संजय राउत की किताब पर शरद पवार का बड़ा खुलासा, कहा- ‘सत्ता के दुरुपयोग को…’

संजय राउत की किताब पर शरद पवार का बड़ा खुलासा, कहा- ‘सत्ता के दुरुपयोग को…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sharad Pawar On Sanjay Raut Book:</strong> राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार के प्रमुख और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने संजय राउत की पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम में सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाए जाने पर गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे लोग याद रखेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने शिवसेना नेता संजय राउत का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने ऑर्थर रोड जेल में 100 दिन बिताए और उस कठिन समय को उन्होंने लिखित रूप में दर्ज किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी सरकार के खिलाफ लिखता या बोलता है, उसके खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उनकी कलम कुछ लोगों को नहीं पच रही'</strong><br />शरद पवार ने आगे कहा, “संजय राउत ‘सामना’ अखबार में बेहद बेबाकी से लिखते हैं. उनकी कलम कुछ लोगों को पच नहीं रही थी, वे बेचैन थे और मौके की तलाश में थे. पत्राचाळ घोटाले में मध्यमवर्गीय लोगों के लिए घरों की जरूरत को लेकर उठाए गए मुद्दे में संजय राउत को ईडी द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया, जबकि उनका प्रत्यक्ष कोई संबंध नहीं था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राउत ने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखा'</strong><br />उन्होंने यह भी कहा कि संजय राउत ने लगातार सरकारी तंत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखा. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि कैसे कुछ लोग सरकारी एजेंसियों की मदद से अवैध रूप से पैसा वसूल रहे हैं. ऐसे 30-35 लोगों से पैसे वसूले गए थे और जब राउत ने यह बात प्रमुख लोगों को लिखी, तब उन्हें जेल भेजा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने एक और घटना का हवाला दिया कि एकनाथ खडसे के दामाद, जो इंग्लैंड में टाटा कंसल्टेंसी में कार्यरत थे, उनको मुंबई बुलाकर ईडी ने गिरफ्तार किया क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि खडसे पर कार्रवाई होने वाली है. अनिल देशमुख के मामले में पवार ने कहा कि उन पर 100 करोड़ का आरोप लगाया गया, लेकिन जांच में केवल एक करोड़ का मामला सामने आया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करती है किताब'</strong><br />इन सभी घटनाओं के बीच शरद पवार ने यह भी कहा कि इन नेताओं ने डरने के बजाय एक-दूसरे को हिम्मत दी और डटे रहे. उन्होंने टीवी बहसों पर भी सवाल उठाया. शरद पवार ने कहा, “पुस्तक पढ़े बिना लोग कैसे तय कर सकते हैं कि उसमें क्या लिखा है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किताब सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विपक्षी दलों को बनाया जा रहा निशाना'</strong><br />केंद्र में मंत्री रहते हुए शरद पवार ने पीएमएलए कानून पर आपत्ति जताई थी और मनमोहन सिंह को चेताया था कि यह कानून खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा था कि अगर सत्ता बदली, तो यही कानून हमारे खिलाफ इस्तेमाल होगा और वही हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार के दौरान केवल विपक्षी शिवसेना यूबीटी, एनसीपी एसपी, आम आदमी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया गया.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sharad Pawar On Sanjay Raut Book:</strong> राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार के प्रमुख और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने संजय राउत की पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम में सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाए जाने पर गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे लोग याद रखेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार ने शिवसेना नेता संजय राउत का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने ऑर्थर रोड जेल में 100 दिन बिताए और उस कठिन समय को उन्होंने लिखित रूप में दर्ज किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी सरकार के खिलाफ लिखता या बोलता है, उसके खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उनकी कलम कुछ लोगों को नहीं पच रही'</strong><br />शरद पवार ने आगे कहा, “संजय राउत ‘सामना’ अखबार में बेहद बेबाकी से लिखते हैं. उनकी कलम कुछ लोगों को पच नहीं रही थी, वे बेचैन थे और मौके की तलाश में थे. पत्राचाळ घोटाले में मध्यमवर्गीय लोगों के लिए घरों की जरूरत को लेकर उठाए गए मुद्दे में संजय राउत को ईडी द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया, जबकि उनका प्रत्यक्ष कोई संबंध नहीं था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’राउत ने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखा'</strong><br />उन्होंने यह भी कहा कि संजय राउत ने लगातार सरकारी तंत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखा. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि कैसे कुछ लोग सरकारी एजेंसियों की मदद से अवैध रूप से पैसा वसूल रहे हैं. ऐसे 30-35 लोगों से पैसे वसूले गए थे और जब राउत ने यह बात प्रमुख लोगों को लिखी, तब उन्हें जेल भेजा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने एक और घटना का हवाला दिया कि एकनाथ खडसे के दामाद, जो इंग्लैंड में टाटा कंसल्टेंसी में कार्यरत थे, उनको मुंबई बुलाकर ईडी ने गिरफ्तार किया क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि खडसे पर कार्रवाई होने वाली है. अनिल देशमुख के मामले में पवार ने कहा कि उन पर 100 करोड़ का आरोप लगाया गया, लेकिन जांच में केवल एक करोड़ का मामला सामने आया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करती है किताब'</strong><br />इन सभी घटनाओं के बीच शरद पवार ने यह भी कहा कि इन नेताओं ने डरने के बजाय एक-दूसरे को हिम्मत दी और डटे रहे. उन्होंने टीवी बहसों पर भी सवाल उठाया. शरद पवार ने कहा, “पुस्तक पढ़े बिना लोग कैसे तय कर सकते हैं कि उसमें क्या लिखा है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किताब सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विपक्षी दलों को बनाया जा रहा निशाना'</strong><br />केंद्र में मंत्री रहते हुए शरद पवार ने पीएमएलए कानून पर आपत्ति जताई थी और मनमोहन सिंह को चेताया था कि यह कानून खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा था कि अगर सत्ता बदली, तो यही कानून हमारे खिलाफ इस्तेमाल होगा और वही हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार के दौरान केवल विपक्षी शिवसेना यूबीटी, एनसीपी एसपी, आम आदमी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया गया.</p>  महाराष्ट्र पार्षदों के इस्तीफों को AAP ने बताया BJP की साजिश, वीरेंद्र सचदेवा ने किया पलटवार, ‘सच ये है कि…’