<p>संभल एडिशनल SP श्रीष चंद टीटी -<br />मंदिर से सटे हुए मतीन अहमद के मकान की पड़ताल और ब्योरा लेने पर -<br />मकान मालिक ने बताया कि मकान में अतिरिक्त निर्माण बनाया गया है, और वो निर्माण कल से हटाना शुरू कर देंगे. जितने आस पास के लोग हैं उनकी जानकारी के आधार पर पड़ताल की जा रही है. मंदिर के पीछे का भवन नहीं था बल्कि खाली जमीन थी.. और किस संदर्भ में निर्माण हुआ है उसकी जांच की जा रही है.</p>
<p>मंदिर से सटे हुए मतीन अहमद के मकान में जो अतिरिक्त निर्माण कार्य है वो खुद हटाया जाएगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रशासन द्वारा तोड़ा जाएगा….</p> <p>संभल एडिशनल SP श्रीष चंद टीटी -<br />मंदिर से सटे हुए मतीन अहमद के मकान की पड़ताल और ब्योरा लेने पर -<br />मकान मालिक ने बताया कि मकान में अतिरिक्त निर्माण बनाया गया है, और वो निर्माण कल से हटाना शुरू कर देंगे. जितने आस पास के लोग हैं उनकी जानकारी के आधार पर पड़ताल की जा रही है. मंदिर के पीछे का भवन नहीं था बल्कि खाली जमीन थी.. और किस संदर्भ में निर्माण हुआ है उसकी जांच की जा रही है.</p>
<p>मंदिर से सटे हुए मतीन अहमद के मकान में जो अतिरिक्त निर्माण कार्य है वो खुद हटाया जाएगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रशासन द्वारा तोड़ा जाएगा….</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Maharashtra: मंत्री नहीं बनाए जाने पर BJP नेता सुधीर मुनगंटीवार बोले, ‘हो सकता है कि पार्टी ने मेरे लिए…’
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राजस्थानी फिल्म ‘भरखमा’ में दिखाए गए सभी पहलू, 13 साल बाद पूरा हुआ एक्टर का सपना <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Film Industry:</strong> राजस्थान की फिल्मों में यहां के कलाकारों को कम काम मिलता रहा है, लेकिन अब यहां के स्थानीय कलाकारों को मजबूती दी जा रही है. इसी कड़ी में ‘भरखमा’ फिल्म में गंगापुरसिटी जिले के नोहरा गांव के रहने वाले भरत गुर्जर ने बड़ी भूमिका अदा की है. उन्होंने इस फिल्म में आने तक का सफर कड़ी मेहनत से तय किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भरत गुर्जर ने एबीपी न्यूज से ख़ास बातचीत में बताया कि यहां तक आने का सफर आसान नहीं था. पिछ्ले 13 साल से फिल्मों में आने की मेनहत और संघर्ष जारी है. भरत का कहना है कि राजस्थानी विषय पर बनी फिल्मों में काम करने की इच्छा है. एक पुलिस वाले के रोल से समाज और पुलिस दोनों को और बल मिलेगा. इसलिए अभी बहुत काम करना है. इस फिल्म में सभी पहलुओं पर काम हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहली फिल्म में दिखाया दम</strong><br />राजस्थानी फिल्म जगत में लोक कला के प्रचारक भरत गुर्जर ने अपनी पहली फिल्म ‘भरखमा’ से अभिनय जगत में धमाकेदार एंट्री की है. फिल्म में वे अंजलि राघव के साथ मुख्य भूमिका निभाते हुए नजर आये हैं. फिल्म में भरत गुर्जर ने एक कॉलेज प्रोफेसर का किरदार निभाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उनका यह किरदार दर्शकों को खूब पसंद आया. हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘भरखमा’ का एक क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है. जिसमें दर्शक भरत गुर्जर के अभिनय की खूब तारीफ करते नजर आये हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन कामों को सराहा गया </strong><br />भरत गुर्जर पिछले 13 सालों से ‘नोहरा म्यूजिक’ के बैनर तले राजस्थानी लोक कला, भाषा और संगीत को बढ़ावा दे रहे हैं. इनके द्वारा बनाए गए गानों पर 37,000 लोगों ने रील बनाया था. अभी नोरहा म्यूजिक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं. म्यूजिक प्रोडक्शन कर रहे हैं. लांगुरिया गाने, गुर्जर, रसिया फोक गानों के लिए जाने जाते है, जो फोक पारंपरिक संगीत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>फिल्मों में आने से पहले वे मुख्य रूप से निर्माता और निर्देशक के रूप में काम करते थे. गुर्जर ने बताया कि फिल्म के मुख्य अभिनेता श्रवण सागर ने उन्हें इस भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया था. भरत के पिता मानसिंह गुर्जर एक किसान हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”अजमेर: आनासागर और फॉयसागर झील से हटेंगे सभी अतिक्रमण, बदला-बदला दिखेगा सब कुछ” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/ajmer-anasagar-and-foysagar-lakes-encroachments-will-be-removed-ann-2782274″ target=”_blank” rel=”noopener”>अजमेर: आनासागर और फॉयसागर झील से हटेंगे सभी अतिक्रमण, बदला-बदला दिखेगा सब कुछ</a></strong></p>
Pune Zika Virus: पुणे में तेजी से फैल रहा जीका वायरस, दो गर्भवती महिलाओं समेत 6 लोग संक्रमित
Pune Zika Virus: पुणे में तेजी से फैल रहा जीका वायरस, दो गर्भवती महिलाओं समेत 6 लोग संक्रमित <p style=”text-align: justify;”><strong>Pune Zika Virus Cases:</strong> महाराष्ट्र के पुणे शहर में जीका वायरस के छह मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मरीजों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. एरंडवाने क्षेत्र की एक 28 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया था. अब बीते शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जबकि एक अन्य गर्भवती महिला को सोमवार को संक्रमण का पता चला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अधिकारी ने कहा कि दोनों महिलाओं की हालत ठीक है और उनमें कोई लक्षण नहीं हैं. गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस भ्रूण में माइक्रोसेफेली (ऐसी स्थिति जिसमें असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण सिर काफी छोटा हो जाता है) का कारण बन सकता है. जीका वायरस के संक्रमण का पहला मामला एरंडवाने से सामने आया था, जब एक 46 वर्षीय डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नगर निगम ने शुरू की फॉगिंग</strong><br />इसके बाद उनकी 15 वर्षीय बेटी का सैंपल भी पॉजिटिव आया. अधिकारी ने बताया कि मुंधवा में भी एक 47 वर्षीय महिला और 22 वर्षीय युवक जीका वायरस से संक्रमित है. जीका वायरस बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलती है, जिसे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण फैलाने के लिए भी जाना जाता है. इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा में हुई थी. पुणे नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग निगरानी कर रहा है. उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए फॉगिंग और फ्यूमिगेशन जैसे उपाय किए जा रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे फैलता है जीका वायरस?</strong><br />जीका वायरस संक्रमित मच्छर एडीज एजिप्‍टी और एल्बोपिक्टस के काटने से फैलता है. यह वायरस यौन संपर्क, ब्‍लड इंफेक्‍शन या प्रसव के दौरान संक्रमित मां से बच्‍चे में प्लेसेंटा के जरिए बहुत तेजी से फैल सकता है. इसलिए गर्भवती महिला को पहली तिमाही में अल्‍ट्रासाउंड स्‍क्रीनिंग कराते वक्‍त सावधान रहना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीका वायरस के लक्षण</strong><br />आमतौर पर जीका वायरस से संक्रमित 80 फीसदी लोगों में कोई संक्रमण नहीं दिखते, लेकिन अगर किसी को बुखार, दाने, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द या कंजेक्टिवाइटिस जैसा लग रहा है, तो इग्‍नोर नहीं करना चाहिए. यह लक्षण संक्रमित मच्‍छर के काटने के एक सप्‍ताह बाद दिखाई देते हैं और बाद में लगभग एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं.</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”महाराष्ट्र में कौन होगा CM पद का चेहरा? महायुति और महाविकास अघाडी…दोनों खेमों में चर्चा शुरू” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-discussion-on-post-of-cm-in-mva-and-eknath-shinde-shiv-sena-ann-2727842″ target=”_self”>महाराष्ट्र में कौन होगा CM पद का चेहरा? महायुति और महाविकास अघाडी…दोनों खेमों में चर्चा शुरू</a></strong></p>
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कश्मीरी पंडित महिलाओं से नहीं छीना जा सकता प्रवासी का दर्जा, HC की अहम टिप्पणी
कश्मीरी पंडित महिलाओं से नहीं छीना जा सकता प्रवासी का दर्जा, HC की अहम टिप्पणी <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने दूरगामी परिणामों वाले एक फैसले में कहा है कि कश्मीरी पंडित महिलाएं गैर-प्रवासियों से शादी करने पर भी प्रवासी का दर्जा बरकरार रखेंगी. प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत चयनित दो महिलाओं के पक्ष में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के आदेश को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीमा कौल और विशालनी कौल नाम की दो महिलाओं ने 2018 में हाई कोर्ट का रुख किया था, जब आपदा प्रबंधन विभाग में कानूनी सहायक के पद पर उनका अनंतिम चयन इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि गैर-प्रवासी व्यक्तियों से शादी करने के कारण उन्होंने अपना प्रवासी दर्जा खो दिया है. दोनों महिलाओं को 1 दिसंबर, 2017 को कश्मीरी प्रवासियों के लिए पीएम पैकेज के तहत पुनर्निर्माण के तहत नियुक्त किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या दी दलीलें?</strong><br />अदालत के समक्ष एक सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि क्या एक महिला जिसे उसके और उसके परिवार द्वारा झेली गई पीड़ा के कारण प्रवासी का दर्जा दिया गया है, जिसके कारण उन्हें कश्मीर घाटी में अपना घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्या वह केवल इस तथ्य के कारण उक्त दर्जा खो सकती है कि उसने एक गैर-प्रवासी से विवाह किया था?</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और मोहम्मद यूसुफ वानी की खंडपीठ ने पिछले महीने सात पन्नों के आदेश में कहा, “यहां प्रतिवादी महिलाएं हैं और उन्हें बिना किसी गलती के कश्मीर घाटी में अपने मूल निवास स्थान को छोड़ना पड़ा, उनसे यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वे केवल प्रवासी के रूप में कश्मीर घाटी में नौकरी पाने के लिए अविवाहित रहें.” यह भी मानना उचित है कि पलायन के कारण, हर प्रवासी महिला को ऐसा जीवनसाथी नहीं मिल पाएगा जो खुद प्रवासी हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में, यह मानना कि महिला केवल इसलिए प्रवासी के रूप में अपनी स्थिति खो देगी क्योंकि उसे परिवार बनाने की स्वाभाविक इच्छा के कारण मौजूदा परिस्थितियों के कारण गैर-प्रवासी से विवाह करना पड़ा, घोर “भेदभावपूर्ण और न्याय की अवधारणा के विरुद्ध होगा”. कोर्ट ने ये भी कहा, “यह भेदभाव और भी निर्लज्ज हो जाता है जब एक पुरुष प्रवासी इस तथ्य के बावजूद प्रवासी बना रहता है कि उसने गैर-प्रवासी से विवाह किया है. ऐसी स्थिति केवल पितृसत्ता के कारण उत्पन्न हुई है मानव जाति में यह सर्वोपरि है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’भेदभाव बर्दाश्त नहीं'</strong><br />कोर्ट ने 16 मई के कैट आदेश के खिलाफ संघ राज्य क्षेत्र द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हालांकि, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के अंतर्गत रोजगार से संबंधित मामलों में इस तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2008 में घोषित प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत चयन के बाद लगभग 4,000 कश्मीरी प्रवासी पंडित कश्मीर में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं, जिसके दो प्रमुख घटक हैं. एक समुदाय के युवाओं के लिए 6,000 नौकरियों के प्रावधान से संबंधित है और दूसरा भर्ती किए गए कर्मचारियों के लिए 6,000 आवास इकाइयों के प्रावधान से संबंधित है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने न्यायाधिकरण के आदेश को “न्यायसंगत और उचित” बताते हुए कहा कि अपीलकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत यह तर्क कि इस तथ्य का खुलासा नहीं किया गया कि प्रतिवादी विवाहित थे, कोई महत्व नहीं रखता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए खारिज किया तर्क</strong><br />पीठ ने कहा, “निस्संदेह, विज्ञापन नोटिस तथ्यों/वैवाहिक स्थिति के गैर-प्रकटीकरण या अनुचित प्रकटीकरण के कारण उम्मीदवारी को रद्द करने का प्रावधान नहीं करता है। इसके अलावा, अपीलकर्ता यह दिखाने में सक्षम नहीं हैं कि इस तरह के गैर-प्रकटीकरण के कारण जो लोग अन्यथा चयनित नहीं हो सके, उनके साथ किस तरह से अन्याय हुआ है. इसलिए, यह तर्क भी खारिज किया जाता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”महबूबा मुफ्ती पर BJP ने लगाया ‘देशद्रोह’ का आरोप, की कार्रवाई की मांग, बांग्लादेश वाले बयान पर सियासत” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/ravinder-raina-demands-legal-action-against-pdp-chief-mehbooba-mufti-on-india-bangladesh-statement-2834250″ target=”_blank” rel=”noopener”>महबूबा मुफ्ती पर BJP ने लगाया ‘देशद्रोह’ का आरोप, की कार्रवाई की मांग, बांग्लादेश वाले बयान पर सियासत</a></strong></p>