लुधियाना| श्री पंचमुखी बाला जी मंदिर वृंदावन रोड में गोवर्धन पूजा महोत्सव उर्मिला गुप्ता के आशीर्वाद से पंडित हरिंद्र गौतम की अध्यक्षता में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके मंदिर में कड़ी चावल का लंगर भी लगाया गया। भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए पंडित हरिंद्र गौतम ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को इन्द्र देव के प्रकोप से बचाया था, इसलिए सभी ब्रजवासियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के लिए 56 प्रकार के भोग तैयार किए गए थे। तभी से यह परंपरा शुरू हुई और आज भी गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस अवसर पर बलराम, डीके अरोड़ा और राकेश कुमार आदि मौजूद रहे। लुधियाना| श्री पंचमुखी बाला जी मंदिर वृंदावन रोड में गोवर्धन पूजा महोत्सव उर्मिला गुप्ता के आशीर्वाद से पंडित हरिंद्र गौतम की अध्यक्षता में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके मंदिर में कड़ी चावल का लंगर भी लगाया गया। भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए पंडित हरिंद्र गौतम ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को इन्द्र देव के प्रकोप से बचाया था, इसलिए सभी ब्रजवासियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के लिए 56 प्रकार के भोग तैयार किए गए थे। तभी से यह परंपरा शुरू हुई और आज भी गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस अवसर पर बलराम, डीके अरोड़ा और राकेश कुमार आदि मौजूद रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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दसूहा में युवती से 14.30 लाख की ठगी:कॉल कर OTP मांगा, एफडी भी तोड़ी, बैंक ने बंद नहीं किया क्रेडिट कार्ड
दसूहा में युवती से 14.30 लाख की ठगी:कॉल कर OTP मांगा, एफडी भी तोड़ी, बैंक ने बंद नहीं किया क्रेडिट कार्ड पंजाब के दसूहा में ठगों ने बैंक खाते से दो एफडी समेत कुल 9.30 लाख रुपए निकाल लिए। इतना ही नहीं, कुछ दिन बाद पीड़िता के क्रेडिट कार्ड से भी 5 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। पीड़िता ने बताया कि एक प्राइवेट बैंक में उनकी 8 लाख और 40 हजार रुपए की दो एफडी थीं। 4 नवंबर को जब वह बैंक गईं तो पता चला कि उनके खाते से सारे पैसे गायब हैं और एफडी भी तोड़ी जा चुकी हैं। घटना गांव डुगरी की है। मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई है, जहां केस दर्ज किया गया है। पीड़िता ने बैंक के दो अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता परमिंदर कौर के पिता का कहना है कि लड़के वाले शादी की तारीख तय करने की बात कर रहे हैं, लेकिन अब विवाह का खर्च कहां से करेंगे। जानिए क्या है पूरा मामला…
युवती को जब पता चला कि उनके खाते से 45000 हजार रुपए काट लिए गए है। बैंक पहुंचने पर पता चला कि डेबिट कार्ड की बजाए मेरे क्रेडिट कार्ड से पैसे निकलवाए जा रहे। जिसके बाद बैंक ने यह कटौती की। बैंक पहुंचने पर उन्होंने मौके पर मौजूद एक बैंककर्मी को इसके बारे में जानकारी दी। बैंककर्मी ने उनके मोबाइल की जांच की थी। बाद में वह घर लौट आई। अगले दिन उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह बैंक की तरफ से बोल रहा है। पीड़िता ने बताया कि इससे पहले उन्होंने बैंक को क्रेडिट कार्ड बंद करने के लिए कहा था। फोन करने वाले ने उनसे एक ओटीपी मांगा, जो उन्होंने दे दिया। इसके बाद उनकी एफडी का पैसा और खाते में जमा अन्य राशि कुल मिलाकर 9 लाख 30 हजार रुपए निकाल लिए गए। क्रेडिट कार्ड से 5 लाख निकले
पीड़ित परमिंदर कौर ने बताया कि 3 से 4 दिन पहले घर पर जालंधर से रिकवरी वाले आए। उन्होंने बताया कि आपके द्वारा क्रेडिट कार्ड से 5 लाख रुपए का अन्य यूज किया गया। मेरे द्वारा उनको क्रेडिट कार्ड को बंद करवाने को लेकर बैंक में एप्लीकेशन देने की बात बताई। वहीं उन्होंने बताया कि आपका क्रेडिट कार्ड बंद नहीं हुआ। बल्कि वह चल रहा। उसी के चलते इतने पैसों का यूज हुआ। इसके बाद बैंक जाकर और अधिकारियों को बताया, जहां केवल आश्वासन ही मिला। इसकी शिकायत भी दर्ज करवा दी गई। अगर बैंक कार्ड समय पर बंद करवा देता तो यह ठगी से बच जाती
पीड़ित परमिंदर कौर ने बताया पहले से खाते में जमा लाखों की नगदी उड़ा ली गई और अब 5 लाख का नोटिस आ रहा। उन्होंने बताया कि जब मेरे द्वारा गलती से पहले क्रेडिट कार्ड यूज हुआ था। बाद में बैंक में कार्ड बंद कराने गई थी। लेकिन बंद नहीं किया गया और यह कहा गया कि आपके फोन से मेल डाल दी गई है। इंक्वायरी के बाद बंद कर दिया जाएगा। लेकिन फिर भी बंद नहीं हुआ। उसके बाद मेरी एफडी ओर सेविंग अकाउंट खाली हो गया। फिर बैंक गई कार्ड को फिर से बंद करवाने का कहा फिर भी बंद नहीं हुआ। उसने बताया पहले ही अगर बैंक यह कार्ड बंद कर देता तो शायद फिर से यह ठगी न होती। अगले माह लड़का विदेश से आ रहा, शादी की तारीख मांग रहा परिवार
पीड़ित युवती के पिता हरभजन सिंह ने बताया कि बेटी का रिश्ता तय कर दिया था। शादी के लिए बैंक में पहले से धनराशि रखी थी। ताकि बेटी की शादी सही से कारवां सके। उन्होंने बताया कि बेटी का जिसके साथ रिश्ता तय किया वह विदेश में रहता है। अगले महीने आने वाला है। उनका परिवार शादी की तारीख तय करने के लिए बात कर रहा। जिसका कोई स्पष्ट जवाब हम दे नहीं पा रहे। उन्होंने बताया कि हमारे पास जो भी जमा था वह पैसे ठगों ने पहले ही निकाल लिए गए। अब यह समझ नहीं पा रहे कि उन्हें क्या जवाब दें।

भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद ढेसी को बड़ी जिम्मेदारी:ब्रिटेन की रक्षा समिति के चेयरमैन बने, 563 में से 320 वोट मिले; जालंधर में हुई स्कूलिंग
भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद ढेसी को बड़ी जिम्मेदारी:ब्रिटेन की रक्षा समिति के चेयरमैन बने, 563 में से 320 वोट मिले; जालंधर में हुई स्कूलिंग ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी को नई संसद की रक्षा समिति का अध्यक्ष चुना गया है। तनमनप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के अमृतसर और जालंधर के रहने वाले हैं। कल मतदान के बाद ढेसी का चयन किया गया। लेबर पार्टी के सांसद को 563 में से 320 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी लेबर पार्टी के सांसद डेरेक ट्विग को केवल 243 वोट ही मिल सके। मतदान में जीत के बाद उन्हें रक्षा समिति का अध्यक्ष चुना गया। ढेसी बोले- ये ओहदा मेरे लिए सम्मान की बात ढेसी ने इसकी जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर भी शेयर की थी। जिसमें उन्होंने कहा- हाउस द्वारा रक्षा समिति के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर मुझे बहुत सम्मानित महसूस हो रहा है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों के साथ मिलकर काम करना चाहिए कि सरकार हमारे देश को सुरक्षित रखने के अपने प्राथमिक कर्तव्य को पूरा करे और वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए जटिल खतरों से मिलकर निपटे। रक्षा समिति के अध्यक्ष के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा कि हमारा देश इन चुनौतियों का सामना करें। मैं सशस्त्र बलों के कर्मियों और हमारी सुरक्षा में बहुत योगदान देने वाले बहादुर लोगों के लिए संसद में अपनी आवाज उठाऊंगा। भारत आने पर अमृतसर एयरपोर्ट पर रोका गया था UK में सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी को 3 अगस्त 2023 में इंग्लैंड से लौटने अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया था। उनके एयरपोर्ट पर करीब दो घंटे तक पूछताछ हुई थी। जिसके बाद उन्हें जाने दिया गया था। वह एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-118 में बर्मिंघम से अमृतसर पहुंचे थे। जब उन्होंने अमृतसर एयरपोर्ट से चेक-आउट किया तो इमिग्रेशन अधिकारियों की तरफ से उन्हें रोक लिया गया था। अमृतसर पहुंचे तनमनजीत सिंह ढेसी के पास पर्याप्त डॉक्यूमेंट नहीं थे। उनके पास ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड नहीं था। इसी के चलते उन्हें रोका गया था। यूके में तीन कार्यकाल से सांसद हैं ढ़ेसी तनमनजीत सिंह ढेसी ब्रिटिश लेबर पार्टी से संबंधित हैं। सलोग हलके से 8 जून 2017 से UK में सांसद चुने जा रहे हैं। ढेसी UK सांसद में पहले पगड़ीधारी सिख थे। तब से लेकर अभी तक UK में सिखों के मुद्दों को उठाते आए हैं। इस बार भी उन्होंने चुनाव जीता और तीसरी बार वह यूके में सांसद बने हैं। यूके में कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते थे ढेसी के पिता तनमनजीत सिंह ढेसी का जन्म 17 अगस्त 1978 को यूके के स्लो में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। उन्होंने अपने शुरुआती साल चाल्वे, स्लो में बिताए। उनके पिता जसपाल सिंह यूके में एक निर्माण कंपनी चलाते हैं और केंट के ग्रेवेसेंड में गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा के अध्यक्ष थे। जो देश का सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है। ढेसी ने बचपन में भारत के पंजाब के जालंधर में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की। उनके अनुसार इस कदम ने उन्हें अपने चरित्र को मजबूत करने और अनुशासन की भावना विकसित करने में मदद की। इसके अलावा वह दुनिया भर में दक्षिण एशियाई लोगों से जुड़ने की अपनी क्षमता का श्रेय पंजाब में अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा को देते हैं। क्योंकि इससे उन्हें अपनी जातीयता के बारे में मजबूत जागरूकता विकसित करने में मदद मिली। इसके बाद ढेसी नौ साल की उम्र में यूके लौट आए और ग्रेवेसेंड में अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखी। उन्होंने वहां हेड बॉय के रूप में भी काम किया। बाद में उन्होंने यूके के तीन सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में पढ़ाई की। तनमनजीत सिंह पंजाबी, हिंदी, उर्दू, फ्रेंच और अंग्रेजी सहित आठ भाषाओं में पारंगत हैं। इसके अलावा, उन्हें जर्मन, इतालवी और लैटिन का भी अच्छा ज्ञान है।
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गुरदासपुर में 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस:नहरी विभाग ने की कार्रवाई, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर उठाए सवाल
गुरदासपुर में 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस:नहरी विभाग ने की कार्रवाई, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर उठाए सवाल गुरदासपुर जिले के गांव डीडा सांसियां में गत 15 जून को तीन नौजवानों की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया था और घटना के अगले दिन ही गांव में नशा तस्करी का काम करने वाले करीब 6 घरों के लोग गांव छोड़ फरार हो गए थे। पुलिस प्रशासन ने उक्त छह घरों को पूरी तरह से सील कर दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ उस समय आया है। जब नहरी विभाग ने उक्त गांव के 71 लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं। जिनमें से अभी सिर्फ 56 लोगों को ही नोटिस मिले हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में बाकी गांव वासियों के भी घर खाली करवाए जा रहे हैं। नहरी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह किसी साजिश के तहत नहीं बल्कि रुटीन के तहत चल रहे कामों का परिणाम है। पूरे गांव को लपेट रहा जिला प्रशासन- ग्रामीण गांव की महिला सरपंच कमलेश कुमारी, विक्रांत, करण कुमार, परमजीत, संजू और कुलदीप ने बताया कि गांव में नशे की ओवर डोज से मरे नौजवानों के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर उनके गांव में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी कारण गांव में नशे का कारोबार करने वाले संदिग्ध लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं और उन्हें घर खाली करने के लिए जून के अंत में जिला प्रशासन ने 6 नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अब जिला प्रशासन नशा तस्करों की आड़ में पूरे गांव को लपेट रहा है। लोगों ने कार्रवाई पर उठाए सवाल उन्होंने बताया कि गांव में कुछ लोग नशे का कारोबार करते थे। जिन पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर कुछ लोग गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ लोग फरार हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से गांव के लोग भी खुश हैं। लेकिन अब नहरी विभाग द्वारा गांव के 71 लोगों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि उक्त घर नहरी विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे करके बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में उनके दादा पड़दादा पिछले 150 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं और अब वो वहां रह रहे हैं। नहरों पर हुए अवैध कब्जे पहली सरकार को पहले क्यों नजर नहीं आए। यह सब उनके गांव को बदनाम करने और नहर किनारे बने घरों के लोगों को बेघर करने के लिए किया जा रहा है। गांव वासियों ने बताया कि गांव के बहुत से लोग सरकारी नौकरियां कर रहे हैं, कुछ लोग सेना में भी हैं, जरूरी नहीं कि गांव के कुछ लोग नशा तस्करी करते हैं तो पूरे गांव को उनके साथ मिला दिया जाए। एक्सईएन ने दी मामले की जानकारी नहरी विभाग के एक्सईएन करणबीर सिंह बैंस ने बताया कि उक्त मामले का नशे से कोई लेना देना नहीं है। उनके विभाग के एसडीओ रोहित प्रभाकर ने उनकी कोर्ट में एक केस लगाया था। जिसमें बताया गया था कि गांव डीडा सांसिया में कुछ लोगों ने नहरी विभाग की जमीन पर कब्जा करके घर बनाए गए हैं और उसी केस के तहत गांव के कुछ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।