सपा कुत्ते को पट्‌टा पहना देगी, वो भी जीत जाएगा…:ऐसा कहने वाले सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त; 60% मुस्लिम वाले कुंदरकी को BJP ने कैसे जीता

सपा कुत्ते को पट्‌टा पहना देगी, वो भी जीत जाएगा…:ऐसा कहने वाले सपा प्रत्याशी की जमानत जब्त; 60% मुस्लिम वाले कुंदरकी को BJP ने कैसे जीता

‘यहां कुंदरकी में भाजपा का है क्या? ये तो सपा की सीट है। सपा यहां कुत्ते के गले में भी पट्‌टा डाल देगी, तो वो भी जीत जाएगा।’ इस तरह के बड़े-बड़े दावे करने वाले सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। भाजपा ने सपा के इस ओवर-कॉन्फिडेंस का फायदा उठाया। भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह ने मुस्लिम मतदाताओं के बीच जालीदार मुस्लिम टोपी पहनकर पूरे चुनाव का रुख बदल दिया। 60 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर वाली मुरादाबाद की इस सीट को भाजपा ने रिकॉर्ड 1 लाख 43 हजार 465 वोटों से जीता। भाजपा यहां 31 साल बाद जीती है। यह वो सीट है, जिसे भाजपा संगठन खुद भी वोटिंग वाले दिन के पहले तक हारी हुई सीटों में शुमार कर रहा था। इस सीट पर अब तक कुल 16 बार चुनाव हुए हैं। 1993 में यहां भाजपा के राजा चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा ने जीत दर्ज की थी। आज 31 साल बाद यहां फिर से कमल खिला। भाजपा की इस सीट पर यह दूसरी जीत है। सपा की पारंपरिक सीट कुंदरकी पर BJP ने कैसे सेंध लगाई, BJP कैंडिडेट ने क्या स्ट्रैटजी अपनाई, CM और डिप्टी CM के कौन से डायलॉग विनिंग शॉट साबित हुए, दैनिक भास्कर ने डिटेल में जाना… कुंदरकी में BJP का सीक्रेट प्लान क्या रहा, 8 पॉइंट में पढ़िए… 1. जालीदार टोपी पहन मुस्लिम वोटर में सेंधमारी की
भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह मुस्लिमों में अच्छी पकड़ है। पिछले चुनावों में भी उन्हें मुस्लिमों का वोट मिलता रहा है। भाजपा सरकार में उन्होंने मुस्लिमों के लिए खूब काम कराए। इसी नाते मुस्लिमों का उनसे व्यक्तिगत जुड़ाव है। प्रचार के दौरान रामवीर ने मुस्लिम मतदाताओं के बीच जालीदार मुस्लिम टोपी पहनकर पूरे चुनाव का रुख बदल दिया। यह पॉलिटिकल स्टंट खूब चर्चा में रहा। 2. तुर्क बहुल सीट पर शेखजादा बिरादरी और पठानों को साधा
कुंदरकी में कुल 60% मुस्लिम वोटर हैं। इनमें से भी 80 हजार तुर्क हैं। यही वजह है कि सपा और बसपा हमेशा से ही तुर्क प्रत्याशी यहां उतारती रही हैं। पिछले 3 दशक में यहां सिर्फ तुर्क नेता ही चुनाव जीते। इनमें से 5 बार बसपा के पूर्व मंत्री हाजी अकबर, तीन बार सपा के हाजी मोहम्मद रिजवान और एक बार सपा के जियाउर्रहमान ने जीत दर्ज की। ये सभी तुर्क थे। भाजपा ने इस बात मुद्दा बनाया कि तुर्कों की तुलना में सपा-बसपा ने बाकी मुस्लिम बिरादरियों की अनदेखी की है। तुर्कों के बाद यहां सबसे अधिक शेखजादा वोटर हैं। शेखजादा वोटर्स की संख्या करीब 60 हजार है। सपा सरकार में इनकी उपेक्षा होती रही। रामवीर सिंह ने सबसे ज्यादा शेखजादा बिरादरी को भाजपा से जोड़ने पर काम किया। 3. सपा प्रत्याशी के बेटे की गुंडई से मुस्लिमों में नाराजगी
कुरैशी बिरादरी के 10 हजार लोग पोलिंग के दिन बहिष्कार करके बूथ पर ही नहीं गए। इसकी बड़ी वजह रही कुरैशी बिरादरी की सपा से नाराजगी। पूर्व सपा विधायक हाजी रिजवान के बेटे कल्लन से बड़ी संख्या में मुस्लिम नाराज थे। सपा सरकार में कल्लन ने शेखजादा और कुरैशी बिरादरी का जमकर उत्पीड़न किया। भाजपा ने इस नाराजगी को भांपकर कुरैशी बिरादरी के नेताओं को साधा। इनमें कई पूर्व सपा नेता भी हैं, जो अपनी बिरादरी के अपमान से आहत थे। चुनाव में उन्होंने इसका बदला लिया। इन्होंने भाजपा को वोट तो नहीं दिया, लेकिन सपा को भी इनका वोट नहीं मिला। इन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर दिया, जबकि पठान बिरादरी अच्छी तादाद में भाजपा के साथ कनेक्ट हुई। 4. CM योगी का बयान…ईद भी धूमधाम से होगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंदरकी सीट को पर्सनली मॉनिटर कर रहे थे। उन्होंने कुंदरकी के लिए जो प्लान बनाए, उन्हें शत-प्रतिशत लागू कराया। चुनाव की घोषणा के ठीक पहले सीएम योगी ने यहां पहुंचकर 200 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। चुनाव प्रचार करने आए तो अपने चिर-परिचित कट्‌टर हिंदुत्व के एजेंडे से इतर सीएम योगी ने कहा- दिवाली हर्षोल्लास से मनाई गई है, ईद भी धूमधाम से मनाई जाएगी। योगी के इस बयान ने मुस्लिम वोटर्स में गहरा असर छोड़ा। भाजपा मुस्लिमों को इस बयान के जरिए ये समझाने में कामयाब रही कि भाजपा सरकार में किसी भी मुस्लिम का अहित नहीं होगा। 5. भाजपा को वोट दो, आपका बाल भी बांका नहीं होगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कुंदरकी में मुस्लिम सम्मेलन किया। वोटिंग से ऐन पहले हुए इस सम्मेलन में ब्रजेश पाठक ने मुस्लिमों से कहा- आप भाजपा को वोट दीजिए। मैं गारंटी देता हूं, आपका बाल भी बांका नहीं होगा। डिप्टी सीएम ने कहा था कि सपा ने आपको बिरियानी में तेजपत्ते की तरह हमेशा इस्तेमाल किया। आपको कभी सीएम नहीं बनाया, कोई बड़ा पद नहीं दिया। 6. सपा प्रत्याशी के बयानों ने मुस्लिमों को नाराज किया
सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान शुरू से ही ओवर-कॉन्फिडेंस में नजर आए। 60 फीसदी मुस्लिम वोट और कुंदरकी सीट के इतिहास को देखते हुए उन्हें लगता था कि यहां तो सपा ही जीतेगी। दरअसल, रिजवान इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि मुसलमान किसी भी कीमत पर भाजपा को वोट नहीं देगा। इसी ओवर-कॉन्फिडेंस में उन्होंने एक के बाद एक मुस्लिमों को लेकर कई खराब बयान दिए। रिजवान के बयान ही मुस्लिम वोटों में विभाजन का बड़ा कारण बने। हाजी रिजवान ने कहा- यहां कुंदरकी में भाजपा का है क्या? ये तो सपा की सीट है। सपा यहां कुत्ते के गले में भी पट्‌टा डाल देगी, तो वो भी जीत जाएगा। रिजवान के इस बयान को मुस्लिमों ने अपनी तौहीन माना। भाजपा मुस्लिमों को ये समझाने में कामयाब रही कि सपा की नजर में उनके कुत्ते के पट्‌टे की अहमियत मुसलमानों से ज्यादा है। हाजी रिजवान ने अपने बयान से तुर्क वोटर्स को भी नाराज किया। उन्होंने कहा कि बसपा प्रत्याशी रफत उल्ला तो झोझे हैं। हम झोझों को तुर्क नहीं मानते। असली तुर्क मैं हूं, जबकि वो नकली तुर्क हैं। 7. प्रचार में बर्क नहीं नजर नहीं आए
मुरादाबाद मंडल को सपा का गढ़ माना जाता है। अकेले मुरादाबाद जिले की बात करें तो यहां सपा के 3 सांसद और 5 विधायक हैं। सपा सांसद रुचिवीरा, संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क (जिनके इस्तीफे से कुंदरकी सीट खाली हुई), राज्यसभा सांसद जावेद अली के अलावा जिले में सपा के 5 विधायक हैं। पूरे चुनाव में ये नेता सिर्फ अखिलेश के मंच पर चेहरा दिखाते नजर आए। इसके बाद प्रचार में कोई खास मेहनत करते नहीं दिखे। सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान पूरे चुनाव में अलग-थलग दिखे। इसे सपा की आपसी फूट के साथ ही भाजपा की सीक्रेट प्लानिंग का हिस्सा भी माना जा सकता है। 8. लाल पर्ची का आरोप, लेकिन सपा साबित नहीं कर सकी
इस चुनाव में सपा ने लाल पर्ची के जरिए चुनावों में गड़बड़ी के आरोप लगाए। सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान ने कहा कि भाजपा ने अपने वोटर्स को लाल पर्ची जारी की है। प्रशासन सिर्फ लाल पर्ची वालों को ही बूथ तक जाने दे रहा। हालांकि, रिजवान न तो ऐसी कोई लाल पर्ची दिखा सके और न ही अपने आरोपों को साबित कर पाए। खास फैक्ट : सबसे ज्यादा मतदान, डंडा तक फटकारना नहीं पड़ा
कुंदरकी सीट पर यूपी उपचुनाव में सभी 9 सीटों में से सबसे ज्यादा मतदान हुआ था। यहां करीब 58% वोटिंग हुई। लेकिन, इस सीट पर पुलिस को डंडा तक फटकारने की नौबत नहीं आई। जबकि, उपचुनाव में कई सीटों पर पुलिस को पिस्टल लहराते और लाठीचार्ज करते देखा गया। यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले ढाई दशक में कुंदरकी में कोई ऐसा चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें हिंसा न हुई हो। कुंदरकी सीट का रोचक फैक्ट ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी उपचुनाव-भास्कर का एग्जिट पोल 100% सही, सिर्फ हमने बताया था- BJP+ को 7 सीटें; हर सीट पर बिल्कुल सटीक नतीजे यूपी उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। सभी 9 सीटों पर भास्कर रिपोर्टर्स का एग्जिट पोल 100% सही रहा। एक-एक सीट पर हमारे रिपोर्टर ने जो एग्जिट पोल किया, नतीजे भी बिल्कुल वैसे ही रहे। एग्जिट पोल में हमने बताया था कि 9 में से 7 सीटें BJP+ को मिलेंगी। इनमें 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद, जबकि 2 सीटें सपा जीतेगी। रिजल्ट में ऐसा ही हुआ। सपा सिर्फ 2 सीटें जीती। भाजपा ने 6 और उसकी सहयोगी रालोद ने मीरापुर में जीत दर्ज की। यूपी में सिर्फ दैनिक भास्कर ही था, जिसने एक-एक सीट पर एग्जिट पोल किया था। बाकी मीडिया हाउस ने सिर्फ कुल सीटों का आंकड़ा देकर एग्जिट पोल किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर ‘यहां कुंदरकी में भाजपा का है क्या? ये तो सपा की सीट है। सपा यहां कुत्ते के गले में भी पट्‌टा डाल देगी, तो वो भी जीत जाएगा।’ इस तरह के बड़े-बड़े दावे करने वाले सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। भाजपा ने सपा के इस ओवर-कॉन्फिडेंस का फायदा उठाया। भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह ने मुस्लिम मतदाताओं के बीच जालीदार मुस्लिम टोपी पहनकर पूरे चुनाव का रुख बदल दिया। 60 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर वाली मुरादाबाद की इस सीट को भाजपा ने रिकॉर्ड 1 लाख 43 हजार 465 वोटों से जीता। भाजपा यहां 31 साल बाद जीती है। यह वो सीट है, जिसे भाजपा संगठन खुद भी वोटिंग वाले दिन के पहले तक हारी हुई सीटों में शुमार कर रहा था। इस सीट पर अब तक कुल 16 बार चुनाव हुए हैं। 1993 में यहां भाजपा के राजा चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा ने जीत दर्ज की थी। आज 31 साल बाद यहां फिर से कमल खिला। भाजपा की इस सीट पर यह दूसरी जीत है। सपा की पारंपरिक सीट कुंदरकी पर BJP ने कैसे सेंध लगाई, BJP कैंडिडेट ने क्या स्ट्रैटजी अपनाई, CM और डिप्टी CM के कौन से डायलॉग विनिंग शॉट साबित हुए, दैनिक भास्कर ने डिटेल में जाना… कुंदरकी में BJP का सीक्रेट प्लान क्या रहा, 8 पॉइंट में पढ़िए… 1. जालीदार टोपी पहन मुस्लिम वोटर में सेंधमारी की
भाजपा प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह मुस्लिमों में अच्छी पकड़ है। पिछले चुनावों में भी उन्हें मुस्लिमों का वोट मिलता रहा है। भाजपा सरकार में उन्होंने मुस्लिमों के लिए खूब काम कराए। इसी नाते मुस्लिमों का उनसे व्यक्तिगत जुड़ाव है। प्रचार के दौरान रामवीर ने मुस्लिम मतदाताओं के बीच जालीदार मुस्लिम टोपी पहनकर पूरे चुनाव का रुख बदल दिया। यह पॉलिटिकल स्टंट खूब चर्चा में रहा। 2. तुर्क बहुल सीट पर शेखजादा बिरादरी और पठानों को साधा
कुंदरकी में कुल 60% मुस्लिम वोटर हैं। इनमें से भी 80 हजार तुर्क हैं। यही वजह है कि सपा और बसपा हमेशा से ही तुर्क प्रत्याशी यहां उतारती रही हैं। पिछले 3 दशक में यहां सिर्फ तुर्क नेता ही चुनाव जीते। इनमें से 5 बार बसपा के पूर्व मंत्री हाजी अकबर, तीन बार सपा के हाजी मोहम्मद रिजवान और एक बार सपा के जियाउर्रहमान ने जीत दर्ज की। ये सभी तुर्क थे। भाजपा ने इस बात मुद्दा बनाया कि तुर्कों की तुलना में सपा-बसपा ने बाकी मुस्लिम बिरादरियों की अनदेखी की है। तुर्कों के बाद यहां सबसे अधिक शेखजादा वोटर हैं। शेखजादा वोटर्स की संख्या करीब 60 हजार है। सपा सरकार में इनकी उपेक्षा होती रही। रामवीर सिंह ने सबसे ज्यादा शेखजादा बिरादरी को भाजपा से जोड़ने पर काम किया। 3. सपा प्रत्याशी के बेटे की गुंडई से मुस्लिमों में नाराजगी
कुरैशी बिरादरी के 10 हजार लोग पोलिंग के दिन बहिष्कार करके बूथ पर ही नहीं गए। इसकी बड़ी वजह रही कुरैशी बिरादरी की सपा से नाराजगी। पूर्व सपा विधायक हाजी रिजवान के बेटे कल्लन से बड़ी संख्या में मुस्लिम नाराज थे। सपा सरकार में कल्लन ने शेखजादा और कुरैशी बिरादरी का जमकर उत्पीड़न किया। भाजपा ने इस नाराजगी को भांपकर कुरैशी बिरादरी के नेताओं को साधा। इनमें कई पूर्व सपा नेता भी हैं, जो अपनी बिरादरी के अपमान से आहत थे। चुनाव में उन्होंने इसका बदला लिया। इन्होंने भाजपा को वोट तो नहीं दिया, लेकिन सपा को भी इनका वोट नहीं मिला। इन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर दिया, जबकि पठान बिरादरी अच्छी तादाद में भाजपा के साथ कनेक्ट हुई। 4. CM योगी का बयान…ईद भी धूमधाम से होगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंदरकी सीट को पर्सनली मॉनिटर कर रहे थे। उन्होंने कुंदरकी के लिए जो प्लान बनाए, उन्हें शत-प्रतिशत लागू कराया। चुनाव की घोषणा के ठीक पहले सीएम योगी ने यहां पहुंचकर 200 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। चुनाव प्रचार करने आए तो अपने चिर-परिचित कट्‌टर हिंदुत्व के एजेंडे से इतर सीएम योगी ने कहा- दिवाली हर्षोल्लास से मनाई गई है, ईद भी धूमधाम से मनाई जाएगी। योगी के इस बयान ने मुस्लिम वोटर्स में गहरा असर छोड़ा। भाजपा मुस्लिमों को इस बयान के जरिए ये समझाने में कामयाब रही कि भाजपा सरकार में किसी भी मुस्लिम का अहित नहीं होगा। 5. भाजपा को वोट दो, आपका बाल भी बांका नहीं होगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कुंदरकी में मुस्लिम सम्मेलन किया। वोटिंग से ऐन पहले हुए इस सम्मेलन में ब्रजेश पाठक ने मुस्लिमों से कहा- आप भाजपा को वोट दीजिए। मैं गारंटी देता हूं, आपका बाल भी बांका नहीं होगा। डिप्टी सीएम ने कहा था कि सपा ने आपको बिरियानी में तेजपत्ते की तरह हमेशा इस्तेमाल किया। आपको कभी सीएम नहीं बनाया, कोई बड़ा पद नहीं दिया। 6. सपा प्रत्याशी के बयानों ने मुस्लिमों को नाराज किया
सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान शुरू से ही ओवर-कॉन्फिडेंस में नजर आए। 60 फीसदी मुस्लिम वोट और कुंदरकी सीट के इतिहास को देखते हुए उन्हें लगता था कि यहां तो सपा ही जीतेगी। दरअसल, रिजवान इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि मुसलमान किसी भी कीमत पर भाजपा को वोट नहीं देगा। इसी ओवर-कॉन्फिडेंस में उन्होंने एक के बाद एक मुस्लिमों को लेकर कई खराब बयान दिए। रिजवान के बयान ही मुस्लिम वोटों में विभाजन का बड़ा कारण बने। हाजी रिजवान ने कहा- यहां कुंदरकी में भाजपा का है क्या? ये तो सपा की सीट है। सपा यहां कुत्ते के गले में भी पट्‌टा डाल देगी, तो वो भी जीत जाएगा। रिजवान के इस बयान को मुस्लिमों ने अपनी तौहीन माना। भाजपा मुस्लिमों को ये समझाने में कामयाब रही कि सपा की नजर में उनके कुत्ते के पट्‌टे की अहमियत मुसलमानों से ज्यादा है। हाजी रिजवान ने अपने बयान से तुर्क वोटर्स को भी नाराज किया। उन्होंने कहा कि बसपा प्रत्याशी रफत उल्ला तो झोझे हैं। हम झोझों को तुर्क नहीं मानते। असली तुर्क मैं हूं, जबकि वो नकली तुर्क हैं। 7. प्रचार में बर्क नहीं नजर नहीं आए
मुरादाबाद मंडल को सपा का गढ़ माना जाता है। अकेले मुरादाबाद जिले की बात करें तो यहां सपा के 3 सांसद और 5 विधायक हैं। सपा सांसद रुचिवीरा, संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क (जिनके इस्तीफे से कुंदरकी सीट खाली हुई), राज्यसभा सांसद जावेद अली के अलावा जिले में सपा के 5 विधायक हैं। पूरे चुनाव में ये नेता सिर्फ अखिलेश के मंच पर चेहरा दिखाते नजर आए। इसके बाद प्रचार में कोई खास मेहनत करते नहीं दिखे। सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान पूरे चुनाव में अलग-थलग दिखे। इसे सपा की आपसी फूट के साथ ही भाजपा की सीक्रेट प्लानिंग का हिस्सा भी माना जा सकता है। 8. लाल पर्ची का आरोप, लेकिन सपा साबित नहीं कर सकी
इस चुनाव में सपा ने लाल पर्ची के जरिए चुनावों में गड़बड़ी के आरोप लगाए। सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान ने कहा कि भाजपा ने अपने वोटर्स को लाल पर्ची जारी की है। प्रशासन सिर्फ लाल पर्ची वालों को ही बूथ तक जाने दे रहा। हालांकि, रिजवान न तो ऐसी कोई लाल पर्ची दिखा सके और न ही अपने आरोपों को साबित कर पाए। खास फैक्ट : सबसे ज्यादा मतदान, डंडा तक फटकारना नहीं पड़ा
कुंदरकी सीट पर यूपी उपचुनाव में सभी 9 सीटों में से सबसे ज्यादा मतदान हुआ था। यहां करीब 58% वोटिंग हुई। लेकिन, इस सीट पर पुलिस को डंडा तक फटकारने की नौबत नहीं आई। जबकि, उपचुनाव में कई सीटों पर पुलिस को पिस्टल लहराते और लाठीचार्ज करते देखा गया। यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पिछले ढाई दशक में कुंदरकी में कोई ऐसा चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें हिंसा न हुई हो। कुंदरकी सीट का रोचक फैक्ट ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी उपचुनाव-भास्कर का एग्जिट पोल 100% सही, सिर्फ हमने बताया था- BJP+ को 7 सीटें; हर सीट पर बिल्कुल सटीक नतीजे यूपी उपचुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। सभी 9 सीटों पर भास्कर रिपोर्टर्स का एग्जिट पोल 100% सही रहा। एक-एक सीट पर हमारे रिपोर्टर ने जो एग्जिट पोल किया, नतीजे भी बिल्कुल वैसे ही रहे। एग्जिट पोल में हमने बताया था कि 9 में से 7 सीटें BJP+ को मिलेंगी। इनमें 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद, जबकि 2 सीटें सपा जीतेगी। रिजल्ट में ऐसा ही हुआ। सपा सिर्फ 2 सीटें जीती। भाजपा ने 6 और उसकी सहयोगी रालोद ने मीरापुर में जीत दर्ज की। यूपी में सिर्फ दैनिक भास्कर ही था, जिसने एक-एक सीट पर एग्जिट पोल किया था। बाकी मीडिया हाउस ने सिर्फ कुल सीटों का आंकड़ा देकर एग्जिट पोल किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर