शिरोमणि अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल आज श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) पहुंचा और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा के नेतृत्व में आज सुबह श्री दरबार साहिब पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने जत्थेदार को कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा, परमजीत सिंह सरना, हीरा सिंह गाबड़िया, गुलजार सिंह रणिके, शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण, शिरोमणि कमेटी सदस्य भाई राम सिंह, अंतरिम कमेटी सदस्य सुरजीत सिंह शामिल हैं। चीमा बोले- नई पार्टी बना रहे नेताओं को बधाई श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के बाद वरिष्ठ अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा- हम अपनी गुहार लेकर श्री अकाल तख्त साहिब आए हैं। अकाली दल से कहा गया कि 3 दिसंबर को लिए गए फैसलों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। लेकिन उक्त फैसले अभी भी कहीं लंबित हैं। ऐसे में आज प्रतिनिधिमंडल कुछ समय मांगने के लिए अकाल तख्त साहिब पनाहुंचा है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के बाद अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा- शिरोमणि अकाली दल हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के आगे झुका है। जो हमें सजाएं दी गई, हमने सजा पूरी की। कई विरोधी और कई विरोधियों की बातें सुनकर पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं और लोगों को भड़का रहे हैं। मैं विरोधियों को कहना चाहता हूं कि अखबारों में बयान देकर माहौल क्यों खराब करते हैं। डॉ. चीमा ने कहा- जो लोग पार्टी बनाना चाहते हैं, वो जरूर बनाएं। मेरी शुभकामनाएं हैं। मगर लोगों को बताना कि किन बातों को आगे रख कर आपने नई पार्टी बनाई। मगर पार्टी किसी एक धर्म की नहीं होती, पार्टी सभी धर्मों की होगी। ये आदेश चुनाव आयोग के हैं। चीमा ने आगे कहा- सुखबीर बादल के इस्तीफे का इस्तीफा को स्वीकार करने का काम वर्किंग कमेटी द्वारा किया जाएगा। वर्किंग कमेटी की मीटिंग के लिए एक दो दिन में डेट अनाउंस की जाएगी। 3 दिसंबर को सुखबीर बादल को हुई सजा बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 9 साल पहले माफी देने और केस वापस लेने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब ने पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल सहित अकाली दल की सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं को बर्तन धोने और टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई थी। साथ ही पंजाब के पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से पंथ रत्न ‘फख्र ए कौम सम्मान’ वापस ले लिया गया था। श्री अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार रघबीर सिंह ने अमृतसर के गोल्डन टेंपल में यह सजा सुनाई थी। सजा सुनाते वक्त ज्ञानी रघबीर सिंह ने अकाली दल की सारी लीडरशिप को दोबारा से चुनने का फैसला भी लिया था और सभी के इस्तीफे स्वीकार करने के आदेश दिए थे। मगर आज अकाली दल का वफद श्री अकाली तख्त साहिब में अर्जी लगाने पहुंचा है कि उन्हें इस्तीफे स्वीकार करने का माघी मेले तक का समय दे दिए जाए। जिसके बाद वह इस्तीफे स्वीकार कर नए नेताओं की पार्टी घोषित करेंगे। 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई थी राम रहीम मामले में श्री अकाल तख्त में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई थी। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था। शिरोमणि अकाली दल का एक प्रतिनिधिमंडल आज श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) पहुंचा और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा के नेतृत्व में आज सुबह श्री दरबार साहिब पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने जत्थेदार को कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा, परमजीत सिंह सरना, हीरा सिंह गाबड़िया, गुलजार सिंह रणिके, शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण, शिरोमणि कमेटी सदस्य भाई राम सिंह, अंतरिम कमेटी सदस्य सुरजीत सिंह शामिल हैं। चीमा बोले- नई पार्टी बना रहे नेताओं को बधाई श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के बाद वरिष्ठ अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा- हम अपनी गुहार लेकर श्री अकाल तख्त साहिब आए हैं। अकाली दल से कहा गया कि 3 दिसंबर को लिए गए फैसलों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। लेकिन उक्त फैसले अभी भी कहीं लंबित हैं। ऐसे में आज प्रतिनिधिमंडल कुछ समय मांगने के लिए अकाल तख्त साहिब पनाहुंचा है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के बाद अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा- शिरोमणि अकाली दल हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के आगे झुका है। जो हमें सजाएं दी गई, हमने सजा पूरी की। कई विरोधी और कई विरोधियों की बातें सुनकर पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं और लोगों को भड़का रहे हैं। मैं विरोधियों को कहना चाहता हूं कि अखबारों में बयान देकर माहौल क्यों खराब करते हैं। डॉ. चीमा ने कहा- जो लोग पार्टी बनाना चाहते हैं, वो जरूर बनाएं। मेरी शुभकामनाएं हैं। मगर लोगों को बताना कि किन बातों को आगे रख कर आपने नई पार्टी बनाई। मगर पार्टी किसी एक धर्म की नहीं होती, पार्टी सभी धर्मों की होगी। ये आदेश चुनाव आयोग के हैं। चीमा ने आगे कहा- सुखबीर बादल के इस्तीफे का इस्तीफा को स्वीकार करने का काम वर्किंग कमेटी द्वारा किया जाएगा। वर्किंग कमेटी की मीटिंग के लिए एक दो दिन में डेट अनाउंस की जाएगी। 3 दिसंबर को सुखबीर बादल को हुई सजा बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 9 साल पहले माफी देने और केस वापस लेने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब ने पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल सहित अकाली दल की सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं को बर्तन धोने और टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई थी। साथ ही पंजाब के पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से पंथ रत्न ‘फख्र ए कौम सम्मान’ वापस ले लिया गया था। श्री अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार रघबीर सिंह ने अमृतसर के गोल्डन टेंपल में यह सजा सुनाई थी। सजा सुनाते वक्त ज्ञानी रघबीर सिंह ने अकाली दल की सारी लीडरशिप को दोबारा से चुनने का फैसला भी लिया था और सभी के इस्तीफे स्वीकार करने के आदेश दिए थे। मगर आज अकाली दल का वफद श्री अकाली तख्त साहिब में अर्जी लगाने पहुंचा है कि उन्हें इस्तीफे स्वीकार करने का माघी मेले तक का समय दे दिए जाए। जिसके बाद वह इस्तीफे स्वीकार कर नए नेताओं की पार्टी घोषित करेंगे। 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई थी राम रहीम मामले में श्री अकाल तख्त में 5 सिंह साहिबानों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई थी। इस मामले में 30 अगस्त 2024 को सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त ने ‘तनखैया’ (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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