संभल हिंसा में 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी:4 महिलाएं भी शामिल; मंत्री ने कहा-जितना नुकसान हुआ भरपाई उपद्रवी करेंगे

संभल हिंसा में 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी:4 महिलाएं भी शामिल; मंत्री ने कहा-जितना नुकसान हुआ भरपाई उपद्रवी करेंगे

यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए हैं। इनमें ज्यादातर हाथ में पत्थर लिए हुए हैं। मुंह बांधे हुए हैं। बुधवार को पुलिस ने पोस्टर जारी करते हुए कहा कि और भी वीडियो, सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की जांच की जा रही है। आगे और भी पोस्टर जारी किए जाएंगे। पुलिस हिंसा में अब तक 4 महिलाओं समेत 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। संभल पुलिस ने एक महिला का भी पोस्टर जारी किया। यह महिला पत्थरबाज दीपासराय इलाके की है। वह छत से पत्थर फेंकते हुए नजर आ रही है। यह इलाका सपा सांसद जियाउरर्हमान बर्क के पास का है। बुधवार को यूपी के आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा-कानून बिगाड़ने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पत्थरबाजी करने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगाए जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी। ADG जोन रमित शर्मा ने भी बुधवार सुबह कहा था- जिनके हाथ में पत्थर थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इधर, योगी सरकार हिंसा में जिन-जिन लोगों के नाम सामने सामने आए हैं। उनकी पहचान के बाद वसूली की नुकसान की वसूली की तैयारी कर रही है। गृह और पुलिस विभाग इसमें मिलकर काम कर रहा है। अब देखिए वो फोटो जो पुलिस ने जारी की… संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दूसरे चरण के दौरान रविवार को हिंसा हुई थी। पथराव-फायरिंग में 4 युवाओं की मौत हुई थी। इस दौरान कई घंटे तक पथराव हुआ था। रविवार को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की हिंसा
2 दिन पहले यानी रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। 19 नवंबर को पहली बार हिंदू पक्ष की याचिका पर हुआ था सर्वे
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया था। सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपनी है। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। संभल की मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। पुलिस ने हाथ में पत्थर लिए 100 लोगों के पोस्टर जारी किए है। इनको लगातार अपडेट किया जा रहा है…. यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 100 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए हैं। इनमें ज्यादातर हाथ में पत्थर लिए हुए हैं। मुंह बांधे हुए हैं। बुधवार को पुलिस ने पोस्टर जारी करते हुए कहा कि और भी वीडियो, सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की जांच की जा रही है। आगे और भी पोस्टर जारी किए जाएंगे। पुलिस हिंसा में अब तक 4 महिलाओं समेत 27 उपद्रवियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। संभल पुलिस ने एक महिला का भी पोस्टर जारी किया। यह महिला पत्थरबाज दीपासराय इलाके की है। वह छत से पत्थर फेंकते हुए नजर आ रही है। यह इलाका सपा सांसद जियाउरर्हमान बर्क के पास का है। बुधवार को यूपी के आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा-कानून बिगाड़ने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पत्थरबाजी करने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगाए जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी। ADG जोन रमित शर्मा ने भी बुधवार सुबह कहा था- जिनके हाथ में पत्थर थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इधर, योगी सरकार हिंसा में जिन-जिन लोगों के नाम सामने सामने आए हैं। उनकी पहचान के बाद वसूली की नुकसान की वसूली की तैयारी कर रही है। गृह और पुलिस विभाग इसमें मिलकर काम कर रहा है। अब देखिए वो फोटो जो पुलिस ने जारी की… संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दूसरे चरण के दौरान रविवार को हिंसा हुई थी। पथराव-फायरिंग में 4 युवाओं की मौत हुई थी। इस दौरान कई घंटे तक पथराव हुआ था। रविवार को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की हिंसा
2 दिन पहले यानी रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। 19 नवंबर को पहली बार हिंदू पक्ष की याचिका पर हुआ था सर्वे
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया था। सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपनी है। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। संभल की मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। पुलिस ने हाथ में पत्थर लिए 100 लोगों के पोस्टर जारी किए है। इनको लगातार अपडेट किया जा रहा है….   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर