इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को संभल हिंसा से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई होगी। पहली याचिका एसआईटी से जांच कराने के लिए है। दूसरी याचिका घटना में मारे गए और गिरफ्तार लोगों की सूची जारी करने के लिए है। एसआईटी से जांच वाली मांग में पुलिस पर बर्बरता का आरोप हैं। साथ ही, अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। इनमें से एक जनहित याचिका चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास की बेंच के सामने सुनी जाएगी। दूसरी डॉ आनंद प्रकाश तिवारी की जनहित याचिका न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ के सामने आएगी। एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की PIL में क्या कुछ है, पढ़िए दूसरी याचिका में अफसरों की भूमिका पर सवाल
डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में पुलिस प्रशासन पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराई जाए। कहा गया है कि हिंसा में संभल के डीएम व एसपी के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। पूरी जांच CBI को सौंप देनी चाहिए।
अब इससे पहले दाखिल याचिकाओं को समझिए संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई। संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा मामले में जिलाधिकारी, एसपी, एएसपी, सीओ, कमांडेन्ट पीएसी व एसएचओ कोतवाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ के द्वारा दाखिल की गई है। याची अधिवक्ता सहर नकवी का कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा सब लोग गोली चलाओ, इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया। जिसमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं हत्या है। इसलिए दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए। संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल यह दूसरी याचिका है। इससे पहले हुई याचिका में क्या कहा गया इससे पहले संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनिहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है। याचिका में फायरिंग और बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। साथ ही सम्भल डीएम, एसपी, मुरादाबाद कमिश्नर के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वे से लेकर हुई हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच सीबीआई से कराई जाए। वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह और अधिवक्ता विनीत विक्रम ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल की है। हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट
यूपी के संभल में हुई हिंसा के मामले में अब हिंदू पक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। संभल की शाही जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशन के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने कैविएट दाखिल कर दी। इस केस के वादी मुकदमा हरिशंकर जैन और पार्थ यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल कैविएट दाखिल कर अपनी बात रखी है। हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की है कि अगर मुस्लिम पक्ष कोई भी याचिका दाखिल करता है तो बिना हिंदू पक्ष को सुने कोई भी आदेश न पारित किया जाए। कैविएट संभल के सिविल जज के 19 नवंबर के सर्वे आदेश से जुड़े मुकदमे को लेकर दाखिल की गई है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जल्द ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ अपनी अर्जी दाखिल कर सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को संभल हिंसा से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई होगी। पहली याचिका एसआईटी से जांच कराने के लिए है। दूसरी याचिका घटना में मारे गए और गिरफ्तार लोगों की सूची जारी करने के लिए है। एसआईटी से जांच वाली मांग में पुलिस पर बर्बरता का आरोप हैं। साथ ही, अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। इनमें से एक जनहित याचिका चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास की बेंच के सामने सुनी जाएगी। दूसरी डॉ आनंद प्रकाश तिवारी की जनहित याचिका न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ के सामने आएगी। एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की PIL में क्या कुछ है, पढ़िए दूसरी याचिका में अफसरों की भूमिका पर सवाल
डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में पुलिस प्रशासन पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराई जाए। कहा गया है कि हिंसा में संभल के डीएम व एसपी के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। पूरी जांच CBI को सौंप देनी चाहिए।
अब इससे पहले दाखिल याचिकाओं को समझिए संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल हुई। संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा मामले में जिलाधिकारी, एसपी, एएसपी, सीओ, कमांडेन्ट पीएसी व एसएचओ कोतवाली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र सचिव मोहम्मद यूसुफ के द्वारा दाखिल की गई है। याची अधिवक्ता सहर नकवी का कहना है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक पुलिस वर्दीधारी ने कहा सब लोग गोली चलाओ, इसके बाद अंधाधुंध गोली चलाते पुलिस को देखा गया। जिसमें पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यह हादसा नहीं हत्या है। इसलिए दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की जाए। संभल हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल यह दूसरी याचिका है। इससे पहले हुई याचिका में क्या कहा गया इससे पहले संभल हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में एक जनिहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि संभल में पुलिस ने बर्बरता की है। याचिका में फायरिंग और बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। साथ ही सम्भल डीएम, एसपी, मुरादाबाद कमिश्नर के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सर्वे से लेकर हुई हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच सीबीआई से कराई जाए। वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह और अधिवक्ता विनीत विक्रम ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल की है। हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट में दाखिल की कैविएट
यूपी के संभल में हुई हिंसा के मामले में अब हिंदू पक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। संभल की शाही जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशन के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने कैविएट दाखिल कर दी। इस केस के वादी मुकदमा हरिशंकर जैन और पार्थ यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल कैविएट दाखिल कर अपनी बात रखी है। हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की है कि अगर मुस्लिम पक्ष कोई भी याचिका दाखिल करता है तो बिना हिंदू पक्ष को सुने कोई भी आदेश न पारित किया जाए। कैविएट संभल के सिविल जज के 19 नवंबर के सर्वे आदेश से जुड़े मुकदमे को लेकर दाखिल की गई है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जल्द ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ अपनी अर्जी दाखिल कर सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संभल मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने को कहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर