मिल्कीपुर चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए नई रणनीति के साथ मैदान में नजर आएगी। 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि उम्मीदवारों का ऐलान 6 महीने के अंदर हो जाएगा। यही नहीं, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के साथ PDA अफसरों की भी मदद ली जाएगी। खासकर ऐसे अफसर जो रिटायर हो चुके हैं और उनका अपने-अपने क्षेत्र में नेटवर्क है। पार्टी के अंदर ओवैसी और चंद्रशेखर की पार्टी को लेकर चर्चा है। उनकी पहचान PDA के वोट कटने को लेकर की गई है। लोकसभा सत्र के बाद अखिलेश यादव खुद करेंगे तैयारियों की समीक्षा
विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरी आक्रामकता के साथ जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इसे लेकर अगले महीने से जिलेवार समीक्षा करेंगे। नेताओं को बताएंगे कि उन्हें किन चीजों पर फोकस करना है। हर वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़ना है। भाजपा की नफरत की राजनीति से लोगों को आगाह करना होगा। सपा ने 2 रणनीति बनाईं 1- हर बूथ करेगी मजबूत: बूथ लेवल पर सपा, भाजपा जितनी मजबूत नहीं है। उपचुनाव में सपा को यह कमी दिखी। इसका खामियाजा भी उसे उठाना पड़ा। इसलिए सपा हर बूथ लेवल पर पदाधिकारी और कार्यकर्ता तैयार कर रही है। 2- एक-एक नाम पर रहेगी नजर : समाजवादी पार्टी इस बार वोटर लिस्ट को लेकर भी काफी सचेत है। बूथ स्तर पर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में वोटर लिस्ट पर नजर रखें। जो भी नाम घट या बढ़ रहे हैं, उन्हें चेक करें ताकि इसमें धांधली न होने पाए। इसके लिए पार्टी बूथ स्तर पर जल्द ही नया कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। उपचुनाव में सपा सिर्फ शिकायतों पर ही इस मुद्दे को उठाती रही। इसका डेटा उसके पास नहीं था। अब यह डेटा तैयार करेगी। अगर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो सबूत के साथ कोर्ट भी जा सकती है। तीन पॉइंट्स में समझिए सपा की तैयारी… 1- जल्द शुरू होगी प्रत्याशियों की घोषणा
अखिलेश यादव के करीबियों का मानना है, जल्द ही समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा शुरू करेगी। चुनाव से डेढ़ साल पहले प्रत्याशी घोषित करना शुरू कर देगी, ताकि विधानसभा क्षेत्र में काम करने के लिए उन्हें समय मिल सके। बूथ स्तर पर टीम तैयार करने की जिम्मेदारी भी पार्टी के जिलाध्यक्ष और प्रत्याशी की होगी। 2- रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स की सपा लेगी मदद
जानकारों का कहना है, समाजवादी पार्टी इस बार बड़ी संख्या में रिटायर्ड अफसरों को अपने साथ जोड़ेगी। उनके सुझावों पर अमल करेगी। इसमें रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस के अलावा निर्वाचन से संबंधित अधिकारी भी होंगे। हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी से भी लंबी मंत्रणा की थी। आने वाले दिनों में ऐसे ही दूसरे बड़े अधिकारियों की मदद समाजवादी पार्टी लेगी। 3- मांगे जाएंगे सुझाव
विधानसभा चुनाव में सपा के और क्या-क्या मुद्दे होंगे, इस पर पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी इस संबंध में आम लोगों से सुझाव मांगेगी। आम लोगों की जो दिक्कतें और परेशानियां हैं, उन्हें मुद्दा बनाया जाएगा। इसके लिए पार्टी सोशल मीडिया कैंपेन चलाएगी। ये तीन मुद्दे उठाएगी सपा 1-पीडीए पर अत्याचार के मामले
सपा के प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं- भाजपा सरकार में PDA समाज के लोगों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है। इसकी लड़ाई भी PDA के लोग लड़ने के लिए तैयार हैं। जिस तरह से 2024 में PDA के साथ मिलकर यूपी में भाजपा को रोका है, उसी तरह 2027 के चुनाव में भी यही PDA भाजपा काे सत्ता में रोकेगा। मिल्कीपुर और कुंदरकी में भाजपा ने जो कुछ किया, वह सबने देखा है। उपचुनाव में यह काम भाजपा आसानी से कर सकती है, लेकिन आम चुनावों में यह नहीं कर पाएगी। 2- किसान, मजदूर और नौजवानों के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव
सपा के नेताओं का कहना है कि वे 2027 के चुनाव में किसान मजदूर और नौजवानों के मुद्दे को लेकर लड़ेंगे। भाजपा की नफरत की राजनीति से लोगों को आगाह करेंगे। इस बार के चुनाव में सपा हर स्तर पर आर पार के मूड में लड़ने जा रही है। 3- आंदोलन की तैयारी
मनोज यादव का कहना है- संवैधानिक संस्थाएं अगर निष्पक्ष नहीं रहेंगी तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे में अगर आयोग मनमानी करता है, तो उसके खिलाफ भी बड़े आंदोलन के लिए समाजवादी लोग तैयारी कर रहे हैं। इन पर सपा रहेगी सचेत छोटी पार्टियों से सतर्क रहने की रणनीति
छोटी पार्टियों से सतर्क रहने की भी रणनीति बनाई जा रही है। खासकर असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी कांशीराम से सतर्क रहने के लिए पार्टी के नेता रणनीति बना रहे हैं। ओवैसी से निपटने के लिए मुस्लिम नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे अपने अपने क्षेत्र में जाकर ऐसे लोगों को सावधान करें जो वोट काट कर भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं। इसी तरह दलित नेताओं को दलित बाहुल्य क्षेत्र में लगाया जाएगा। साथ ही बताने की कोशिश होगी कि यूपी में भाजपा से सिर्फ सपा ही मजबूती से मुकाबला कर सकती है। पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई का कहना है- समाजवादी पार्टी की तैयारी है कि बूथ पर उसका वोट बंटने न पाए। मतदाताओं को ऐसी पार्टियों से सचेत रहने और वोट बंटने के परिणाम को लेकर भी आगाह किया जाएगा। ताकि जो लोग सरकार के खिलाफ वोट करना चाहते हैं, उनका वोट इधर-उधर न जाकर सपा के ही पक्ष में पड़े। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। —————— ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ भगदड़ पर योगी ने ADG भानु को लताड़ा:मेले के जिम्मेदार आप थे, भगदड़ हुई तो दूसरों को आगे किया; ADG ट्रैफिक को चेतावनी महाकुंभ में हुई भगदड़ और जाम पर सीएम योगी ने ADG प्रयागराज और ADG ट्रैफिक की क्लास लगाई। सीएम ने दोनों अफसरों को सस्पेंड करने की चेतावनी तक दी। योगी ने प्रयागराज ADG भानु भास्कर से कहा- महाकुंभ मेले में आप ही सारी व्यवस्थाएं संभाल रहे थे। जैसे ही भगदड़ हुई आपने दूसरे अफसरों को आगे कर दिया। वहीं, ADG ट्रैफिक के. सत्यनारायण से सीएम ने कहा- जब वीकेंड पर दिल्ली NCR में पिकनिक स्पॉटों पर भीड़ हो जाती है, तो आपको अंदेशा नहीं था कि महाकुंभ में शनिवार और रविवार को ज्यादा भीड़ होगी। पढ़ें पूरी खबर… मिल्कीपुर चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए नई रणनीति के साथ मैदान में नजर आएगी। 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि उम्मीदवारों का ऐलान 6 महीने के अंदर हो जाएगा। यही नहीं, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के साथ PDA अफसरों की भी मदद ली जाएगी। खासकर ऐसे अफसर जो रिटायर हो चुके हैं और उनका अपने-अपने क्षेत्र में नेटवर्क है। पार्टी के अंदर ओवैसी और चंद्रशेखर की पार्टी को लेकर चर्चा है। उनकी पहचान PDA के वोट कटने को लेकर की गई है। लोकसभा सत्र के बाद अखिलेश यादव खुद करेंगे तैयारियों की समीक्षा
विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरी आक्रामकता के साथ जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इसे लेकर अगले महीने से जिलेवार समीक्षा करेंगे। नेताओं को बताएंगे कि उन्हें किन चीजों पर फोकस करना है। हर वर्ग के लोगों को पार्टी से जोड़ना है। भाजपा की नफरत की राजनीति से लोगों को आगाह करना होगा। सपा ने 2 रणनीति बनाईं 1- हर बूथ करेगी मजबूत: बूथ लेवल पर सपा, भाजपा जितनी मजबूत नहीं है। उपचुनाव में सपा को यह कमी दिखी। इसका खामियाजा भी उसे उठाना पड़ा। इसलिए सपा हर बूथ लेवल पर पदाधिकारी और कार्यकर्ता तैयार कर रही है। 2- एक-एक नाम पर रहेगी नजर : समाजवादी पार्टी इस बार वोटर लिस्ट को लेकर भी काफी सचेत है। बूथ स्तर पर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में वोटर लिस्ट पर नजर रखें। जो भी नाम घट या बढ़ रहे हैं, उन्हें चेक करें ताकि इसमें धांधली न होने पाए। इसके लिए पार्टी बूथ स्तर पर जल्द ही नया कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। उपचुनाव में सपा सिर्फ शिकायतों पर ही इस मुद्दे को उठाती रही। इसका डेटा उसके पास नहीं था। अब यह डेटा तैयार करेगी। अगर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो सबूत के साथ कोर्ट भी जा सकती है। तीन पॉइंट्स में समझिए सपा की तैयारी… 1- जल्द शुरू होगी प्रत्याशियों की घोषणा
अखिलेश यादव के करीबियों का मानना है, जल्द ही समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा शुरू करेगी। चुनाव से डेढ़ साल पहले प्रत्याशी घोषित करना शुरू कर देगी, ताकि विधानसभा क्षेत्र में काम करने के लिए उन्हें समय मिल सके। बूथ स्तर पर टीम तैयार करने की जिम्मेदारी भी पार्टी के जिलाध्यक्ष और प्रत्याशी की होगी। 2- रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स की सपा लेगी मदद
जानकारों का कहना है, समाजवादी पार्टी इस बार बड़ी संख्या में रिटायर्ड अफसरों को अपने साथ जोड़ेगी। उनके सुझावों पर अमल करेगी। इसमें रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस के अलावा निर्वाचन से संबंधित अधिकारी भी होंगे। हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी से भी लंबी मंत्रणा की थी। आने वाले दिनों में ऐसे ही दूसरे बड़े अधिकारियों की मदद समाजवादी पार्टी लेगी। 3- मांगे जाएंगे सुझाव
विधानसभा चुनाव में सपा के और क्या-क्या मुद्दे होंगे, इस पर पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी इस संबंध में आम लोगों से सुझाव मांगेगी। आम लोगों की जो दिक्कतें और परेशानियां हैं, उन्हें मुद्दा बनाया जाएगा। इसके लिए पार्टी सोशल मीडिया कैंपेन चलाएगी। ये तीन मुद्दे उठाएगी सपा 1-पीडीए पर अत्याचार के मामले
सपा के प्रवक्ता मनोज यादव कहते हैं- भाजपा सरकार में PDA समाज के लोगों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है। इसकी लड़ाई भी PDA के लोग लड़ने के लिए तैयार हैं। जिस तरह से 2024 में PDA के साथ मिलकर यूपी में भाजपा को रोका है, उसी तरह 2027 के चुनाव में भी यही PDA भाजपा काे सत्ता में रोकेगा। मिल्कीपुर और कुंदरकी में भाजपा ने जो कुछ किया, वह सबने देखा है। उपचुनाव में यह काम भाजपा आसानी से कर सकती है, लेकिन आम चुनावों में यह नहीं कर पाएगी। 2- किसान, मजदूर और नौजवानों के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव
सपा के नेताओं का कहना है कि वे 2027 के चुनाव में किसान मजदूर और नौजवानों के मुद्दे को लेकर लड़ेंगे। भाजपा की नफरत की राजनीति से लोगों को आगाह करेंगे। इस बार के चुनाव में सपा हर स्तर पर आर पार के मूड में लड़ने जा रही है। 3- आंदोलन की तैयारी
मनोज यादव का कहना है- संवैधानिक संस्थाएं अगर निष्पक्ष नहीं रहेंगी तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे में अगर आयोग मनमानी करता है, तो उसके खिलाफ भी बड़े आंदोलन के लिए समाजवादी लोग तैयारी कर रहे हैं। इन पर सपा रहेगी सचेत छोटी पार्टियों से सतर्क रहने की रणनीति
छोटी पार्टियों से सतर्क रहने की भी रणनीति बनाई जा रही है। खासकर असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी कांशीराम से सतर्क रहने के लिए पार्टी के नेता रणनीति बना रहे हैं। ओवैसी से निपटने के लिए मुस्लिम नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे अपने अपने क्षेत्र में जाकर ऐसे लोगों को सावधान करें जो वोट काट कर भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं। इसी तरह दलित नेताओं को दलित बाहुल्य क्षेत्र में लगाया जाएगा। साथ ही बताने की कोशिश होगी कि यूपी में भाजपा से सिर्फ सपा ही मजबूती से मुकाबला कर सकती है। पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई का कहना है- समाजवादी पार्टी की तैयारी है कि बूथ पर उसका वोट बंटने न पाए। मतदाताओं को ऐसी पार्टियों से सचेत रहने और वोट बंटने के परिणाम को लेकर भी आगाह किया जाएगा। ताकि जो लोग सरकार के खिलाफ वोट करना चाहते हैं, उनका वोट इधर-उधर न जाकर सपा के ही पक्ष में पड़े। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। —————— ये खबर भी पढ़ें… महाकुंभ भगदड़ पर योगी ने ADG भानु को लताड़ा:मेले के जिम्मेदार आप थे, भगदड़ हुई तो दूसरों को आगे किया; ADG ट्रैफिक को चेतावनी महाकुंभ में हुई भगदड़ और जाम पर सीएम योगी ने ADG प्रयागराज और ADG ट्रैफिक की क्लास लगाई। सीएम ने दोनों अफसरों को सस्पेंड करने की चेतावनी तक दी। योगी ने प्रयागराज ADG भानु भास्कर से कहा- महाकुंभ मेले में आप ही सारी व्यवस्थाएं संभाल रहे थे। जैसे ही भगदड़ हुई आपने दूसरे अफसरों को आगे कर दिया। वहीं, ADG ट्रैफिक के. सत्यनारायण से सीएम ने कहा- जब वीकेंड पर दिल्ली NCR में पिकनिक स्पॉटों पर भीड़ हो जाती है, तो आपको अंदेशा नहीं था कि महाकुंभ में शनिवार और रविवार को ज्यादा भीड़ होगी। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
सपा की 2027 की तैयारी…6 महीने में तय होगा प्रत्याशी:अखिलेश यादव के तेवर और कड़े होंगे; PDA अफसरों की लेंगे मदद
![सपा की 2027 की तैयारी…6 महीने में तय होगा प्रत्याशी:अखिलेश यादव के तेवर और कड़े होंगे; PDA अफसरों की लेंगे मदद](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/11/comp-36-3_1739286002.gif)