पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने रविवार को मंसूरपुर थाने पहुंचकर पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद ही उनकी सुरक्षा हटा दी गई। अब उनके साथ एस्कॉर्ट भी नहीं चलेगी। बालियान मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद भी रहे हैं। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा- मैंने अपनी बात मुख्यमंत्री को लिखकर भेज दी है। मेरी बात पुलिस अधिकारियों को बुरी लगी होगी, तभी सुरक्षा हटा दी गई। मैंने कोई गलत बात नहीं कही। सबकुछ सही कहा है। संजीव बालियान ने योगी से कार्रवाई की मांग की
संजीव बालियान ने अपने लेटर में CM योगी से इस मामले पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने लिखा- आपकी जीवन यात्रा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि मंदिर और धर्मशाला की जमीन कब्जाने के मामले में आप कार्यवाही करेंगे। वहीं, अपनी सुरक्षा वापस लिए जाने को लेकर कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है। लेकिन एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस का ऐसा रवैया है, तो बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं के हालात क्या होंगे।
अब पूर्व मंत्री ने CM योगी को जो लेटर लिखा, वो पूरा पढ़िए… अब पूरा मामला समझिए…
थाने में पूर्व मंत्री ने समर्थकों के साथ हंगामा किया
मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाने में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने समर्थकों के साथ हंगामा किया। इस दौरान संजीव बालियान और इंस्पेक्टर उमेश कुमार के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुलिस पर डिस्टलरी के पक्ष में काम करने, ग्रामीणों पर दबाव बनाने और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए। कहा- पुलिस डिस्टलरी का पक्ष ले रही है। गांव वालों के साथ अन्याय कर रही है। बीजेपी सरकार में पुलिस मंदिर की जमीन पर कब्जा कराने में मदद करेगी, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंस्पेक्टर ने कहा- हम बस कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। बालियान ने कहा, पुलिस को दोनों पक्षों की सुननी चाहिए। बालियान खान्नुपुर गांव में ग्रामीणों और मंसूरपुर डिस्टलरी के बीच चल रहे विवाद को गांव वालों के पक्ष में थाने पहुंचे थे। पहले देखिए थाने में नोकझोंक के फोटो… दरअसल, मंसूरपुर डिस्टलरी से सटा खान्नूपुर गांव है। यहां श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और उसकी खाली पड़ी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का दावा है कि उस जमीन को मंदिर के लिए उनके पूर्वजों ने खरीदा था, जबकि डिस्टलरी उस पर अपना दावा ठोक रही है। ये मामला कोर्ट में है। हाल ही में डिस्टलरी ने विवादित जमीन पर दीवार बनाकर कब्जा कर लिया। मामले में खान्नूपुर गांव के ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए पुलिस से काम रुकवाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कोर्ट का आदेश का हवाला देते हुए काम रुकवाने से इनकार कर दिया। आज संजीव बालियान ग्रामीणों के पक्ष में थाने पहुंचे थे। दीवार खड़ी करने के दौरान कार्रवाई क्यों नहीं हुई
इस पर बालियान ने कहा था- अगर गांव वाले कुछ करें, तो पुलिस को भी वहां नहीं जाना चाहिए। जब डिस्टलरी विवादित जमीन पर दीवार खड़ी कर रही थी, तब पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? संजीव बालियान ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा, ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। जिसके बाद वो अपने समर्थकों के साथ थाने से बाहर निकल गए। CO बोले- मामला कोर्ट में विचाराधीन
सीओ खतौली रामाशीष यादव ने बताया- विवादित जमीन को लेकर मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। गांव वालों का दावा है कि उनके पूर्वज मंसूरपुर मिल/डिस्टलरी में काम करते थे, जिन्होंने नौकरी के पैसे इकट्ठा करके मंदिर के लिए जमीन खरीदी थी। उस जमीन पर श्री लक्ष्मी नारायण का मंदिर बना हुआ है। दूसरी ओर, डिस्टलरी के पास कोर्ट का आदेश है, जिसमें साफ लिखा है कि उनके कार्य में कोई हस्तक्षेप न किया जाए। ……………
संजीव बालियान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाने में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने समर्थकों के साथ हंगामा किया। इस दौरान थाने में संजीव बालियान और इंस्पेक्टर के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पुलिस पर डिस्टलरी के पक्ष में काम करने, ग्रामीणों पर दबाव बनाने और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए। पूरी खबर पढ़ें… पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने रविवार को मंसूरपुर थाने पहुंचकर पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद ही उनकी सुरक्षा हटा दी गई। अब उनके साथ एस्कॉर्ट भी नहीं चलेगी। बालियान मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद भी रहे हैं। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा- मैंने अपनी बात मुख्यमंत्री को लिखकर भेज दी है। मेरी बात पुलिस अधिकारियों को बुरी लगी होगी, तभी सुरक्षा हटा दी गई। मैंने कोई गलत बात नहीं कही। सबकुछ सही कहा है। संजीव बालियान ने योगी से कार्रवाई की मांग की
संजीव बालियान ने अपने लेटर में CM योगी से इस मामले पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने लिखा- आपकी जीवन यात्रा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि मंदिर और धर्मशाला की जमीन कब्जाने के मामले में आप कार्यवाही करेंगे। वहीं, अपनी सुरक्षा वापस लिए जाने को लेकर कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है। लेकिन एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस का ऐसा रवैया है, तो बीजेपी के आम कार्यकर्ताओं के हालात क्या होंगे।
अब पूर्व मंत्री ने CM योगी को जो लेटर लिखा, वो पूरा पढ़िए… अब पूरा मामला समझिए…
थाने में पूर्व मंत्री ने समर्थकों के साथ हंगामा किया
मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाने में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने समर्थकों के साथ हंगामा किया। इस दौरान संजीव बालियान और इंस्पेक्टर उमेश कुमार के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुलिस पर डिस्टलरी के पक्ष में काम करने, ग्रामीणों पर दबाव बनाने और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए। कहा- पुलिस डिस्टलरी का पक्ष ले रही है। गांव वालों के साथ अन्याय कर रही है। बीजेपी सरकार में पुलिस मंदिर की जमीन पर कब्जा कराने में मदद करेगी, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंस्पेक्टर ने कहा- हम बस कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। बालियान ने कहा, पुलिस को दोनों पक्षों की सुननी चाहिए। बालियान खान्नुपुर गांव में ग्रामीणों और मंसूरपुर डिस्टलरी के बीच चल रहे विवाद को गांव वालों के पक्ष में थाने पहुंचे थे। पहले देखिए थाने में नोकझोंक के फोटो… दरअसल, मंसूरपुर डिस्टलरी से सटा खान्नूपुर गांव है। यहां श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और उसकी खाली पड़ी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का दावा है कि उस जमीन को मंदिर के लिए उनके पूर्वजों ने खरीदा था, जबकि डिस्टलरी उस पर अपना दावा ठोक रही है। ये मामला कोर्ट में है। हाल ही में डिस्टलरी ने विवादित जमीन पर दीवार बनाकर कब्जा कर लिया। मामले में खान्नूपुर गांव के ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए पुलिस से काम रुकवाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कोर्ट का आदेश का हवाला देते हुए काम रुकवाने से इनकार कर दिया। आज संजीव बालियान ग्रामीणों के पक्ष में थाने पहुंचे थे। दीवार खड़ी करने के दौरान कार्रवाई क्यों नहीं हुई
इस पर बालियान ने कहा था- अगर गांव वाले कुछ करें, तो पुलिस को भी वहां नहीं जाना चाहिए। जब डिस्टलरी विवादित जमीन पर दीवार खड़ी कर रही थी, तब पुलिस ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? संजीव बालियान ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए कहा, ग्रामीणों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। जिसके बाद वो अपने समर्थकों के साथ थाने से बाहर निकल गए। CO बोले- मामला कोर्ट में विचाराधीन
सीओ खतौली रामाशीष यादव ने बताया- विवादित जमीन को लेकर मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। गांव वालों का दावा है कि उनके पूर्वज मंसूरपुर मिल/डिस्टलरी में काम करते थे, जिन्होंने नौकरी के पैसे इकट्ठा करके मंदिर के लिए जमीन खरीदी थी। उस जमीन पर श्री लक्ष्मी नारायण का मंदिर बना हुआ है। दूसरी ओर, डिस्टलरी के पास कोर्ट का आदेश है, जिसमें साफ लिखा है कि उनके कार्य में कोई हस्तक्षेप न किया जाए। ……………
संजीव बालियान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर थाने में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने समर्थकों के साथ हंगामा किया। इस दौरान थाने में संजीव बालियान और इंस्पेक्टर के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पुलिस पर डिस्टलरी के पक्ष में काम करने, ग्रामीणों पर दबाव बनाने और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर