी थी अकाली दल इसी माह 15 अक्टूबर को शिरोमणी अकाली दल के नेता रहे विरसा सिंह वल्टोहा श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे। जहां से उन्हें अकाली दल छोड़ने के आदेश दिए गए थे। कुछ देर बाद उनके द्वारा भेजा गया इस्तीफा अकाली दल ने मंजूर कर लिया था। इसकी जानकारी अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा द्वारा दी गई थी। चीमा ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने विरसा सिंह वल्टोहा का प्राथमिक सदस्यता एवं शिअद के सभी पदों से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। वल्टोहा ने कार्रवाई के बाद कहा था कि मैं आदेश स्वीकार करता हूं इससे पहले वल्टोहा ने कहा था कि श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में 10 साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। विरसा सिंह वल्टोहा मंगलवार को श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए थे। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नशा छुड़ाने को प्रशासन ने निगम, पुलिस समेत 10 विभागों से मांगी रिपोर्ट, पूछा-क्या प्रयास करें प्रशासन की ओर से ड्रग्स को जड़ से समाप्त करने और नशे के दलदल में डूबे युवाओं से नशा छुड़ाने के लिए कवायद की गई है। प्रशासन ड्रग एडिक्टों से नशा छुड़ाने के लिए योजना तैयार कर रहा है। प्रशासन ने नगर निगम, पुलिस, शिक्षा विभाग समेत 10 डिपार्टमेंट से नशा छुड़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बाबत रिपोर्ट मांगी है। सभी डिपार्टमेंट को पंद्रह दिन के भीतर प्रशासन को जवाब देना है। पंजाब का सबसे बड़ा दर्द नशा है। नशे की जद में आ रहे लोगों के वीडियो वायरल होते हैं और कई की मौत तक हो जाती है जिससे कई घर बर्बाद हो गए। सन 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में नशा प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना था। 2022 में पंजाब की सत्ता आम आदमी पार्टी के हाथों में आई है। सीएम भगवंत मान ने सत्ता में आने के बाद नशे को रोकने के लिए मुहिम शुरू की है। सरकार ने लुधियाना समेत अन्य जिलों के अधिकारियों को युवाओं में बढ़ते नशे को रोकने और ड्रग एडिक्टों के उपचार के लिए हरसंभव योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में प्रशासन ने लुधियाना डीसी ऑफिस में एंट्री ड्रग सेल स्थापित किया है। पुलिस प्रशासन की ओर से नशा तस्करों की प्रॉपर्टी हो रही सील नशा तस्करी रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त रुख अख्तियार किया गया है। पुलिस की ओर से गिरोह चिह्नित किए गए हैं जो नशे की सामग्री की सप्लाई कर रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है और नशे की सामग्री बेचकर तैयार की गई संपत्ति को भी सील किया है। अब पूरी टीम पूरे नेक्सस को समाप्त करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। प्रशासन की ओर से भी हाट स्पॉट चिन्हित कर कार्रवाई को निर्देशित किया गया है। नशा मुक्ति अभियान के तहत स्टाफ की भी की जा रही भर्ती डीसी साक्षी साहनी की ओर से नशे की चपेट में आए लोगों को उपचार दिलाने, काउंसलिंग, नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती करने और पूरी तरह से नशा छुड़ाने के लिए मुहिम शुरू की है। इसी क्रम में प्रशासन की ओर से नगर निगम, एसएसपी खन्ना, सिविल सर्जन, डीडीपीओ, खेतीबाड़ी विभाग, शिक्षा विभाग, जीएम इंडस्ट्री समेत अन्य डिपार्टमेंट प्रमुखों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि लोगों से नशा छुड़ाने के लिए क्या प्रयास किया जाए और क्या गतिविधियां की जाएं, इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। बाकायदा कैलेंडर बनाकर उपलब्ध कराने को निर्देशित किया गया है। एडीसी जनरल मेजर अमित सरीन ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत पीड़ितों को सेंटरों में उपचार दिलाया जाएगा। उनकी डाइट में भी बदलाव किया जा रहा है और स्टाफ की भर्ती की जा रही है। हाईकोर्ट ने भी नशे के मुद्दे पर सरकार से मांगा था जवाब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में नशे के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा था। पूछा था कि पंजाब में कितने लोग नशे के आदी हैं और रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। हाईकोर्ट ने पंजाब में हजारों करोड़ रुपये की नशा सामग्री पकड़े जाने के बावजूद नशे के बढ़ते प्रभाव पर नाराजगी जताई थी। इससे पंजाब सरकार सवालों के घेरे में आ गई थी। साथ ही हाईकोर्ट द्वारा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पूछा था कि हरियाणा और पंजाब में नशे के आदी लोगों की संख्या कितनी है। बता दें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब हाथ में लेकर एक चुनावी रैली में नशा का मुद्दा उठाया था और उन्होंने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर चार सप्ताह में नशे की कमर तोड़ दी जाएगी। इसके बाद कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं लेकिन पूरे कार्यकाल में नशे को लेकर सख्त एक्शन नहीं हुआ था। 2022 में आप सरकार ने सत्ता हासिल की थी। नहीं मिला लाभ…एंटी ड्रग सेल बने दो हफ्ते बीते, एक भी पंजीकरण नहीं प्रशासन ने दो सप्ताह पहले डीसी परिसर में एंटी ड्रग सेल स्थापित किया है। बकाया एडीसी जनरल ने सभी विभागों की मीटिंग लेकर नशा मुक्त अभियान के लिए योजना पर काम करने के निर्देश दिए थे। उम्मीद थी कि नशे की जद में आए लोग प्रशासन के पास पहुंचकर अपनी समस्या से अवगत कराएंगे और उपचार के लिए पंजीकरण कराएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। सूत्रों के अनुसार इस सेल के बारे में प्रचार प्रसार अधिक नहीं हो सका है जिसके चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक ये भी कारण है कि जहां यह सेल स्थापित किया गया है वहां एमए ब्रांच का दफ्तर है। एमए ब्रांच के कर्मचारी और एंटी ड्रग सेल के कर्मचारी एक साथ बैठ रहे हैं जिस कारण इस सेल के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पा रही है।
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सांसद अमृतपाल-सरबजीत पर भड़के सुखबीर बादल:बोले-नई पार्टी बनाने वाले नेता कर रहे राजनीति; मेरे-अकाली दल लिए श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में माघी जोर मेला सम्मेलन की तैयारी के लिए आज शिरोमणि अकाली दल के प्रधान रहे सुखबीर सिंह बादल ने नई पार्टी बना रहे बागी गुट के नेताओं को जवाब दिया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा- विपक्ष राजनीति की दुकान चलाता है। जबकि बादल परिवार ने राजनीति को सेवा मान लिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान यही नेता कहते थे कि हम राजनीति नहीं करेंगे और अब नई पार्टी बनाने में लगे हैं। सुखबीर सिंह बादल ने आगे कहा- अगर अकाली दल ने उप चुनाव नहीं लड़ा तो उन्होंने भी नहीं लड़ा। अकाली दल को खत्म करने की साजिश रची जा रही हैं। सरबजीत सिंह खालसा अपनी जीत के बाद निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मिलने तक नहीं पहुंचे। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को धन्यवाद देना भी जरूरी नहीं समझा। पंजाब का वर्चस्व बनाए रखने के लिए शिरोमणि अकाली दल को मजबूत किया जाना चाहिए। बादल बोले- गैंगस्टर किसी को भी फोन कर पैसे ले लेते हैं सुखबीर सिंह बादल ने आगे कहा कि कोई भी लीडर एक दिन में नहीं बनता, इसके लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। पंजाब में आज गैंगस्टर जिससे चाहते हैं, फोन कर पैसे ले लेते हैं। आज कल नया चलन चला है कि थानों में बम फेंके जा रहे हैं। लोगों ने हमारे खिलाफ जमकर सियासत की, मगर हम कुछ नहीं बोले। अकाली दल गुरुओं की पार्टी है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मेरे और अकाली दल के लिए श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम है। जो लोग नई पार्टी बना रहे हैं, उन्हें एक बार पूछा जाना चाहिए कि वह श्री अकाल तख्त साहिब को मानते भी हैं क्या?। बादल बोले- सांसद अमृतपाल पर साधा निशाना सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब हमारे कौम की सुप्रीमो है। बादल ने कहा- अब जंग शुरू हो गई है। क्योंकि हमें पंजाब और अपनी कौम को बचाना है। अगर पंजाब में तरक्की चाहिए तो सिर्फ अकाली दल कर सकता है। मुझे तो डर है कि कहीं कोई झूठ बोलने वाला न आ जाए, जो कि लोगों को भावुक कर अपनी तरफ करें। जिसके बाद फरीदकोट के एमपी खालसा पर निशाना साधा। सांसद अमृतपाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों ने 16-16 साल जेल काटी है। यहां एक साल में ही लोगों की चींखे निकली हुई हैं। चुनाव में दो साल रह गए हैं, लोगों को मन बनाना पड़ेगा।