सिटी रिपोर्टर | बरवाला टांगरी पुल के पास ओवरलोडिंग और ढाबों पर खड़े वाहनों की वजह से सड़क से गुजरने वाले लोगों की जान जोखिम में पड़ी हुई है। हाल इतना खराब है कि सड़क पर कई फुट तक मिट्टी भरी पड़ी है। जिसकी थोड़ी-सी तो सफाई की गई। लेकिन सड़क पर आज भी भारी मात्रा में मिट्टी फैली हुई है। जिसकी वजह से कोई भी खासकर दोपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो सकता है। कई बार साइड नहीं मिलने की वजह से यदि दोपहिया वाहन चालक कच्चे की तरफ बचने का प्रयास करेगा तो सड़क पर फैली मिट्टी में फंसकर वो हादसे का शिकार हो सकता है। चूंकि इस सड़क पर बड़ी संख्या में ओवरलोड टिपर, जो बिना ढके होते है, वो दौड़ते रहते हैं। लेकिन प्रशासन इन पर कतई ब्यहि शिकंजा नहीं कसता है। जिसकी वजह से इन ओवरलोड वाहनों से सड़क पर मिट्टी गिरती रहती है और ढाबों पर खाने-पीने के लिए रुकने के बाद वाहनों से पानी टपकता रहता है। जिसमें मिट्टी भी निकलती है। यही वजह है कि मिट्टी सड़क पर जमा होती रहती है। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां पर हर रोज सफाई होनी चाहिए। यही मिट्टी धूल बनकर पूरा दिन उड़ती रहती हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। यहां पर रोज सफाई होनी चाहिए। सिटी रिपोर्टर | बरवाला टांगरी पुल के पास ओवरलोडिंग और ढाबों पर खड़े वाहनों की वजह से सड़क से गुजरने वाले लोगों की जान जोखिम में पड़ी हुई है। हाल इतना खराब है कि सड़क पर कई फुट तक मिट्टी भरी पड़ी है। जिसकी थोड़ी-सी तो सफाई की गई। लेकिन सड़क पर आज भी भारी मात्रा में मिट्टी फैली हुई है। जिसकी वजह से कोई भी खासकर दोपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो सकता है। कई बार साइड नहीं मिलने की वजह से यदि दोपहिया वाहन चालक कच्चे की तरफ बचने का प्रयास करेगा तो सड़क पर फैली मिट्टी में फंसकर वो हादसे का शिकार हो सकता है। चूंकि इस सड़क पर बड़ी संख्या में ओवरलोड टिपर, जो बिना ढके होते है, वो दौड़ते रहते हैं। लेकिन प्रशासन इन पर कतई ब्यहि शिकंजा नहीं कसता है। जिसकी वजह से इन ओवरलोड वाहनों से सड़क पर मिट्टी गिरती रहती है और ढाबों पर खाने-पीने के लिए रुकने के बाद वाहनों से पानी टपकता रहता है। जिसमें मिट्टी भी निकलती है। यही वजह है कि मिट्टी सड़क पर जमा होती रहती है। स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां पर हर रोज सफाई होनी चाहिए। यही मिट्टी धूल बनकर पूरा दिन उड़ती रहती हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। यहां पर रोज सफाई होनी चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नारनौल जेल में बंदियों के 4 गुटों में मारपीट:अलग-अलग बैरकों में बंद थे; 4 को अस्पताल में कराया दाखिल, 19 पर FIR हरियाणा के नारनौल में नसीबपुर स्थित जिला जेल में बंदियों के कई गुटों में झगड़ा हो गया। जेल में बंद एक गुट के 9 बंदियों ने दूसरे गुट के 2 बंदियों के साथ मारपीट की। वहीं अन्य बैरक में एक गुट के 3 बंदियों के साथ दूसरे 5 बंदियों पर हमला कर दिया। झगड़े मे चार बंदियों को ज्यादा चोट लगी हैं। उनको इलाज के लिए नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महावीर पुलिस चौकी को दी गई शिकायत में जेल वार्डन ने बताया कि जेल के ब्लॉक नंबर दो की बैरक नंबर 3 में बंद हवालाती बंदियों मिलन, मनीष, राहुल, नवल, निकेश, मुकेश, विकास, कुलदीप के साथ बैरिक में बंद अमित व मुकेश ने आपस में मारपीट में झगड़ा कर लिया। इस झगड़े में मिलन को ज्यादा छोटे आई। दूसरी ओर बेरिंग नंबर 2 के कमरा नंबर 6 में भी हवालाती बंदियों विशाल, विक्रम, नितिन, मनदीप, मनोज, अरुण, मोहित, प्रीतम ने भी आपस में झगड़ा कर लिया। जिसमें विशाल, विक्रम व नितिन को ज्यादा चोटे आई हैं। झगड़े की आवाज सुनकर जेल उप सहायक अधीक्षक रमेश कुमार व सत्यवान, चक्कर इंचार्ज सुरेश कुमार ने तुरंत मौके पर पहुंचकर झगड़ा कर रहे बंदियों को अलग करवाया। मारपीट में चोटिल बंदियों को जेल अस्पताल में ले जाकर प्राथमिक इलाज किया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनको नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

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हुड्डा के कार्यकाल में लगे अधिकारी-कर्मचारी निशाने पर:हरियाणा CM सैनी के पास लिस्ट पहुंची; चुनाव में एकपक्षीय काम करने की शिकायतें मिलीं
हुड्डा के कार्यकाल में लगे अधिकारी-कर्मचारी निशाने पर:हरियाणा CM सैनी के पास लिस्ट पहुंची; चुनाव में एकपक्षीय काम करने की शिकायतें मिलीं हरियाणा विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बना चुकी भाजपा अब भी हारी सीटों का मंथन करने में लगी हुई है। अभी तक हुए मंथन में पार्टी के बागियों के अलावा BJP उम्मीदवारों को हराने में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका होने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद पार्टी के हारे हुए कैंडिडेट्स के बाद अब विधायकों से इनपुट ले रहे हैं। अब तक जो इनपुट मिले हैं, उसके हिसाब से चुनाव में उन अधिकारियों और कर्मचारियों ने भीतरघात किया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में लगे थे। इनकी लिस्ट भी पार्टी के विधायकों ने CM सैनी को सौंप दी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों में HAS और HPS लेवल के अधिकारियों के साथ कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी शामिल हैं। जल्द ही सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेगी। मीटिंग में बताया- चुनाव में अधिकारियों ने अपनाया एकपक्षीय रवैया
हरियाणा CM सैनी चुनाव में अधिकारियों के रवैये को लेकर हारे हुए उम्मीदवारों के बाद विधायकों और मंत्रियों से इनपुट ले रहे हैं। बीते सोमवार और मंगलवार को CM ने पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में विधायकों और मंत्रियों ने चुनाव में अधिकारियों के एकपक्षीय रवैये की शिकायत की। कुछ विधायकों ने अधिकारियों की लिस्ट के साथ उसके सबूत भी सौंपे। इन सबूतों के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्राउंड पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में काम किया। किस BJP विधायक ने क्या कहा… 1. विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों द्वारा सही भूमिका न निभाने के आरोप और कार्रवाई करने को लेकर भाजपा विधायक धनेश अदलखा बोले, ‘मैंने भी मीटिंग के दौरान ऐसे अधिकारियों की लिस्ट CM को सौंपी है। IAS अधिकारी लंबी सोच के साथ काम करता है। इस चुनाव में छोटे लेवल के कर्मचारी कहीं न कहीं चुनाव में डगमगा जाते हैं। जब बिना पर्ची बिना खर्ची के कर्मचारी लगे होते हैं, तो वह निष्पक्ष काम करते हैं, लेकिन जो पर्ची-खर्ची से नौकरी पाए होते हैं तो वह अपना काम सही नहीं करते हैं।’ 2. भाजपा विधायक जगमोहन आनंद ने बताया कि CM के साथ बैठक में चुनाव के दौरान भीतरघात और राजधर्म न निभाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने भी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक लिस्ट CM सैनी को सौंपी है। इन पर कार्रवाई जरूर होगी। दिग्गज नेता भी हार चुके चुनाव
वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर पंचकूला में हुई 2 दिवसीय बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और संगठन मंत्री फणींद्रनाथ शर्मा शामिल हुए थे। इसमें 40 हारे हुए उम्मीदवार अपनी हार की वजह बता चुके हैं। इस चुनाव में विधानसभा स्पीकर के अलावा भाजपा के 7 मंत्री चुनाव हारे। इनमें कंवरपाल गुर्जर, जयप्रकाश दलाल, असीम गोयल, सुभाष सुधा, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. अभय सिंह यादव, संजय सिंह और पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता शामिल हैं। सिर्फ मंत्री महिपाल ढांडा और मूलचंद शर्मा ही जीत पाए थे। हारे उम्मीदवारों ने ये बताई थीं हार की वजहें… पूर्व कैबिनेट मंत्री बोले- मुझे हराने के लिए टिकट दी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हिसार से चुनाव हारे डॉ. कमल गुप्ता के तेवर बेहद तल्ख थे। गुप्ता ने कहा कि उनके चुनाव में काम करने वाले पार्टी के कई नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार का साथ दिया। कई नेता ऐसे थे, जो दिखावे के तौर पर साथ नजर आते थे, लेकिन अंदर से वह दूसरों के लिए काम कर रहे थे। गुप्ता ने पार्टी नेताओं से कहा कि यदि उनके साथ ऐसा ही करना था तो फिर टिकट क्यों दिया? अधिकारियों पर फोड़ा हार का ठीकरा
वहीं, विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं पंचकूला से चुनाव हारने वाले ज्ञानचंद गुप्ता ने भी पार्टी के कई नेताओं पर चुनाव में काम न करने का आरोप लगाया। गुप्ता ने प्रशासन के कई अधिकारियों पर भी हार का ठीकरा फोड़ा। दिनेश कौशिक बोले- परिवार ने नहीं दिया साथ
बहादुरगढ़ से चुनाव हारे दिनेश कौशिक ने अपने परिवार के लोगों पर साथ न देने का आरोप लगाया। पूर्व कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि चुनाव में उन्हें पार्टी के लोगों का पूरा साथ मिला। वह किसी के खिलाफ नहीं हैं। कई उम्मीदवारों ने कांग्रेस की हवा को हार का कारण बताया। *********** हरियाणा सरकार की ये खबरें भी पढ़ें… बागियों की पोल खोलने से डरे हारे BJP उम्मीदवार:हरियाणा CM-केंद्रीय नेताओं ने लिस्ट मांगी; अपने नेताओं-अफसरों, परिवार पर उठाए थे सवाल हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हारने वाले BJP उम्मीदवार पार्टी के फैसले से असमंजस में पड़ गए हैं। 19 नवंबर को पंचकूला में BJP ने चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ मंथन किया था। तब उनसे हार के कारण पूछे गए। यहां नेताओं ने बागियों की वजह से चुनाव हारने की वजह बताई। इस पर पार्टी ने सभी नेताओं से बागियों के नाम की लिस्ट और सबूत मांग लिए। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा BJP अध्यक्ष की बागियों को दोटूक:दोबारा पार्टी में शामिल नहीं करेंगे, भीतरघात करने वालों की लिस्ट तैयार, CM भी इनकार कर चुके हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पार्टी छोड़ने वाले बागियों को भाजपा में एंट्री से साफ इनकार कर दिया है। शुक्रवार को रोहतक पहुंचे बड़ौली ने कहा कि अभी किसी को जॉइन नहीं कराया जाएगा। पार्टी के पुराने नेताओं के अलावा दूसरे दलों के नेताओं को भी शामिल नहीं किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…