सपा ने सीसामऊ उपचुनाव में घोषित किया प्रत्याशी:इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को बनाया उम्मीदवार; भाजपा के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें

सपा ने सीसामऊ उपचुनाव में घोषित किया प्रत्याशी:इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को बनाया उम्मीदवार; भाजपा के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें

समाजवादी पार्टी ने बुधवार को सीसामऊ उपचुनाव को लेकर अधिकृत रूप से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। पार्टी ने विधायक रहे इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। सपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब भाजपा खेमे में भी हलचल तेज हो गई है। वहीं अब भाजपा के लिए कई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं। नसीम ने पहले ही दिए थे संकेत
विधायक की पत्नी नसीम सोलंकी ने 15 दिन पहले दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में साफ कर दिया था कि अब वो चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसको लेकर जेल में बंद इरफान सोलंकी से भी चर्चा हो गई है। उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर टिप्स भी दिए हैं। सपा में दिखेगी एकजुटता
उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता बड़ा संदेश देगी। पार्टी में नसीम के नाम पर चर्चाएं पहले से ही थी, लेकिन नसीम के नाम पर कार्यकर्ताओं में भी कोई विरोध नहीं था। संगठन से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी नसीम सोलंकी के नाम पर सहमति जताई। टिकट घोषित होते ही पार्टी विधायक अमिताभ बाजपेई ने खुशी जताते हुए कहा है कि नाम घोषित होते ही जीत पर मुहर भी पक्की हो गई है। कहा कि उम्मीद है आप नारी शक्ति का प्रतीक बनकर अपने परिवार के संघर्ष को सफलता के नई उंचाई पर पहुंचाएंगी। वहीं सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने भी खुशी जताते हुए कहा कि पार्टी एकजुट होकर नसीम सोलंकी को लड़ाएगी। भाजपा के लिए खड़ी होंगी चुनौतियां, आगे पढ़िए नसीम सोलंकी के नाम पर मुहर लगने के बाद भाजपा खेमे में नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। दरअसल, नसीम को टिकट मिलने से एक तरफ जहां भावनात्मक वोट मिलेगा, वहीं इरफान से जुड़े हिंदुओं का वोट भी पड़ सकता है। हालांकि भाजपा हिंदु वोटर्स को सपा में जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। भाजपा हमेशा दूसरे नंबर पर रही
2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक है। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने पर मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। दलित समाज से 5 बार रहे विधायक
ये सीट वर्ष-1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही है। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। जबकि इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। वर्ष 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास रही। मुस्लिम वोट बैंक को साधना होगा
इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। ये भी पढ़ें:- इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम बोलीं- हिंदू हमारे बोनस वोटर ‘मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ मुसलमानों के वोट से जीतूंगी। ऐसा नहीं है, हिंदुओं का वोट हमारे लिए बोनस का काम करता हैं। BJP रामपुर जैसा सीसामऊ में करने की कोशिश करेगी, तो भी यहां की जनता उन्हें हरा देगी। जब से पति जेल गए हैं, क्षेत्र का विकास रुक गया है। DM और विकास भवन से फाइल अप्रूव नहीं होती है। इरफान को सजा के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे मिल जाए। तो फिर किसी चीज की जरूरत नहीं है। ये कहना है कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम का। दैनिक भास्कर ने नसीम से बातचीत की, पढ़िए पूरा इंटरव्यू… समाजवादी पार्टी ने बुधवार को सीसामऊ उपचुनाव को लेकर अधिकृत रूप से प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। पार्टी ने विधायक रहे इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है। सपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब भाजपा खेमे में भी हलचल तेज हो गई है। वहीं अब भाजपा के लिए कई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं। नसीम ने पहले ही दिए थे संकेत
विधायक की पत्नी नसीम सोलंकी ने 15 दिन पहले दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में साफ कर दिया था कि अब वो चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इसको लेकर जेल में बंद इरफान सोलंकी से भी चर्चा हो गई है। उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर टिप्स भी दिए हैं। सपा में दिखेगी एकजुटता
उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता बड़ा संदेश देगी। पार्टी में नसीम के नाम पर चर्चाएं पहले से ही थी, लेकिन नसीम के नाम पर कार्यकर्ताओं में भी कोई विरोध नहीं था। संगठन से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी नसीम सोलंकी के नाम पर सहमति जताई। टिकट घोषित होते ही पार्टी विधायक अमिताभ बाजपेई ने खुशी जताते हुए कहा है कि नाम घोषित होते ही जीत पर मुहर भी पक्की हो गई है। कहा कि उम्मीद है आप नारी शक्ति का प्रतीक बनकर अपने परिवार के संघर्ष को सफलता के नई उंचाई पर पहुंचाएंगी। वहीं सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने भी खुशी जताते हुए कहा कि पार्टी एकजुट होकर नसीम सोलंकी को लड़ाएगी। भाजपा के लिए खड़ी होंगी चुनौतियां, आगे पढ़िए नसीम सोलंकी के नाम पर मुहर लगने के बाद भाजपा खेमे में नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। दरअसल, नसीम को टिकट मिलने से एक तरफ जहां भावनात्मक वोट मिलेगा, वहीं इरफान से जुड़े हिंदुओं का वोट भी पड़ सकता है। हालांकि भाजपा हिंदु वोटर्स को सपा में जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। भाजपा हमेशा दूसरे नंबर पर रही
2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक है। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने पर मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। दलित समाज से 5 बार रहे विधायक
ये सीट वर्ष-1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही है। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। जबकि इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। वर्ष 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास रही। मुस्लिम वोट बैंक को साधना होगा
इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। ये भी पढ़ें:- इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम बोलीं- हिंदू हमारे बोनस वोटर ‘मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ मुसलमानों के वोट से जीतूंगी। ऐसा नहीं है, हिंदुओं का वोट हमारे लिए बोनस का काम करता हैं। BJP रामपुर जैसा सीसामऊ में करने की कोशिश करेगी, तो भी यहां की जनता उन्हें हरा देगी। जब से पति जेल गए हैं, क्षेत्र का विकास रुक गया है। DM और विकास भवन से फाइल अप्रूव नहीं होती है। इरफान को सजा के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे मिल जाए। तो फिर किसी चीज की जरूरत नहीं है। ये कहना है कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम का। दैनिक भास्कर ने नसीम से बातचीत की, पढ़िए पूरा इंटरव्यू…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर